*सोनांचल के खिलाड़ियों के लिए 'संकट मोचन' बने हैं संकट मोचन झा*
संतोष गिरी/विकास अग्रहरी
मिर्ज़ापुर। विंध्याचल मंडल के सोनभद्र जिले के अम्बेडकर स्टेडियम ओबरा में आयोजित राज्यस्तरीय लेदर बाल क्रिकेट प्रतियोगिता आगाज और समापन दोनों ही शानदार होने के साथ-साथ समापन के पश्चात अपने पीछे कई यादगार पलों को छोड़ गया है। जिसे खिलाड़ी भूल से भी नहीं भूला पाएंगे।
उर्जांचल नगरी ओबरा के अंबेडकर स्टेडियम में आयोजित राज्यस्तरीय लेदर बाल क्रिकेट प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के वाराणसी सहित आसपास के कई जनपदों से व मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ इत्यादि कई राज्यों की धुरंधर टीमों ने इस प्रतियोगिता में भाग लेकर क्रिकेट प्रतियोगिता को सफल और शानदार बनाने में सहयोग प्रदान किया। जिसे देखने के लिए जनपद के विभिन्न कोनों से हजारों की संख्या में क्रिकेट प्रेमी खिलाड़ी नित्य भाग ले रहे थे।
जिनके हौसला अफजाई का प्रतिफल रहा है कि यहां से प्रतियोगिता संपन्न होने के बाद विदा लेते सभी खिलाड़ियों ने न केवल सोनभद्र जनपद वासियों और यहां के क्रिकेट प्रेमियों का आभार प्रकट किया, बल्कि प्रत्येक वर्ष यहां खेलने की इच्छा भी जताई है।
दरअसल, देखा जाए तो इस प्रतियोगिता को प्रारंभ से लेकर अंत तक सफल बनाने के साथ-साथ सारी व्यवस्था को सुसज्जित ढंग से संपन्न करने का जो श्रेय रहा है इसके पीछे 'संकट मोचन' की भूमिका अदा करने वाले कोई और नहीं बल्कि संकट मोचन झा रहे हैं।
जिन्होंने इस पूरे प्रतियोगिता को अंत तक सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए जी तोड़ मेहनत करने से लेकर खिलाड़ियों के हर सुख सुविधाओं का ध्यान रखते हुए खेल और खिलाड़ियों की गरिमा का भी बखूबी ख्याल रखा है।
अब आपके मन में एक सवाल उत्पन्न होता होगा कि आखिरकार यह संकट मोचन झा है कौन तो आइए बताते हैं। संकट मोचन झा ओबरा डिग्री कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष प्रतिनिधि रह चुके हैं।
बचपन से ही खेल के प्रति गहरा लगाव और जुड़ाव दोनों रहा है। खेल और खिलाड़ियों में गहरी रुचि होने और खिलाड़ियों को आगे लाने की ललक ही कहा जाएगा कि तमाम अवसर मिलने के बाद भी खेलों को लेकर बना शौक संकट मोचन झा को पीछे मुड़कर देखने के लिए विवश नहीं कर पाया। यही कारण है कि उनकी पहचान सोनभद्र ही नहीं आसपास के जिले में भी खेल और खेलों के महापुरुष के रूप में बनी हुई है।
संकट मोचन झा बताते हैं कि वह बचपन से ही क्रिकेट के दीवाने थे। 14 वर्ष की उम्र में ही उनका क्रिकेट के प्रति गहरा लगाव हो गया था। उन्होंने बदलते हुए दौर के साथ ही ओबरा के खेल मैदान में खेलकूद के जरिए खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का काम किया, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित कर पिछड़े हुए इलाके के खिलाड़ियों हौसला अफजाई किया है।
सन 2000 में महात्मा गांधी स्टेडियम में बच्चों को क्रिकेट की कोचिंग देना शुरू किया, ताकि वह बेहतर खेले और अपने गांव परिवार जनपद का नाम रौशन करें। उनका कहना है कि उस समय मेरे पास सिर्फ अनुभव था। मैंने 2006-7 में जब गांधी स्टेडियम में क्रिकेट प्रतियोगिता किया तो क्रिकेट खेलने वालों की लाइन लग गई थी, युवा खिलाड़ियों का जोश व जुनून देखते बन रहा था।
अब छठवें मास्टर ब्लास्टर टी 20 कप 2024 का भव्य आयोजन कर उन्होंने सोनआंचल के खिलाड़ियों में जोश जुनून भरने का न केवल काम किया है अपितु क्षेत्र को गौरवान्वित भी किया है। इस प्रतियोगिता के सफल आयोजन से निश्चित तौर पर संकट मोचन झा का कद बढ़ गया है।
Jan 30 2024, 17:29