पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने दिया इस्तीफा, निजी कारणों का दिया हवाला

पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है. बनवारीलाल पुरोहित ने अगस्त 2021 में पंजाब के 36वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी. उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा कि अपने व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण मैं पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से अपना इस्तीफा दे रहा हूं.

बनवारीलाल पुरोहित ने अपने त्याग पत्र में लिखा कि व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं की वजह से मैं पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से इस्तीफा दे रहा हूं, कृपया इसे स्वीकार करें

मेयर का चुनाव चर्चा में

इससे पहले पुरोहित ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. उनकी मुलाकात चंडीगढ़ महापौर चुनाव में बीजेपी की जीत के कुछ दिनों बाद हुई थी. महापौर चुनाव में तीनों पदों पर बीजेपी को जीत मिली है. इन चुनावों में कांग्रेस- आम आदमी पार्टी गठबंधन को झटका लगा और उसने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है.

'पुरोहित और पंजाब सरकार के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं थे'

राजनीतिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि बनवारी लाल पुरोहित और पंजाब सरकार के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं थे. उधर मेयर के चुनाव के बाद भी विपक्षी पार्टियां लगातार निशाना साध रही थीं. इन सबके बीच ही बनवारी लाल पुरोहित ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उनकी जगह कौन लेगा, इसके बारे में जानकारी सामने नहीं आई है. बता दें कि बनवारी लाल पुरोहित तीन बार लोकसभा सांसद रहे हैं और मध्य भारत के सबसे पुराने अंग्रेजी दैनिक 'द हितवाद' के प्रबंध संपादक रहे हैं. बेदाग छवि के पुरोहित की पहचान एक प्रख्यात शिक्षाविद्, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता राष्ट्रवादी विचारक की रही है.

दिल्ली के सीएम केजरीवाल के साथ आतिशी सिंह भी फंसी चंगुल में, घर पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम

डेस्क: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एक टीम रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा मंत्री और सत्तारूढ़ आप नेता आतिशी के आवास पर पहुंची है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि आम आदमी पार्टी के द्वारा विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोप के संबंध में दिल्ली के शिक्षा मंत्री को नोटिस देने के लिए टीम आतिशी के आवास पर गई थी। आप ने आरोप लगाया था कि भाजपा अपने 'ऑपरेशन लोटस 2.0' को लेकर विधायकों को पैसे का प्रलोभन देकर खरीदने की कोशिश कर रही है। वह आप विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है।

केजरीवाल से मांगा है तीन दिन में जवाब

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली की मंत्री ने अपने कैंप कार्यालय के अधिकारियों को उनकी अनुपस्थिति में समन प्राप्त करने का निर्देश दिया। इससे पहले, शनिवार को दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के अधिकारियों ने विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप के संबंध में आप संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया था। अपराध शाखा के अधिकारियों ने केजरीवाल की अनुपस्थिति में सीएमओ अधिकारियों को नोटिस दिया और आप सुप्रीमो से तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है।

आतिशी सिंह ने भाजपा पर लगाया है आरोप

आतिशी ने पहले दावा किया था कि भाजपा ने आप के कई विधायकों को अपने पक्ष में करने के लिए रिश्वत और धमकियां देकर उनसे संपर्क किया। आप नेता ने कहा "बीजेपी ने 'ऑपरेशन लोटस 2.0' लॉन्च किया है और दिल्ली में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई AAP सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। AAP के 7 विधायकों से बीजेपी ने संपर्क किया है और कहा है कि अरविंद केजरीवाल को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा और फूट पार्टी को खा जाएगी। वे हमारे 21 विधायकों के संपर्क में हैं और वे हमारी सरकार को गिराने के लिए उनका इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं।

आतिशी ने कहा कि उन 7 विधायकों में से प्रत्येक को 25 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है। उन्होंने सत्ता में आने के लिए 'ऑपरेशन लोटस' चलाया उन राज्यों में पिछले दरवाजे से जहां वे लोकतांत्रिक तरीके से नहीं चुने गए थे। महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश इसके उदाहरण हैं।'' 

आतिशी ने कहा-ऑडियो है हमारे पास

आतिशी ने आगे दावा किया कि AAP के पास 'ऑपरेशन लोटस 2.0' पर बातचीत का एक कथित ऑडियो क्लिप है और कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो पार्टी इसे सार्वजनिक डोमेन में ला सकती है। आतिशी ने कहा, "अब तक, 7 विधायकों से बीजेपी ने संपर्क किया है। हमारे पास ऐसी बातचीत का एक ऑडियो क्लिप है और जरूरत पड़ने पर इसे जारी किया जाएगा।"

जानिए, आठ अप्रैल को लगने वाले साल 2024 के पहले सूर्य ग्रहण की भारत में क्यों हो रही चर्चा, कहां दिखाई देगा

साल का पहला सूर्य ग्रहण कई वजहों से खास है। सात साल में यह दूसरी बार पूर्ण सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) लगने जा रहा है। यह 8 अप्रैल सोमवार (Surya Grahan 2024) को लगेगा। यह खगोली घटना तब होगी, जब सूर्य अपनी पीक एक्टिविटी पर होगा। साल 2017 में इसके विपरीत सूरज का यह स्तर न्यूनतम था। साल 2024 में दो सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) लगेंगे। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा। अमेरिका में पूर्ण सूर्य ग्रहण नजर आएगा। ऐसा साल 2017 के बाद पहली बार होगा। उत्तरी अमेरिका में बहुत बड़े इलाके में यह दिखाई देगा।

सुबह 11 बजकर 7 मिनट पर सबसे पहले यहां दिखेगा

नासा के मुताबिक, सबसे पहले यह मेक्सिको के प्रशांत तट पर सुबह 11 बजकर 7 मिनट पर दिखेगा। जब चांद पूरी तरह से सूरज को ढंक लेगा, तो दिन में रात जैसा नजारा होगा। अमेरिका के 13 राज्यों में यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। साउथवेस्ट रिसर्च की सौर वैज्ञानिक लिसा अप्टन का कहना है कि साल 2024 में लगने वाला ग्रहण साल 2017 के ग्रहण से बहुत अलग होने वाला है, क्योंकि जो कोरोना हमें दिखाई दे रहा है, उसकी संरचना बहुत ज्यादा होगी।

8 अप्रैल 2024 को लगने वाला सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। इसे खग्रास सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है। यह खगोलीय घटना तब होती है, जब सूरज और पृथ्वी के बीच से चंद्रमा गुजरता है। यह इसलिए होता है, क्योंकि धरती सूरज का चक्कर लगाती है, तो चंद्रमा धरती का चक्कर लगाता है। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूर्य के पूरे या कुछ हिस्से के प्रकाश को रोकता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सिर्फ सूर्य का कोरोना नजर आता है। यह दिखाता है कि चंद्रमा के पीछे सूर्य है। आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य का कुछ हिस्सा ही ढका होता है।

भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण, यहां आएगा नजर

इस साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में नजर आएगा।

पुलिस स्टेशन में फायरिंग, बीजेपी विधायक ने शिंदे गुट के नेता को मारी गोली

#bjp_mla_ganesh_gaikwad_arrested_for_opening_fire_at_shinde_man

महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भूमि विवाद के चलते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के एक नेता को गोली मारकर घायल करने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक को गिरफ्तार किया गया है। उल्हासनगर में जमीन विवाद के चलते बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ और उनके एक साथी ने शिंदे गुट के नेता महेश गायकवाड़ को पुलिस स्टेशन के अंदर गोली मार दी। दोनों एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करने के लिए शुक्रवार रात करीब 10 बजे हिल लाइन पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। यहां पहले उनमें बहस हुई। तभी गणपत ने इंस्पेक्टर के सामने महेश पर फायरिंग किए।

अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दत्तात्रेय शिंदे ने मीडिया को बताया कि भाजपा के कल्याण से विधायक गणपत गायकवाड़ ने शुक्रवार रात उल्हासनगर इलाके में हिल लाइन पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक के कक्ष के अंदर शिवसेना की कल्याण इकाई के प्रमुख महेश गायकवाड़ पर गोलियां चलाईं। बताया जा रहा है ति महेश गायकवाड़ पर कुल 10 गोलियां चलाई गईं। इनमें से छह गोलियां महेश गायकवाड़ को लगीं। अन्य 2 गोलियां महेश गायकवाड़ के साथी राहुल पाटिल को लगीं और दो गोलियां मिसफायर हो गईं।

घटना के बाद दोनों घायलों को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात में बीजेपी विधायक हिरासत में लिया था। शनिवार (3 जनवरी) की सुबह विधायक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसएआईटी) का गठन किया है।

वारदात के बाद एक चैनल से हुई बातचीत में गणपत गायकवाड़ ने बताया कि उन्होंने सेल्फ डिफेंस में गोली मारी, क्योंकि महेश गायकवाड़ के साथ आए लोग उनके बेटे के साथ बदसलूकी कर रहे थे।उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में ‘अपराधियों का साम्राज्य’ स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

गणपत गायकवाड़, कल्याण ईस्ट सीट से भाजपा विधायक हैं। गायकवाड़ तीन बार के विधायक है और साल 2009 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। गणपत गायकवाड़ दो बार निर्दलीय विधायक रहे हैं। वहीं शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ कोरपोरेटर हैं और सीएम एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाते हैं। महेश गायकवाड़ उल्हासनगर शिवसेना के प्रमुख भी हैं। बता दें कि भाजपा और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हैं।

पुलिस स्टेशन में फायरिंग, बीजेपी विधायक ने शिंदे गुट के नेता को मारी गोली

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महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भूमि विवाद के चलते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के एक नेता को गोली मारकर घायल करने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक को गिरफ्तार किया गया है। उल्हासनगर में जमीन विवाद के चलते बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ और उनके एक साथी ने शिंदे गुट के नेता महेश गायकवाड़ को पुलिस स्टेशन के अंदर गोली मार दी। दोनों एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करने के लिए शुक्रवार रात करीब 10 बजे हिल लाइन पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। यहां पहले उनमें बहस हुई। तभी गणपत ने इंस्पेक्टर के सामने महेश पर फायरिंग किए।

अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दत्तात्रेय शिंदे ने मीडिया को बताया कि भाजपा के कल्याण से विधायक गणपत गायकवाड़ ने शुक्रवार रात उल्हासनगर इलाके में हिल लाइन पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक के कक्ष के अंदर शिवसेना की कल्याण इकाई के प्रमुख महेश गायकवाड़ पर गोलियां चलाईं। बताया जा रहा है ति महेश गायकवाड़ पर कुल 10 गोलियां चलाई गईं। इनमें से छह गोलियां महेश गायकवाड़ को लगीं। अन्य 2 गोलियां महेश गायकवाड़ के साथी राहुल पाटिल को लगीं और दो गोलियां मिसफायर हो गईं।

घटना के बाद दोनों घायलों को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात में बीजेपी विधायक हिरासत में लिया था। शनिवार (3 जनवरी) की सुबह विधायक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसएआईटी) का गठन किया है।

वारदात के बाद एक चैनल से हुई बातचीत में गणपत गायकवाड़ ने बताया कि उन्होंने सेल्फ डिफेंस में गोली मारी, क्योंकि महेश गायकवाड़ के साथ आए लोग उनके बेटे के साथ बदसलूकी कर रहे थे।उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में ‘अपराधियों का साम्राज्य’ स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

गणपत गायकवाड़, कल्याण ईस्ट सीट से भाजपा विधायक हैं। गायकवाड़ तीन बार के विधायक है और साल 2009 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। गणपत गायकवाड़ दो बार निर्दलीय विधायक रहे हैं। वहीं शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ कोरपोरेटर हैं और सीएम एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाते हैं। महेश गायकवाड़ उल्हासनगर शिवसेना के प्रमुख भी हैं। बता दें कि भाजपा और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हैं।

बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को मिलेगा भारत रत्न, पीएम मोदी ने दी जानकारी

#bharat_ratna_to_lal_krishna_advani 

भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से नवाजा जाएगा। केंद्र की मोदी सरकार ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर ये जानकारी साझा की है।आडवाणी बीजेपी के सबसे पुराने और बड़े नेताओं में शामिल रहे हैं।

भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी। हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।

मेरा सौभाग्य कि उनसे सीखने के अवसर मिले-पीएम मोदी

पीएम ने आगे कहा, सार्वजनिक जीवन में आडवाणी की दशकों लंबी सेवा को पारदर्शिता और ईमानदारी के प्रति अटूट निष्ठा के रूप में देखा जाता है, जिसने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत अवसर मिले।

लालकृष्ण आडवाणी के बारे में

भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है। उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे। शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से ग्रहण की थी। इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया। विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आकर बस गया। यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की।

आरएसएस से की राजनीतिक सफर की शुरूआत

उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। इससे पहले वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं। वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी। 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है।

कम नहीं हो रही अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें, सुबह-सुबह आवास पर पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम, जानें क्या है मामला

#delhi_crime_branch_team_reach_cm_arvind_kejriwal_residence 

दिल्ली शराब घोटाला केस में बार-बार ईडी की नोटिस की अनदेखी करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच शनिवार की सुबह दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची है। क्राइम ब्रांच की टीम केजरीवाल को नोटिस देने पहुंची है। केजरीवाल ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। बीजेपी ने इस आरोप के खिलाफ शिकायत की थी। शुक्रवार देर शाम को भी एक नोटिस लेकर क्राइम ब्रांच की टीम सीएम के आवास पर पहुंची थी, लेकिन नोटिस किसी के द्वारा रिसिव नहीं करने की वजह से पुलिस रात में वहां से लौट आई थी। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सीएम का दफ्तर नोटिस लेने के लिए तैयार हो गया है। जबकि क्राइम ब्रांच की टीम का कहना है कि सीएमओ रिसिविंग देने को तैयार नहीं हैं।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर को 30 जनवरी को भाजपा नेताओं ने अरविंद केजरीवाल और आतिशी के विधायकों के खरीद-फरोख्त के प्रयासों वाले दावों के खिलाफ शिकायत दी थी। यह शिकायत 6 पेज की थी। इस शिकायत के बाद ही गुरुवार की रात को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को जांच के लिए बोला गया था। इसके बाद लीगल फॉर्मेलिटी यानी कानूनी औपचारिकता पूरी होने के बाद शुक्रवार की शाम को एसीपी के नेतृव में दिल्ली पुलिस की एक टीम इंक्वॉयरी का नोटिस लेकर अरविंद केजरीवाल के घर गई थी।

दरअसल, 27 जनवरी को केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने उनके विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है और साथ ही पार्टी का टिकट देने का भी लालच दिया है। केजरीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, पिछले दिनों इन्होंने हमारे दिल्ली के सात एमएलए को संपर्क कर कहा है -कुछ दिन बाद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लेंगे। उसके बाद एमएलए को तोड़ेंगे। 21 एमएलए से बात हो गई है औरों से भी बात कर रहे हैं। उसके बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार गिरा देंगे। आप भी आ जाओ। 25 करोड़ रुपये देंगे और बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़वा देंगे। उनका दावा था कि उन्होंने 21 एमएलए से संपर्क किया है लेकिन हमारी जानकारी के मुताबिक उन्होंने अभी तक सात एमएलए को ही संपर्क किया है और सबने मना कर दिया।

सहयोगी ने ही उठाया गठबंधन के अस्तित्व पर सवाल, प्रकाश अंबेडकर ने कहा-“इंडिया” खत्म हो गया

#india_alliance_finished_claim_vba_prakash_ambedkar

प्रधारमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से दूर करने के उद्देश्य से विपक्षी दलों ने “इंडिया” गठबंधन बनाया। हालांकि विपक्षी दलों के मनसूबे बिखरते नजर आ रहे हैं। बिहार और बंगाल में पहले ही गठबंधन को जोरदार झटका लगा है। अब ऐसी लग रहा है कि महाराष्ट्र में भी विपक्षी दलों के बीच बात नहीं बन रही है। हाल ही में महाराष्ट्र में हुई महा विकास अघाडी (एमभीए) की बैठक में ऐसा ही कुछ देखने को मिला। इस बैठक में शामिल वंचित बहुजन अघाडी (VBA) के नेता प्रकाश अंबेडकर ने इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिए।उन्होंने दो टूक कहा कि “इंडिया” में कुछ नहीं बचा है, लेकिन हम लोग महा विकास आघाडी को बचाने की पूरी कोशिश करेंगे।

लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर शुक्रवार को दक्षिण मुंबई के फाइव स्टार होटल में महा विकास आघाडी ने बैठक बुलाई। सीट शेयरिंग को लेकर महा विकास अघाड़ी की दूसरी मीटिंग हुई।इसमें वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष और डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर भी शामिल हुए। बैठक खत्म होने के बाद अंबेडकर होटल से नीचे आए तो उन्होंने मीडिया से कहा कि “इंडिया” लगभग खत्म हो चुका है।

इंडिया फ्रंट अब अस्तित्व में नहीं-अंबेडकर

अंबेडकर ने कहा, मेरी राय में इंडिया फ्रंट अब अस्तित्व में नहीं है।प्रकाश ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कोई “इंडिया” नहीं है। नीतीश कुमार, आप, ममता बनर्जी अलग हो गए हैं। कांग्रेस के आखिरी सहयोगी रहे अखिलेश यादव ने भी अलग राह पर चलने का फैसला किया है। जहां तक मेरी जानकारी है, दोनों अलग हो चुके हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि यह सच न हो, लेकिन वास्तविकता हर किसी के सामने है। इसे देखते हुए हमें एमवीए के साथ महाराष्ट्र में ऐसा नहीं होने देने के लिए बहुत सावधान रहना चाहिए।

संजय राउत ने संभाली बात

अंबेडकर के इस बयान के दौरान शिवसेना उद्धव गुट (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले भी उनके साथ मौजूद थे। हालांकि बाद में संजय राउत ने मामला संभालते हुए कहा कि सब कुछ ठीक है, गठबंधन मजबूत है।सीट बंटवारे पर घटक दलों के बीच कुछ मुद्दे हैं, लेकिन रणनीतिक फैसले लिए जा रहे हैं।

अयोध्या में आस्था का सैलाबः अब तक 25 लाख श्रद्धालुओं ने किया दर्शन, दस दिनों में रामलला को 12 करोड़ का चढ़ावा

#ram-mandir-donation_12_crore_in_10_days

अयोध्या में प्रभु रामलला दरबार में दर्शनार्थियों की धूम मची हुई है। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से भक्तों का तांता लगा हुआ है, साथ ही लगातार धनवर्षा हो रही है। रामलला के दर्शन करने आने वाले भक्त दिल खोलकर दान कर रहे हैं।22 जनवरी को प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। 23 जनवरी से राम मंदिर आम भक्तों के लिए खोला गया। 22 जनवरी को प्रभु रामलला का दर्शन केवल वीआईपी श्रद्धालुओं ने किया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दिन भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पूरा किया था। 1 फरवरी तक के दर्शन और दान के आंकड़े सामने आए हैं। वह भक्तों की राम मंदिर के प्रति आकर्षण को दर्शाता है। पिछले 11 दिनों में प्रभु रामलला के दान पात्र में 12 करोड़ का दान आया है। वहीं, इन 11 दिनों में 25 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है।

ऑनलाइन भी खूब मिल रहा है दान

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, 22 जनवरी से 1 फरवरी तक राम मंदिर में मौजूद दान पेटियों में रामभक्तों की ओर से 8 करोड़ रुपए से अधिक दान आए हैं। जबकि करीब 3.50 करोड़ रुपए ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं।

दिन में दो बार खाली करना पड़ती है दान पेटी

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता के अनुसार, रामलला के गर्भगृह के सामने दर्शन पथ के पास बड़े-बड़े आकार की चार दान पेटियां रखी गई हैं, जिनमें मंदिर आने वाले रामभक्त दान करते हैं। रामभक्तों के चंदे से ये दान इसके अलावा 10 कम्प्यूटरीकृत काउंटरों पर भी लोग दान कर रहे हैं। रामभक्तों के चंदे से दान पेटियां जल्दी भर जाती हैं, जिसे दिन में कम से कम 2 बार खाली करनी पड़ती है।

चढ़ावे की गिनती के लिए 14 कर्मचारियों की एक टीम

प्रभु रामलला को होने वाले चढ़ावे की गिनती के लिए 14 कर्मचारियों की एक टीम है।टीम चार दान पेटियों में आए चढ़ावे की गिनती करती है। इसमें 11 बैंक कर्मचारी और तीन मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारी शामिल हैं। प्रकाश गुप्ता ने कहा कि दान राशि जमा करने से लेकर उसकी गिनती तक सब कुछ सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में किया जाता है।

संसद में ऐसा क्या बोल गए खड़गे की पीएम मोदी भी नहीं रोक पाए हंसी? वीडियो शेयर कर बीजेपी ले रही मजे

#mallikarjunkhargespeechpmmodistartedsmiling

संसद के बजट सत्र में आज दिलचस्प नजारा देखने को मिला।राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे कुछ ऐसा बोल गए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए।आखिर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐसा क्या कह दिया कि पूरा सदन हंसने लगा?दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने लोकसभा चुनाव की संभावनाओं पर बात कर रहे थे, खरगे ने सदन में सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आपका इतना बहुमत है। पहले 300 पार था अब इन लोगों (बीजेपी) ने 'अबकी बार 400 पार' का नारा दिया है। खरगे के इतना बोलते ही पीएम मोदी और राज्यसभा चेयरमैन समेत बीजेपी के सांसद हंसने लगे।

हालांकि खड़गे ने बीजेपी पर तंज में ये कही थी लेकिन सदन में बैठे बीजेपी सांसदों ने उसे हाथोंहाथ लपक लिया और मेजें थपथपाकर स्वागत किया। खरगे के भाषण और बीजेपी सांसदों की प्रतिक्रिया पर सदन में मौजूद पीएम मोदी भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। राज्यसभा का यह दिलचस्प वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वीडियो शेयर कर बीजेपी ने कसा तंज

बीजेपी ने इस वाकये से जुड़े वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है। बीजेपी ने एक्स हैंडल पर कांग्रेस अध्यक्ष का वीडियो शेयर करते हुए तंज कसा है और कहा कि पीएम मोदी यही सोच रहे होंगे कि 'मुझे नए नफरत करने वालों की जरूरत है, पुराने मेरे प्रशंसक बन गए हैं।