चलिए आप लोगों को सजा सुनानी है…”,ऐसा कह सांसदों के साथ कैंटीन पहुंचे पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज विभिन्न दलों के सांसदों के साथ कैंटीन में लंच करने पहुंचे। बीजेपी सांसद हीना गावित, एस.फांगनोन कोन्याक, टीडीपी सांसद राममोहन नायडू, बसपा सांसद रितेश पांडे और बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने पीएम मोदी के साथ लंच किया। इसके अलावा बीएसपी सांसद रितेश पांडे, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी केरल के सांसद एन प्रेमचंद्रन, बीजेडी सांसद समित पात्रा और टीडीपी सांसद राम मोहन नायडू भी इस दौरान मौजूद रहे

लंच से पहले पीएमओ की तरफ से इन 8 सांसदों के पास फोन गया था कि प्रधानमंत्री आपसे मिलना चाहते हैं। पीएमओ से आए फोन के बाद आठों सांसद प्रधानमंत्री दफ्तर पहुंचे, लेकिन किसी को कोई जानकारी नहीं थी कि क्यों बुलाया गया है? इस दौरान इन सांसदों से पीएम मोदी ने कहा, ''चलिए आज मैं आपको एक सजा सुनाता हूं।'' फिर प्रधानमंत्री सभी को अपने साथ संसद की कैंटीन लेकर गए और लंच किया।

सांसदों के साथ कैंटीन में लंच के दौरान पीएम मोदी ने खिचड़ी, तिल के लड्डू सहित दाल-चावल जैसा साधारण खाना खाया और कई मुद्दों पर चर्चा की। लंच के दौरान के देश के विभिन्न कोने सांसद उनके साथ थे। पीएम के इस लंच की खास बात यह रही की उनके साथ पार्टी लाइन से हटकर और देश के विभिन्न हिस्सों और विपक्षी दलों के सांसद शामिल हुए।

पीएम मोदी के साथ सांसद करीब एक घंटे तक कैंटीन में रहे। इस दौरान सांसदों ने प्रधानमंत्री से उनके अनुभवों के बारे में पूछा तो उन्होंने (पीएम मोदी) निजी अनुभव और सुझाव शेयर किए। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।

मौलाना तौकीर का भड़काऊ बयान, बोले-'हम पर हमला होगा तो हम जान से मार देंगे'

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उत्तराखंड के हल्द्वानी में अवैध जमीन पर बने मदरसे को ध्वस्त किए जाने के दौरान हिंसा भड़क गई। हल्द्वानी हिंसा को लेकर देश के कुछ इलाकों में एक समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के बरेली में भी विरोध देखने को मिला। यहां इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने खुलकर हल्द्वानी में पुलिसिया कार्रवाई की खिलाफत की और कहा कि हम बरेली को हल्द्वानी नहीं बनने देंगे।

शुक्रवार को जुमे की नमाज पर जाने से पहले उन्होंने तीखे बयान दिए। मौलाना ने कहा कि हमें मजबूर कर दिया गया है। मुल्क में नफरत का माहौल बनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने कोई अपराध किया है तो उसे गिरफ्तार किया जाए। अगर कोई अपराधी है तो उसके मकान, मदरसे और मस्जिद पर बुलडोजर क्यों चलाया जा रहा है। मकान, मदरसे और मस्जिद ने कोई अपराध नहीं किया है। इसका हम विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि हम अपनी हिफाजत खुद करेंगे। हमें कानूनी अधिकार है कि अगर कोई हम पर हमलावर हुआ तो उसे जान से मार देंगे।

आइएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि कोर्ट के अधिकारों का हनन हो रहा है। सरकार के दबाव में आकर पुलिस उल्टे सीधे काम कर रही है। मुल्क का माहौल बिगाड़ने का काम कर रही है। तौकीर रजा ने कहा कि पुलिस, बजरंग दल, शिवसेना ये सब मिलकर देश को बर्बाद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अब हम इस बेईमानी के खिलाफ रुकने वाले नहीं है। ये आंदोलन बरेली से शुरू कर रहे हैं। इसे देशभर में चलाया जाएगा। 

दरअसल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र में मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसे और नमाज स्थल को नगर निगम की टीम ने जेसीबी मशीन लगाकर ध्वस्त कर दिया।हल्द्वानी की घटना के बाद इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल यानी आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि हमें अपने देश से प्यार है इसलिए हमने अब तक चुप्पी साधे रखी थी। हमारी चुप्पी को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। अब पानी सिर से ऊपर हो गया है। लोकतंत्र में अगर हमारी बात नहीं सुनी जाएगी तो ऐसी आजादी हमें नहीं चाहिए। तौकीर रजा ने कहा कि आज देश में ऐसी सरकार शासन कर रही है, जो हमारी आवाज दबा रही है। हल्द्वानी हिंसा पर तौकीर रजा ने कहा कि हमारी आवाज को अब दबाया नहीं जा सकता है। मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि हम किसी बुलडोजर को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे।

उत्तराखंड हिंसा : चारों ओर मौत का भय, स्थानीय महिलाओं के सलवार सूट पहनकर बचाई पुलिस ने अपनी जान, डिटेल में पढ़िए, दहशत का क्या था माहौल

अचानक पत्थर बरसने लगे और महिला पुलिसकर्मी गलियों में फंस गईं। घरों की छत से बरसते पत्थरों की बारिश से किसी तरह महिला पुलिसकर्मी बचती रहीं लेकिन जब फोर्स तितर-बितर हुई तो स्थानीयों ने चार महिला पुलिसकर्मियों को घर में पनाह दी। इससे महिला पुलिसकर्मियों की जान बच सकी। रात में पुलिस फोर्स पहुंचने पर महिलापुलिसकर्मियों के कपड़े बदलवाकर घर से भेजा।

बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने गई टीम के साथ गई पुलिसफोर्स में महिला जवान भी थीं। विरोध कर रही महिलाओं को रोकने के लिए महिला पुलिसजवान भी मोर्चे पर डटी हुई थी। तभी उपद्रवियों ने पथराव करना शुरू कर दिया। इसमें कई महिला पुलिसकर्मी भी घायल हो गईं। वहीं पांच महिला पुलिसकर्मी सहित करीब 30 पुलिसकर्मी गलियों में फंस गईं।

महिला पुलिसकर्मियों को किसी तरह इलाके की महिलाओं ने अपने घरों में छिपाया। इस दौरान पथराव और उपद्रव करने वाले लोग क्षेत्र में फंसे पुलिसकर्मियों को ढूंढते रहे। इसके लिए घरों के दरवाजे भी खटखटाए गए। इस बीच महिला पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए एक परिवार की महिलाओं ने उनका हुलिया बदलवा दिया।

महिलाओं ने पुलिसकर्मियों को अपने सलवार सूट पहनने को दिए। कपड़े बदलने के लिए दिए और हुलिया बदलवा दिया। साथ चप्पल दिए और घर की महिलाओं की तरह रखा।एक घर में तीन और एक घर में एक महिला पुलिसकर्मी को सहारा दिया गया। कर्फ्यू लगने के बाद अपने जवानों को खोजते हुए पहुंची पुलिस फोर्स के जवानों को देखकर उन परिवारों ने पुलिसकर्मियों को सुरक्षित उन्हें सौंपा।

पथराव के दौरान नई बस्ती में एक परिवार को भी उपद्रवियों ने अपना निशाना बनाया। दरअसल परिवार ने पथराव में फंसी एक महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी को परिवार ने अपने घर में शरण दी थी। इसकी जानकारी मिलते ही उपद्रवी उस घर के पास पहुंच गए और उन्होंने घर पर पथराव कर दिया। इसके बाद उन्होंने घर में आग लगा दी।

इस कारण पुलिसकर्मी और घर में मौजूद छह सदस्य अंदर ही फंस गए। इसकी जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस टीम ने घर के अंदर फंसे लोगों को बमुश्किल बाहर निकाला। वहीं, स्थानीय लोगों ने कुछ निगम कर्मियों को भी अपने घरों में सुरक्षित रख लिया। आश्वस्त किया कि वे उनके साथ हैं।

संसद में पारित हुए SC/ST जाति से जुड़े दो अहम विधेयक, जानिए, इन जातियों को नई सूची में मिलेगी जगह

 8 फरवरी को संसद ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सूची को संशोधित करने के उद्देश्य से दो विधेयक पारित किए। संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024, और संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 को पहले सप्ताह में राज्यसभा में पारित होने के बाद लोकसभा में मंजूरी दे दी गई थी।

संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024, आंध्र प्रदेश की अनुसूचित जनजाति सूची में बोंडो पोरजा, खोंड पोरजा और कोंडा सवारस समुदायों को शामिल करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है। अन्य विधेयक, संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन करना है, ताकि ओडिशा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सूचियों को संशोधित किया जा सके। इस विधेयक में चार आदिम जनजातीय समुदायों - पौरी भुइयां, चुकटिया भुंजिया, बोंडो और मनकिडिया को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) संशोधन विधेयक, 2024, निचले सदन में मंजूरी के बाद 8 फरवरी को पारित किया गया था। यह विधेयक, जो पहले राज्यसभा में पारित हो चुका था, का उद्देश्य जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 में संशोधन करना है। संशोधन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और कई उल्लंघनों को अपराधमुक्त करने पर केंद्रित है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) संशोधन विधेयक, 2024 पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह अनावश्यक दंडों को हटाकर कारोबारी माहौल को सरल बनाएगा। मूल रूप से 5 फरवरी को राज्यसभा में पेश किए गए जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) संशोधन विधेयक, 2024 ने बजट सत्र को एक दिन के लिए बढ़ा दिया, जो मूल रूप से 9 फरवरी को समाप्त होने वाला था।

लंबे समय के बाद उत्तराखंड में खिली धूप, फिर भी मौसम शुष्क, सर्द हवाओं ने बढ़ाई गलन; पाला को लेकर यलो अलर्ट जारी

 उत्तराखंड में मौसम शुष्क हो गया है और ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिल रही है। जिससे दिन में तापमान चढ़ने लगा है और कड़ाके की ठंड से कुछ राहत है। हालांकि, सुबह-शाम कंपकंपी बरकरार है। गुरुवार को देहरादून में चार साल में फरवरी की सबसे सर्द सुबह रही है।

मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिन प्रदेश में मौसम के शुष्क बने रहने की उम्मीद है। अधिकतम तापमान में वृद्धि और न्यूनतम तापमान में कमी बनी रह सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में पाले को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।

धूप खिलने से मिली राहत

देहरादून में गुरुवार की सुबह बीते चार वर्ष में फरवरी में सबसे सर्द रही। न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो कि वर्ष 2020 में आठ फरवरी को दर्ज किए गए चार डिग्री सेल्सियस के बाद सबसे कम है। यह तापमान सामान्य से भी चार डिग्री सेल्सियस नीचे है। हालांकि, दिनभर चटख धूप खिली रही और कड़ाके की ठंड से राहत मिली। शाम को फिर सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी मौसम शुष्क रहा व दिनभर धूप खिली रही।

पहाड़ों पर चल रही बर्फीली हवाएं

चोटियों पर बीते दिनों हुए हिमपात के चलते पहाड़ से मैदान की ओर बर्फीली हवाएं भी चल रही हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, उत्तराखंड में आज भी मौसम शुष्क बना रहेगा। प्रदेशभर में धूप खिली रहने के आसार हैं। जिससे अधिकतम तापमान में वृद्धि हो सकती है। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में रात को पाला पड़ने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। जिससे सुबह-शाम ठंड बढ़ सकती है।

बीजेपी-आरएलडी का गठबंधन पक्का! एनडीए में जाने के सवाल पर बोले जयंत-अब किस मुंह से इनकार करूं मैं

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पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है। इस ऐलान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। जिसका संकेत चौधरी चरण सिंह के पोते और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने दे भी दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (मरणोपरांत) से सम्मानित किए जाने की घोषणा के बाद उनके पोते और रालोद अध्‍यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने साबित कर दिया है कि वो देश की भावना को समझते हैं। वहीं, बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर उन्‍होंने कह दिया कि आज मैं किस मुंह से इंकार करूं।इसके साथ ही अब आरएलडी और बीजेपी गठबंधन की मुहर भी लग गई है।

मोदी सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर जयंत चौधरी का दिल जीत लिया है। जयंत चौधरी ने कहा कि मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये बहुत बड़ा दिन है। मेरे लिए भावुक और यादगार पल है। मैं राष्ट्रपति, भारत सरकार और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं। इससे बहुत बड़ा संदेश पूरे देश में गया है।देश की भावनाएं सरकार के इस फैसले से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने साबित किया है कि वे देश की मूलभावना को समझते हैं…जो आजतक पूर्व की सरकार नहीं कर पाई वे फैसला नरेंद्र मोदी ने लिया है।

एनडीए के साथ जाने के बारे में जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि आज एनडीए के साथ जाने की कोई घोषणा नहीं की है. लेकिन किस मुंह से इनकार किया जाए, कोई कसर रह गई हो तो बताओ. सीटों की कोई बात मैं अभी किसी के साथ नहीं करूंगा। न ही पीएम से करूंगा और न ही बीजेपी के किसी व्‍यक्ति से करूंगा।

चुनाव से जोड़ कर दिए गए बयानों पर जयंत ने कहा कि अगर ये कांग्रेस का आधिकारिक बयान है तो ये छोटी बात है जिसकी मैं निंदा करता हूं। चवन्नी वाले बयान पर जयंत ने कहा कि मैं कोई ट्वीट डिलीट नहीं करूंगा। विपक्ष क्या कहता है इसे भूल जाना चाहिए।सरकार ने दिल जीता है, खरीदने की बात नहीं है।

बता दें कि बीजेपी और आरएलडी में गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक आरएलडी 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ये दो सीटें बागपत और बिजनोर होंगी। इसके अलावा एक राज्यसभा सीट भी दी जा सकती है। हालांकि सपा जैसी पार्टियों को अभी भी उम्मीद है कि जयंत सोच समझकर फैसला लेंगे। लेकिन भारत रत्न के ऐलान के बाद अब गठबंधन कंफर्म माना जा रहा है।

उत्तराखंड में मस्जिद और मदरसा तोड़ने पर बवाल, पुलिस टीम पर हमला, इंटरनेट बंद, गोली मारने के आदेश, उत्तराखंड में हाईअलर्ट जारी, पढ़िए, लेटेस्ट

 उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को अवैध मस्जिद और मदरसा तोड़ने को लेकर बवाल हो गया। मामले में अब तक तनाव कि स्थिति बताई जा रही है। हालांकि सरकार घटना पर काफी गंभीर है और शांति व्यवस्था बहाल करने की पूरी तैयारी कर ली है। दूसरी ओर इस दौरान बुलडोजर कार्रवाई से गुस्साए लोगों ने पुलिस-प्रशासन पर पथराव कर दिया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में गुरुवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान हिंसा भड़क गई। इस घटना में कई पुलिसकर्मी और पत्रकार घायल हुए हैं।

नगर निगम की टीम मलिक के बगीचे में अवैध मदरसा और नमाज स्थल को ढहाने पहुंची। उपद्रवियों ने पुलिस और प्रशासन की टीम पर पथराव कर दिया। बवालियों ने थाने के बाहर खड़े वाहन को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर उपद्रवियों को खदेड़ा। जुमे की नमाज के चलते उत्तराखंड को हाईअलर्ट पर रखा गया है। 

सरकार ने की उच्च स्तरीय बैठक

मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और शांति बनाए रखने की अपील की। डीएम ने बनभूलपुरा इलाके में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया।

दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए। अराजकतत्वों को चिह्नित कर यूएपीए के तहत कार्रवाई की जाएगी। 

पुलिस ने कहा

डीजीपी ने बताया कि पुलिस और प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए गई थी। उपद्रवियों ने अवैध हथियारों से फायरिंग भी की। हालात को नियंत्रण में ले लिया गया है। 

नगर निगम की प्रतिक्रिया

नगर आयुक्त ने बताया कि मदरसे का निर्माण पूरी तरह अवैध था। मदरसे को सील कर दिया गया था, जिसे आज ध्वस्त कर दिया गया है। एक महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि, पथराव होने पर एक घर में हम लोग घुस गए। 15-20 लोग हम अंदर घुसे हुए थें। उसके बाद बाहर से लोगों ने आग लगाने की कोशिश की और पथराव किया। हम बड़ी मुश्किल से छिपकर जान बचाकर आए हैं। इसके बाद मौके पर फोर्स आई। हर गली, छतों से पथराव हो रहा था। हम लोगों ने एक घर में घुसकर फोर्स को लोकेशन दी। तब फोर्स आई. जिस घर में हम थे और जिस व्यक्ति ने हमारी जान बचाई उसके घर दरवाजे तोड़ दिए गए, शीशे तोड़ दिए गए।

प्रधानमंत्री मोदी MP से करेंगे लोकसभा चुनाव का शंखनाद, जनजातीय रैली को करेंगे संबोधित

लोकसभा चुनाव का शंखनाद करने 11 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले झाबुआ आ रहे हैं, यहाँ वे एक विशाल जनजातीय रैली को संबोधित करेंगे, इस रैली के जरिए वे केवल मध्य प्रदेश ही नहीं देश को बताएँगे कि देश का आदिवासी वर्ग पिछली सरकारों द्वारा कितना ठगा गया तथा भारतीय जनता पार्टी ने अब तक आदिवासियों के लिए क्या किया?

मध्य प्रदेश भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर उत्साहित नजर आने लगी है, बकौल प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा केवल झाबुआ ही नहीं पूरे राज्य में प्रधानमंत्री की जनजातीय रैली के जबरदस्त उत्साह है, कार्यकर्ता लाखों के आंकड़े में रैली में पहुंचेंगे, आदिवासी समाज भी पीएम की अगवानी के लिए तैयारी कर रहा है। मीडिया से चर्चा करते हुए वीडी शर्मा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी झाबुआ से 11 फरवरी को लोकसभा चुनाव की शुरुआत करेंगे, पार्टी उनका ऐतिहासिक स्वागत करेगी, एक सवाल के जवाब में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी वोटबैंक की राजनीति नहीं की, उन्होंने सेवाभाव के साथ हमेशा सभी वर्गों के लिए काम किया है और कर रहे हैं।

वीडी शर्मा ने कहा कि पीएम ने और भाजपा ने हमेशा आदिवासी समाज के उत्थान के लिए काम किया है, चाहें पेसा एक्ट कानून हो, आदिवासी गौरव दिवस हो या फिर आदिवासी समाज के क्रांतिकारियों को सम्मान की बात हो, 2023 के विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से मध्य प्रदेश के आदिवासी समाज ने भारतीय जनता पार्टी को आशीर्वाद दिया वही आशीर्वाद लोकसभा चुनाव के लिए लेने प्रधानमंत्री झाबुआ आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय है उसके रद्द होने की सभी प्रकार की ख़बरें भ्रामक हैं।

फेसबुक LIVE के दौरान उद्धव गुट नेता पर की ताबड़तोड़ फायरिंग, फिर हमलावर ने खुद कर लिया सुसाइड

 मुंबई के दहिसर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आ रही है यहाँ ठाकरे ग्रुप के पूर्व नगरसेवक अभिषेक घोसालकर पर तीन गोलियां चलाई गईं। उन्हें तुरंत नजदीकी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, मगर इस फायरिंग में अभिषेक घोसालकर की मौत हो गई है। दिलचस्प बात यह है कि घोसालकर को गोली मारने वाले आरोपी मौरिस भाई ने स्वयं को भी गोली मार ली। उन्होंने स्वयं को चार बार गोली मारी। उसकी भी मौत हो गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मौत भी इसी कारण हुई है। दिलचस्प बात यह है कि आरोपी मौरिस भाई ने सबसे पहले अपने ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट पर फेसबुक लाइव किया। उन्होंने कहा कि हम समाज के लिए एक साथ आये हैं। फिर अभिषेक घोसालकर अपनी भूमिका प्रस्तुत करते हैं। फिर घोसालकर अपना भाषण समाप्त करने के बाद अपनी जगह से उठते हैं तथा उन पर करीब से गोली चला दी जाती है। सूत्रों के मुताबिक, मौरिस पर कई गुनाह दर्ज थे तथा वह बलात्कार के आरोप में जेल में सजा भी काट चुका था। अभिषेक क्षेत्र के नगरसेवक रहे हैं। वहीं उनकी पत्नी तत्कालीन नगरसेविका हैं, जबकि अभिषेक के पिता शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के पूर्व MLA रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, एक लम्बे वक़्त से दोनों के बीच वर्चस्व को लेकर तनातनी थी।

किन्तु पिछले कुछ महीनों से मौरिस ने अभिषेक के साथ नजदीकियां बढ़ाना शुरू कर दी थीं। इसी संबंध में मौरिस ने सुनियोजित ढंग से गुरुवार की शाम अभिषेक को अपने दफ्तर बुलाया। जहां दोनों ने फेसबुक लाइव के जरिए अपने गीले शिकवे दूर करने एवं समाज सेवा में साथ काम करने की बातें कीं, किन्तु अभिषेक को यह पता नहीं था कि मौरिस उसे मौत के घाट उतार देगा। फायरिंग की आवाज सुनकर अभिषेक के समर्थक उसकी सहायता को पहुंचे तथा उसे गंभीर अवस्था में नजदीकी चिकित्सालय पहुंचाया। मौरिस द्वारा अभिषेक पर ताबड़तोड़ छह राउंड फायर की गई, जिसमें तीन गोलियां अभिषेक को लगीं। अभिषेक को गोली मारने के बाद अपराधी मोरिस अपने दफ्तर की पहली मंजिल पर गया और लगभग 10-15 मिनटों बाद खुद को गोली मार ली। पुलिस द्वारा जानकारी दी गई कि इस गोली कांड में दोनों ही लोगों की मौत हो गई। वही अब पुलिस द्वारा मामले की जाँच की जा रही है।

लोकसभा चुनाव से पहले कुनबा बढ़ाने में जुटी बीजेपी, एनडीए में वापसी को तैयार कई दल

#leaders_are_returning_with_bjp_nda

लोकसभा चुनाव में बस चंद दिनों का वक्त बचा है। अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में पहले चरण के लिए मतदान हो सकते हैं। हालांकि, चुनावी तारीखों का ऐलान बाकी है। लेकिन दो घड़े में बंटी देश की पार्टियों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है।वर्तमान में देखा जाए तो देश में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला होता दिखाई दे रहा है। लेकिन एक ओर जहां भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए अपने कुनबे को मजबूत करता दिखाई दे रहा है। तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन लगातार बिखर रहा है।

लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए का कुनबा बढ़ना तय माना जा रहा है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से नाता तोड़कर अलग हो चुके एक-एक सहयोगी दलों की वापसी शुरू हो चुकी है। नीतीश कुमार की जेडीयू, ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा की वापसी हो चुकी है। वहीं, यूपी में बीजेपी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच बातचीत अंतिम चरण में पहुंचने चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकदल को यूपी में बिजनौर और बागपत लोकसभा सीटों की पेशकश की है।पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा जहां बिजनौर में बसपा से हार गई थी, वहीं उसने बागपत सीट जीत ली थी। चौधरी बागपत से राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार थे। गठबंधन की सुगबुगाहट के बीच रालोद ने भी 11 फरवरी को अयोध्या आने के यूपी सरकार के निमंत्रण को स्वीकार करने का फैसला किया है।

वहीं, भगवा पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए तेलुगू देशम पार्टी और पंजाब में शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व के साथ भी सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू कर दी है।आंध्र प्रदेश में एक साथ होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी के एनडीए में लौटने की अटकलों के बीच तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू बुधवार को नई दिल्ली पहुंचे। उनके केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने की उम्मीद थी। माना जा रहा है कि टीडीपी और भाजपा के बीच एक बार फिर से गठबंधन हो सकता है। हालांकि, बीजेपी अब तक टीडीपी और आंध्र में अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी वाईएसआरसीपी दोनों से समान दूरी बनाकर चल रही है। नायडू के साथ दिल्ली आए टीडीपी नेता के एक करीबी सहयोगी ने कहा कि टीडीपी-जन सेना पार्टी (जेएसपी) गठबंधन और भाजपा के बीच कुछ समय से बातचीत चल रही है।

किसान आंदोलन के दौरान शिरोमणि अकाली दल बीजेपी से गठबंधन तोड़कर अलग हो गई थी। इसका सियासी नुकसान पंजाब में बीजेपी और अकाली दल दोनों को ही उठाना पड़ा है था। पंजाब में दोनों ही दल अपने सियासी वजूद को बचाए रखने की चुनौती से जूझ रही है। प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देने के लिए पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक पहुंचे थे, जिसके चलते सियासी कयास लगाए जाने लगे। 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी जिस तरह अपने पुराने सहयोगी दलों को दोबारा से साथ लेने की कवायद कर रही है, उसे देखते हुए अकाली दल के भी एनडीए में वापस आने की उम्मीद दिख रही है। इसकी पटकथा लिखी जा चुकी है बस औपचारिक घोषणा होना बाकी है।

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपने सियासी कुनबा बढ़ाने में जुटी है। जिसके लिए नए साथी जोड़ने के साथ-साथ एनडीए का साथ छोड़कर गए दल की वापसी कराई जा रही है। इसके पीछे वजह है कि बीजेपी ने 2024 के चुनाव में 370 और एनडीए ने 400 पार सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। जिसे हासिल करने के लिए ही एनडीए का कुनबा बढ़ाने का तानाबाना बुना जा रहा है।