मुजफ्फरपुर:- 800 राउंड जिंदा कारतूस के साथ कुख्यात तस्कर गिरफ्तार- अलग अलग जिलों में करता था सप्लाई

 मुजफ्फरपुर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, गुप्ता सूचना के आधार पर विशेष टीम ने जिंदा कारतूस की एक बड़ी खेप के साथ कुख्यात तस्कर को किया गया गिरफ्तार.

 दरअसल जिले के बेनीबाद ओपी क्षेत्र से करवाई में मिली सफलता. बताया गया की DIU ने तस्कर के पास से तकरीबन 800 गोलियां बरामद किया, 

जो की 20अलग अलग पैकेट में रखा हुआ था, जो की अलग अलग जिलों में तश्करी करता था, वही पकड़ा गया आरोपी मो आशिक अंसारी के पास से 11 अलग अलग कंपनी के मोबाइल फोन बरामद. गुप्त सूचना के आधार पर करवाई करते हुए तस्कर किया गया है गिरफ्तार.

एनडीए सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक खत्म, इन चार एजेंडों पर लगी मुहर

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डेस्क : बिहार में एनडीए की सरकार बनने का बाद आज पहली कैबिनेट की बैठक हुई। इस पहली कैबिनेट की बैठक में चार एजेंडों पर मुहर लगी। 

वहीं, कैबिनेट बैठक शुरू होने से पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश के ऑफिस पहुंचकर बात की। सचिवालय में लगे RJD-कांग्रेस के मंत्रियों के नेम प्लेट उखाड़ दी गई है। जेडीयू के पुराने मंत्रियों के नेम प्लेट को ढंक दिया गया है। तेजस्वी के बंगले के बाहर लगी डिप्टी सीएम की नेम प्लेट को भी ढंका गया है।

बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की जो तारीख थी उसे रद्द कर दिया गया है और अब नए सिरे से इसकी तारीख तय की जाएगी।

बैठक के चार एजेंडों में संसदीय कार्य से दो और वित्त विभाग के दो एजेंडे थे। सदन की कार्यवाही बुलाए जाने के लिए सीएम नीतीश को अधिकृत किया गया है। कोई डेट तय नहीं किया गया है। बजट सत्र 5 फरवरी को आगे बढ़ाया गया है। 

बैठक खत्म होने के बाद नीतीश सीएम हाउस पहुंच गए हैं। जेडीयू सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं। आज मंत्रिमंडल का विस्तार और विभागों का बंटवारा हो सकता है।

बार बार पाला बदलने वाले नीतीश 9वीं बार बने सीएम, जानें कब कब मारी पलटी?

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बिहार में पिछले एक दशक की सियासत पर गौर करें तो देखेंगे कि राज्य में हर साल डेढ़ साल में सरकार बदल जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बदलता। सत्ता के केन्द्र में नीतीशे कुमार का ही नाम होता हैं। इसकी वजह है कि नीतीश एक दशक से कम वक्त में अबतक पांच बार पाला बदल चुके हैं। रविवार को नीतीश कुमार ने ‘महागठबंधन’ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और दोबारा एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली।अब तक पांच पर गठबंधन बदल चुके नीतीश नौवीं बार सीएम बने हैं।

1985 में पहली बार विधायक बने

नीतीश ने 1974 के छात्र आंदोलन के जरिये राजनीति में कदम रखा, 1985 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद नीतीश कुमार ने पलटकर नहीं देखा और सियासत में आगे बढ़ते चले गए। लालू प्रसाद यादव 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 1994 में नीतीश ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नीतीश और लालू एक साथ जनता दल में थे, लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षा में दोनों के रिश्ते एक दूसरे से अलग हो गए।साल 1994 में नीतीश ने जनता दल छोड़कर जार्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया। इसके बाद साल 1995 में वामदलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़े, लेकिन नतीजे पक्ष में नहीं आए। नीतीश ने लेफ्ट से गठबंधन तोड़ लिया और 1996 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बन गए। नीतीश कुमार की राजनीतिक प्रसिद्धि तब बढ़ी जब उन्हें एनडीए सरकार में रेल मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।

यहां से नीतीश का 'पलटी' फार्मूला गूंजा

इसके बाद नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ 2013 तक साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे और बिहार में सरकार बनाते रहे। इस दौरान राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा था। यह बात साल 2012 की जब बीजेपी में नरेंद्र मोदी का कद बढ़ने लगा था। मोदी के बढ़ते हुए कद को देखकर नीतीश कुमार एनडीए के अंदर असहज महसूस करने लगे। यही वजह रही कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इस लोकसभा चुनाव का यह परिणाम हुआ कि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। क्योंकि जेडीयू को केवल दो सीट ही हासिल हुई थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया और 2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बने। विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई।

करीब ढाई साल बाद 2017 में नीतीश कुमार ने फिर से चौंकाया। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का आईआरसीटीसी घोटाले में नाम आया। इस घटना के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन समाप्त कर दिया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीएम पद छोड़ने के तुरंत बाद वो भाजपा में शामिल हो गए। साथ ही गठबंधन करके सरकार बना ली। इसके बाद 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। इस चुनाव में नीतीश की पार्टी जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें हासिल हुईं। भाजपा को 74 और आरजेडी को 75 सीटें हासिल हुईं, लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री के सिंहासन पर नीतीश कुमार ही विराजमान हुए।

एक बार फिर एनडीए के साथ

इसके दो साल बाद 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी। नीतीश को अब बीजेपी से दिक्कत होने लगी थी। नीतीश कुमार ने कई कारण बताते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया साथ ही भाजपा से अपना रिश्ता खत्म कर लिया। इसके साथ नीतीश कुमार ने आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर सरकार बना ली और राज्य का डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बनाया। डेढ़ साल के बाद नीतीश कुमार का मन फिर से बदल गया है और अब फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।

कल सत्ता से हुए बाहर, आज ईडी ने घेरा, नीतीश के पलटते ही बढ़ी लालू-तेजस्वी की मुश्किलें

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बिहार में एक बार फिर बड़ा उलटफेर हुआ है। नीतीश कुमार पलटी मारते हुए एनडीए खेमे में वापस हो गए हैं। इस बीच लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। लैंड फॉर जॉब्स केस में आज ईडी लालू यादव से पूछताछ कर सकती है। इसके लिए दिल्ली से भी ईडी के अफसर आए हैं। लालू समर्थकों का ईडी ऑफिस और राबड़ी आवास के बाहर जुटना शुरू हो गया है। पटना ईडी ऑफिस में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके पहले ये खबर थी कि अधिकारी राबड़ी आवास जाकर लालू से पूछताछ करेंगे। हालांकि अभी स्थिति साफ नहीं है कि लालू ईडी ऑफिस आएंगे या अफसर राबड़ी आवास जाएंगे।

जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक जमीन के बदले नौकरी देने वाले घोटाला मामले में ये पूछताछ की कार्रवाई करेगी। पूछताछ की प्रक्रिया को अंजाम देने से पहले शनिवार 27 जनवरी की देर शाम तक जांच एजेंसी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में तैयारी की जा रही थी। इस केस के तफ्तीशकर्ताओं के द्वारा सवालों की फेहरिस्त तैयार की गई है। सवालों की फेहरिस्त के साथ ही अगर एक अन्य महत्वपूर्ण बात करें तो इस मामले में एक चार्जशीट भी दायर हो चुका है और दायर चार्जशीट पर दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट ने 27 जनवरी को संज्ञान ले लिया गया है। हालांकि इस मामले में 9 फरवरी को अगली सुनवाई होगी। 9 फरवरी को उन तमाम आरोपियों को कोर्ट में पेश होना है जिनके खिलाफ जांच एजेंसी ईडी के द्वारा चार्जशीट दाखिल की गई थी।

बता दें कि रविवार को जब बिहार में सियासी उठापटक तेज था तभी दिल्ली हाईकोर्ट ने भी जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू परिवार के कुछ सदस्यों को समन जारी कर दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी यादव और बेटी हेमा यादव के अलावा कुछ दूसरे लोगों को भी समन जारी किया है। समन में कहा गया है कि वे कोर्ट के सामन अगले महीने की 9 तारीख को मौजूद रहें।

यूपीए की पहली सरकार में हुआ था घोटाला

गौरतलब है कि यह घोटाला तक का है जब लालू प्रसाद यूपीए की पहली सरकार में रेल मंत्री थे। इस दौरान ईडी ने रेलवे में नौकरी के लिए जमीन से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपपत्र दाखिल करते हुए लालू यादव की पत्‍नी राबड़ी देवी, उनकी बेटियों राजद सांसद मीसा भारती और हेमा यादव सहित लालू प्रसाद के परिवार के अन्य लोगों को नामजद किया था।

बिहार की नई नीतीश सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक आज, महाधिवक्ता के मनोनयन के साथ विधानमंडल के बजट सत्र की संभावित तिथि पर होगी चर्चा

डेस्क : बिहार के लिए बीता रविवार अहम दिन रहा। जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुबह जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। फिर शाम में एनडीए के साथ गठबंधन कर नई सरकार का गठन करते हुए एकबार फिर सीएम पद की शपथ ली। 

नई सरकार गठन के बाद उसी दिन मंत्रिमंडल की पहली बैठक होती रही है पर अपरिहार्य कारणों से बीते रविवार को बैठक नहीं हो सकी। वहीं आज सोमवार को नीतीश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक 11.30 बजे से प्रस्तावित है। 

नई एनडीए सरकार की कैबिनेट की इस पहली बैठक में महाधिवक्ता के मनोनयन के साथ विधानमंडल के बजट सत्र की संभावित तिथि व अन्य प्रस्ताव पर चर्चा होगी और निर्णय लिए जाएंगे। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। नई सरकार बनने से 5 फरवरी से होने वाले बजट सत्र का मामला खत्म हो गया है। इसके लिए अब नयी तिथि घोषित होगी।

नीतीश कुमार के पाला बदलकर एनडीए के साथ जाने पर बोलें पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, 2024 में खत्म हो जायेगा जदयू

डेस्क : बीता रविवार बिहार के लिए बड़ा दिन रहा। पिछले कई दिनों से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच महागठबंधन की सरकार का पतन हुआ और एकबार नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार में एनडीए की सरकार भी बन गई। नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 9 वीं बार मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया।

इधर नीतीश कुमार के एकबार फिर पाला बदलने पर राजद नेता व पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि हम अभी पूरे पत्ते नहीं खोलेंगे। हम जो कहते हैं, वह करके दिखाएंगे। 

तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड 2024 में खत्म हो जाएगा। जनता हमारा साथ देगी। भाजपा को मेरी शुभकामनाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम अलग नहीं हुए, वो यहां से गए हैं। जो गठबंधन बनाया है उसकी हत्या नहीं कर सकते। अब हम जनता के बीच जाएंगे।

उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य नौकरी, रोजगार, आर्थिक न्याय, बेहतर चिकित्सा व शिक्षा रहा है। बिहार का विकास हो, ज्यादा से ज्यादा निवेशक यहां आएं ये लक्ष्य लेकर चले। उन्होंने भाजपा से अपनी तुलना करते हुए कहा कि आप भाजपा के 17 साल और 17 महीने का हमारा काम देखिए। हमने ऐतिहासिक काम करके दिखाया है। बिहार में जाति आधारित गणना हुई, आरक्षण बढ़ाया गया, शिक्षा विभाग ने दो लाख से ज्यादा नियुक्ति पत्र बांटा, साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को राजकीय दर्जा दिलाया गया, उनका मानदेय दोगुना किया गया, आईटी नीति, पर्यटन व खेल नीति लाने काम किया। इतना काम किसी सरकार ने अबतक नहीं किया था। 

वहीं तेजस्वी ने सवाल किया कि क्रेडिट लेने की बात कही जा रही है तो इसका मतलब यही है कि वे भाजपा को चेता रहे हैं, भाजपा सरकार में आयी है, काम करेगी तो क्रेडिट नहीं लेगी क्या? पीड़ा हो रही है तो हम जिम्मेवार नहीं हैं। जनता ने बड़ी पार्टी बनायी थी। हमने ईमानदारी से काम किया। पिछले दो कैबिनेट की बैठक से पब्लिक हेल्थ कैडर की फाइल रोककर रखी गई है। 

उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्पूरी जी के सिद्धांतों की बात करते हैं। आरक्षण बढ़ाये जाने पर कर्पूरी जी की सरकार जनसंघ व भाजपा ने ही गिरायी थी और आज वे उन्हीं के साथ जाकर बैठ गए हैं।

भाजपा जिला उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने श्री सम्राट चौधरी एवं श्री विजय कुमार सिंह जी को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर भी प्रसन्नता व्यक्त किया


बिहार में पुनः एनडीए की सरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद विकास के साथ ही कानून व्यवस्था भी ठीक हो जाएगी बिहार में अब डबल इंजन की सरकार बिहार के विकास के लिए कटिबद्ध है।

एनडीए सरकार के कार्यकाल को बिहार के लोगों ने देखा है पुनः बिहार में एनडीए की सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जन आकांक्षा थी कि बिहार में एनडीए की सरकार हो।

*सीएम पद का शपथ लेने के बाद बोलें नीतीश कुमार : बीजेपी के साथ पहले भी थे, और आज भी हैं, हम विकास को आगे बढ़ाएंगे*

डेस्क : बिहार में एकबार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन गई है। आज नीतीश कुमार रिकॉर्ड नौंवी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण किये। जदयू, बीजेपी, हम और एक निर्दलिय विधायक ने मंत्री पद का शपथ लिए। शपथ ग्रहण समारोह मे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। 

वहीं नौवीं बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद राजभवन से बाहर निकलने नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि बीजेपी के साथ पहले भी थे, और आज भी हैं। हम विकास को आगे बढ़ाएंगे। हम बिहार के हित में काम करते रहेंगे। बिहार में बहुत जल्द मंत्रीमंडल का विस्तार करेंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एनडीए के साथ पहले भी थे, बीच में कुछ समय के लिए दूसरे के साथ चले गए थे। अब फिर से वहीं आ गए हैं। अब इधर उधर जाने का सवाल ही नहीं है। मेरे साथ दो डिप्टी सीएम बने हैं। 

बता दें आज नई सरकार के रुप में जहां नीतीश कुमार ने सीएम पद का शपथ ग्रहण किया। वहीं भाजपा के तरफ से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उपमुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण किया है। इसके साथ ही साथ कुल 8 मंत्री को आज शपथ ग्रहण करवाया गया है। जिनमे जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, विजेन्द्र यादव शामिल है। 

वहीं बीजेपी से सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा के साथ-साथ डॉ. प्रेम कुमार और हम के संतोष कुमार सुमन, जबकि निर्दलिये विधायक , सुमीत कुमार सिंह शामिल है।

*बिहार मे एनडीए सरकार बनने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने मीडिया को किया संबोधित, कहा-अब बिहार का विकास तेजी से होगा

डेस्क : बिहार में एकबार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन गई है। आज नीतीश कुमार रिकॉर्ड नौंवी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण किये। जदयू, बीजेपी, हम और एक निर्दलिय विधायक ने मंत्री पद का शपथ लिए। शपथ ग्रहण समारोह मे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। 

वहीं शपथग्रहण समारोह के बाद जेपी नड्डा पटना स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई दी। साथ ही मंत्री बने बीजेपी नेताओं को भी बधाई थी। 

मीडिया को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बन गयी है। एनडीए की नई सरकार में नीतीश कुमार की वापसी बिहार के लिए सुखद है। अब एनडीए की सरकार में बिहार का विकास तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन बिहार के लिए बेहद जरूरी था। 

भारत की जनता पीएम मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है। अब बिहार की जनता नीतीश जी के नेतृत्व में आगे बढ़ेंगी। बिहार में नई एनडीए की सरकार बन गई है। डबल इंजन की सरकार में बिहार को आगे बढ़ाने का पूरजोर प्रयास किया जाएगा। अब बिहार में सबका-साथ सबका-विकास होगा। उज्जवल बिहार को बनाने में एनडीए गठबंधन सफल होगी। जेपी नड्डा ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में बिहार की सभी सीटे हम जीतेंगे।

कौन हैं भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, जिनका नाम बिहार में डिप्टी सीएम की रेस में है सबसे आगे

डेस्क: बिहार में जेडीयू और आरजेडी का गठबंधन टूटने के बाद अब एनडीए सरकार बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। नीतीश कुमार ने मुख्य मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नए गठबंधन में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। भाजपा में जेडीयू-बीजेपी की गठबंधन सरकार बनने पर भाजपा की ओर से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा का नाम डिप्टी सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहा है। आइए आपको बताते हैं कि ये दोनों नेता कौन हैं, जिन्हें भाजपा ने प्रदेश में 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को बंपर जीत दिलाने की जिम्मेदारी दे रखी है। 

सम्राट चौधरी

सम्राट चौधरी भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह कोइरी जाति से आते हैं। भाजपा ने वर्ष 2023 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी। सम्राट चौधरी बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता भी हैं। सम्राट चौधरी की उम्र करीब 54 वर्ष है। वह नौजवान नेताओं में गिने जाते हैं। बिहार में ओबीसी वोटरों में यादवों के बाद सबसे ज्यादा संख्या कुर्मी और कोइरी जाति की है। इसलिए भी सम्राट चौधरी भाजपा के लिए बेहद जरूरी हैं। लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (आरजेडी) का सामना करने के लिए कुर्मी और कोइरी वोटरों को साधना बेहद जरूरी है। सम्राट चौधरी भाजपा के लिए इस लिहाज से सबसे ज्यादा फिट बैठते हैं। कुशवाहा वोटरों में भी उनकी जबरदस्त पकड़ है। राजनीति पृष्ठिभूमि में देखा जाए तो वह बिहार में समता पार्टी के संस्थापक शकुनी चौधरी के बेटे हैं। शकुनी चौधरी का कुशवाकहा समाज में बड़ा नाम और पकड़ है। वह कई बार विधायक और सांसद रह चुके हैं।

1990 में राजनीति में रखा कदम

सम्राट चौधरी का राजनीति में पदार्पण 1990 में हुआ था। वह 1999 में राबड़ी की सरकार में कृषि मंत्री भी रहे थे। वर्ष 2000 और 2010 में परबत्ता विधानसभा से उन्हें विधायक चुना गया था। इसके बाद 2014 में नगर विकास विभाग के मंत्री बने। फिर 2018 में आरजेडी का दामन छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर लिया। उन्हें इसका तोहफा एनडीए सरकार में पंजायती राज्य मंत्री बना कर दिया गया। अब बिहार बीजेपी की कमान उनके हाथों में हैं। भाजपा को 2024 में बिहार में बंपर जीत दिलाने की कमान सम्राट चौधरी ही संभाल रहे हैं। 

विजय सिन्हा

भाजपा नेता विजय सिन्हा बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे थे। नीतीश के साथ भाजपा गठबंधन में वह बिहार विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। लखीसराय विधानसभा सीट से 2010 से वह विधायक बने हुए हैं। वर्ष 2017 से 20 के दौरान बिहार की गठबंधन सरकार में वह श्रम संसाधन मंत्री की भूमिका भी निभा चुके हैं। वह आरएसस बैकग्राउंड से आते हैं। 

उनके पिता शारदा रमण सिंह बाढ़ के हाई स्कूल में प्रभारी प्रिंसिपल रह चुके हैं। वर्ष 1967 में जन्मे सिन्हा ने 1982 में ही आरएसएस ज्वाइन कर लिया था। वह एएन कालेज में स्नातक के दौरान एबीवीपी के सक्रिय सदस्य रहे। उन्होंने बेगूसराय के पॉलिटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया। 1985 में बिहार पॉलिटेक्निक छात्र संघ के सचिव रहे।

वर्ष 2005 में पहली बार बने भाजपा विधायक

वह भूमिहार समुदाय से आते हैं। पहली बार 2013 में उन्हें भाजपा का प्रवक्ता बनाया गया। इससे पहले वर्ष 2000 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश संगठन प्रभारी भी रहे। 2004 में बीजेपी प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बने। वह इसके बाद बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री और बेगूसराय व खगड़िया के क्षेत्रीय प्रभारी का जिम्मा भी संभाला। 

वर्ष 2005 में विजय सिन्हा को पहली बार लखीसराय से विधायक चुना गया। 2010 से फिर लगातार इस सीट से विधायक हैं। 2017 में नीतीश सरकार में मंत्री रहे। वह भाजपा के समर्पित नेताओं में गिने जाते हैं। नीतीश कुमार से विधानसभा में अक्सर वह अपनी तीखी तकरार के लिए जाने जाते रहे हैं।