गौरवपूर्ण अयोध्या का विवादित इतिहास, जिसने देश की राजनीति को सबसे ज्यादा प्रभावित किया

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अयोध्या का आरंभ जितना गौरवपूर्ण है, बाद का इतिहास उतना ही विवादित, शायद दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला विवाद रहाष हालांकि पिछली पांच शताब्दी से चला आ रहा तनाव अब खत्म हो गया है। अब वहां रामलला विराजमान होने वाले हैं।

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अयोध्या के अध्याय में विवाद की बुनियाद उस वक्त पड़ी, जब बाबर ने मंदिर तुड़वाकर मस्जिद का निर्माण कराया। आजादी के पहले से लेकर आजादी के बाद तक ये वो विवाद रहा, जिसने देश की राजनीति को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। जिसने हिंदू-मुस्लिम के बीच एक कभी ना पाटी जा सकने वाली खाई खोद दी। इसकी वजह से हिंसा और खून खराबा हुआ, लोग मारे गए, सालों तक देश की सबसे बड़ी अदालत में इस समस्या को सुलझाने के लिए सुनवाइयां हुई, दलीले पेश की गई। तक जाकर ये विवाद खत्म हुआ।

अयोध्या में उस स्थल पर मस्जिद बनवाया गया था, जिसे हिंदू अपने आराध्य भगवान राम का जन्म स्थान मानते हैं। कहा जाता है कि मुगल राजा बाबर के सेनापति मीर बाकी ने यहां मस्जिद बनवाई। जिसे बाबरी मस्जिद का नाम दिया गया। इसके साथ ही विवाद की बीज बो दी गई थी। जो साल दर साल बढ़ते बढ़ते एक विशाल वृक्ष बना गया। जिसकी शाखांए अयोध्या से निकलकर पूरे देश में छा गई। यानी ये मसला देशव्यापी बन चुका था।

कहा जाता है कि अयोध्या में इस मुद्दे को लेकर पहली सामप्रदायिक हिंसा की 1853 में हुई थी। जब निर्मोही अखाड़ा ने ढांचे पर दावा कर दिया। निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि जिस स्थल पर मस्जिद खड़ा है, वहां एक मंदिर हुआ करता था, जिसे बाबर के शासनकाल में नष्ट किया गया। अगले 2 सालों तक इस मुद्दे को लेकर अवध में हिंसा भड़कती रही। इस दौरान 1855 तक, हिंदू और मुसलमान दोनों एक ही इमारत में पूजा या इबादत करते रहे। ये वो समय था जब देश स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था। उस वक्त 1857 के पहले आंदोलन के कारण अयोध्या का मामला थोड़ा ठंडा पड़ गया। इसी दौरान 1859 में ब्रिटिश शासकों ने मस्जिद के सामने एक दीवार बना दी गई। परिसर के भीतरी हिस्से में मुसलमानों को और बाहरी हिस्से में हिंदुओं को प्रार्थना करने की अनुमति दी गई।

इस बीच दोनों समुदायों के बीच तनाव बढता ही जा रहा था। मंदिर-मस्जिद विवाद कुछ सालों में इतना भयावह हो गया कि मामला पहली बार कोर्ट में पहुंचा। हिंदू साधु महंत रघुबर दास ने फैजाबाद कोर्ट में बाबरी मस्जिद परिसर में राम मंदिर बनवाने की इजाजत मांगी, हालांकि कोर्ट ने ये अपील ठुकरा दी। जज पंडित हरिकृष्ण ने यह कहकर इसे खारिज कर दिया कि यह चबूतरा पहले से मौजूद मस्जिद के इतना करीब है कि इस पर मंदिर बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

ऐसा नहीं है कि कोर्ट के इस आदेश के बाद सबकुछ शांत हो गया। यूं कह सकते हैं कि इसके बाद से मामला और गहराता गया। जिसके बाद सिलसिलेवार चला तारीखों का सिलसिला।

प्राण-प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर पर डाक टिकट जारी, 48 पेज की किताब भी रिलीज

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22 जनवरी को अयोध्या श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है। उससे पहले देश भर में भक्ति पूर्ण माहौल देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने आज राम जन्मभूमि मंदिर पर स्मारक डाक टिकट जारी किया है। पीएम मोदी ने कुल 6 डाक टिकट जारी किये हैं।इसके साथ ही उन्होंने श्री राम पर जारी डाक टिकटों की एक पुस्तिका भी जारी की है। 48 पेज की इस किताब में 20 देशों के टिकट हैं। इसके बाद पीएम मोदी ने वीडियो संदेश भी जारी किया है।

पीएम मोदी ने कुल 6 डाक टिकट जारी किए हैं। इनमें राम मंदिर, भगवान गणेश, हनुमान, जटायु, केवटराज और मां शबरी शामिल हैं। टिकटों पर राम मंदिर, चौपाई ‘मंगल भवन अमंगल हारी’, सूर्य, सरयू नदी और मंदिर में और उसके आसपास की मूर्तियों की आकृति बनाई गई है।श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर स्मारक डाक टिकट को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इसे पंचभूत रूप दिया गया है। इसमें सूर्य की किरणों और चौपाई की स्वर्ण पत्ती इस लघु शीट को एक राजसी प्रतीक बनाती है। पांच भौतिक तत्व यानी आकाश, वायु, अग्नि, पृथ्वी और जल, जिन्हें पंचभूत के रूप में जाना जाता है, इसमें आभास कराते हैं। कुल मिलाकर ये सभी तत्व भक्ति भाव प्रदर्शित करने वाले हैं और पंचमहाभूतों का पूर्ण सामंजस्य का अहसास कराते हैं।

वहीं, 48 पन्नों की की एक पुस्तक रिलीज की गई है। जिसमें अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कनाडा, कंबोडिया और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों सहित 20 से अधिक देशों द्वारा जारी किए गए डाक टिकट शामिल हैं। यह स्टाम्प पुस्तक विभिन्न समाजों पर श्री राम की अंतर्राष्ट्रीय अपील को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है।

इस दौरान पीएम मोदी ने एक संदेश भी जारी किया। पीएम मोदी ने कहा, नमस्कार, राम राम... आज राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अभियान से जुड़े एक कार्यक्रम से जुड़ने का सौभाग्य मिला है। आज राम मंदिर को समर्पित 6 विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किए गए हैं। विश्व के अलग अलग देशों में राम से जुड़े जो डाक टिकट जारी हुए हैं। उनका एलबम भी रिलीज हुआ है। मैं सभी रामभक्तों को बधाई देता हूं। पोस्टल स्टैंप का एक काम, उन्हें लिफाफों पर लगाना, उनकी मदद से पत्र, संदेश या जरूरी कागज भेजना। लेकिन ये पोस्टल स्टैंप एक अनोखी भूमिका निभाते हैं। पीएम मोदी ने कहा, ये पोस्टल स्टैंप विचारों, इतिहास और ऐतिहासिक अवसरों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम भी होते हैं। जब कोई डाक टिकट जारी होता है, जब इसे कोई भेजता है,तो वह सिर्फ पत्र नहीं भेजता बल्कि पत्र के माध्यम से इतिहास के अंश को दूसरे तक पहुंचा देता है। ये सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं है। ये इतिहास की किताबों के रूपों और ऐतिहासिक क्षणों का छोटा रूप भी होते हैं। इनसे युवा पीढ़ी को भी बहुत कुछ जानने और सीखने को मिलता है। इन टिकट में राम मंदिर का भव्य चित्र है। पीएम मोदी ने कहा, इस काम में डाक विभाग को राम ट्रस्ट के साथ साथ संतों का भी साथ मिला है। मैं संतों को प्रणाम करता हूं।

बिलकिस केस के 11 दोषियों में से तीन पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग

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बिलकिस बानो मामले के तीन दोषी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. तीनों ने आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग की। गोविंदभाई नाई, रमेश रूपाभाई चंदना और मितेश चिमनलाल भट ने अलग-अलग कारणों से समय बढ़ाने की अपील की है। तीनों दोषियों की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा।बता दें कि इससे पूर्व 8 जनवरी को इस मामले के 11 दोषियों को सजा में छूट देने के राज्य सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था और दो सप्ताह के अंदर ही दोषियों को जेल भेजने का निर्देश दिया था।दोषियों को 21 जनवरी तक सरेंडर करना होगा। 

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दोषियों के वकील ने कहा कि समर्पण करने का समय रविवार को समाप्त हो रहा है। अदालत से गुजारिश है कि आवेदनों को जल्द सूचीबद्ध कर सुनवाई करे। जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि तीन आवेदन हैं जिनमें कहा गया है कि आत्मसमर्पण करने और जेल में रिपोर्ट करने के लिए समय बढ़ाने की मांग हैं, लेकिन बेंच का पुनर्गठन होना है। रविवार को समय समाप्त होने के कारण रजिस्ट्री पीठ के पुनर्गठन के लिए सीजेआई से आदेश मांगेगी। पीठ ने कहा कि ऐसे में अदालत कल मामले पर सुनवाई करेगी, जब सीजेआई पीठ का पुनर्गठन करेंगे।

बता दें कि साल 2002 में हुए दंगों के दौरान बिलकिस बाने को साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। साथ ही उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी की गई थी। इसी मामले में 11 दोषियों की सजा में राज्य सरकार ने कटौती की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए नया आदेश जारी किया था। न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि सजा में छूट का गुजरात सरकार का आदेश बिना सोचे समझे पारित किया गया और पूछा कि क्या ‘‘महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध के मामलों में सजा में छूट की अनुमति है’’, चाहे वह महिला किसी भी धर्म या पंथ को मानती हो। 

सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में 11 को दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इनमें से एक दोषी ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील दायर कर रिमिशन पॉलिसी के तहत उसे रिहा करने की मांग की थी। गुजरात हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुजरात सरकार से फैसला लेने के लिए कहा था। इसके बाद गुजरात सरकार ने रिहाई पर फैसला करने के लिए कमेटी का गठन किया था। कमेटी की सिफारिश पर गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था। जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट्ट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहनिया, प्रदीप मोर्दहिया, बकाभाई वोहनिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदना को रिहा किया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई के फैसले को रद्द कर दिया है।

पूरे उत्तर भारत में प्रचंड ठंड का कहर, जानें देशभर के मौसम का हाल

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आधे भारत में ठंड, गलन और कोहरे का प्रकोप जारी है। गुरुवार की शुरुआत भी कोहरे की घनी चादर के साथ हुई।जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड में आज बर्फबारी की संभावना है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया गया है। मध्य प्रदेश में सीवियर कोल्ड और बिहार में कोल्ड डे का अलर्ट है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी ठंड और कोहरे से राहत के लिए इंतजार करना पड़ेगा।दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी के कुछ हिस्सों में कोहरा रहेगा।वहीं मौसम विभाग ने 18 जनवरी को बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है।

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मौसम विभाग ने ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड में बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है। पहाड़ों पर बर्फबारी से उत्तरी भारत में ठंड और बढ़ सकती है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में मौसम विभाग ने कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है।बिहार में कोल्ड डे और एमपी में सीवियर कोल्ड की संभावना जताई गई है। बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में आज बारिश की संभावना है। स्काईमेट के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड और सिक्किम में ओले गिर सकते हैं

दिल्ली में ठंड का यलो अलर्ट

दिल्ली में मौसम विभाग की ओर से ठंड को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। आज पारा गिरेगा और कोहरे के कारण भी परेशानी होगी। इस बीच कोहरे के कारण कम दृश्यता के चलते आईजीआई हवाईअड्डे पर कई उड़ानों के संचालन में देरी हुई है। कुछ उड़ानें रद्द भी हो गई हैं जिससे एयरपोर्ट पर यात्री हैरान-परेशान हैं। घने कोहरे के कारण देश के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली आने वाली 18 ट्रेनें देरी से चल रही हैं।प्रादेशिक मौसम विभाग की ओर से बृहस्पतिवार को पारा लुढ़केगा इस दौरान 5 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। वहीं, आसमान साफ रहेगा और सुबह से समय हल्के से मध्यम स्तर पर कोहरा छाए रहने की आशंका है। 

हरियाणा-पंजाब में कैसा रहेगा मौसम?

मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली समेत उत्तर भारत में अभी ठंड से राहत न मिलने की उम्मीद जताई है। हालांकि, धूप निकलने के चलते दिन में तापमान में वृद्धि होने की संभावना है। लेकिन कोहरा ऐसा ही बना रहेगा। हरियाणा और पंजाब में दो से तीन दिन तक सीवियर कोल्ड का अलर्ट है।

यूपी का मौसम

उत्तर प्रदेश को भीषण ठंड ने अपनी चपेट में ले रखा है। पूर्वी हवाओं के कारण वातावरण में नमी देखने को मिल रही है। इस कारण लोगों को भीषण सर्दी और गलन की मार झेलनी पड़ रही है। वहीं यूपी को भी कोहरे और ओस ने अपनी चपेट में ले रखा है। लखनऊ में गुरुवार को कुछ स्थानों पर हल्की बारिश जैसी संभावना बनती दिख रही है। आसमान में बादलों की आवाजाही बनी हुई है। वहीं लखनऊ के न्यूनतम तापमान में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक सुबह 10 बजे तक राजधानी लखनऊ में बादलों का प्रभाव दिखेगा। साथ ही कुछ स्थानों पर हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। वहीं पश्चिमी यूपी के अधिकांश इलाकों में कोहरे का असर दिख रहा है। साथ ही दोपहर के बाद धूप निकलने की संभावना है।

बिहार में कैसा रहेगा मौसम

बिहार में कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। घना कुहासा और बारिश जैसी स्थिति से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे राज्य में कोल्ड डे घोषित किया गया है। साथ ही कुहासे के कारण ठंड और बढ़ गई है। हालत यह है कि 17 जनवरी को दिन में कैमूर का तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस, बक्सर में 12 डिग्री, मुजफ्फरपुर में 13 डिग्री और गोपालगंज में 13.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। आज यानी 18 जनवरी को भी पूरे बिहार में कोल्ड डे जारी रहेगा। आज बिहार के अधिकांश जिलों में घना कुहासा के बीच शीत दिवस जैसी स्थिति बनी रहेगी। 18 जनवरी को न्यूनतम तापमान 14 डिग्री और अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।

अरविंद केजरीवाल ने की चौथे समन की भी अनदेखी, आज भी ईडी के सामने नहीं होंगे पेश

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज कथित शराब घोटाला मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होना है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि वो पेश नहीं होंगे।ईडी ने पिछले सप्ताह सीएम केजरीवाल को चौथी बार समन जारी करते हुए उन्हें 18 जनवरी को पेश होने के लिए कहा था। हालांकि वह आज ही गोवा की 3 दिवसीय यात्रा के लिए रवाना होने वाले हैं।

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दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बुधवार को बताया कि ईडी के सामने सीएम केजरीवाल के पेश होने की संभावना नहीं है, क्योंकि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों की जायजा लेने के लिए उनका तीन दिन के दौरे पर गोवा जाने का कार्यक्रम है। बताया गया है कि सीएम केजरीवाल गुरुवार सुबह शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद वे गोवा के लिए रवाना हो जाएंगे।यह यात्रा पहले से निर्धारित है। मुख्यमंत्री पहले 11 जनवरी से गोवा के दो दिवसीय दौरे पर जाने वाले थे, लेकिन उन्हें इसे स्थगित करना पड़ा था।

ईडी ने केजरीवाल को पेश होने के लिए चौथा नोटिस भेजा है और 18 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया। इससे पहले दिल्ली के सीएम ने एजेंसी के नोटिस को गैरकानूनी करार दिया था। साथ ही साथ केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वह उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले गिरफ्तार करना चाहती है।

मुख्यमंत्री इससे पहले आए ईडी के तीन समन पर सवाल खड़ा कर चुके हैं। उन्होंने तीनों बार ईडी को लिखित में जवाब भेजकर उसके समन को गैर कानूनी करार दिया। उन्होंने तीनों बार कहा कि ईडी के समन में उनको तलब करने का कारण स्पष्ट नहीं है। वह जब अपने समन में स्थिति स्पष्ट कर देगी तब वह उसके समक्ष पेश होेनेे के बारे में विचार करेंगे। उन्होंने पिछली बार ईडी से लिखित में सवाल भेजने का भी सुझाव दिया था।

24 घंटे के अंदर पाकिस्तान ने लिया बदला, ईरान के भीतर घुसकर एयरस्ट्राइक में आतंकी ठिकानों को किया तबाह

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ईरान ने मंगलवार को बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी ग्रुप जैश अल-अदल के ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था। जिसके जवाब में अब पाकिस्तान ने भी ईरान में आतंकियों के ऊपर कार्रवाई की है।मीडिया के अनुसार, पाकिस्तानी वायुसेना ने ईरान की सीमा में आतंकी ठिकानों पर हमला किया।पाकिस्तान की सेना के मुताबिक, वायुसेना ने बुधवार रात पूर्वी ईरान में सरवन शहर के पास बलूच आतंकवादी समूह पर कई हवाई हमले किए हैं।पाकिस्तान ने ईरान के हमले के एक दिन बाद ही ईरान में आतंकवादी ठिकानों पर कथित हमला किया है।

खबर है कि पाकिस्तानी वायु सेना ने पूर्वी ईरान में सरवन शहर के पास, पाकिस्तान की सीमा से सटे सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में लगभग 20 मील की दूरी पर एक बलूच आतंकवादी समूह पर कई हवाई हमले किए हैं। पाकिस्तानी मीडिया में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि इस हमले के बाद आतंकियों के ठिकाने पर भीषण आग लग गई, जिससे आसपास के इलाके में काफी धुआं फैल गया।

पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट पाकिस्तान डेली के मुताबिक, पाकिस्तान ने ईरान में बलूच लिबरेशन आर्मी और बलूच लिबरेशन फ्रंट के ठिकानों को निशाना बनाया. इसने पाकिस्तानी एयरफोर्स की इस एयर स्ट्राइक के बाद का एक कथित फुटेज भी जारी किया है, जिसमें वहां एक बड़ा का गड्ढा बना दिख रहा है। वीडियो में वहां घटनास्थल पर कई लोग टॉर्च लेकर खड़े दिख रहे हैं।हालांकि ईरान की तरफ से इन हमलों की कोई पुष्टि नहीं की गई है।

इस बीच, ईरानी सेना का बयान भी सामने आया है।उसने कहा है कि पाकिस्तान-ईरान बॉर्डर पर एक आतंकी हमले में एक कर्नल की मौत हो गई है। कर्नल हुसैन अली पर आतंकियों ने हमला किया था। वह ईरानी सेना (आईआरजीसी)के सलमान यूनिट में तैनात थे। इसी यूनिट ने पाकिस्तान के जैश अल अदल के खिलाफ ख़ुफिया सूचना दी थी। पाकिस्तान के ईरान पर किए गए एयरस्ट्राइक से ठीक पहले आईआरजीसी के अधिकारी को मारा गया था।

वहीं, पाकिस्तानी हमले से पहले ईरान के विदेश मंत्री आमिर-अब्दुल्लाहियान ने कहा था कि दोनों देशों के बीच भाईचारे वाले संबंध हैं। विदेश मंत्री ने कहा था कि ईरान ने भले ही पाकिस्तान के इलाके पर हमला किया लेकिन वह हमला पाकिस्तान पर नहीं बल्कि पाकिस्तान में छिपे ईरानी आतंकवादियों पर किया गया था। उन्होंने कहा, जैश उल-अदल एक ईरानी आतंकवादी संगठन है। उसने पाकिस्तान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के कुछ हिस्सों में शरण ली हुई है।

तेजी से बूढ़ा हो रहा चीन, नहीं बढ़ रही जनसंख्या, लगातार दूसरे साल आई गिरावट

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पड़ोसी मुल्क की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। वजह है चीन में जनसांख्यिकी में आ रही गिरावट।बुधवार को चीन की सरकार ने वार्षिक आंकड़े जारी किए। जिनके अनुसार, चीन में साल 2023 में आबादी में 20 लाख की गिरावट आई। चीन की जनसंख्या 2023 में लगातार दूसरे साल कम हुई है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) ने बुधवार को आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि 2023 में देश की जनसंख्या गिरकर 1.409 बिलियन हो गई है। ये बीते साल यानी 2022 में 1.4118 बिलियन थी। यानी एक साल में चीन की आबादी करीब 27 लाख घटी है। अर्थव्यवस्था में गिरावट से जूझ रहे चीन में घटती आबादी से जनसांख्यिकीय चुनौतियां गहरा रही हैं, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगी।

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चीन की जन्म दर प्रति 1,000 लोगों पर 6.39 जन्मों के साथ रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई, जो एक साल पहले 6.77 से कम थी, जो 1949 के बाद से सबसे निचला स्तर था। 2023 में चीन में 9.02 मिलियन शिशुओं का जन्म हुआ, जबकि 2022 में 9.56 मिलियन बच्चों का जन्म हुआ था। चीन में काम करने वालों लोगों की उम्र यानी 16 से 59 आयु वर्ग के लोग 2022 के मुकाबले 10.75 मिलियन कम हो गए जबकि 60 से ऊपर के बुजुर्गों की संख्या 2022 से 16.93 मिलियन बढ़ गई।

युवाओं का शादी से मोहभंग

चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन अब इसकी रफ्तार धीमी हो रही है। यहां के युवा बेरोजगार हैं। नौकरी मिल नहीं रही है। खर्चा कैसे चलेगा। इसी डर की वजह से वे शादी नहीं कर रहे हैं। वे मान रहे हैं कि उनके लिए अकेले रहना बेहतर विकल्प है। युवाओं का शादी से मोहभंग होने के कारण विवाह के पंजीकरण में गिरावट आई है। चीन कभी दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश था, लेकिन आज वो जनसंख्या में आ रही गिरावट से जूझ रहा है। पिछले साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए विवाह और बच्चे के पालन-पोषण की एक नई संस्कृति को सक्रिय रूप से विकसित करना आवश्यक है। स्थानीय सरकारों ने भी नए परिवारों को प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग उपायों की घोषणा की है। इसमें टैक्स में छूट, नए घर पर सब्सिडी के साथ-साथ दुल्हन की उम्र 25 वर्ष या उससे कम होने पर विवाह के लिए कैश प्राइज शामिल है।

चीन में जन्म दर में आई गिरावट

वन चाइल्ड नीति की वजह से चीन की जन्म दर में तेज गिरावट आई है और अब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था आबादी में गिरावट की समस्या से जूझ रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले सालों में चीन में यह समस्या और भी विकराल हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या फंड डाटा के अनुसार, भारत अब चीन को पछाड़कर दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। भारत की जनसंख्या पिछले साल 142.86 करोड़ दर्ज की गई। चीन की आबादी 140 करोड़ है। चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स ने बताया है कि चीन में बीते साल 90 लाख बच्चे पैदा हुए, जो कि साल 2022 में पैदा हुए 95.6 लाख बच्चों से 5 प्रतिशत कम हैं।  

घटती आबादी चीन के लिए मुश्किल बनी

चीन ने बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए साल 1980 वन चाइल्ड पॉलिस लागू की थी, तब बढ़ती आबादी देश के विकास में बाधा बन रही थी। अब घटती आबादी चीन के लिए मुश्किल पैदा कर रही है। अर्थव्यवस्था में गिरावट बढ़ती बेरोजगारी लोगो बच्चे पैदा करने से हतोत्साहित कर रहे हैं। बच्चे पैदा होने के बाद बढ़े वाले खर्च की वजह से लोग इससे भाग रहे हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि लगातार घटती जन्म दर देश के आर्थिक विकास के लिए खतरा साबित हो सकती है। चीन में जनसंख्या दर 2016 से ही कम हो रही है। बीते कुछ समय में चीन में बड़े परिवार के लिए प्रोत्साहित भी किया गया है लेकिन इसका जमीन पर असर होता नहीं दिखा है। चीन में आबादी घटने का क्रम जारी रहा तो देश बूढ़ा हो जाएगा और काम करने वाले लोग घट जाएंगे। इससे चीन की इकोनॉमी पर बड़ा संकट आ जाएगा।

केजरावील को नहीं मिला रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का न्योता, बताया कब है राम मंदिर जाने का प्लान

#cm_arvind_kejriwal_said_i_have_not_received_invitation_for_ramlala_pran_pratishtha

राम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर न सिर्फ अयोध्या नगरी में बल्कि देश-विदेश में तैयारियां चल रही हैं। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को होना है। अयोध्या में होने वाले समारोह के लिए 700 से ऊपर वीवीआईपी गेस्ट सहित कई लोगों को न्योता भेजा गया है। नेताओं और अभिनेताओं से लेकर अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ी हस्तियों को निमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा 6,000 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बना विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' इससे खुद को दूर रख रहा है। न्योता देने के बाद भी इस नए गठबंधन के लगभग सभी प्रमुख नेता 22 जनवरी को होने वाले भव्य कार्यक्रम में नहीं आएंगे। इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा है कि मेरे पास एक लेटर आया था, जिसमें बताया गया कि मुझे 22 जनवरी का निमंत्रण देने लोग आएंगे, लेकिन अभी तक नहीं आए।

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सीएम केजरीवाल ने आगे कहा, मैं अपनी पत्नी, माता-पिता और बच्चों के साथ जाना चाहता हूं। माता-पिता को काफी चाव है। कोई बात नहीं मैं सपरिवार बाद में चला जाऊंगा। उन्होंने कहा, मुझे 22 तारीख को अपना कार्यक्रम खाली रखने के लिए कहा गया था, लेकिन उसके बाद अभी तक कोई निमंत्रण नहीं आया। उस पत्र में लिखा था कि सुरक्षा और वीआईपी मूवमेंट की दृष्टि से केवल एक व्यक्ति को आना है। मैं अयोध्या अपने पूरे परिवार को लेकर जाना चाहता हूं, मेरे माता-पिता को अयोध्या जाने का बहुत चाव है, लेकिन निमंत्रण से कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं अयोध्या जाऊंगा।

वहीं, मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना पर जानकारी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि अब तक 82,000 से अधिक वरिष्ठ नागरिक इन ट्रेनों के माध्यम से अलग-अलग जगह तीर्थ यात्रा कर चुके हैं... 22 तारीख को जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी उसके बाद हमारी कोशिश रहेगी कि अयोध्या के लिए हम ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें भेज सकें। अयोध्या जाकर भगवान राम लला के दर्शन करने के लिए लोगों में बहुत उत्साह है।

बता दें कि विपक्षी गठबंझन 'इंडिया' से किसी के भी 22 जनवरी के दिन प्राण प्रतिष्ठा में आने की खबर नहीं है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को पहले विपक्ष के तौर पर 22 जनवरी के लिए न्योता मिला था। लेकिन उन्होंने ससम्मान इसे अस्वीकार कर दिया। वहीं समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी 22 जनवरी के दिन न आकर दूसरे किसी दिन सपरिवार दर्शन करने की बात कही थी। विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को राजनीतिक रूप दिया जा रहा है

एयरस्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने ईरान के राजदूत को किया निष्कासित, अपने राजदूत को तेहरान से वापस बुलाया

#pakistan_s_tough_stance_after_iranian_air_attack

ईरान की पाकिस्तान के आतंकवादी कैंप पर मिसाइल हमले करने के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पर है। इस बीच पाकिस्तान ने बौखलाहट में ईरान के राजदूत को निष्कासित कर दिया है और तेहरान में अपने राजदूत को पाकिस्तान वापस बुला लिया है।वहीं, ईरान मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक- ईरान ने अपने बॉर्डर पर फौज की तैनाती अचानक बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की फौज आतंकियों को ढाल बनाकर ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकती है।

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मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात बलूचिस्तान में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी या ईरानी सेना) ने मिसाइल और ड्रोन से आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों पर हमले किए थे।इसके कुछ घंटे बाद रात में ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर सख्त विरोध दर्ज कराया था। ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक- इस घटना के बाद पाकिस्तान में जबरदस्त सियासी और फौजी कवायद देखी गई। रातभर मीटिंग्स का दौर चला। आर्मी चीफ आसिम मुनीर और केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर अनवार उल हक काकड़ ने फोन पर बातचीत की। इसके बाद रावलपिंडी में आर्मी कमांडर्स की मीटिंग हुई।बुधवार दोपहर विदेश मंत्रालयर की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच मीडिया से मुखातिब हुईं। कहा- हमने तेहरान में मौजूद अपने राजदूत से फौरन देश लौटने को कहा है। ईरान के एम्बेसडर को देश छोड़ने के लिए कह दिया गया है। हालांकि, इस वक्त ईरान के राजदूत अपने देश में ही मौजूद हैं। ईरान ने उकसाने वाली हरकत की है। हम इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते।

मुमताज ने आगे कहा- ईरान ने इंटरनेशनल लॉ को भी तोड़ा है। हम इसके खिलाफ UN में शिकायत दर्ज करा रहे हैं। ईरान को याद रखना होगा कि पाकिस्तान के पास जवाब देने की काबिलियत और हक दोनों हैं। इसकी जिम्मेदारी ईरान सरकार की होगी। हमने ईरान के साथ चल रही हर तरह की और हर लेवल की बातचीत बंद करने का फैसला भी किया है।

वहीं, पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक के बाद ईरान ने कहा था कि उसने पाकिस्तानी इलाके में जैश ए अदल आतंकवादी समूह के ठिकानों को मिसाइल और ड्रोन से निशाना बनाया है। हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया कि ईरान के हमलों के कारण दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लड़कियां घायल हो गईं। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने उस घटनास्थल का उल्लेख नहीं किया है, जहां ईरान ने हमला किया था। हालांकि, ईरान की सरकारी मीडिया ने कहा था कि हमला बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में हुआ था। ईरान की अर्ध-आधिकारिक तस्नीम समाचार एजेंसी ने कहा कि "इस ऑपरेशन का केंद्र बिंदु बलूचिस्तान में कोह-सब्ज़ (हरा पहाड़)" के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र था।

*एयरस्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने ईरान के राजदूत को किया निष्कासित, अपने राजदूत को तेहरान से वापस बुलाया*

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ईरान की पाकिस्तान के आतंकवादी कैंप पर मिसाइल हमले करने के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पर है। इस बीच पाकिस्तान ने बौखलाहट में ईरान के राजदूत को निष्कासित कर दिया है और तेहरान में अपने राजदूत को पाकिस्तान वापस बुला लिया है।वहीं, ईरान मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक- ईरान ने अपने बॉर्डर पर फौज की तैनाती अचानक बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की फौज आतंकियों को ढाल बनाकर ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकती है।

मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात बलूचिस्तान में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी या ईरानी सेना) ने मिसाइल और ड्रोन से आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों पर हमले किए थे।इसके कुछ घंटे बाद रात में ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर सख्त विरोध दर्ज कराया था। ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक- इस घटना के बाद पाकिस्तान में जबरदस्त सियासी और फौजी कवायद देखी गई। रातभर मीटिंग्स का दौर चला। आर्मी चीफ आसिम मुनीर और केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर अनवार उल हक काकड़ ने फोन पर बातचीत की। इसके बाद रावलपिंडी में आर्मी कमांडर्स की मीटिंग हुई।बुधवार दोपहर विदेश मंत्रालयर की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच मीडिया से मुखातिब हुईं। कहा- हमने तेहरान में मौजूद अपने राजदूत से फौरन देश लौटने को कहा है। ईरान के एम्बेसडर को देश छोड़ने के लिए कह दिया गया है। हालांकि, इस वक्त ईरान के राजदूत अपने देश में ही मौजूद हैं। ईरान ने उकसाने वाली हरकत की है। हम इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते।

मुमताज ने आगे कहा- ईरान ने इंटरनेशनल लॉ को भी तोड़ा है। हम इसके खिलाफ UN में शिकायत दर्ज करा रहे हैं। ईरान को याद रखना होगा कि पाकिस्तान के पास जवाब देने की काबिलियत और हक दोनों हैं। इसकी जिम्मेदारी ईरान सरकार की होगी। हमने ईरान के साथ चल रही हर तरह की और हर लेवल की बातचीत बंद करने का फैसला भी किया है।

वहीं, पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक के बाद ईरान ने कहा था कि उसने पाकिस्तानी इलाके में जैश ए अदल आतंकवादी समूह के ठिकानों को मिसाइल और ड्रोन से निशाना बनाया है। हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया कि ईरान के हमलों के कारण दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लड़कियां घायल हो गईं। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने उस घटनास्थल का उल्लेख नहीं किया है, जहां ईरान ने हमला किया था। हालांकि, ईरान की सरकारी मीडिया ने कहा था कि हमला बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में हुआ था। ईरान की अर्ध-आधिकारिक तस्नीम समाचार एजेंसी ने कहा कि "इस ऑपरेशन का केंद्र बिंदु बलूचिस्तान में कोह-सब्ज़ (हरा पहाड़)" के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र था।