*वर्ष 1947 में देश को राजनीतिक आजादी मिली थी, लेकिन अब श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही देश को सांस्कृतिक स्वतंत्रता मिलने जा रही है: योग
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लखनऊ । प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने आए संतों ने रविवार को राम की पैड़ी पर प्रेस वार्ता की। इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन से लेकर देश के साधु संतों के योगदान और राजनीति पर संतों ने बात की। योगगुरु रामदेव ने वार्ता की शुरुआत करते हुए कहा कि वर्ष 1947 में देश को राजनीतिक आजादी मिली थी, लेकिन अब श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही देश को सांस्कृतिक स्वतंत्रता मिलने जा रही है। इसका सभी देशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त को लेकर कहा कि मंदिर निर्माण स्वयं प्रभु की इच्छा से हो रहा है और प्राण प्रतिष्ठा जब श्रीराम की हो तो सभी मुहूर्त दिव्य हो जाते हैं। इससे जुड़े सवाल करने वाले लोग अज्ञानी हैं। वहीं वार्ता में मौजूद साध्वी ऋतंभरा ने मंदिर आंदोलन के दिनों को याद करते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, लोग पूछते हैं कि इसका श्रेय किसे दिया जाए।





अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली/डीडीयू नगर।भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी ) तहसील कमेटी के नेतृत्व में शहीद कामरेड भोला व लालचंद की 42वीं शहादत दिवस के अवसर पर लाल चौक बबुरी पे हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजारों की संख्या में मजदूर किसान एकत्रित हुए और अपने बहादुर दिवंगत साथी कामरेड भोला व लालचंद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
Jan 22 2024, 11:59
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