उत्तराखंड विस में आज पारित हो सकता है यूसीसी, कुछ ही देर में शुरू होगी सदन की कार्यवाही, विधेयक पारित होना तय

उत्तराखंड विधानसभा में भाजपा को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है। उसके 47 सदस्य हैं। कुछ निर्दलीय विधायकों का भी उसे समर्थन प्राप्त है। ऐसे में यूसीसी विधेयक पारित कराने में कोई कठिनाई नहीं है। चर्चा के बाद यूसीसी विधेयक पारित होना तय माना जा रहा है। समवर्ती सूची का विषय होने की वजह से पारित होने के बाद विधेयक राज्यपाल के माध्यम से अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति को भी भेजा जा सकता है।

विधानसभा में आज पारित हो सकता है यूसीसी, कुछ ही देर में शुरू होगी सदन की कार्यवाही

उत्तराखंड विधानसभा सत्र का आज तीसरा दिन है। सदन में आज समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बिल पारित हो सकता है। दो साल की कसरत के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा के पटल पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) उत्तराखंड विधेयक 2022 रखकर इतिहास रच दिया। सदन में बिल पेश करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य हो गया है।

विधेयक में प्रावधान के मुताबिक, बेटा और बेटी को संपत्ति में समान अधिकार देने और लिव इन रिलेशनशिप में पैदा होने वाली संतान को भी संपत्ति का हकदार माना गया है। अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों पर यूसीसी लागू नहीं होगा। सदन में विधेयक पेश करने के बाद सीएम ने कहा कि यूसीसी में विवाह की धार्मिक मान्यताओं, रीति-रिवाज, खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर कोई असर नहीं होगा।

विपक्ष ने की बिल का अध्ययन करने के लिए समय देने की मांग

मंगलवार को सदन के सारे कामकाज स्थगित कर सरकार सदन में 202 पृष्ठों का यूसीसी विधेयक लेकर आई। इस प्रक्रिया को लेकर सदन में विपक्ष की नाराजगी पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने ढाई घंटे सदन स्थगित रखा ताकि बिल के अध्ययन के लिए समय मिले। शाम करीब साढ़े छह बजे सदन स्थगित हो गया।

चर्चा के बाद बुधवार को बिल पारित होने की संभावना है। चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने धामी सरकार की तारीफ की तो नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व एक अन्य विपक्षी सदस्य ने इसे पुनर्विचार के लिए प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग उठाई। इससे पहले सीएम धामी हाथों में संविधान की पुस्तक लेकर विधानसभा में पहुंचे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस सदस्य प्रीतम सिंह ने व्यवस्था प्रश्न उठाया कि बिल पेश किया जा रहा है, लेकिन उन्हें बिल की प्रति नहीं मिली है। उन्होंने स्पीकर से बिल का अध्ययन करने के लिए समय देने की मांग की।

ईडी की रेड पर केजरीवाल की मंत्री आतिशी का बड़ा आरोप, बोलीं-16 घंटे की छापेमारी में नहीं की कोई पूछताछ

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दिल्ली सरकार की कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने बुधवार को आबकारी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। आतिशी ने कहा है कि छापेमारी ईडी के अधिकारी इस दौरान सिर्फ ड्राइंग रूम में ही बैठे रहे और पूरी दुनिया में तमाशा चलता रहा। उन्होंने दो जीमेल आईडी के अकाउंट का डाउनलोड लिया साथ ही परिवार के लोगों के तीन फोन लिए। उन्होंने कहा कि अब तो ईडी ने पूछताछ और तलाशी करने का दिखावा भी नहीं किया। ऐसे में ईडी ने अपना असली रूप सभी के सामने रख दिया है।

आतिशी ने कहा, '16-16 घंटे की छापेमारी में ईडी के अफसरों ने सीएम के पीएस के घर में या आप सांसद एनडी गुप्ता के घर में कोई तलाशी नहीं ली, कोई पूछताछ नहीं की, कोई कागज नहीं ढूंढे। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि वे किस केस की जांच करने आए हैं। आतिशी ने आरोप लगाया कि ईडी ने 16 घंटे की छापेमारी के बाद ईडी ने मुख्यमंत्री के निजी सचिव के दो जीमेल अकाउंट डाउनलोड कर लिए। फिर उन्होंने सीएम के निजी सचिव और उनके परिवार के तीन मोबाइल फोन ले लिए।

ईडी को बताया केंद्र सरकार का पसंदीदा हथियार

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मंत्री आतिशी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि मंगलवार को केंद्र सरकार के पसंदीदा हथियार ईडी ने आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के यहां छापेमारी की।ईडी ED ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल निजी सचिव विभव कुमार और पार्टी के सांसद एनडी गुप्ता के घर छापेमारी की।ईडी की ये कार्रवाई करीब 18 घंटे तक चली।मंत्री ने कहा कि ये ईडी के इतिहास में पहली बार होगा किस आधार पर यह छापेमारी की गई इस बात की जानकारी भी अधिकारियों ने नहीं दी। इस दौरान एक पंचनामा दिखाते हुए उन्होंने कहा कि 16 घंटे की रेड खत्म होने के बाद इस पंचनामे में दस्तखत किए गए। इस पंचनामे में केस या ईसीआईआर की जानकारी नहीं दी गई। मंत्री ने पंचनामे को ईडी के इतिहास का ऐतिहासिक पंचनामा बताया।

इनका मकसद अरविंद केजरीवाल को साजिश के तहत कुचलना-आतिशी

आतिशी ने कहा कि छापेमारी के जरिए ईडी का मकसद सिर्फ अरविंद केजरीवाल को साजिश के तहत कुचलना है। आतिशी ने कहा कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पता है कि अगर कोई उन्हें चुनौती दे सकता है तो वो एक ही बंदा अरविंद केजरीवाल है। इसीलिए सरकार ने ईडी को सिर्फ एक काम में लगा दिया है कि अरविंद केजरीवाल के सभी काम करने वाले नेताओं को जेल में डाल दो। उन्होंने कहा कि पहले यह तय किया जाता है किसे जेल में डालना है उसके बाद किस केस में डालना है ये तय किया जाता है।

MP के हरदा में आज भी बचाव कार्य जारी, मलबे में दबे लोगों को निकाला जा रहा बाहर, आज हरदा जाएंगे CM मोहन यादव

 मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हाे गया। हादसे में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग लोग घायल हैं। आज दूसरे दिन भी राहत और बचाव का कार्य जारी है। NDRF मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी है। हालात का जायजा लेने और घायलों से मिलने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव आज दोपहर 3 बजे हरदा जाएंगे। 

अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद बैरागढ़ गांव की तस्वीर बदल गई है। अब हर जगह तबाही का मंजर दिख रहा है। मलबे के ढेर में तब्दील मकान, गलियों में पग-पग पर बिखरे पटाखे और कबाड़ बनी गाड़ियां बैरागढ़ गांव में तबाही की कहानी बयां कर रही है। आसपास के जिलों की टीम वहां पहुंचकर मदद में जुट गई है। सीएम मोहन यादव लगातार भोपाल में बैठकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने भोपाल के अस्पताल में जाकर मुलाकात की है। साथ ही सभी जिलों में पटाखा फैक्ट्रियों की जांच के निर्देश दिए हैं।

हरदा जिले की बैरागढ़ में सुबह की शुरुआत आम दिनों की तरह हुई थी। बैरागढ़ इस फैक्ट्री में काम करने वाले लोगों को मंगलवार को सैलरी मिलनी थी। इसकी वजह से भीड़ ज्यादा थी। अचानक से अंदर से आग की लपटें उठने लगी और मौके पर भगदड़ मच गई। लोग जान बचाने की लिए इधर से उधर भागने लगे। इसके बाद तेज धमाकों की आवाज सुनाई देने लगी। बताया जा रहा है कि ब्लास्ट बारूद में आग लगने के बाद हुआ।

देखते ही देखते कई किलोमीटर तक चीख पुकार मच गई। हर तरफ लोग भागते दिख रहे थे। शहर के घरों से आग की लपटें दिख रही थी। दहशत के मारे लोग घरों से बाहर आ गए क्योंकि कंपन से मकानों में दरार आ रही थी। दो घंटे से अधिक वक्त तक आग धधक रही थी। लपटें देखकर रौंगटे खड़े हो रहे थे। बैरागढ़ गांव पूरी तरह से खाली हो गया था। इस बड़े हादसे की खबर भोपाल पहुंची तो हड़कंप मच गया।

हादसे की खबर के बाद आसपास के जिलों को अलर्ट किया गया है। वहां से त्वरित मदद पहुंचाई गई। इसके बाद हेलीकॉप्टर से परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह को अधिकारियों के साथ हरदा भेजा गया। आननफानन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। 25 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से आग पर काबू पाया गया। इसके बाद घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया जाने लगा।

एमपी के गुना में अचानक RSS कार्यालय में पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया, संघ पदाधिकारियों के साथ चली 40 मिनट की गोपनीय बैठक

 संसदीय क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया का 5 दिवसीय दौरा जारी है। गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानक RSS दफ्तर पहुंच गए। प्रताप छात्रावास स्थित केशव स्मृति भवन पहुंचे सिंधिया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ 40 मिनट तक विचार विमर्श किया। सिंधिया रात्रि 9 बजे संघ कार्यालय पहुंचे थे तथा ठीक 9 बजकर 40 मिनट पर दफ्तर के बाहर निकले। रिपोर्ट्स के अनुसार, संघ की शरण में पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना संसदीय सीट को लेकर चर्चा की है।

वही इसके चलते केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात विभाग प्रचारक नितिन अग्रवाल, क्षेत्रीय कार्यवाह अशोक अग्रवाल, जिला संघ चालक गिर्राज अग्रवाल, सह संघचालक अशोक कुशवाहा से हुई। 40 मिनट की मुलाकात बेहद गोपनीय रखी गई थी। जिस के चलते संघ कार्यालय में चर्चा का दौर चल रहा था, उस समय MLA पन्नालाल शाक्य, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, पूर्व MLA गोपीलाल जाटव कार्यालय के बाहर खड़े रहे। RSS दफ्तर में सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिलने की अनुमति दी गई। जिले के पुलिस कप्तान संजीव कुमार सिंहा व प्रभारी कलेक्टर प्रथम कौशिक भी कार्यालय के बाहर पहरा देते रहे।

RSS दफ्तर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का अचानक दस्तक देना गुना सीट पर दावेदारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले सिंधिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दफ्तर की परिक्रमा लगाने लगे हैं। वहीं, गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धाकड़ किरार सम्मेलन में समाज के लोगों को साथ देने की कसम खिलाई। सिंधिया ने कहा कि धाकड़ समाज को कहना चाहता हूं कि परिवार का मुखिया होने के नाते मैंने हमेशा आपका साथ दिया है। आपके साथ खड़ा रहा हूं। क्या आप मेरे साथ खड़े हो? धाकड़ हो धाकड़ की भांति जवाब दो। आप मुझसे जो मांगोगे मैं दूंगा। पूरी निष्ठा के साथ प्रयास करूंगा। बीते 20 सालों से दे रहा हूं।

राजगढ़ जिले के सारंगपुर से गिरफ्तार हुए हरदा पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट मामले में फैक्ट्री मालिक समेत तीन आरोपी, भाग रहे थे दिल्ली

मध्य प्रदेश स्थित हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य अपराधी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। अरेस्ट किए गए आरोपियों में राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल एवं रफीक खान सम्मिलित है। कहा जा रहा है कि राजेश अग्रवाल को राजगढ़ जिले के सारंगपुर से गिरफ्तार किया गया है। वह कार में सवार होकर दिल्ली फरार होने की फिराक में था। हरदा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में 11 लोग मारे गए हैं तथा कमोबेश 175 लोग के चोटिल हुए हैं।

हरदा में अवैध फटाखा फैक्ट्री का संचालक राजीव अग्रवाल एवं उसके बेटे को वेन्यु कार से सारंगपुर में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी हादसे के पश्चात् फरार हो गए थे। राजेश अग्रवाल उज्जनै से दिल्ली के लिए निकले थे। साथ ही सोमेश अग्रवाल भी था, जो वाहन में सवार था तथा मध्य प्रदेश छोड़ दिल्ली भागने का प्रयास कर रहा था। सारंगपुर SDOP अरविंद सिंह ने बताया की मध्यप्रदेश-उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे पर सारंगपुर पुलिस ने रात 9 बजे राजीव अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल एवं रफीक को गिरफ्तार किया है। कागजी कार्रवाई के लिए भोपाल आईजी के निर्देश पर अपराधियों को हरदा भेजा गया है। हरदा दुर्घटना में मध्य प्रदेश पुलिस ने IPC की धारा 304, 308, 34 एवं धारा 3 विस्फोटक अधिनियम के तहत तीनों अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।

मध्य प्रदेश के हरदा जिले के बैरागढ़ स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को एक के बाद एक कई विस्फोट हुए थे। इस विस्फोट में अब तक 11 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है तथा कमोबेश 175 लोग चोटिल हैं। धमाका इतना खतरनाक था कि फैक्ट्री का मलबा दूर तक जा पहुंचा। पास में बनी कॉलोनी में खतरनाक तबाही मची। दुर्घटना के बाद घटनास्थल की आई तस्वीरों में देखा गया कि इलाका पूरा स्पष्ट हो चुका है। दमकल गाड़ियां मौके पर उपस्थित रहा तथा भारी पुलिस बलों की मौके पर तैनाती है।

पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देने के प्रस्ताव पर दो भाग में बंटे सपा विधायक, 14 ने किया विरोध, बाकी ने समर्थन

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देने वाला प्रस्ताव यूपी विधानसभा से पारित हुआ है। राम मंदिर निर्माण और राललला की प्राण प्रतिष्ठा के इस प्रस्ताव को विधानसभा में पार्टी लाइन से परे ज्यादातर विधायकों ने समर्थन दिया। हालांकि इस दौरान समाजवादी पार्टी बंटी हुई नजर आई। उसके 108 में से 14 विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि बाकी ने इसका समर्थन किया। इस तरह राम मंदिर को लेकर क्या रुख अपनाया जाए, इसे लेकर पार्टी में ही दोफाड़ की स्थिति नजर आई। 

यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के कुल 108 विधायक हैं। इनमें से 14 ने प्रस्ताव का विरोध किया था, लेकिन सदन में मौजूद अन्य विधायकों ने समर्थन किया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मौके पर कितने विधायक थे, जिन्होंने प्रस्ताव का समर्थन किया। पीएम मोदी और सीएम योगी को धन्यवाद देने वाले इस प्रस्ताव को मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया था। इस पर लालजी वर्मा ने सवाल खड़े किए और कहा कि आखिर ऐसे प्रस्ताव की जरूरत क्या है। लालजी वर्मा ने 2022 में ही बसपा को छोड़ सपा जॉइन कर ली थी। उनके विरोध पर भाजपा के विधायक हल्ला करने लगे। इस पर स्पीकर सतीश महाना ने दखल दिया और कहा कि जो समर्थन में हैं वे करें। जो विरोध में हैं, वे इसके लिए स्वतंत्र हैं। 

इसके बाद उन्होंने वोटिंग कराई। महाना ने कहा, 'मैं नहीं समझता कि इस प्रस्ताव का कोई विरोध करेगा। इसके बाद भी यदि कोई विरोध में है तो वह अपने हाथ खड़े कर सकता है।' सुरेश खन्ना ने धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए कहा कि अयोध्या धाम में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर लगभग 500 साल के अंतराल के बाद भगवान श्रीरामलला की प्रतिमा की स्थापना 22 जनवरी 2024 को कर नया इतिहास रचने वाले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व यूपी के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हम बधाई देते हैं।

14 ने विरोध में उठाए हाथ, बाकी विधायकों ने कर दिया समर्थन

प्रस्ताव रखने के बाद स्पीकर महाना ने कहा कि जो इसके पक्ष में हों, वे अपना हाथ उठाएं। जो सदस्य इसके पक्ष में नहीं है, वे 'न' कहें, जिस पर विपक्ष के मात्र 14 सदस्यों ने अपने हाथ उठाए यानी उनके द्वारा प्रस्ताव का विरोध जताया गया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश माहना द्वारा कहा गया कि 14 सदस्यों को छोड़कर उक्त प्रस्ताव सदन के समस्त सदस्यों द्वारा पारित किया गया। इससे साफ है कि समाजवादी पार्टी के तमाम सदस्यों ने विरोध में हाथ नहीं उठाया और इस तरह वह धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते दिखे जबकि कुछ सदस्यों ने 'न' के पक्ष में अपना हाथ उठाकर विपरीत रूख अपनाया।

नितिन गडकरी का छलका दर्द, बोले-अच्छा काम करने वाले नेताओं को नहीं मिलता सम्मान

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को लोकमत मीडिया समूह द्वारा सांसदों को उनके अनुकरणीय योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान गडकरी ने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा।अवसरवादी नेताओं के सत्ताधारी दल से जुड़े रहने की इच्छा पर चिंता जताई और कहा कि विचारधारा में इस तरह की गिरावट लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है।इतना ही नहीं गडकरी ने यह भी कहा कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा नहीं मिलती।

किसी का नाम लिए बिना गडकरी ने कहा, मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, एक बात तय है कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा नहीं मिलती।

हमारी बहसों और चर्चाओं में मतभेद हमारी समस्या नहीं है। हमारी समस्या विचारों की कमी है। उन्होंने कहा, ऐसे लोग भी हैं जो अपनी विचारधारा के आधार पर दृढ़ विश्वास के साथ खड़े हैं लेकिन इस तरह के लोगों की संख्या घट रही है और विचारधारा में गिरावट, जो हो रही है, लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं है। गडकरी ने कहा, न तो दक्षिणपंथी और न ही वामपंथी, हम जाने-माने अवसरवादी हैं, कुछ लोग ऐसा लिखते हैं और सभी सत्तारूढ़ दल से जुड़े रहना चाहते हैं।

उत्तराखंड में कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के घर पर ईडी की दस्तक, जमीन घोटाला मामले में 17 ठिकानों पर रेड

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उत्तराखंड में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। उत्तराखंड से लेकर दिल्ली और चंडीगढ़ में छापा मारा है। तीन राज्यों के 15 से अधिक ठिकानों पर ईडी का तलाशी अभियान चल रहा है। ईडी की यह छापेमारी दो अलग-अलग मामलों में चल रही है, जिसमें एक मामला फॉरेस्ट लैंड से जुड़ा और दूसरा एक अन्य जमीन घोटाला है। जिसमें पिछले साल अगस्त में विजिलेंस विभाग ने हरक सिंह रावत के खिलाफ कार्रवाई की थी।

बता दें कि साल 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने अपने कैबिनेट और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हरक सिंह रावत को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद हरक सिंह रावत विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए। साल 2016 में हरक सिंह रावत सहित कुल 10 विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत के खिलाफ बगावत की थी और भाजपा में चले गए थे।

उत्तराखंड में एक्शन से पहले ईडी ने मंगलवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई किया था। जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव, राज्यसभा सांसद और पार्टी कोषाध्यक्ष एनडी गुप्ता सहित अन्य के परिसरों की तलाशी की थी।

सीमाएं होगी सुरक्षितःभारत की म्यांमार बॉर्डर को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, 1643 किमी में बाड़ लगाने की योजना

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भारत सरकार ने देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की सीमाओं को अभेद्य बनाने को लेकर बड़ा एलान किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने म्यांमार के साथ खुली सीमा पर बाड़ लगाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश की सीमा को अभेद्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए सरकार ने पूरी 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया है। बेहतर निगरानी के लिए सीमा पर एक गश्ती ट्रैक भी बनाया जाएगा।

गृहमंत्री ने कहा कि सीमा की कुल लंबाई में से, मणिपुर के मोरेह में 10 किमी की दूरी पर पहले ही फेंसिंग लगाई जा चुकी है। इसके अलावा, हाइब्रिड सर्विलांस सिस्टम (एचएसएस) के माध्यम से फेंसिंग लगाने की दो पायलट परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। वे अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में प्रत्येक 1 किमी की दूरी पर फेंसिंग लगाएंगे। इसके अतिरिक्त, मणिपुर में लगभग 20 किलोमीटर तक फेंसिंग लगाने के काम को भी मंजूरी दे दी गई है और काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।

शाह ने कहा, भारत 1,643 किमी (1,020 मील) की इस सीमा को ठीक उसी तरह सुरक्षित करेगा, जैसे हमने बांग्लादेश के साथ लगती देश की सीमा की बाड़बंदी की है, जो इससे भी दोगुनी लंबी है। गृह मंत्री शाह ने कहा था कि सरकार छह साल पुराने मुक्त आवाजाही समझौते को ख़त्म करने पर भी विचार करेगी। यह समझौता भारत और म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों को बिना वीज़ा के एक-दूसरे की सीमा में 16 किमी तक की यात्रा की इजाजत देता है।

कौन है हरदा हादसे का जिम्मेदार? पटाखा फैक्टरी ब्लास्ट में अब तक 11 की मौत

#harda_cracker_factory_blast_due_to_negligence_of_administration

मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले हरदा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। इनमें से कई गंभीर रूप से घायल हैं। गंभीर घायलों को इलाज के लिए इंदौर, भोपाल और नर्मदापुरम भेजा गया है। फिलहाल मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। 50 से ज्यादा लोग मलबे में दबे हैं। एनडीआरएफ टीम को कुछ शव दबे नजर आए हैं। इन शव को निकालने के लिए मलबा हटाने की तैयारी तेज कर दी गई है।

हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुआ ब्लास्ट इतना भयानक था कि देखते ही देखते करीब 60 घर आग में स्वाहा हो गए। इस हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है। दरअसल लोगों का कहना है कि इसकी शिकायत पहले भी प्रशासन से की गई थी लेकिन, प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की।

जानकारी के मुताबिक हादरा की इस पटाखा फैक्ट्री में दो साल पहले भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था जिसमें 3 बेकसूर मासूमों की जान चली गई थी। इस हादसे के बाद लोगों ने 4-5 बार जिला कलेक्टर से यहां की पटाखा फैक्ट्री के बारे में शिकायत भी की। लेकिन, जिला कलेक्टर ऋषि गर्ग ने कोई सुनवाई नहीं की और इस पूरे मामले को नजरअंदाज कर दिया। अब यहां पर फिर से हादसा हुआ है जिसमें 11 जानें चली गईं और कई जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। ऐसे में इस हादसे में सीएम मोहन यादव बड़ा एक्शन ले सकते हैं। जिले के कलेक्टर, एसपी को हटाया जा सकता है। इनके अलावा एसडीएम और सीएमएचओ पर भी गाज गिर सकती है।

इधर मध्य प्रदेश में विपक्षी कांग्रेस के बड़े नेता उमंग सिंघार ने हरदा की अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट पर सवाल उठाया है।उन्होंने कहा, पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के बिना बारूद का इतना बड़ा जखीरा इकट्ठा नहीं हो सकता। सवाल ये है कि आखिर रहवासी इलाके में बारूद का भंडार कैसे जमा हो गया? पुलिस और प्रशासन को क्या इसकी जानकारी नहीं थी? उन्होंने सवाल उठाया, 'इस अवैध फैक्ट्री को किसकी शह थी, जो प्रशासन ने अनदेखी की? उन्होंने कहा कि मामले की जांच करवाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में शामिल सभी चेहरे बेनकाब किए जाएं।