दुनिया में किस देश के पास है सबसे ताकतवर सेना, जानें रैकिंग में भारत का स्थान

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जिस देश के पास जितना तगड़ा सैन्य संगठन है, वो उतना ही ताकतवर है। तो आखिर दुनियाभर के देशों में कौन सबसे ताकतवर है? इस सावल का जवाब मिलेगा ग्लोबल फायरपावर मिलिट्री स्ट्रेंथ रैंकिंग्स 2024 की लिस्ट से। ग्लोबल फायर पावर ओर से साल 2024 की सबसे ताकतवर सेनाओं की लिस्ट जारी की गई है। इस लिस्ट में बीते कई सालों से लगातार नंबर एक पर चल रहे अमेरिकी सेना को ही पहली रैंक दी गई है। अमेरिका के बाद दूसरा नंबर रूस को दिया गया है और तीसरे नंबर पर चीन को रखा गया है। इनके बाद चौथे नंबर पर भारत की सेना है।

जानें पाकिस्तान का पायदान

ग्लोबल फायरपावर की 2024 की सैन्य शक्ति रैंकिंग लिस्‍ट में पाकिस्‍तान को नौवें नंबर पर रखा गया है। इस रैंकिंग में भारत के बाद पांचवें नंबर पर दक्षिण कोरिया, छठे नंबर पर ब्रिटेन, सातवें पर जापान, आठवें नंबर पर तुर्किए, नौवें नंबर पर पाकिस्तान और दसवां नंबर इटली की सेना को दिया गया है।

10 सबसे कम शक्तिशाली सेना

अगर दुनिया की 10 सबसे कम शक्तिशाली सेना की बात करें तो इस मामले में पहला नंबर भूटान का है. लिस्‍ट में भूटान को दुनिया की सबसे कम ताकतवर सेना बताया गया है. भूटान के बाद दूसरे नंबर पर मोल्दोवा, तीसरे नंबर पर सुरीनामे, चौथे नंबर पर सोमालिया, पांचवें नंबर पर बेनिन, छठे नंबर पर लाइबेरिया, सातवें नंबर पर बेलीज, आठवें नंबर पर सियेरा लियोन, नौवें नंबर पर सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक और दसवें नंबर पर आइसलैंड की सेना है

बता दें कि ग्लोबल फायरपावर 145 विभिन्न देशों की रक्षा संबंधी जानकारी पर नजर रखता है। इन देशों की सैन्य शक्तियों की रैंकिंग करते समय, यह लगभग 60 कारकों को ध्यान में रखता है, जिसमें सैनिकों की संख्या, सैन्य उपकरण, वित्तीय स्थिरता, भौगोलिक स्थिति और उपलब्ध संसाधन शामिल हैं। ये कारक मिलकर पॉवरइंडेक्स स्कोर निर्धारित करते हैं, जहां कम स्कोर मजबूत सैन्य क्षमताओं का संकेत देते हैं।

ईरान का पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक, आतंकी ठिकानों को किया ध्वस्त, इस्लामाबाद ने की कड़ी निंदा

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पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगाह बना हुआ है। हालांकि, पाकिस्तान इन आरोपों का हमेशा बचाव करता है। ईरान ने जैश अल-अदल आतंकवादी समूह से जुड़े दो आतंकी ठिकानों पर बमबारी कर पाकिस्तान की पोल खोल दी है। ईरान ने पाकिस्तान में चल रहे आतंकवादी संगठनों के कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया है। ईरानी मीडिया के अनुसार ईरान के आईआरजीसी ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जैश-अल-अदल के दो आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला कर नष्ट कर दिया। इसमें 2 बच्चों की मौत हुई है और 3 बच्चियों के घायल होने की भी खबर है।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमले तुरबत और पंचकूर में स्थित आतंकवादी कैंपों पर किए गए। ये आतंकवादी कैंप बलूचिस्तान से 122 किलोमीटर पाकिस्तान की सीमा में हैं। ईरान ने मंगलवार देर रात इन आतंकी कैंपों पर कई रॉकेट हमले किए।रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी समूह ने पहले पाकिस्तान के साथ सीमा क्षेत्र में ईरानी सुरक्षा बलों पर हमले किए हैं। ईरान के सरकारी मीडिया कहा कि आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोनों से हमला कर उन्हें नष्ट कर दिया गया।

इस्लामाबाद में कड़ी निंदा की

पाकिस्तान ने दावा किया है कि ईरान के अकारण हमले में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लड़कियां घायल हुई हैं।पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने हमलों की कड़ी निंदा करते हुए एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ईरान द्वारा उसके हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की कड़ी निंदा करता है, जिसमें दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लड़कियां घायल हो गईं। बयान में कहा गया है कि यह पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। 

ईरान के दूतावास को किया तलब

अपने हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन को पाकिस्तान ने अवैध कृत्य बताते हुए कहा कि उसने तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष इसका कड़ा विरोध किया है और इस्लामाबाद ने इस घटना पर ईरान के दूतावास को भी तलब किया है

एक दिन पहले इराक-सीरिया पर भी हमला

इससे एक दिन पहले ईरान के विशिष्ट रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की ओर से इराक और सीरिया में लक्ष्यों पर मिसाइल गिराई गई थीं। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इराक के उत्तरी शहर एरिबल के पास स्थित इस्राइल की मोसाद एजेंसी पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। साथ ही गार्ड्स ने सीरिया में भी इस्लामिक स्टेट आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। आंतकी समूहों आईएस की सभाओं को तबाह करने के लिए भी ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। हमले के कारण चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए, जिन्हें पास के ही अस्पताल में ले जाया गया है।

कम नहीं हो रही महुआ मोइत्रा की मुश्किलें, पहले सांसदी गई, अब जबरन खाली कराया जाएगा सरकारी बंगला

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तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले तो घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में उनको लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। अब उनको नोटिस जारी कर सरकारी बंगला तुरंत खाली करने का निर्देश दिया गया है। टीएमसी नेता को पहले ही बंगला खाली करने को कहा गया था। संसद से निलंबन के बाद महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने के लिए कई नोटिस दिए गए लेकिन उन्होंने बंगला खाली नहीं किया। वहीं, सरकार ने अब उन्हें अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर अब उन्होंने सरकारी बंगला खाली नहीं किया तो उन्हें जबरन वहां से निकाल बाहर किया जाएगा।

नोटिस के मुताबिक, संसद सदस्यता छिनने के बाद अब वे इस बंगले की पात्र नहीं रहीं इसलिए उन्हें 9B टेलीग्राफ लेन का टाइप 5 बंगला खाली करना होगा। नियम के मुताबिक, बंगला खाली करने के लिए उन्हें एक महीने का समय दिया गया था। हालांकि, इस बीच उन्होंने कोर्ट का भी सहारा लिया था लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली।

दो बार बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया

डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने मंगलवार को उन्हें ये नोटिस भेजा। कैश फॉर क्वेरी केस में 8 दिसंबर 2023 को महुआ की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इसके बाद उन्हें दो बार बंगला खाली करने के लिए कहा जा चुका है। महुआ को सबसे पहले इस साल 7 जनवरी तक बंगला खाली करने को कहा गया था। 8 जनवरी को डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने एक नोटिस जारी करके उनसे पूछा कि उन्होंने अब तक बंगला खाली क्यों नहीं किया है। इसके बाद उन्हें 12 जनवरी को दूसरा नोटिस भेजा गया।

कैश फॉर क्वेरी केस में गई थी महुआ की सांसदी

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मुहआ पर आरोप लगाया था कि उन्होंने लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछे हैं। निशिकांत ने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से की थी। मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी बनाई गई थी। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ को दोषी माना गया था, जिसके बाद महुआ के निष्कासन का प्रस्ताव 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश हुआ था।महुआ के निष्कासन पर लोकसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी। आखिर में प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। वोटिंग में महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने प्रस्ताव पास हो गया।

प्राण प्रतिष्ठा से पहले “धार्मिक” हुआ विपक्ष, केजरीवाल के “सुंदरकांड” के बाद ममता का मंदिर वाला प्लान, राहुल जा रहे शिवधाम

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अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार करने के बाद विपक्षी दल ऊहापोह की स्थिति में हैं। देश भक्तिमय हो चुका है, राम के नारों की गूंज हर तरफ फैल रही है। ऐसे में विपक्षी दलों की बेचैना बढ़ना लाजमी है। अक्सर लोग इस बेचैनी से छुटकारा पाने के लिए भक्ति के मार्ग पर चलने लगते हैं। विपक्षी दलों के साथ भी यही हो रहा है। किसी ने सुंदरकांड का सहारा लिया है, कोई सर्वधर्म की बात कर रहा है तो कोई शिवधाम पहुंचने वाला है। भई, मामला आस्था का है। आप इस मंदिर में शीश झुकाएं या उस मंदिर में, आखिर आशीर्वाद तो देना जनता जनार्दन को है।

अयोध्‍या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह की तारीख करीब आ गई है। इसे लेकर पूरे देश में जबर्दस्‍त उत्‍साह है। 22 जनवरी को वह इंतजार खत्‍म हो जाएगा। साधु-संतों के साथ देश की तमाम नामचीन हस्तियां समारोह में शामिल होंगी। बड़े पैमाने पर उन्‍हें न्‍योता भेजा गया है। हालांकि, कांग्रेस सहित विपक्ष के कई दल बीजेपी और आरएसएस का इवेंट बताकर इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्‍योता ठुकरा चुके हैं। विपक्षी नेता 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बजाय अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने की योजना बना रहे हैं। लेकिन कार्यक्रम का विषय आस्था और धर्म ही है। 22 जनवरी को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गुवाहाटी के शिव मंदिर और कामाख्या मंदिर जा सकते हैं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में काली पूजा करेंगी, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में सुंदर कांड का पाठ करवा रहे हैं।

अब सवाल ये उठ रहा है कि प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह में शामिल ना होकर कांग्रेस सहित विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल नेता इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होकर क्या संदेश देना चाहते हैं?क्या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ में शामिल होकर वे ये मैसेज देना चाहते हैं कि वे किसी भी तरह से हिंदू विरोधी नहीं हैं। लोकसभा चुनाव में अब जब कुछ ही महीने बचे हैं तो विपक्ष कतई ह‍िंदू व‍िरोधी द‍िखने का जोखिम नहीं उठा सकता है। तमाम पार्टियों को कहीं ना कहीं ये डर तो है कि बीजेपी को राम मंदिर से चुनावी फायदा पहुंचेगा। बीजेपी के लिए तो राम मंदिर उसके कोर मुद्दों में से एक रहा है। ऐसे में बाकी पार्टियां भी हिंदू वोटर्स को लुभाने में कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहतीं।

फ्लाइट में देरी से एक्शन में सरकार, अब यात्रियों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट पर होंगे 'War Room', नया एसओपी जारी

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इन दिनों कोहरे की वजह से सैकड़ों उड़ानें देरी से चल रही हैं या रद्द हो गईं हैं। ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।ऐसे में केन्द्र सरकार एक्शन में नजर रही है। विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को 'निकट भविष्य में स्थिति को कम करने के लिए' एयरलाइनों को मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा है कि कोहरे की वजह से हुई परेशानियों को देखते हुए और यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए सभी एयरलाइन को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है।

क्या है एसओपी में?

-सभी 6 मेट्रो हवाई अड्डों के लिए प्रतिदिन तीन बार घटना की रिपोर्टिंग मांगी है।

-एसओपी और सीएआर की निगरानी और नियमित रूप से रिपोर्ट की जाएगी।

-हवाईअड्डों पर 'वॉर रूम' स्थापित किए जाएंगे।

-6 मेट्रो हवाई अड्डों पर एयरलाइन ऑपरेटरों को यात्री असुविधा के संबंध में किसी भी मुद्दे का तुरंत समाधान करने के लिए कहा गया है।

-24 घंटे CISF की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

-री-कार्पेटिंग के बाद दिल्ली हवाई अड्डे पर CAT III के रूप में RWY 10/28 का परिचालन भी किया जाएगा।

बता दें कि कोहरे की वजह से देरी को लेकर यात्रियों में भारी गुस्सा और तनाव है। यात्रियों को घंटों तक रनवे पर कतार में खड़े होकर विमान के अंदर बैठना पड़ा। रविवार रात को ये तब और भड़क गया, जब एक इंडिगो यात्री ने दिल्ली-गोवा उड़ान के कैप्टन पर हमला कर दिया, ये विमान 10 घंटे से अधिक की देरी से चल रही थी। देश के उत्तर और पूर्वोत्तर क्षेत्र में बीते 15 दिनों में सुबह के दौरान कोहरे ने सड़क और रेल के साथ हवाई यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। दिल्ली हवाई अड्डे पर सोमवार को पांच उड़ानों का मार्ग बदला गया, जबकि 100 से अधिक उड़ानों में देरी हुई।

प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन क्या कर रही हैं ममता बनर्जी? जानें 22 जनवरी का प्लान

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अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर है। पूरा देश राममय हो गया है। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है। इसी बीच प्राण प्रतिष्ठा समारोह से खुद को अलग कर चुकीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 22 जनवरी के लिए खुछ खास प्लान किया है।उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 22 जनवरी को 'सद्भाव रैली' करेगी। ये सभी धर्म को मानने वालों लोगों के लिए आयोजित की जा रही है।

ममता का मंदिर वाला प्लान

ममता बनर्जी ने कहा, मैं 22 जनवरी को एक रैली करूंगी।इसकी शुरुआत कालीघाट के काली मंदिर से होगी, जहां मैं मां काली की पूजा करूंगी। इसके बाद हम हाजरा से पार्क सर्कस मैदान तक एक अंतरधार्मिक रैली करेंगे। यहां एक बैठक करेंगे। रैली में शामिल होने के लिए सभी का स्वागत है। रैली में सभी धर्मों के लोग मौजूद रहेंगे।

सभी धार्मिक स्थलों से निकलेगा जुलूस

मुख्यमंत्री ने कहा कि टीएमसी द्वारा आयोजित जुलूस सभी मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और चर्चों से होकर गुजरेगा। उन्होंने कहा कि इसका समापन सर्कस मैदान में होगा और इसमें सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे। रैली में आम लोगों को शामिल होने का आह्वान किया गया है।ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं को शाम तीन बजे हर जिले और वार्ड में सद्भावना रैली करने का आदेश दिया है।

प्राण प्रतिष्ठा पुजारियों का काम, न कि राजनेताओं का-ममता

वहीं, राज्य सचिवालय ने कहा कि इस कार्यक्रम का किसी अन्य कार्यक्रमों से कोई लेना-देना नहीं हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से राज्य के सभी जिलों में रैली आयोजित करने को कहा है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह पुजारियों का काम है, न कि राजनेताओं का। हमारा काम राज्य को आधारभूत सुविधाओं से सुदृढ़ करना है।

*हाल ही आईं वाईएस शर्मिला को कांग्रेस ने सौंपी पार्टी अध्यक्ष की कमान, क्या पार्टी के लिए साबित होंगी तुरुप का इक्का?*

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आंध्र प्रदेश की कमान कांग्रेस ने वाईएस शर्मिला के हाथों में सौंप दी है। वाईएस शर्मिला आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। पहले से ही ये माना जा रहा था कि कांग्रेस शर्मिला को आंध्र प्रदेश की कमान सौंप सकती है। बता दें, शर्मिला सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है।आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी को सत्ता से सिंहासन तक पहुंचाने में वाईएस शर्मिला का अहम रोल रहा है, लेकिन सियासत आज ये भाई-बहन एक दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं।

आंध्र प्रदेश में तीन महीने के बाद लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस दस सालों से राज्य में सत्ता का बाहर है, लेकिन कर्नाटक और तेलंगाना की सत्ता पर काबिज होने के बाद आंध्र प्रदेश में भी उसे अपनी वापसी की उम्मीदें दिखने लगी है।कांग्रेस आंध्र प्रदेश में अपनी वापसी के लिए शर्मिला पर दांव लगाने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि इसी मद्देनजर जी रुद्र राजू का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा हुआ है ताकि शर्मिला की ताजपोशी चुनाव से पहले कर सियासी संदेश दिया जा सके। आंध्र प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष रूद्र राजू ने 15 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दिया था। ये इस्तीफा आलाकमान के इशारे पर हुआ था, क्योंकि पार्टी ने पहले ही शर्मिला की ताजपोशी की स्क्रिप्ट लिख दी थी।

वाई.एस. शर्मिला ने पिछले साल नवंबर में तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आखिरी वक्त पर कांग्रेस को अपना सपोर्ट दिया था। उन्होंने अपनी पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को चुनाव में उतारने से इंकार कर दिया था। शर्मिला ने तब कहा था कि तमाम सर्वे और जमीनी हकीकत से पता चलता है कि राज्य में कांग्रेस चुनाव जीत रही है। ऐसी स्थिति में अगर उनकी पार्टी मैदान में उतरती है तो कांग्रेस के वोट कटेंगे और इसका फायदा बीआरएस को मिलेगा। इसलिए उन्होंने अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया था। इसके बाद से ही चर्चा थी कि वाई.एस. शर्मिला को कांग्रेस इसके बदले में कुछ बड़ा इनाम दे सकती है। 

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वाईएसआर रेड्डी की बेटी वाईएस शर्मिला हैं, जिन्हें हाल ही में अपनी पार्टी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया है। वाईएसआर रेड्डी के 2009 में निधन के बाद जगन रेड्डी के कांग्रेस के साथ मतभेद हो गए थे, जिसके चलते उन्होंने 2011 में वाईएसआर कांग्रेस का गठन किया। जगन रेड्डी ने वाईएसआर कांग्रेस की कमान संभाली जबकि अपनी बहन शर्मिला को राष्ट्रीय संयोजक नामित किया था।आय से अधिक संपत्ति के मामले में जगन रेड्डी जब जेल में थे तो शर्मिला ही मां के साथ मिलकर पार्टी की कमान संभाल रही थी। चंद्रबाबू नायडू सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का काम शर्मिला ने ही किया। भाई जगन मोहन रेड्डी को सत्ता तक पहुंचाने के लिए बहन शर्मिला ने काफी मेहनत और मशक्कत की थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में शर्मिला ने जमकर भाई के लिए प्रचार किया था, लेकिन जगन रेड्डी के सत्ता में आते ही रिश्तों में खटास आ गई। शर्मिला ने 2021 में वाईएसआर कांग्रेस छोड़ दी और अपनी अलग पार्टी बना ली

*राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर बोले राहुल- ये बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम, इसमें जाना कठिन है*

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राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज तीसरा दिन है। मंगलवार की सुबह यात्रा नगालैंड की राजधानी कोहिमा के विसवेमा इलाके से शुरू हुई। राहुल गांधी सोमवार की शाम नगालैंड पहुंचे थे। सुबह राहुल गांधी ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और मुलाकात के बाद कोहिमा से अपनी यात्रा आगे बढ़ाई। 

22 जनवरी को चुनावी फ्लेवर दिया है-राहुल गांधी

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर बड़ा बयान दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक कार्यक्रम है। ये प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और आरएसएस का कार्यक्रम है।इसमें जाना कठिन है। राहुल ने कहा कि आरएसएस और भाजपा ने इस कार्यक्रम को पूरी तरह नरेंद्र मोदी फंक्शन बना दिया है। यह कार्यक्रम पूरी तरह से राजनैतिक है।आरएसएस और बीजेपी ने 22 जनवरी को चुनावी फ्लेवर दिया है इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष वहां नहीं जा रहे हैं। हम सब धर्मों के साथ हैं, जो भी वहां जाना चाहता है जा सकता है।

मैं धर्म का फायदा नहीं उठाता-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आगे कहा कि हिंदू संस्कृति के बड़े पुरोधाचार्य लोगों ने भी वहां जाने से मना कर दिया है, ऐसे में हमारे लिए वहां जाना बड़ा मुश्किल है। मैं लोगों के साथ ठीक से बर्ताव करता हूं। मैं धर्म का फायदा नहीं उठाता हूं। मैं हिंदू धर्म का पालन करता हूं लेकिन उसे शर्ट पर नहीं पहनता हूं। मैं जीवन में ही हिन्दू धर्म को अपनाता हूं जो सही है। मैं दिखाता नहीं, जो धर्म का सम्मान नहीं करते मानते नहीं वो दिखाते हैं।

भाजपा का मॉडल नफरती है- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आगेकहा कि भाजपा का मॉडल नफरती मॉडल है। हिन्दुस्तान की सरकार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), दलित और आदिवासी नहीं चलाते हैं। अन्याय की वजह से नफरत बढ़ रही है। मीडिया इन चीजों को ओवरप्ले करता है। आप एक मुद्दे को उठा कर उसे मुद्दा बना देते हैं। हमें आत्मविश्वास है जो छोटी-छोटी परेशानियां हैं वो सुलझ जाएंगी और हम भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।

'रनवे' पर बैठकर खाना खाते नजर आए यात्री, इंडिगो और मुंबई एयरपोर्ट को नोटिस*

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मुंबई एयरपोर्ट के रनवे पर बैठकर खाना खाते हुए कुछ यात्रियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि ये सभी यात्री गोवा से दिल्ली जा रहे थे। फ्लाइट इंडिगो की थी। 12 घंटे की देरी के बाद इस फ्लाइट को मुंबई की ओर डायवर्ट कर दिया गया था। इसके बाद कुछ यात्री रनवे पर ही आराम करने लगे तो कुछ यात्री वहीं बैठकर खाना खाने लगे।इस मामले में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो और मुंबई एयरपोर्ट को नोटिस जारी किया है और इस पूरे मामले पर जवाब मांगा है।

कारण नोटिस जारी

इस मामले में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद संज्ञान लिया है। उन्होंने इंडिगो और मुंबई हवाई अड्डे को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कल आधी रात में सभी मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद, MoCA के नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने इंडिगो और मुंबई हवाई अड्डे को कारण बताओ नोटिस जारी किए। इन नोटिसों का जवाब आज ही देना है। अगर दिए गए समय में जवाब नहीं दिया जाएगा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

इंडिगो ने मांगी थी माफी

इससे पहले इस घटना के लिए इंडिगो की ओर से पैसेंजर्स से माफी भी मांगी गई है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इंडिगो ने कहा है कि वह 14 जनवरी को गोवा से दिल्ली जाने वाली इंडिगो की उड़ान 6E2195 से जुड़ी घटना से अवगत है। दिल्ली में विजिबिलिटी (दृश्यता) कम होने के कारण फ्लाइट को मुंबई डायवर्ट किया गया था। इसके लिए इंडिगो अपने ग्राहकों से माफी मांगती है और फिलहाल कंपनी इस घटना की जांच रही है। इसी बीच विमानन नियामक एजेंसी डीजीसीए ने सभी एयरलाइंस से उड़ान में देरी के संबंध में सटीक वास्तविक समय की जानकारी साझा करने को कहा है। न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार डीजीसीए ने कोहरे के कारण होने वाली देरी के बारे में पैसेंजर्स को सटीक जानकारी देने को कहा है। साथ ही डीजीसीए ने कहा है कि हवाई अड्डों पर इंतजार करने वाले पैसेंजर्स को एयरलाइंस कंपनियां उड़ान में देरी के संबंध में अपडेट करती रहें।

यात्री ने को पायलट पर किया था हमला

इससे पहले, इंडिगो की नई दिल्ली-गोवा उड़ान में एक यात्री ने रविवार को सह-पायलट पर हमला कर दिया था। यात्री उड़ान में देरी से भड़क गया था। एक दिन बाद एयरलाइन ने इस घटना को लेकर अपना बयान जारी किया है। इंडिगो ने एक बयान में कहा कि रविवार को एक यात्री ने उड़ान संख्या 6E 2175 में देरी की घोषणा के दौरान हमारे 'फर्स्ट ऑफिसर' पर हमला किया। प्रोटोकॉल के मुताबिक ग्राहक को अनियंत्रित घोषित किया गया और स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंप दिया गया। इस घटना में उचित कार्रवाई करने और यात्री को 'नो फ्लाई लिस्ट' में शामिल करने के लिए मामले को एक स्वतंत्र आंतरिक समिति के पास भेजा जा रहा है।

मथुरा शाही ईदगाह के सर्वे को लेकर हिन्दू पक्ष को लगा झटका, SC ने आदेश पर रोक लगाते हुए कही ये बात

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में हिंदू पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका लग गया है। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस निर्णय पर रोक लगाई है, जिसमें शाही ईदगाह का सर्वे करने के लिए कोर्ट कमिश्नर के नियुक्त करने का आदेश भी जारी कर दिया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष 14 दिसंबर को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर के सर्वे को मंजूरी दी थी, जिसके विरुद्ध मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख भी कर लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए बोला है, इस केस में हाई कोर्ट में सुनवाई जारी रहने वाली है, लेकिन सर्वे करने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर अंतरिम रोक रहने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष पर प्रश्न उठाते हुए बोला है कि आपकी अर्जी स्पष्ट नहीं है। आपको स्पष्ट रूप से बताना होगा कि आप क्या चाह रहे हैं। इसके साथ साथ ट्रांसफर का केस भी न्यायालय में लंबित है। हमें उस पर भी निर्णय लेना है। 

शाही ईदगाह में सर्वे की मांग के लिए भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और 7 अन्य लोगों ने वकील हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन के माध्यम से इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दर्ज कर ASI सर्वे की मांग की थी। याचिका में दावा किया गया था कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीच ही है वहां कई संकेत हैं जो स्थापित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने इस बारें में कहा था कि याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष यह प्रस्तुत किया गया था कि वहां एक कमल के आकार का स्तंभ मौजूद है जो हिंदू मंदिरों की विशेषता थी।

इसके साथ साथ वहां 'शेषनाग' की एक छवि भी मौजूद है, जो हिंदू देवताओं में से एक कहे जाते हैं। उन्होंने जन्म वाली रात भगवान कृष्ण की रक्षा की थी। अदालत में यह भी प्रस्तुत किया गया कि मस्जिद के स्तंभों के निचले हिस्से पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी है। आवेदक ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि कुछ निर्धारित वक़्त अवधि के भीतर शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वेक्षण करने के उपरांत अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशिष्ट निर्देशों के साथ कमीशन की नियुक्ति की जाने वाली है। वहीं अब ख़बरें है कि मथुरा कृष्णा जन्मभूमि पर 23 जनवरी को अलगी सुनवाई की जाएगी।