CM विष्णुदेव साय पहुंचे शिवरीनारायण, माता शबरी के किए दर्शन


शिवरीनारायण- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज जांजगीर-चांपा जिले के दौरे पर हैं. वे यहां शिवरीनारायण में स्थित शबरी माता मंदिर में माता शबरी के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. इसके बाद अयोध्या में आयोजित भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखने सभा स्थल के लिए रवाना हो गए हैं. इस दौरान उनके साथ भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और महंत राम सुंदर दास भी मौजूद है. बता दें कि, आज अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है. इसको लेकर राम भक्तों में भारी उत्साह है. हर गली-मुहल्ले में दिवाली जैसा माहौल है और राम नाम की धुन है. वहीं राम लला के प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण देशभर में कई जगह किया जा रहा है.
प्रभु श्रीराम के नाम पर लोरमी में बनेगा विश्व रिकार्ड, 5 हजार किलो बेर से बनाई अद्भुद रंगोली…

लोरमी- छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज लोरमी दौरे पर हैं. इस दौरान श्री राम के नवीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा भी करेंगे. इस अवसर को चिर स्थाई बनाने के लिए कलाकारों ने 5 हजार स्क्वायर फीट जमीन पर 5 हजार किलो बेर से श्रीराम की अनोखी रंगोली बनाई है. छत्तीसगढ़ श्रीराम जी का ननिहाल माना जाता है. आज अयोध्या में श्री राम जी के प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा हो रहा है, जिसको लेकर छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है. जगह-जगह लोग इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम कर रहे हैं, कई स्थानों पर कलश यात्रा सहित शोभायात्रा निकाली जा रही है, वही श्रीराम के कई मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित है. इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव द्वारा आमंत्रित कलाकारों की टीम ने लोरमी हाईस्कूल मैदान में 5 हजार किलो से बेर की श्रीराम की रंगोली बनाई है, जो एक अलग ही आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. साव के दौरे के दौरान श्रीराम के नवीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अलावा कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है. इस दौरान राम मंडलियों को जिला प्रशासन की पहल से अरुण साव के हाथों वाद्य यंत्र भी प्रदान किया जाएगा.
तीन साल में छत्तीसगढ़ होगा नक्सल मुक्त, गृहमंत्री ने रोड मैप बनाने व नक्सलियों के फंडिंग के रास्तों को बंद करने के दिये निर्देश

रायपुर- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल रायपुर में छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा , केंद्रीय गृह सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, आसूचना ब्यूरो (IB) के निदेशक और CRPF के महानिदेशक सहित कई अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि तीन आंतरिक सुरक्षा स्थितियों- जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद-में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है और इनमें हिंसा में लगभग 75% की कमी आई है। इनके प्रभाव वाले भौगोलिक क्षेत्र में भी लगभग 80 प्रतिशत तक की कमी आई है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) अब उत्तरपूर्व के लगभग 80% क्षेत्रों से हटा लिया गया है। वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में हुई प्रगति की सराहना करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित भौगोलिक क्षेत्रों और हिंसा दोनों में उल्लेखनीय कमी आई है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों और सभी केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों के कारण वामपंथी उग्रवाद की समस्या अनिवार्य रूप से अब छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों तक ही सीमित है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को अगले तीन वर्षों के भीतर माओवादी खतरे से मुक्त करने की जरूरत है। गृह मंत्री ने खासकर वामपंथी उग्रवाद को बनाए रखने में सहायक पूरे तंत्र को टारगेट करने को लेकर सभी संबंधित हितधारकों द्वारा एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य पुलिस को शेष सुरक्षा कमियों को दूर करने, व्यापक जांच सुनिश्चित करने, अभियोजन की बारीकी से निगरानी करने, फंडिंग के रास्तों को बंद करने और खुफिया नेतृत्व वाले ऑपरेशन जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने मल्टी-एजेंसी सेंटर के माध्यम से साझा किए गए सभी इनपुट की समीक्षा करने और सत्यापित इनपुट को संचालित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की सम्पूर्ण कवरेज की आवश्यकता पर बल दिया और इसके लिए सुरक्षा बलों के कैंपों का उपयोग करने को कहा ताकि नजदीक के गांवों में इन योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने उल्लेख किया कि गृह मंत्रालय को छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद से अत्यधिक प्रभावित जिलों में धन के आवंटन और इसके उपयोग दोनों मामलों में लचीला होना चाहिए। गृह मंत्री ने वास्तविक अधिकारों के बारे में सभी स्थानीय शिकायतों के सक्रिय और संवेदनशील प्रबंधन की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। इसके बाद, केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश पर केंद्रीय गृह सचिव द्वारा वामपंथी उग्रवाद से अत्यधिक प्रभावित जिलों के कलेक्टरों और एसएसपी के साथ एक विस्तृत बातचीत की गई।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दूधाधारी मठ पहुंचकर किया राम दरबार का दर्शन

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अयोध्या में हो रही प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर रायपुर के दूधाधारी मठ पहुंचकर राम दरबार का दर्शन किया। गौ माता को भी भोग लगाया। शिवरीनारायण के कार्यक्रम में भी होंगे शामिल, वहीं से वर्चुअल माध्यम से श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा देखेंगे। पूरे प्रदेश में भक्ति और उत्साह का वातावरण है।

कौशल्या धाम चंदखुरी में 22 जनवरी को होगा भव्य रामोत्सव का आयोजन

रायपुर-   अयोध्या में श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर चंदखुरी स्थित कौशल्या धाम में 22 जनवरी की संध्या को रामोत्सव का भव्य आयोजन होगा। संस्कृति और पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य और सांसद सुनील सोनी के अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार मानस गायन और भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे।

छत्तीसगढ़ शासन के पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे भव्य रामोत्सव का आयोजन माता कौशल्या धाम परिसर में शाम 5ः30 बजे से प्रारंभ होगा। इस मौके पर विशेष डाक टिकिट विमोचन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक कलाकार राकेश तिवारी एवं साथी द्वारा राम वन गमन नृत्य नाटिका की प्रस्तुति कार्यक्रम में देंगे। इसके अलावा गोपा सान्याल एवं साथी द्वारा राम भजन, अल्का चंद्राकर एवं साथी द्वारा भजन, जसगीत एवं लोकगीत के साथ ही अनेक मानस मंडली द्वारा मानस गायन प्रस्तुत किए जाएंगे।

मैं अगर छत्तीसगढ़ विधानसभा का विधायक होता तो राम मंदिर पर लाता अभिनंदन प्रस्ताव : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह

रायपुर-   केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्देनजर उनके ननिहाल छत्तीसगढ़ के लोगों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि जब राम का वन गमन हुआ था, तब यहीं उन्होंने शबरी के जूठे बेर खाये थे. यहां भक्ति की अभूतपूर्व घटना घटी थी. मैं अगर छत्तीसगढ़ विधानसभा का विधायक होता तो राममंदिर पर एक अभिनंदन प्रस्ताव ज़रूर लेकर आता.

छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत समेत मंत्रिमंडल और विधायकों की मौजूदगी में अमित शाह ने कहा कि मुझे प्रबोधन के लिए जब स्पीकर और मुख्यमंत्री का फ़ोन आया था तब मैंने कहा था कि विषय सरल देना लेकिन प्रबोधन के लिए मुझे ही कठिन विषय दे दिया गया. राजनीति में प्रभावी काम कैसे करें? ये बताना ये सबसे कठिन है.

उन्होंने कहा कि मैं पांच बार विधायक रहा, एक बार राज्यसभा सदस्य और एक बार लोकसभा सदस्य के रूप में अब तक काम करने का अनुभव है. प्रबोधन का आयोजन करके बहुत अच्छा काम किया गया. जीवन के अंतिम सांस तक सीखना ही सफलता का मूलमंत्र है. जीवन के आख़िरी हिस्से तक सफल होने के लिए ये ज़रूरी है कि कुछ ना कुछ सीखते रहे. हमारी लोकतंत्र की जड़ें पाताल से भी गहरी कर पूरी दुनिया को संदेश दिया है.

अमित शाह ने कहा कि समस्याओं का समाधान करना है तो एक पत्र लिखकर प्रशासन को भेजेंगे तो वह ज्यादा कारग़र होता है.

जनता की समस्याओं को समझना बहुत ज़रूरी है. हमारा मूल काम समस्याओं का समाधान देना है. प्रसिद्धि हासिल करना नहीं. एक प्रभावी विधायक को देश भर की योजनाओं का वॉच डॉग बनकर रहना चाहिए. कठोर से कठोर बात भी शालीनता के साथ लिखकर भी कर सकते हैं, और बोल भी सकते हैं. इसे ही कटुता के साथ कहोगे तो प्रभाव ठीक नहीं जाएगा.

उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट में दिया गया मेरा हर भाषण मेरिट पर था. राजनीतिक भी था. एक सदस्य की सहभागिता सिस्टम को सुधारने के लिए भी होना चाहिए. जनता और सरकार के बीच की कड़ी विधायक होता है. विधानसभा में पूरे वक़्त बैठने वाले बहुत कम सदस्य ही मैंने देखे हैं. ऐसे में सदस्य ढेर सारी जानकारियों को गंवा देते हैं. सदन में होने वाली चर्चा पूरे राज्य के लिए होती है. ऐसी चर्चा बहुत कुछ सिखाती है.

गृह मंत्री ने कहा कि मेरा सभी विधायकों से आग्रह है कि टर्म पूरा होने के पहले सदन में जितने नियम हैं, उन सभी नियमों का पालन कर लें. जितने प्राइवेट मेंबर बिल पिछले 75 सालों में नहीं आया, उतना बिल संसद में मोदी सरकार के आने के बाद लाया गया. जब तक लेजिस्लेचर का अध्ययन नहीं करोगे, अच्छे विधायक नहीं बन सकते. सदन एक सार्वजनिक मंच नहीं होता.

अमित शाह ने कहा कि जब मैं विधायक बना था तो एक सप्ताह मैं बुजुर्ग के लिए रखता था, एक सप्ताह पत्रकार और साहित्यकार से बात करता था, एक सप्ताह युवाओं लिए, एक सप्ताह महिलाओं से बात करने के लिए रखता था. जनता हमारे लिए क्या सोचती है ये कार्यकर्ता नहीं बता सकते. ये जनता ही बता सकती है. अपने क्षेत्र के साहित्यकार, पत्रकार, अच्छे सामाजिक जानकार, महिला संगठनों के लिए काम करने वाले लोग इन सबका एक समूह बनाने की ज़रूरत है.

उपमुख्यमंत्री अरूण साव एवं वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने की विभागीय बजट की समीक्षा

रायपुर-   वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने उपमुख्यमंत्री अरूण साव की उपस्थिति में लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी व नगरीय प्रशासन विभाग के बजट सत्र को लेकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा एवं समीक्षा बैठक की।

श्री चौधरी एवं श्री साव ने बैठक में महत्वपूर्ण योजनाओं के बजट को लेकर विभागीय अधिकारियों से विस्तारपूर्वक चर्चा की। बैठक में नगरीय निकायों के अधोसंरचना, स्मार्ट सिटी रायपुर- बिलासपुर, राजकीय राजमार्गों के निर्माण व रखरखाव एवं अमृत मिशन जैसी विभिन्न योजनाओं के बजट तथा अनुदान को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान जल की गुणवत्ता की ऑनलाइन मॉनिटरिंग, जल जीवन मिशन डैश बोर्ड एवं राज्य पोर्टल निर्माण जैसे महत्वपूर्ण सुझाव भी प्राप्त हुए।

श्री चौधरी एवं श्री साव ने विभागों के बजट की समीक्षा एवं महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा करते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए।

प्रश्नों में बहुत ताकत होती है, ये लोकतंत्र की आत्मा है : अजय चंद्राकर


रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा की कार्यप्रणाली एवं संसदीय प्रक्रियाओं से अवगत कराने के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में अतिथि वक्ता के रूप में विधायक एवं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल का महत्व, प्रश्नों के प्रकार, आधे घंटे की चर्चा, विषयों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। वहीं कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने विधायकों को बजट, बजट बनाने की प्रक्रिया, उसके प्रकार तथा निर्धारण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, विधानसभा सचिव दिनेश शर्मा भी उपस्थित थे।

अजय चंद्राकर ने नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रश्नों में बहुत ताकत होती है। ये लोकतंत्र की आत्मा होती है। इसके माध्यम से जनता की प्रतिवेदनाएं परिलक्षित होती है। प्रश्नकाल का सही ढंग से प्रयोग कर एक सशक्त विधायक बना जा सकता है। प्रश्नकाल के लिए कार्यपालिका विधानमंडल एवं मंत्रीमंडल भी सामूहिक रूप से उत्तरदायी होते है। इसके माध्यम से राज्य के कार्य को जनता के समक्ष लाया जाता है। उन्होंने प्रश्नों के प्रकार तारांकित, अतारांकित एवं अल्प सूचना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक दिन में विधायक अधिकतम चार प्रश्न पूछ सकते है। इसके लिए उन्हें 21 दिन पूर्व प्रश्न की सूचना देनी होती है। प्रश्न काल रोमांचक होना चाहिए, ये आपकी तैयारी पर ही निर्भर करती है, जिससे आप अच्छे प्रश्न पूछ सके। आपके प्रश्नों में जन आकांक्षा, आपकी तत्परता, समर्पण, मौलिकता एवं गंभीरता दिखाई देनी चाहिए। उन्होंने नवनिर्वाचित विधायकों से आग्रह किया कि आप ऐसा प्रश्न करें, जिससे जनता को लाभ मिले। विधानसभा में हमें सदैव विद्यार्थी भाव से प्रवेश करना चाहिए, सीखते रहना चाहिए।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने नवनिर्वाचित विधायकों को बजट का अर्थ, बजट बनाने की प्रक्रिया, उसके प्रकार तथा निर्धारण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महालेखाकार, एक्सक्यूटिव, विधानसभा की समितियों के माध्यम से आर्थिक नियंत्रण देखा जाता है, ताकि वित्तीय अनुशासन बना रहे। आर्थिक स्थिति को देखकर ही आगामी बजट का निर्धारण किया जाता है। केंद्र और राज्य सरकार का एक ही मापदण्ड पर आय और व्यय को ध्यान रखकर बजट बनाया जाता है। उन्होंने बजट को लेकर विधायकों की जिज्ञासा को भी शांत किया।

प्रबोधन कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अजय चंद्राकर और पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने पूर्व विधानसभा डॉ. प्रेम प्रकाश पाण्डेय का आभार व्यक्त किया।

विधानसभा प्रबोधन सत्र : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय ने बजट तो विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल को लेकर दिए टिप्स

रायपुर-   विधानसभा में प्रबोधन सत्र के दूसरे दिन रविवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय और विधायक अजय चंद्राकर ने विधायकों को टिप्स दिए. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय ने जहां विधायकों को बजट के संबंध में जानकारी दी, वहीं विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल के संबंध में जानकारी दी. 

पूर्व मंत्री और विधायक अजय चंद्राकर ने प्रबोधन सत्र को लेकर मीडिया से चर्चा में कहा कि 50 नए विधायक चुनकर आए हैं. अच्छे और गंभीर लोग चुनकर आए हैं. विधायकों ने बड़ी संख्या में काफी अच्छे प्रश्न किए. विधानसभा का स्तर, बहस का स्तर अच्छा होगा. जन समस्याओं का निराकरण भी अच्छा होगा. प्रबोधन सत्र ऐसा है कि रोज अच्छा सुनने और सीखने को मिलता है. मैं भी प्रतिदिन विद्यार्थी भाव से विधानसभा में प्रवेश करता हूं.

वहीं विधानसभा प्रबोधन के दूसरे दिन का दूसरा सत्र में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय ने बजट को लेकर विधायकों को टिप्स दिए. उन्होंने कहा कि बजट का अर्थ पहले धन प्राप्ति होता था, लेकिन अब आर्थिक स्थिति को देखकर बजट का निर्धारण करते हैं. केंद्र और प्रदेश सरकार का एक ही मापदंड पर बजट बनाता है. आय और व्यय को ध्यान में रखकर बजट बनाया जाता है.

पक्ष-विपक्ष में सामंजस्य रहना चाहिए, तभी लोकतंत्र फलेगा-फूलेगा : उपराष्ट्रपति

रायपुर-   भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष के विधायकों में लगातार संपर्क और सामंजस्य होना चाहिए, तभी लोकतंत्र फलेगा-फूलेगा और सकारात्मक परिणाम देगा। आप सदन में प्रतिद्वंदी नहीं हैं, वहां सौहार्द्रपूर्ण वातावरण होना चाहिए। आप लोग सामंजस्य बनाकर जनहित में बेहतर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलते रहती है। सदन में नये विधायकों को पुराने विधायकों से भी काफी कुछ सीखने मिलेगा। उपराष्ट्रपति ने संविधान सभा के गठन और भारत के संविधान के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विधायिका के सदस्यों को संविधान को जानना जरूरी है। जनआकांक्षाओं के अनुरूप कानूनों में बदलाव विधायिका का प्रमुख कार्य है। प्रचलित कानूनों में बदलाव भारत में ही नहीं दुनिया के सभी देशों में होता है। उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में मौलिक अधिकार बहुत अहम हैं। इसके बिना प्रजातंत्र नहीं चल सकता है।

उपराष्ट्रपति ने विधायकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोई भी अधिकार बिना जिम्मेदारी के नहीं आता। आप सदन में अपने बोले हुए हर शब्द के लिए जवाबदेह हैं। आप सब लोग इतिहास का हिस्सा रहेंगे। आपके योगदान का आगे मूल्यांकन होगा। नये विधान के निर्माण में आपकी चिंता, चिंतन और मंथन दिखाई देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष की सबसे बड़ी ताकत सदन को चलने देने में है। अनावश्यक व्यवधान को जनता पसंद नहीं करती है। उन्होंने कहा कि सदन नियमों से चलता है। सभी सदस्यों को इन नियमों को मानना होता है। जनता चाहती है कि सदन में उनके मुद्दों पर चर्चा-परिचर्चा हो और जनप्रतिनिधियों द्वारा जनकल्याणकारी निर्णय लिए जाएं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि विपक्ष द्वारा सरकार की आलोचना रचनात्मक और समाधानपूर्ण होना चाहिए। विपक्ष को जनता के मुद्दों को टेलीस्कोप की तरह देखना चाहिए और सरकार के काम पर माइक्रोस्कोप की तरह नजर रखना चाहिए। राज्य के धन का सदुपयोग हो, यह बजट चर्चा के दौरान आप लोगों को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ईश्वरीय अनुकंपा छत्तीसगढ़ पर बहुत है। यह विकास की सारी संभावनाएं समेटे हुए हैं। उन्होंने सभी विधायकों से अपील की कि छत्तीसगढ़ को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाएं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के दौरान हमारे नवनिर्वाचित विधायकों को संसदीय परंपरा और कार्यप्रणाली के बारे में जानने-समझने को मिलेगा। हमारी यह छठवीं विधानसभा काफी ऊर्जावान और युवा है। हमारे 90 में से 50 विधायक पहली बार निर्वाचित होकर आए हैं, उनके लिए यह काफी उपयोगी होगा। पुराने विधायकों के लिए भी यह रिविजन का अवसर होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों ने जिन उम्मीदों से हमें चुनकर भेजा है, उसे पूरा कर पाने में हम सभी सफल होंगे, ऐसी उम्मीद है।

प्रबोधन कार्यक्रम के पहले दिन के अंतिम सत्र को उपमुख्यमंत्री अरूण साव और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी संबोधित किया। संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, उत्तरप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, राज्यसभा के महासचिव पी.सी. मोदी और छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा भी आज के अंतिम सत्र में मौजूद थे।