अपडेट: गणतंत्र दिवस पर सीएम सोरेन का युवाओं से आह्वान- आप हमारा साथ दें हम मिलकर करेंगे राज्य का पुननिर्माण


(झारखंड डेस्क)

गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झंडोत्तोलन के अवसर पर राज्य के युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि युवा शक्ति अपनी रचनात्मक और सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग झारखंड के नवनिर्माण में करें।

 उन्होंने कहा कि अगर युवाओं का साथ मिला, तो हमसब मिलकर झारखंड को एक समृद्ध, खुशहाल और विकसित राज्य बनाने में जरूर सफल होंगे। गणतंत्र दिवस समारोह में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य सरकार की उपलब्धियों और चलाई जा रही विकास योजनाओं की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों से अपने वादों को पूरा करते हुए उनकी सरकार ने अबुआ आवास योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत 2027 तक राज्य सरकार अपनी निधि से करीब 20 लाख परिवारों को तीन कमरों का मकान उपलब्ध कराएगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में बीस लाख योग्य परिवारों को इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा।

झारखंड को सशक्त करने के लिए गांव को मजबूत करना होगा

सीएम ने कहा कि झारखंड तभी सशक्त होगा, जब हमारा गांव मजबूत होगा। इसी ध्येय से हमारी सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। सीएम ने आगे कहा कि मजबूत इरादे और बुलंद हौसलों के साथ उनकी सरकार ने लाखों राज्य कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना शुरू की है। 35 लाख जरूरतमंदों को पेंशन, 20 लाख अतिरिक्त लोगों को राशन और 57 लाख से अधिक लोगों को सरकार वर्ष में दो बार वस्त्र प्रदान कर रही है। साथ ही झारखंड आंदोलनकारी की पहचान कर उनके आश्रितों को और परिजनों को पेंशन और सम्मान देने की योजना चलाई जा रही है। गरीब और वंचित वर्ग के युवा आज विदेश में शिक्षा ले रहे हैं. योजनाओं की गठरी बनाकर गांव-गांव और पंचायत-पंचायत लाखों जरूरतमंदों के द्वार तक सरकार पहुंच रही है।

दरवाजे पर पहुंचकर समस्या का समाधान कर रही सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जरूरतमंद को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना कार्यक्रम भी सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत सरकार आपके दरवाजे पर पहुंचकर जनता की समस्या का समाधान कर रही है. विगत 3 वर्षों में यह कार्यक्रम पूरे राज्य में संचालित हुआ है और इस प्रकार के कार्यक्रम के माध्यम से राज्य और समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाएं और सेवाएं सफलतापूर्वक पहुंच रही है।

बेरोजगारी खत्म करना सरकार का संकल्प

बेरोजगारी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी खत्म करना हमारी सरकार का महत्वपूर्ण संकल्प है. यह एक बड़ी समस्या है. यह सबके जीवन के साथ जुड़ाव विषय है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने माध्यमिक शिक्षक, सहायक अभियंता, निम्न वर्गीय लिपिक, चिकित्सक, पंचायत सचिव, सहायक लोकअभियोजक, चिकित्सा पदाधिकारी सहित कई तरह की नौकरियां प्रदान की।

प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर बनाकर जीने पर बल दिया

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन से जुड़ी हमारी समृद्ध परंपरा और प्रकृति के साथ सामंजस्य से बनकर जीने की हमारी जीवन शैली, संपूर्ण मानव जाति को जीने की सच्ची राह दिखाती है। संवैधानिक आदर्श और मूल्यों के अनुरूप हमें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए प्रगतिशील सोच के साथ विकास की राह पर हमें आगे बढ़ना होगा।

अलग-अलग विभागों की निकाली गई झांकियां

दुमका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा झंडोत्तोलन के बाद एक दर्जन विभागों की आकर्षक झांकियां निकाली । इसमें स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, सूचना जनसंपर्क विभाग, पुलिस विभाग, पेयजल स्वच्छता विभाग, खादी ग्रामोद्योग, ग्रामीण विकास अभिकरण और वन विभाग की झांकियां प्रमुख रही. इसमें पर्यटन विभाग को प्रथम पुरस्कार मिला। जबकि द्वितीय पुरस्कार जिला ग्रामीण विकास अभिकरण को और तीसरा स्थान वन विभाग को प्राप्त हुआ।

रांची में राज्यपाल और दुमका में मुख्यमंत्री ने किया झंडोत्तोलन,सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राजधानी में हाई अलर्ट


(झारखंड डेस्क)

रांची: गणतंत्र दिवस के मौके पर झारखंड की राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन झंडोतोलन किया वहीं, राज्य की उप राजधानी दुमका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झंडा फहराया। गणतंत्र दिवस को लेकर राजधानी रांची समेत पूरा राज्य अलर्ट मोड पर है और सुरक्षा के खास बंदोबस्त किए गए हैं।

डीएसपी कोतवाली के नेतृत्व में चलाए गए चेकिंग अभियान

इसी सुरक्षा के तहत 24 जनवरी की देर रात शहर के विभिन्न होटलों में चेकिंग अभियान चलाया गया। डीएसपी कोतवाली के नेतृत्व में चलाए गए चेकिंग अभियान में पुलिस विभिन्न होटलों में पहुंची और रजिस्टर के जरिए गेस्ट की जानकारी इकट्ठा की गई। सिटी एसपी ने आदेश दिया है कि हर दिन होटल और लॉज की चेकिंग होनी चाहिए। इनमें ठहरने वाले लोगों का सत्यापन किया जाए।

 उन्होंने कहा है कि होटल और लॉज में लोगों को बिना आईडी के ठहराने पर संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

सुरक्षा के लिहाज से कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं

दरअसल, पुलिस सुरक्षा के लिहाज से कोई भी कोताही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। इसीलिए शहर के विभिन्न होटलों में पुलिस में जाकर तमाम गेस्ट के डॉक्यूमेंट वेरिफाई किया। साथ ही होटल के मैनेजर और वहां ठहरे लोगों से भी पूछताछ की गई। पुलिस के अनुसार, सभी धार्मिक और संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जाएगी। साथ ही सीसीटीवी कैमरे (CCTV) से पूरे शहर में निगरानी की जाएगी। 

बता दें कि गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। भारत में संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसलिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है। गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के दिन दिल्ली के राजपथ पर झंडा फहराया जाता है

रांची में राज्यपाल और दुमका में मुख्यमंत्री ने किया झंडोत्तोलन,सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राजधानी में हाई अलर्ट


(झारखंड डेस्क)

रांची: गणतंत्र दिवस के मौके पर झारखंड की राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन झंडोतोलन किया वहीं, राज्य की उप राजधानी दुमका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झंडा फहराया। गणतंत्र दिवस को लेकर राजधानी रांची समेत पूरा राज्य अलर्ट मोड पर है और सुरक्षा के खास बंदोबस्त किए गए हैं।

डीएसपी कोतवाली के नेतृत्व में चलाए गए चेकिंग अभियान

इसी सुरक्षा के तहत 24 जनवरी की देर रात शहर के विभिन्न होटलों में चेकिंग अभियान चलाया गया। डीएसपी कोतवाली के नेतृत्व में चलाए गए चेकिंग अभियान में पुलिस विभिन्न होटलों में पहुंची और रजिस्टर के जरिए गेस्ट की जानकारी इकट्ठा की गई। सिटी एसपी ने आदेश दिया है कि हर दिन होटल और लॉज की चेकिंग होनी चाहिए। इनमें ठहरने वाले लोगों का सत्यापन किया जाए।

 उन्होंने कहा है कि होटल और लॉज में लोगों को बिना आईडी के ठहराने पर संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

सुरक्षा के लिहाज से कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं

दरअसल, पुलिस सुरक्षा के लिहाज से कोई भी कोताही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। इसीलिए शहर के विभिन्न होटलों में पुलिस में जाकर तमाम गेस्ट के डॉक्यूमेंट वेरिफाई किया। साथ ही होटल के मैनेजर और वहां ठहरे लोगों से भी पूछताछ की गई। पुलिस के अनुसार, सभी धार्मिक और संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जाएगी। साथ ही सीसीटीवी कैमरे (CCTV) से पूरे शहर में निगरानी की जाएगी। 

बता दें कि गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। भारत में संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसलिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है। गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के दिन दिल्ली के राजपथ पर झंडा फहराया जाता है

देशभर में आज 75वें गणतंत्र दिवस की धूम, पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई


देश आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। हमेशा की तरह, सभी की निगाहें वार्षिक गणतंत्र दिवस परेड पर हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भारत की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित की जाएगी। इस साल की परेड के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों हैं।

कर्तव्य पथ पर 10.30 बजे शुरू होगी परेड

गणतंत्र दिवस समारोह की सुरक्षा को लेकर ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस के जवान बैरिकेडिंग कर आने-जानेवाली हर गाड़ी की चेकिंग की जा रही है। कर्तव्य पथ पर 10.30 बजे शुरू परेड होगी। सुरक्षा के लिए 8 हजार जवान तैनात किए गए हैं।

दिल्ली में जमीन से लेकर आसमान तक सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

गणतंत्र दिवस को लेकर दिल्ली में जमीन से लेकर आसमान तक सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। दिल्ली की सभी सीमाओं को परेड खत्म होने तक सील कर दिया गया है। जमीन पर सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री के हथियारबंद जवानों को तैनात कर दिया गया है। कई मार्गां पर नाकाबंदी कर दी गई है।दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने बताया कि 'कार्यक्रम की जगह यानी कर्तव्य पथ को सुरक्षा के लिहाज से जोन में बांटा गया है। कई वीआईपी और आम जनता की सुविधा का ध्यान रखा गया है और सुरक्षा में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। खुफिया एजेंसी, दिल्ली पुलिस केंद्रीय एजेंसियों को कई तरह की सूचनाएं मिली हैं और इन सभी को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। हमारी जनता से अपील है कि वह पुलिस के निर्देशों का पालन करें और जितना हो सकें सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज 80 जवानों को मिलेगा गैलेंट्री अवॉर्ड, 6 को कीर्ति चक्र-16 शौर्य चक्र से नवाजे जाएंगे


नयी दिल्ली : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 80 जवानों के लिए गैलेंट्री अवॉर्ड का ऐलान किया. इनमें 12 वे जवान शामिल हैं जो मरणोपरांत इस वीरता पुरस्कार से नवाजे जाएंगे.

राष्ट्रपति भवन से जिन 80 जवानों को वीरता पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया गया है, इनमें छह को कीर्ति चक्र से नवाजा जाएगा इसके अलावा 16 बहादुरों को शौर्य चक्र मिलेगा. 53 जवान सेना मेडल से नवाजे जाएंगे. एक जवान नौसेना मेडल और 4 वायुसेना मेडल से नवाजे जाएंगे.

वीरता पुरस्कारों के साथ राष्ट्रपति ने विशिष्ट सेवा मेडल और युद्ध मेडल का भी ऐलान किया. इसके लिए 311 नाम चुने गए. इनमें 31 को परम विशिष्ट सेवा मेडल, चार को उत्तम युद्ध सेवा मेडल, 59 नाम अति विशिष्ट सेवा मेडल और 10 युद्ध सेवा मेडल के लिए चुने गए. इनमें 38 सेना मेडल और 10 नौसेना मेडल तथा 14 वायुसेना मेडल दिए जाएंगे. इसके अलावा 130 नाम विशिष्ट सेवा मेडल के लिए घोषित किए गए.

इन्हें मिलेगा कीर्ति चक्र

इस साल छह जवानों को कीर्ति चक्र से नवाजा जाएगा. इनमें सबसे पहला नाम मेजर दिग्विजय सिंह रावत का है, वे 21 बटालियन पैराशूट रेजीमेंट (स्पेशल फोर्स) से हैं. इसमें दूसरा नाम मेजर दीपेंद्र विक्रम का है, जो सिख रेजीमेंट की 4th बटालियन में तैनात हैं. इस सूची में पंजाब रेजीमेंट के आर्मी मेडिकल कॉर्प 26 वीं बटालियनमें तैनात कैप्टन अंशुमान सिंह का नाम भी शामिल है जिन्हें मरणोपरांत इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा. इसके अलावा मेहर रेजीमेंट 21 वीं बटालियन के पवन कुमार यादव को भी कीर्ति चक्र मिलेगा. पैराशूट रेजीमेंट के ही हवलदार अब्दुल मजीद को मरणोपरांत और राष्ट्रीय राइफल्स के 55 बटालियन में शामित पवन कुमार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से नवाजा जाएगा.

इन्हें मिलेगा शौर्य चक्र

1- मेजर मानेव फ्रांसिस, 21 वीं बटालियन, द पैराशूट रेजीमेंट (स्पेशल फोर्स )

2- मेजर अमनदीप झाकड़, 4th बटालियन द सिख रेजीमेंट

3- कैप्टन एमवी प्रांजल, 63 कॉर्प्स ऑफ सिग्नल, राष्ट्रीय राइफल्स (मरणोपरांत)

4- कैप्टन अक्षत उपाध्याय, 20 बटालियन, जाट रेजीमेंट

5- नायब सूबेदार संजय कुमार भंवर सिंह, 21 बटालियन, द महर रेजीमेंट

6- हवलदार संजय कुमार, 9 असम राइफल्स सेना

7- राइफलमैन आलोक राव, 18 असम राइफल्स (मरणोपरांत) सेना

8 – श्री परषोत्तम कुमार, सी/ओ 63वीं बटालियन, राष्ट्रीय राइफल्स सेना (सिविलियन)

9- लेफ्टिनेंट बिमल रंजन बेहरा, नौसेना

10- विंग कमांडर शैलेश सिंह, फ्लाइंग (पायलट) वायु सेना

11- फ्लाइट लेफ्टिनेंट हृषिकेश जयन करुथेदथ, फ्लाइंग (पायलट) वायु सेना

12- सहायक कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह, 205 कोबरा सीआरपीएफ

13- उप पुलिस अधीक्षक मोहन लाल जम्मू-कश्मीर पुलिस

14- सहायक उप निरीक्षक अमित रैना जम्मू-कश्मीर पुलिस

15- सब इंस्पेक्टर फ़रोज़ अहमद दार जम्मू-कश्मीर पुलिस

16- कांस्टेबल वरुण

कर्तव्य पथ पर आज रचेगा इतिहास, गणतंत्र दिवस पर पहली बार तीनों सेना की महिला टुकड़ी परेड में हो रही हैं शामिल


देश भर में आज गणतंत्र दिवस का उत्साह है। देश की राजधानी दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर 75वें गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में काफी कुछ नया देखने को मिलेगा। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार तीनों सेना- थल सेना, वायुसेना और जल सेना की महिला सैनिक शामिल होंगी। मेजर जनरल सुमित मेहता ने बताया कि इस बार तीनों सेना की महिला टुकड़ियां शामिल होंगी।

इस साल के गणतंत्र दिवस की थीम महिलाओं पर आधारित है जिसकी वजह से परेड में महिलाओं का अब तक का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। इस साल पहली बार तीनों सेनाओं की एक महिला टुकड़ी भी मार्च करेगी। केंद्रीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों में भी महिला कर्मी शामिल होंगी। परेड में 48 महिला अग्निवीर भी हिस्सा ले रहीं है। गणतंत्र दिवस समारोह परेड कैप्टन शरण्या राव थल सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी, जिसमें फ्रांस के राष्ट्रिय दिवस में पीएम मोदी के साथ अतिथि के तौर पर शामिल रहीं स्क्वॉड्रन लीडर सुमिता यादव भी हिस्सा ले रही हैं। गणतंत्र दिवस परेड में स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर भारतीय वायुसेना की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी।

फ्रांस से एक मार्चिंग दस्ता और एक बैंड दल आया

परेड में भाग लेने के लिए फ्रांस से एक मार्चिंग दस्ता और एक बैंड दल भी भारत आया है।75वें गणतंत्र दिवस की परेड में फ्रांस की 95 सदस्यीय मार्चिंग टीम और 33 सदस्यीय बैंड दल भी शिरकत करेगा। इस फ्रांसीसी दल में छह भारतीय भी हिस्सा बनने वाले हैं। इनमें सीसीएच सुजन पाठक (हेड कॉर्पोरल), सीपीएल दीपक आर्य (कॉर्पोरल), सीपीएल परबीन टंडन (कॉर्पोरल), गुरवचन सिंह (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर), अनिकेत घर्तिमागर (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर) और विकास डीजेसेगर (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर) शामिल हैं। 

दरअसल, फ्रांस में विदेशी सेना की एक कोर होती है जिसका नाम 'फ्रेंच फॉरेन लीजन' है। 1831 में स्थापित की गई फ्रेंच फॉरेन लीजन को फ्रेंच सेना का एक अभिन्न अंग माना जाता है। फ्रांसीसी मार्चिंग दल के कमांडर कैप्टन नोएल लुइस ने कहा कि यह विशिष्ट सैन्य कोर विदेशियों के लिए फ्रांसीसी सेना में कुछ शर्तों के साथ सेवा करने का मौका देता है। वर्तमान में इसमें लगभग 9,500 अधिकारी और सेनापति हैं। इस कोर में दुनियाभर से लगभग 140 देशों के लोग हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि

बता दें कि इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस के दिन मुख्य अतिथि होंगे। यह छठी बार है, जब कोई फ्रांसीसी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि बने हैं। साथ ही दूसरी बार फ्रांसीसी दल गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा ले रहा है। वहीं, इस बार 13,000 विशेष अतिथियों को बुलाया गया है।

हेल्थ टिप्स:वजन कम करना चाहते है तो नाश्ते में खाएं ये हेल्दी चीजे,तेजी से घटने लगेगा वजन


ब्रेकफास्ट यानी यानी सुबह का नाश्ता ब्रेकफास्ट को पूरे दिन का सबसे जरूरू मील माना जाता है. सुबह का नाश्ता बॉडी में दिनभर एनर्जी बनाकर रखता है. सुबह का नाश्ता ठीक से न खाने से पूरे दिन बार-बार भूख लगती है. वजन घटाने वाले ज्यादातर लोग अपने ब्रेकफास्ट को स्किप करते हैं. वही, कुछ लोग अपनी डाइट में प्रोटीन लेना शुरू कर देते हैं, जिससे उन्हें बार-बार भूख नहीं लगती और लंबे समय तक पेट भरा रहता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें को प्रोटीन फैट लॉस में बड़ी भूमिका निभाता है. इसके अलावा,ये मेटाबॉलिक रेट को भी हाई रखता है. आज यहां हम आपको कुछ ऐसी डिशेज के बारे में बताने वाले हैं, जो वजन कम करने वाले लोगों के लिए परफेक्ट मील हैं.

दलिया

दलिया को सुपरफूड भी कहा जाता है. ये खाने में जितना हेल्दी होता है, पचने में भी उतना ही आसान ही होता है. इसे खाने से बार-बार भूख नहीं है. सुबह के नाश्ते में दलिया खाकर वजन कम किया जा सकता है. अगर आप मीठा दलिया नहीं खाना चाहते हैं तो नमकीन भी बना सकते हैं.

पोहा

पोहा उत्तर भारत में खूब खाया जाता है. पोहा लो कैलोरी फूड माना जाता है. स्वाद और हेल्थ में पोहा अच्छा माना जाता है. पोहा बनाने के दौरान कई मसालों और सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे शरीर को कई सारे न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं.

उपमा

साउथ इंडियन डिश उपमा भी खाने में बेहद टेस्टी लगता है. इसे पचाना भी आसान होता है. उपमा को लाइट नाश्ता माना जाता है, जो वेट लॉस के लिए जाना जाता है. ये कुछ ही मिनटों में तैयार हो जाता है.

अंडे की भुजिया

प्रोटीन के सबसे रिच सोर्स में अंडे को शामिल किया जाता है. सुबह के हेल्दी ब्रेकफास्ट में अंडे की भुजिया का ऑमलेट को शामिल किया जा सकता है. इसमें आप अपनी मनपसंद की सब्जियां बना सकते हैं.

दिल की सेहत का रखना चाहते है ख्याल तो अपने डायट में शामिल करे ये चार चीजे


आज कल के बेतरतीब जीवनशैली में हार्ट की बीमारी आम हो गई है। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगो को बस काम की चिंता होती है, काम के प्रेशर के कारण लोग अपनी सेहत को नजर अंदाज कर देते है। अपने खान पान का ठीक से ख्याल नहीं रखते। जिस कारण कम आयु के युवा वर्ग को भी हार्ट अटैक,हार्ट फेल का खतरा बढ़ गया हैं।

दिल को हेल्दी रखने के लिए वर्कआउट के साथ-साथ सही डाइट का भी अहम रोल होता है. हेल्दी डाइट शरीर को मजबूत बनाने के साथ-साथ रोगों से लड़ने की क्षमता देता है।

रिसर्च के मुताबिक जो लोग हेल्दी डाइट फॉलो करते हैं, उनमें दिल की बीमारियों का खतरा 31 फीसदी तक कम होता है.आइए जानते है,दिल की सेहत को स्वस्थ रखने के लिए कौन-कौन से फूड खाने चाहिए।

अखरोट

अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है. ये हमारे शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करता है. रोजाना अखरोट खाने से धमनियों की सूजन को कम किया जा सकता है. अखरोट के हेल्दी फैट्स से दिल भी स्वस्थ रहता है.

संतरा

हाई ब्लड प्रेशर भी दिल की बीमारियों का संकेत हो सकता है. हाई बीपी की शिकायत रहने पर संतरा काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. इसमें विटामिन सी के अलावा पेक्टिन फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इसे नियमित खाने से हाई बीपी की समस्या भी दूर रहती है.

अलसी

अलसी भी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है. अलसी को डाइट में शामिल करने ब्लड का फ्लो ठीक रहता है. बॉडी में फाइबर और फाइटोकेमिकल्स की कमी को पूरा करने वाली अलसी को भून कर और दूसरी रेसिपीज में एड करके खा सकते हैं.

हरे रंग की सब्जियां

हरे रंग की सब्जियों में विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा, इनमें नाइट्रेट भी पाया जाता है. दिल को स्वस्थ रखने के लिए पालक, बीन्स, सरसों का सार और मेथी को डाइट में शामिल करना चाहिए. इन्हें खाने से शरीर में आयरन की कमी भी दूर होती है. हरी सब्जियां खाने से ऑक्सीजन रिच ब्लड आपके हार्ट तक आसानी से पहुंच पाता है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में उमड़ा सैलाब, दर्शन के लिए मंदिर के बाहर जुटी श्रद्धालुओं की भारी भीड़

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। आज वो पहली सुबह है, जब रामभक्त मंदिर में जाकर अपने आराध्य का दर्शन-पूजन कर सकेंगे। रामलला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में जुटने शुरू हो गए थे। रामलला आज से आम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। सभी भक्तों के लिए नव्य राम मंदिर के द्वार खुल गए हैं।

सोमवार, 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में पूरे विधि विधान से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होते ही रामभक्तों का बरसों का इंतजार खत्म हो गया और आज से हर आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेगा। रामलला के दर्शन सुबह 8 से रात 10 बजे तक होंगे। नए मंदिर में सुबह 3:30 से 4:00 बजे पुजारी मंत्र से रामलला को जगाएंगे, फिर मंगला आरती होगी। 5:30 बजे शृंगार आरती व 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे। दोपहर में मध्याह्न भोग आरती होगी। फिर उत्थापन, संध्या आरती व भगवान को सुलाते वक्त शयन आरती होगी। पहला मौका होगा जब रामलला की भोग-सेवा सभी मानक पद्धतियों से होगी। 40 दिन तक रोज रामलला का शेष अभिषेक होगा। 60 दिन तक कलाकार स्वरांजलि देंगे।

बता दें कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को संपन्न हुआ। प्राण प्रतिष्ठा में 7000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। राम मंदिर करोड़ों रामभक्तों की आस्था का प्रतीक है। मंदिर में भगवान राम की 51 इंच की मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे मैसूर के शिल्पकार अरुण योगीराज में तैयार किया है। मूर्ति में भगवान विष्णु के सभी दस अवतारों, भगवान हनुमान जैसे हिंदू देवताओं और अन्य प्रमुख हिंदू धार्मिक प्रतीकों की नक्काशी भी शामिल है।

सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विशेषःआज भी बरकरार है नेताजी की मौत का रहस्य, क्या गुमनामी बाबा ही थे नेताजी?


क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गुमनामी बाबा एक ही शख्स थे? क्या नेताजी ने ही गुमनामी बाबा बनकर अपनी ज़िंदगी के आखिरी वक्त फैजाबाद में गुमनाम ज़िंदगी के तौर पर गुज़ारी थी? ऐसे कई सवाल है जिनपर अभी भी पर्दा पड़ा है, जिनके जवाब आज दशकों बाद भी तलाशे जा रहे हैं।नेताजी की मौत का रहस्य अब भी बरकरार है।

नेताजी को लेकर दावे

क्या नेताजी की मौत 1945 में प्लेन क्रैश में ही हुई थी? इसको लेकर देश विदेश में लगातार खोज चल रही है। कई लोगों का मानना था कि नेताजी जी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई। नेताजी गुमनामी बाबा के नाम से यूपी में 1985 तक रह रहे थे। नेताजी पर रिसर्च करने वाले बड़े-बड़े विद्वानों का मानना है कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे।

ना तो मृत्यु का प्रमाण, ना ही कोई तस्वीर

दरअसल गुमनामी बाबा की मौत से पहले उनकी ज़िंदगी एक तरह से गुमनाम सी ही थी। गुमनामी बाबा बेहद रहस्यमयी तरीके से रहा करते थे।आम लोग उनका चेहरा तक नहीं देख पाते थे। थोड़े-थोड़े वक्त पर किराए का घर बदलते रहते थे।यहां तक कि उनके निजी सेवक भी हर कुछ महीने में बदल जाते थे। यहां तक तो तब भी ठीक था,लेकिन शक और सवाल उठने लगे गुमनामी बाबा की मौत के दो दिन बाद।

गुमनामी बाबा आखिरकार 1983 में फैजाबाद में राम भवन के एक आउट-हाउस में बस गए, जहां कथित तौर पर 16 सितंबर, 1985 को उनका निधन हो गया और 18 सितंबर को दो दिन बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।अजीब बात है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि वास्तव में उनका निधन हुआ है। शव यात्रा के दौरान कोई मृत्यु प्रमाण पत्र, शव की तस्वीर या उपस्थित लोगों की कोई तस्वीर नहीं है। कोई श्मशान प्रमाण पत्र भी नहीं है।वास्तव में, गुमनामी बाबा के निधन के बारे में लोगों को पता नहीं था, उनके निधन के 42 दिन बाद लोगों को ये पता चला। उनका जीवन और मृत्यु, दोनों रहस्य में डूबा रहा पर कोई नहीं जानता कि क्यों।

विष्णु सहाय आयोग गुमनामी बाब की पहचान नहीं कर सकी

गुमनामी बाबा के विश्वासियों ने 2010 में अदालत का रुख किया था और उच्च न्यायालय ने उनका पक्ष लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को गुमनामी बाबा की पहचान स्थापित करने का निर्देश दिया गया था। तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुमनामी बाबा की जांच रिपोर्ट के लिए जस्टिस विष्णु सहाय आयोग का गठन 2016 में किया। तीन साल बाद जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने अपनी रिपोर्ट यूपी विधानसभा में पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘गुमनामी बाबा’ नेताजी के अनुयायी थे, लेकिन नेताजी नहीं थे। इस रिपोर्ट को यूपी सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 

इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए लिखा है, 'आयोग द्वारा गुमनामी बाबा उर्फ भगवान जी की पहचान नहीं की जा सकी। गुमनामी बाबा के बारे में आयोग ने कुछ अनुमान लगाए हैं। जैसे गुमनामी बाबा बंगाली थे, गुमनामी बाबा बंगाली, अंग्रेजी और हिंदी भाषा के जानकार थे। गुमनामी बाबा के राम भवन से बंगाली, अंग्रेजी और हिन्दी में अनेक विषयों की पुस्तकें प्राप्त हुई हैं। गुमनामी बाबा के स्वर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के स्वर जैसा प्राधिकार का भाव था। गुमनामी बाबा नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अनुयायी थे। 

गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बात फैली

कहते हैं जब गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बातें फैलने लगीं तो नेताजी की भतीजी ललिता बोस कोलकाता से फैजाबाद आईं। फरवरी 1986 में, नेताजी की भतीजी ललिता बोस गुमनामी बाबा के कमरे में मिली वस्तुओं की पहचान करने के लिए फैजाबाद आई। पहली नजर में, वह अभिभूत हो गईं और यहां तक कि उन्होंने नेताजी के परिवार की कुछ वस्तुओं की पहचान की।

जो सामान गुमनामी बाबा के पास से मिला था।उसमें कोलकाता में हर साल 23 जनवरी को मनाए जाने वाले नेताजी के जन्मोत्सव की तस्वीरें थी।लीला रॉय की मौत पर हुई शोक सभाओं की तस्वीरें थी। नेताजी की तरह के दर्जनों गोल चश्मे थे। 555 सिगरेट और विदेशी शराब थी। सुभाष चंद्र बोस के माता-पिता और परिवार की निजी तस्वीरें भी थी। एक रोलेक्स की जेब घड़ी थी और आज़ाद हिंद फ़ौज की एक यूनिफॉर्म थी।सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जांच के लिए बने शाहनवाज़ और खोसला आयोग की रिपोर्टें,सैकड़ों टेलीग्राम और पत्र आदि जिन्हें भगवनजी के नाम पर संबोधित किया गया था।

मुखर्जी आयोग भी रहा नाकाम

यही नहीं हाथ से बने हुए उस जगह के नक़्शे भी बरामद हुए थे, जहां नेताजी का विमान क्रैश हुआ था। गुमनामी बाबा की मौत के बाद सामान के साथ कुछ ऐसी बातें भी बाहर आईं जिनको लेकर लोगों को यकीन सा होने लगा था कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे। इसके बाद गुमनामी बाबा के ही नेताजी होने की जांच के लिए कई जगह प्रदर्शन हुए।इस मामले की जांच के लिए मुखर्जी आयोग का गठन किया गया। हालांकि ये साबित नहीं हो पाया कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे।