*भारत में पहली बार ताम्रयुगीन सभ्यता के प्राचीन तांबे के हथियार मिले ,शाहजहांपुर के निहोगी क्षेत्र से हथियारों की रेडियोकार्बन तिथियां प्राप्त ह

इंडियन जर्नल आॅफ आर्कियोलॉजी, लखनऊ, बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट आॅफ पेलियोसाइंसेज, लखनऊ, शहजाद राय रिसर्च इंस्टीट्यूट, बागपत यूपी, के संयुक्त अध्ययन दल ने सम्पन्न किया यह महत्वपूर्ण शोध । जनपद शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश के निगोही क्षेत्र में कृषकों एवं मजदूरों को जमीन में दबे हुये ताम्रयुगीन सभ्यता के प्राचीन तांबे के हथियार मिले। सूचना मिलने पर यह हथियार डॉ. अमित राय जैन (निदेशक, शहजाद राय रिसर्च इंस्टीट्यूट, बागपत यूपी) द्वारा एकत्रित किये गए थे।

इंडियन जर्नल आॅफ आर्कियोलॉजी के मुख्य संपादक विजय कुमार द्वारा मिट्टी के टुकडों और कुछ हथियारों का अध्ययन किया गया। उनके द्वारा ढेलों में दबे हुये हथियारों को बीएसआईपी (बीरबल साहनी इस्टीट्यूट आॅफ पेलियोसाइसेज, लखनऊ) के प्रोफेसर रवि भूषण को भेज दिया गया। उन्होेंने इसका अध्ययन किया। निगोही से प्राप्त हथियारों की संख्या 200 से अधिक है, इन ताम्र निधि में तलवारें, भालें, कुल्हाड़ियां, छेनी, मानवाकृतियां, हस्त-रक्षा कवच, चॉपर, चाकू, आरी आदि मिले है। पूर्व में इस प्रकार के हथियार पूरे उत्तर भारत में पाये गये थे किन्तु इनकी सही तिथियां अभी तक प्राप्त नहीं की जा सकी थी। कुछ पुराविदों ने इनकी तिथि के सम्बन्ध में अनुमान लगाये थे। इन हथियारों और इनसे जुड़ी गैरिक मृदभाण्ड सभ्यता की सही तिथि, तत्कालीन जलवायु और अन्य पुरातात्विक पैरीमीटर पता लगाने के लिये इन अवशेषों का गहनता से विश्लेषण और शोध किया गया।

रेडियो कार्बन डेट का पता लगाने के लिये उन मिट्टी के देलो का जिसमें हथियार दबे हुये पाये गये थे, उनका अध्ययन करने के लिये एक्सेलरेटेड मॉस स्पैक्ट्रोमीटर का प्रयोग किया गया। इस अध्ययन के उपरान्त इन अवशेषों की कार्बन तिथियां 3610 (कैलिब्रेटेड बीपी) से लेकर 4328 (कैलिब्रेटेड बीपी) तक पायी गयी। यह कालखण्ड मैच्योर हड़प्पा काल से लेकर लेटर हड़प्पा काल तक फैला हुआ है। मिट्टी में पाये हुये आॅर्गेनिक मैटर के माध्यम से तत्कालीन जलवायु का निर्धारण करने के लिये कार्बन आइसोटोप स्टडी और कार्बन नाइट्रोजन अनुपात की स्टडी की गयी। इन अवशेषों की 813 सी रेन्ज 18 से 20 प्रति हजार भाग पायी गयी और कार्बन नाइट्रोजन अनुपात 8 से 15 के बीच में पाया गया। इससे यह परिलक्षित होता है कि जिस स्थान से हथियार पाये गये, वह झील के किनारे था। इसके अतिरिक्त अन्य क्लाइमेटिक पैरामीटर्स का पता लगाने के लिये इन सैम्पल्स का विस्तृत शोध और अध्ययन अभी चल रहा है।

*यूपी रोडवेज की 10 लग्जरी बसों से अयोध्या जाएंगे मंत्री और विधायक*

लखनऊ। योगी सरकार, उत्तर प्रदेश विधानसभा के समस्त सदस्यों को भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या धाम का दर्शन कराएगी। इसके लिए 11 फरवरी को परिवहन निगम की 10 सुपर लक्जरी/प्रीमियम बसें तैयार रहेंगी। योगी सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को बसों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है की सीएम योगी ने बुधवार को ही सभी सदस्यों से 11 फरवरी को भगवान श्रीरामलला के दर्शनों के लिए अयोध्या चलने का आग्रह किया था। वहीं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने भी सभी सदस्यों को अयोध्या चलने का निमंत्रण दिया है।

बसों में बजेगी रामधुन

समस्त सदस्यों को ले जाने के लिए ये बसें विधानभवन के गेट संख्या-1 व 3 के सामने प्रातः 08ः15 बजे उपलब्ध रहेंगी। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने निर्देश दिए कि अयोध्याधाम के दर्शन कराने वाली इन बसों की बाहरी व आंतरिक सफाई बेहतर रहनी चाहिए, पर्दे लगे होने चाहिए। बसों में सुरक्षा की दृष्टि से अग्निशमन यंत्र अवश्य रहे। साथ ही फर्स्ट एड किट उपलब्ध रहे। बसों में रामधुन भी अवश्य बजे। चालक/परिचालक व्यवहार कुशल हों एवं बस में रहें। साथ ही वर्दी में नेम प्लेट जरूर लगा होना चाहिए।

परिवहन मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की पुरातन संस्कृति एवं धार्मिक परम्पराओं को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में धार्मिक एवं पौराणिक नगरी अयोध्या को सजाने एवं संवारने का कार्य किया जा रहा है और मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्रीराम का भव्य व दिव्य मंदिर बनाया जा रहा है। 22 जनवरी को रामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही पूरे देश और दुनिया के लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आ रहे हैं और अपने साथ अयोध्या के गौरवशाली इतिहास और परम्परा को ले जा रहे हैं।

*महाकुंभ के आयोजन के लिए योगी सरकार ने तेज की तैयारियां,मेला क्षेत्र में अस्थायी सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस के निर्माण को शासन से मिली मंजूरी*

प्रयागराज।प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे हैं महाकुंभ को दिव्य,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार संकल्पित है । प्रशासन का अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में 41 करोड़ से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक पहुंच सकते हैं। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए प्रशासन की तरफ से विभिन्न नए कदम उठाए जा रहे हैं। कुंभ मेला क्षेत्र के अंदर और कुंभ क्षेत्र से सटे हुए शहरी क्षेत्रों में भी उनके ठहरने के लिए पर्यटन विभाग और मेला प्राधिकरण ने कई कदम उठा रहा है।

मेला क्षेत्र में बनेगा अस्थाई सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस

प्रयागराज महाकुंभ के लिए योगी सरकार की तरफ से तैयारी जोरों पर है । इस बार पहली बार महाकुंभ मेला क्षेत्र में अस्थायी सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस का निर्माण किया जाएगा। महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया है कि मेला क्षेत्र में अस्थाई सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस की शासन से मंजूरी मिल गई है। निर्माण के लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

विभिन्न सेक्टरों में 25 हजार बेड का गेस्ट हाउस भी बनाया जाएगा

देश -विदेश से आने वाले वीवीआईपी तथा राज्य अतिथियों के लिए मेला क्षेत्र में 55 सुईट का अस्थायी सर्किट हाउस बनाया जाएगा। शहर के चंद्र शेखर आजाद सर्किट हाउस की तर्ज पर ही इसका निर्माण और संचालन किया जाएगा । इसके पास ही स्नान हेतु वीआईपी घाट बनाए जायेंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए 17 करोड़ रुपये स्वीकृत हो गए हैं। अस्थायी सर्किट हाउस के अलावा मेला क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों में 25 हजार बेड का गेस्ट हाउस भी बनाया जाएगा । वहां टायलेट और यूरिनल की भी विशेष सुविधा होगी। गेस्ट हाउस मेला क्षेत्र के कई स्थानों पर बनाए जाएंगे। कुंभ मेला अधिकारी के मुताबिक लगभग 32 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जाएगा। मेला क्षेत्र में गंगा-पंडाल एवं कन्वेंशन- हॉल का भी निर्माण किया जाएगा । जर्मन हैंगर से निर्माण किए गए इन पंडालों की क्षमता 10 हजार से अधिक होगी। इसके लिए अलग से बजट जारी होगा। स्नान घाटों, प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग और जाली लगाई जाएगी। इसके लिए शासन से मेला प्राधिकरण से 7 करोड़ मिल चुके हैं।

शहरी क्षेत्र में पेइंग गेस्ट योजना की होगी शुरुआत

महाकुंभ में आने वाले विशिष्ट अतिथियों के अलावा आम आदमी के लिए शहरी क्षेत्र में पर्यटन विभाग की तरफ से पेइंग गेस्ट योजना शुरू की जा रही है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह के मुताबिक पेइंग गेस्ट योजना में चिन्हित क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए आवश्यक आवासीय सुविधाओं में वृद्धि के साथ ही साथ ऐसे भवन स्वामियों, जिनके पास पर्यटकों को रूकवाने हेतु अतिरिक्त कमरे उपलब्ध हों उन्हें इस सेवा से जोड़ा जाएगा । इससे स्वतः रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए दिशा-निर्देश तैयार हो चुके हैं।

*यूपी पुलिस में कम्प्यूटर आॅपरेटर की आॅनलाइन भर्ती परीक्षा में नकल कराने वालों का भंडाफोड़,गैंग के सरगना समेत12 को किया गिरफ्तार*

लखनऊ । एसटीएफ यूपी को थाना कोतवाली बडौत, जनपद बागपत में प्रचलित यूपी पुलिस में कम्प्यूटर आॅपरेटर की आॅनलाइन भर्ती परीक्षा में रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर के जरिये प्रश्न-पत्र हल करने वाले सरगना सहित 12 सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई।गिरफ्तार अभियुक्तों नाम रचित चौधरी पुत्र ब्रहमपाल सिंह(सरगना), कर्मवीर पुत्र रतन सिंह (सोल्वर),दानवीर पुत्र तेजपाल (सहयोगी), रजनीश कुमार पुत्र अर्जुन प्रसाद (सहयोगी), अश्वनी पुत्र नरेश कुमार (सहयोगी), अनिल कुमार पुत्र करतार सिंह (अभ्यर्थी), अक्षय तवर पुत्र देवेन्द्र कुमार (अभ्यर्थी), मनीष सरोहा पुत्र प्रमोद सरोहा (अभ्यर्थी), आलोक चौहान पुत्र तेजपाल (अभ्यर्थी), धर्मेन्द्र पुत्र लेखन (अभ्यर्थी), लोकेश कुमार पुत्र अरविन्द सिंह (अभ्यर्थी), आर्यदीप तोमर पुत्र ओमबीर सिंह (अभ्यर्थी) है। इनके कब्जे से तीन लैपटॉप, एक कम्प्यूटर, एक डेस्क टॉप कम्प्यूटर, आठ मोबाइल फोन, छह स्कीन शॉट, आठ एडमिट कार्ड बरामद किया है।

एसटीएफ को आनलाइन प्रचलित भर्ती परीक्षा में सिस्टम हैक करने एवं सॉल्वर बैठाकर परीक्षा कराने कराने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की सूचना प्राप्त हो रही थी।चूंकि वर्तमान समय में यूपी पुलिस में कम्प्यूटर आपरेटर की भर्ती परीक्षा प्रचलित है। इस परीक्षा को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु एसटीएफ टीमों द्वारा सतर्क दृष्टि रखी जा रही है। एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ से निरीक्षक सुनील कुमार के नेतृत्व में एक टीम जनपद बागपत में मौजूद थी। मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि आवास विकास कालोनी कस्बा बडौत में स्थित अनिल कुमार के मकान नंबर 2सी/124/4-5 में कुछ व्यक्ति किराये पर कमरा लेकर सात फरवरी को होने वाली कम्प्यूटर आपरेटर की परीक्षा में कम्प्यूटर सिस्टम हैक करके अभ्यार्थियों से मोटी रकम लेकर प्रश्न पत्र हल कराने वाले है, यदि जल्दी किया जाय तो पकडेÞ जा सकते है। इस सूचना पर विश्वास करते हुए एसटीएफ टीम उक्त मकान में पहुंचकर तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

उक्त तीनों व्यक्तियों से पूछताछ पर जानकारी की गयी तो पाया कि यह लोग सात फरवरी को यूपी पुलिस में कम्प्यूटर आॅपरेटर की आयोजित परीक्षा में अभ्यार्थी के कम्प्यूटर की स्क्रीन शेयर कर यही से पेपर सॉल्व कर रहे थे। पूछताछ पर यह भी ज्ञात हुआ कि रचित चौधरी द्वारा बिजेन्द्र फौजी पुत्र बाबू राम निवासी शामली के कहने पर उसके विधान पब्लिक स्कूल दुहाई गाजियाबाद में स्थित लैब को फर्जी तरीके से अपने नाम से अप्लाई कर परीक्षा कराने के लिए केन्द्र आवंटित करा रखा है जहां से अपने अन्य सहयोगियो की मदद से ये लोग आॅनलाइन परीक्षा हैकिंग का कार्य करते हैं। पूछताछ से ज्ञात जानकारी के सम्बन्ध में एसटीएफ टीम हैकिंग के लिए तैयार किये गये सेटअप की छानबीन के लिए परीक्षा केन्द्र पहुंची। जहां से सात अभ्यर्थियों एवं लैब के सहयोगी रजनीश कुमार व अश्वनी कुमार उपरोक्त को परीक्षा केन्द्र विधान पब्लिक स्कूल से पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।

हिरासत में लिए गये व्यक्तियों से पूछताछ एवं तकनीकी छानबीन से से पता चला कि उक्त गिरोह ने सुनियोजित तरीके से उक्त परीक्षा में अभ्यर्थियों से परीक्षा मे पेपर हल कराने के नाम पर अनुचित धनोपार्जन के उद्देश्य से गाजियाबाद दुहाई में स्थित विधान पब्लिक स्कूल में कम्प्यूटर सिस्टम स्थापित किया। पलवल हरियाणा निवासी राम चौहान जो कम्प्यूटर हैकिंग एक्सपर्ट हैं ने रोहित चौधरी के कहने पर उक्त लैब में सात फरवरी को एक सिस्टम पर कुछ साफ्टवेयर इंस्टाल कर इस सिस्टम को मास्टर सिस्टम बनाया ताकि जब जरूरत हो तब लैब में मौजूद अन्य सिस्टमो को इस मास्टर सिस्टम के जरिये के माध्यम से कनेक्ट कर उनका रिमोट एक्सेस ले सके और उक्त मास्टर सिस्टमको लैब में मौजूद अपने सहयोगियो की मदद से अलग रखा गया ताकि किसी अभ्यर्थी को परीक्षा के समय उक्त सिस्टम आवंटित न हो।

परीक्षा प्रारम्भ होने से पहले ही लैब में मौजूद अपने सहयोगियो के माध्यम से कही भी बैठकर रवि लैब में मौजूद मास्टर सिस्टम का रिमोट एक्सेस उसमें मौजूद साफ्टवेयर के माध्यम से अपने सिस्टम पर लेकर जिन-जिन अभ्यर्थियो से पैसे लेकर पेपर हल कराने की बात तय होती थी इस मास्टर सिस्टम के जरिये सभी सिस्टम आपस में लेन के माध्यम से कनेक्ट होने की वजह से उन-उन अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्र पर आवंटित सिस्टमों के एक्सेस ले लेता था और उसको अपने अन्य साथी जो पेपर हल करने में एक्सपर्ट थे उनके सिस्टम पर भेज देता था, जिससे केन्द्र पर मौजूद 07 अभ्यर्थियों के सिस्टम का पूरा एक्सेस इनके पास पहुंच जाता था और ये प्रश्न-पत्र अपने सिस्टम से हल करते थे, अभ्यर्थी बैठकर केवल माउस हिलाता रहता था। यह लोग प्रत्येक अभ्यर्थी से 4 से 5 लाख रुपएं उक्त कार्य के लिए प्राप्त करते हैं और राम चौहान एक अभ्यार्थी की स्क्रीन शेयर करने की एवज में 50 हजार रूपये लेता है। अन्य बिन्दुओं पर गहनता से जाँच पड़ताल की जा रही है। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना कोतवाली बडौत, जनपद बागपत पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।

*मौनी अमावस्या पर यूपी-112 की पहल,थल के साथ जल में भी मदद के लिए तैयार है यूपी 112*

लखनऊ- तीर्थराज प्रयाग और मौनी अमावस्या का स्नान, जिसमे देश विदेश से लाखों की संख्या में तीर्थयात्रियों का आना शुरू है. तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए यूपी-112 प्रयागराज पुलिस के साथ लगातार कार्य कर रही है. इस वर्ष तकनीकी सेवाओं को बढ़ाते हुए यूपी-112 न सिर्फ जमींन पर नागरिकों की सुरक्षा व सहायता के लिए तत्पर है बल्कि जल की धारा में भी इमरजेंसी रिस्पांस बोट के साथ तैयार है। तीर्थयात्रियों को स्नान के दौरान नदी की धारा में सहायता पहुँचाने के लिए यूपी-112 पुलिस रेस्पोंस वह्किल (पीआरवी) की तर्ज पर पहली बार इमरजेंसी रिस्पांस बोट का सहारा लिया है।

ये बोट मोबाइल डाटा टर्मिनल (एमडीटी) से लैस हैं. बोट की एमडीटी को यूपी-112 के कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया गया है, ताकि आपात स्थिति में कोई भी सूचना तत्काल बोट तक भेजी जा सके. इसके अतिरिक्त तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए प्रयागराज में 3 इन्फोर्मेशन सेंटर भी बनाए गए है। जहां यात्रियों को मेला क्षेत्र से जुडी सभी जानकारियां और आपात सहायता उपलब्ध करवायी जा रही है। माघ मेलर में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व सहायता के लिए प्रदेश भर से 200 से अधिक पीआरवी कर्मियों और 45 पीआरवी को तैनात किया गया है।

मेला क्षेत्र की सुरक्षा और नागरिकों से बेहतर व्यवहार करने के लिए पीआरवी कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए मेला क्षेत्र में यूपी-112 का स्टाल भी लगाया गया है, जहाँ नागरिकों को यूपी-112 की विभिन्न सेवाओं की जानकारी प्रदान की जा रही है। एडीजी- यूपी 112 नीरा रावत ने बताया कि यूपी-112 माघ मेले में प्रयागराज पुलिस के साथ मिलकर कार्य कर रही है। हमारा उद्देश्य है कि देश-विदेश से आने वाले नागरिक उत्तर प्रदेश के अच्छे अनुभव के साथ वापस जाएं।

*मौनी अमावस्या पर चाक चौबंध सुरक्षा व्यवस्था, ड्रोन से हो रही निगरानी*

लखनऊ । प्रयागराज में माघ मास के महा स्नान पर्व मौनी अमावस्या के एक दिन पूर्व से ही संगम तट पर स्नानार्थियों व श्रद्धालुओं का स्नान और दान करने के लिए रेला उमड़ पड़ा है। तीर्थराज प्रयागराज की पावन धरती पर माघ मेला के तीसरे और सबसे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर लाखों श्रद्धालु पावन संगम त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए तीर्थराज प्रयाग की नगरी संगम में लगातार आ रहे हैं । इस महापर्व पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा हैं जिधर भी नजर जा रही है श्रद्धालु व स्नानार्थी ही दिख रहे हैं। मेला क्षेत्र में दिन ढलने के साथ-साथ श्रद्धालुओं व स्नानार्थियों की भीड़ निरंतर बढ़ती जा रही है। श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन व सुरक्षित स्नान के लिए सभी प्रवेश द्वारों, चौराहों,पार्किंग स्थलों व स्नान घाटों पर व्यापक पुलिस प्रबन्ध किए गए।

अमावस्या का मेला चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुस्तैद

जिसके तहत सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में नागरिक पुलिस,यातायात पुलिस,महिला पुलिस,अग्निशमक दल,पीएसी के जवान, घुड़सवार पुलिस, आरएएफ, एटीएस के कमाण्डो व बम निरोधक दस्ता की टीमें व्यवस्थापित की गई हैं।संगम घाट पर जल पुलिस के साथ-साथ मोटर-बोट नियुक्त कर स्नानार्थियों,श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु कड़े प्रबन्ध किये गये हैं एवं गोताखोर,डीप डाइवर के भी समुचित प्रबन्ध किये गये हैं। स्टीमर के माध्यम से लगातार संगम घाटों की निगरानी की जा रही है। सुरक्षा के दृष्टिगत घाटों,जल में लगे एसडीआरएफ,फ्लड कम्पनी के जवानों द्वारा सतर्कता बरती जा रही है। मेला क्षेत्र में आने-जाने वाले सभी श्रद्धालुओं,स्नानार्थियों से 'पब्लिक एड्रेस सिस्टम' के माध्यम से लगातार अनुरोध किया जा रहा है कि सावधानी पूर्वक स्नान करें, किसी भी प्रकार की संदिग्ध वस्तु को हाथ न लगायें।

मेला क्षेत्र में पार्किंग की समुचित व्यवस्था

सुरक्षित स्नान कर अपने गंतव्य को सकुशल वापस जाये। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों, ड्रोन के माध्यम से चप्पे-चप्पे पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है | मेला क्षेत्र में आने-जाने वाले स्नानार्थियों व श्रद्धालुओं को आवागमन में कोई असुविधा न हो इसके लिए मेला क्षेत्र में पार्किंग की समुचित व्यवस्था की गई है। सभी श्रद्धालुओं व स्नानार्थियों से अनुरोध है कि मेला क्षेत्र में आने के लिए निर्धारित मार्गो का ही उपयोग करें। परेड क्षेत्र से मेला क्षेत्र की ओर आने वाले श्रद्धालुओं,स्नानार्थियों से अनुरोध हैं राम घाट,संगम घाट पर ही स्नान करें । झूंसी की ओर से मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं,स्नानार्थियों से अनुरोध है कि झूंसी की तरफ बने स्नान घाटों पर स्नान करें शहर वासियों से अनुरोध है की नई सुविधा नया मार्ग का प्रयोग करते हुए हाशिमपुर फ्लाईओवर के माध्यम से बक्शी बांध होकर नागवासुकी इंटरलॉकिंग के रास्ते निर्धारित स्नान घाटों पर पहुंचकर कुशलता पूर्वक स्नान करें।

मेला प्रभारी ने ड्यूटी पर मुस्तैद पुलिस कर्मियों का किया उत्साहवर्धन

मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालु ,स्थानार्थी परेड से झूंसी की ओर प्रवेश करने के लिए पाण्टून पुल 01,03,05 का प्रयोग करें और झूंसी से परेड की तरफ आने के लिए 02,04,06 पाण्टून पुल का प्रयोग करते हुए संबंधित क्षेत्र में प्रवेश करें । इस महापर्व मौनी अमास्या के अवसर पर लगातार मेला क्षेत्र मेला प्रभारी डॉ. राजीव नारायण मिश्र IPS द्वारा समस्त पुलिस कर्मियों की कुशलता लेते हुए ड्यूटी पर उनके साथ मुस्तैद होकर उनका उत्साहवर्धन किया जा रहा हैं एवं कमाण्ड सेंटर के माध्यम से मेला क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों से भी लगातार मेले का हाल लिया जा रहा हैं एवं सर्व सम्बन्धित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं।

*47 आईटीआई, पॉलिटेक्निक संस्थानों में पीएसपी मॉड्यूल से कौशल विकास करेगी योगी सरकार*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही योगी सरकार प्रदेश में विकास के सभी मानकों पर पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। ऐसे में, तकनीकी शिक्षण तंत्र की सुदृढ़ता को सुनिश्चित करते हुए योगी सरकार ने प्रदेश में 47 आईटीआई व पॉलिटेक्निक संस्थानों के संचालन तथा प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग प्रणाली की प्रक्रिया विकसित करने पर फोकस कर रही है। इस क्रम में, सीएम योगी के विजन के अनुसार प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय (प्रशिक्षण प्रखंड) ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बने आईटीआई व पॉलिटेक्निक संस्थानों के संचालन तथा प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग व कौशल विकास की प्रणाली को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए प्राइवेट सेक्टर पार्टनरशिप (पीएसपी) मॉड्यूल के आधार पर एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने पर इन सभी आईटीआई व पॉलिटेक्निक संस्थानों में शॉर्ट टर्म वोकेशन कोर्सेस समेत तमाम शिक्षण प्रक्रियाओं व गतिविधियों को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त होगा।

उचित संचालन समेत कई कार्यों को करना होगा पूरा

सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय (प्रशिक्षण प्रखंड) द्वारा पीएसपी मॉड्यूल को लागू करते हुए शिक्षण व ट्रेनिंग प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए उचित एजेंसियों के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस क्रम में, इन संस्थानों के समुचित कामकाज के लिए आवश्यक कर्मचारियों का वेतन, उपभोग्य वस्तुएं, बिजली, रखरखाव, अचल संपत्तियों (भूमि और भवन) से संबंधित सभी करों और लेवी का भुगतान पीएसपी द्वारा किया जाएगा। इन एजेंसियों द्वारा आईटीआई 2 शिफ्ट में संचालित होंगे जबकि पॉलिटेक्निक में हर दिन 1 शिफ्ट का संचालन होगा। आईटीआई और पॉलिटेक्निक के लिए भूमि और भवन के संदर्भ में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ ही प्रबंधन प्रणाली को भी विकसित करना होगा।

एनसीवीटी व एआईसीटीई के मानकों का पालन होगा सुनिश्चित

पीएसपी माध्यम से ऑपरेट होने पर चयनित 47 आईटीआई व पॉलिटेक्निक संस्थानों में एनसीवीटी और एआईसीटीई दिशानिर्देशों के मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। अगर जरूरी हुआ तो आईटीआई और पॉलिटेक्निक में शॉर्ट टर्म करिकुलम और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के लिए बदलाव व यंत्रों की खरीद प्रक्रिया को भी पूर्ण किया जाएगा। प्रबंधन, संचालन और प्रदर्शन से संबंधित नियमों, नीतियों और जानकारी के लिए एक वेबसाइट के जरिए इसे स्थापित भी किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि जिन 47 आईटीआई व पॉलिटेक्निक संस्थानों में इस प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा उनमें मिर्जापुर (सदर), गोंडा (कर्नैलगंज), बहराइच (सलारपुर), शाहजहांपुर (नूरपुर तरसौरा व जलालाबाद), फर्रूखाबाद (कायमगंज), हरदोई (गोपामऊ), बस्ती, बलरामपुर (घुंघलपुर), बरेली (फरीदपुर) व बिजनौर (धामपुर) मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त, कन्नौज (छिबरामऊ), मऊ (घोसी), आजमगढ़ (फूलपुर पवई), बदायूं (बिलसी), रायबरेली (सलोन), हाथरस (सिकंदरा राव), बांदा (पैलानी), श्रावस्ती (इकौना), कुशीनगर (कसया), चित्रकूट (बरगढ़), फतेहपुर (देवमई), बस्ती व बुलंदशहर समेत अन्य कई जिलों में अवस्थित आईटीआई व पॉलिटेक्नीक में पीएसपी मॉड्यूल को लागू करते हुए शिक्षण व ट्रेनिंग प्रोग्राम को बढ़ावा दिया जाएगा।

*जीरो टॉलरेंस : सात माह में 23 हजार से अधिक अपराधियों को मिली गुनाहों की सजा*

लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराध और अपराधियों की कमर तोड़ रही है। यूपी पुलिस जहां एक तरफ सीधा मुकाबला करते हुए अबतक 194 से अधिक बदमाशों को ढेर कर चुकी है, वहीं बड़ी संख्या ऐसे अपराधियों की भी है, जिन्हें न्यायालय में पुलिस की प्रभावी पैरवी से बेदम कर दिया गया है। यूपी पुलिस का अभियोजन निदेशालय इसमें अहम रोल अदा कर रहा है। पिछली सरकारों में जहां अभियोजन निदेशालय हाशिये पर रहता था, वहीं योगी सरकार ने इसे खास तरजीह दी है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में अभियोजन निदेशालय की प्रभावी पैरवी से पिछले सात माह के अंदर 17 हजार से अधिक मामलों में 23 हजार से अधिक अपराधियों को उनके गुनाहों की सजा दिलायी जा चुकी है। वहीं अपराधियों को सजा दिलाने में प्रदेश के दस जिलों ने बाजी मारी है।

19 अपराधियों को मृत्युदंड की दिलायी गयी सजा

अभियोजन निदेशालय के एडीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जुलाई-23 में प्रदेश के अपराधियों को कोर्ट में प्रभावी पैरवी और शत-प्रतिशत गवाहों की गवाही कराकर अपराधियों को सजा दिलाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिये थे। इसके तहत अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए 1 जुलाई से ऑपरेशन कन्विक्शन चलाया गया। इस अभियान के जरिये 25 जनवरी-24 तक 17,657 मामलों में 23,971 अपराधियों को सजा दिलायी गई। इसमें कोर्ट में प्रभावी पैरवी के जरिये 19 अपराधियों को मृत्युदंड की सजा दिलायी गई जबकि 5 वर्ष से कम की सजा में सबसे अधिक 9,139 अपराधियों को सजा दिलायी गई।

ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 1 जुलाई से 25 जनवरी तक 2213 अपराधियों को आजीवन कारावास, 432 अपराधियों को 20 वर्ष अथवा अधिक की सजा, 30 अपराधियों को 15 से 19 वर्ष की सजा, 1405 अपराधियों को 10 से 14 वर्ष की सजा, 2154 अपराधियों को 5 से 9 वर्ष कारावास की सजा दिलायी गई। वहीं 8,579 अपराधियों ने जेल में अपनी सजा काटी। एडीजी ने बताया कि इन अपराधियों को सबसे अधिक पॉक्सो के 1482 मामलों में सजा दिलायी गई है।

सात माह में बाराबंकी पुलिस ने सबसे अधिक 714 अपराधियों को दिलायी सजा

योगी सरकार ने कोर्ट में प्रभावी पैरवी के जरिये 1 जुलाई से 25 जनवरी तक सनसनीखेज हत्या के 844 मामलों, बलात्कार के 260 मामलों, डकैती के 50 मामलों, लूट के 208 मामलों, चोरी के 1001, गृह भेदन के 89 मामलों, अन्य सनसनीखेज अपराध के 1075 मामलों, वाहन चोरी के 116 मामलों और अन्य प्रकरण के 12,532 मामलों में अपराधियों को सजा दिलायी गई। वहीं ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत प्रदेश के आठ जिलों और दो कमिश्नरेट पुलिस ने अपराधियों को सजा दिलाने में सबसे अच्छा प्रदशर्न किया। इसमें बाराबंकी पुलिस ने सबसे अधिक 714 अपराधियों को सजा दिलायी जबकि कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर ने 673 अपराधियों, सहारनपुर ने 538 अपराधियों, मुरादाबाद ने 519 अपराधियों, बिजनौर ने 479 अपराधियों, मुजफ्फनगर ने 457 अपराधियों, मेरठ ने 451 अपराधियों, बुलंदशहर ने 441 अपराधियों और कमिश्नरेट आगरा ने 349 अपराधियों को सजा दिलायी।

*व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से 2023-24 में अब तक 66 हजार युवाओं को मिला रोजगार*

लखनऊ। युवाओं का कौशल निखारकर उन्हें रोजगार दिलाने के लिए योगी सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इसी क्रम में वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में योगी सरकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षित 36843 अभ्यर्थियों को सेवायोजित कराने में सफल रही है तो वहीं उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के माध्यम से कुल 29354 प्रशिक्षार्थियों को विभिन्‍न कंपनियों में सेवायोजित कराया गया है। इस तरह व्यावसायिक शिक्षा के जरिए प्रदेश के 66 हजार से ज्यादा युवाओं को विभिन्न कंपनियों में रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि रोजगार प्राप्त करने वालों में सभी 18 मंडलों के 75 जिलों से छात्र शामिल हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा में जारी बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी प्रदान की गई है।

परंपरागत के साथ न्यू एज के कोर्स हो रहे संचालित

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग कपिल देव अग्रवाल ने सवाल के जवाब में लिखित जानकारी देते हुए सदन को अवगत कराया कि सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश में बड़े पैमाने पर युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ा जा रहा है, ताकि उन्हें रोजगार प्राप्त करने में सहूलियत हो। इसी क्रम में प्रदेश में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 84 व्यवसायों में राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) भारत सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम मानकों एवं मापदंड के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान कराया जाता है। वहीं उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा विभिन्‍न सेक्‍टर्स के 386 अल्‍पकालीन पाठ्यक्रम में कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इनमें इसमें कई परंपरागत ट्रेड के साथ-साथ आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस एंड एविएशन, टेलीकॉम और हेल्थकेयर जैसे न्यू एज कोर्स भी शामिल हैं।

सभी 75 जिलों के छात्रों को मिला रोजगार

लिखित जानकारी के साथ-साथ विभाग की ओर से सदन में सेवायोजन प्राप्त करने वाले छात्रों के विषय में जानकारी भी प्रदान की गई है। इसके अनुसार प्रदेश के सभी 75 जनपदों के छात्रों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और कौशल विकास पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण लेने के बाद सेवायोजित करने में सफलता मिली है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की बात करें तो सर्वाधिक 4824 अभ्यर्थी राजधानी लखनऊ से चयनित हुए हैं तो वहीं कानपुर नगर से 1901, गोरखपुर से 1523 और झांसी से सर्वाधिक 1414 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसी तरह कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रशिक्षित अभ्यर्थियों में गोरखपुर से सर्वाधिक 1448 छात्र चयनित हुए हैं, जबकि गाजियाबाद से 1298, शाहजहांपुर से 1168, राजधानी लखनऊ से 1141 और बिजनौर से 1009 अभ्यर्थियों को सेवायोजित कराया गया है।

ग्रामीण कौशल्य योजना में 3 वर्षों के अंदर 32 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी चयनित

एक अन्य प्रश्न के जवाब में बताया गया कि प्रदेश में संचालित दीन दयाल उपाध्‍याय ग्रामीण कौशल्‍य योजना के अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक कुल 91070 अभ्‍यर्थियों का नामांकन किया गया है। कुल नामांकित अभ्‍यर्थियों में से 64047 को कौशल प्रशिक्षित किया गया है एवं उनमें से 32796 को सेवायोजित किया गया है। वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक प्रदेश के समस्‍त जनपदों में प्रशिक्षित किए गए। अभ्‍यर्थियों पर कुल 5,46,96,92,573 रुपए व्यय किए गए। ये भी कहा गया है कि इन वित्‍तीय वर्षो में दीन दयाल उपाध्‍याय ग्रामीण कौशल्‍य योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्‍यों की पूर्ति कर ली गई है।

*ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकेश शुक्ला ने बताया माघ गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से शुरू होगा*

उपेन्द्र कुमार पांडेय

आजमगढ़।भारतीय सनातन धर्म में नवरात्र का बहुत बड़ा महत्व है वर्ष में कुल चार नवरात्र लगते हैं दो गुप्त नवरात्र दो सार्वजनिक इस वर्ष का माघ गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी2024 से शुरू होगा । गुप्त नवरात्रि बहुत खास है, क्योंकि इन 9 दिनों में कई दुर्लभ योग का संयोग कब बन रहा है. मां दुर्गा की पूजा से विशेष लाभ मिलेगा 

माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि शुरू हो रहा है गुप्त नवरात्रि में साधक देवी मां की 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से साधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

 नारायण ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केंद्र फूलपुर प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया की इस साल माघ गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी 2024 से शुरू होगी इसका समापन 18 फरवरी 2024 को होगा. इस साल माघ गुप्त नवरात्रि बहुत खास है क्योंकि इन 9 दिनों में कई अद्भुत योग का संयोग बन रहा है. इस दौरान मां दुर्गा की पूजा, पाठ करने से साधक को शत्रु, रोग, दोष, आर्थिक संकट से छुटकारा मिलेगा।

माघ गुप्त नवरात्रि 2024 शुभ योग

माघ गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों में छह रवि योग, दो सर्वार्थ सिद्धि, त्रिपुष्कर, सिद्धि, साध्य, शुभ, शुक्ल, इंद्र, अमृत सिद्धि, शिव योग बन रह हैं यानी कुल 16 योग। इस दौरान माता दुर्गा की सुबह-शाम मां भगवती की विधिवत पूजा आरती करें। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। 

माघ गुप्त नवरात्रि 2024 तिथि

10 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा तिथि, घटस्थापना मुहूर्त

11 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि द्वितीया तिथि

12 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि तृतीया तिथि

13 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि चतुर्थी तिथि

14 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि पंचमी तिथि

15 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि षष्ठी तिथि

16 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि सप्तमी तिथि

17 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि महाष्टमी

18 फरवरी 2024 - माघ गुप्त नवरात्रि महानवमी

माघ गुप्त नवरात्रि में कलश स्थापना मुहूर्त

घटस्थापना का दिन: 10 फरवरी2027,शनिवार

पहला घटस्थापना का शुभ मुहूर्त: प्रातः 8:42 मिनट से लेकर 10:08 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12: 11 मिनट से लेकर 12:56 मिनट तक

देवी मां की दस महाविद्याएं

 काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी या कमला। मान्यता है कि देवी मां कि इन 10 महाविद्याओं की पूजा करने से मनुष्य को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं.और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है ।