मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त, जनक कुमार गर्ग परखी दोहरीकरण परियोजना की हकीकत
लखनऊ। पूर्वाेत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल की ओर से यात्री सुविधाओं के उन्नयन एवं परिचालन सुगमता के लिए मूलभूत ढ़ांचे में विस्तार के क्रम में दोहरीकरण परियोजना के तहत आज सीतापुर-सीतापुर सिटी स्टेशनों के मध्य 04 किमी रेल खंड का दोहरीकरण एवं 25,000 वोल्ट ए.सी क्षमता के नई विद्युतकर्षण लाइन युक्त रेल खण्ड का संरक्षा परीक्षण मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त, जनक कुमार गर्ग एवं पूर्वाेत्तर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) एस.सी. श्रीवास्तव, मुख्य विद्युत इंजीनियर/निर्माण ओ.पी.सिंह, मुख्य सिगनल इंजीनियर ज्ञान प्रकाश नारायण, मुख्य इंजीनियर/टीपी संदीप कुमार तथा लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबन्धक आदित्य कुमार समेत मंडल व निर्माण संगठन के अधिकारी की उपस्थिति में निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने सर्वप्रथम सीतापुर सिटी रेलवे स्टेशन (उत्तर रेलवे) पर दोहरीकृत एवं विद्युतीकृत रेल खण्ड के मानक के अनुरूप सेफ्टी अभिलेखों, यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, प्लेटफार्म क्लियरेंस, पॉइंट क्रासिंग, सिगनलिंग, बर्थिंग ट्रैक बैलास्ट, फाउलिंग मार्क   आदि की संरक्षा परखी। इसके बाद मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त अधिकारियों के साथ 11 बजे मोटर ट्राली से सीतापुर सिटी-सीतापुर जं0 स्टेशनों के मध्य दोहरीकरण एवं विद्युतीकृत के निमित्त बनी नई लाइन के संरक्षा निरीक्षण के लिए रवाना हुए।
इस दौरान स्टेशनों के मध्य स्टेशन यार्ड पर पॉइंट एवं क्रॉसिंग , 52सी समपार,  एसईजे संख्या-50, मेजर ब्रिज संख्या-65 , कर्व संख्या 34, माइनर ब्रिज 139, कर्व संख्या 32, समपार संख्या 93, स्टेशन यार्ड एवं पॉइंट एवं क्रॉसिंग  का संरक्षा निरीक्षण किया तथा दोहरीकृत/विद्युतीकृत रेल खण्ड की कार्य प्रणाली के अनुरुप सभी गेट मैनो की कार्यशीलता एवं संरक्षा सजगता को परखा।

मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने सीतापुर जं0 रेलवे स्टेशन पहुॅचने पर पैनल रूम, यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, प्लेटफार्म क्लियरेंस, सिगनलिंग, बर्थिंग ट्रैक बैलास्ट, ओवर हेड ट्रैक्शन की ऊँचाई को देखा तथा स्टेशन मास्टर से संरक्षा संबंधी प्रश्न पूछकर संरक्षा कार्य कुशलता परखी। निरीक्षण के बाद अधिकतम गति से दोहरीकृत विद्युत लाइन पर विद्युत इंजन युक्त स्पेशल ट्रेन से इस स्पीड ट्रायल के दौरान सीसीआरएस स्पेशल 110 किमी प्रति घंटे की अनुमेय गति से तप्पा खजुरिया-सीतापुर सिटी-सीतापुर जं0 स्टेशनों के मध्य चलाई गई। मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा निरीक्षण के दौरान सीतापुर सिटी-सीतापुर जं0 के मध्य गति परीक्षण सफल रहा।

इस दोहरीकरण कार्य के होने के बाद अब बुढ़वल-सीतापुर-रोज़ा खंड पूर्ण रूप से दोहरीकृत एवं विद्युतीकृत हो गया है। जिसके फलस्वरूप पहले की तुलना में अब इस खंड पर ट्रेनों का संचालन और अधिक सुगम हो जाएगा। आम जनता से अपील की जाती है कि आज से इस रेलखण्ड को दोहरीकृत एवं विद्युतीकृत समझें और नए विद्युतीकृत रेलवे ट्रैक तथा ओवर हेड लाइन से सुरक्षित दूरी बनाये रखें ।
इस अवसर पर लखनऊ मण्डल के वरिष्ठ मण्डल परिचालन प्रबंधक, वरिष्ठ मण्डल संरक्षा अधिकारी, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर/ समन्वय, वरिष्ठ मण्डल इंजीनियर/।।, वरिष्ठ मण्डल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर, वरिष्ठ मण्डल विद्युत इंजीनियर (टीआरडी), उप मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर/निर्माण एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।