फ्लाइट में देरी से एक्शन में सरकार, अब यात्रियों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट पर होंगे 'War Room', नया एसओपी जारी

#therewillbewarroomsatairports

Image 2Image 3Image 4Image 5

इन दिनों कोहरे की वजह से सैकड़ों उड़ानें देरी से चल रही हैं या रद्द हो गईं हैं। ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।ऐसे में केन्द्र सरकार एक्शन में नजर रही है। विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को 'निकट भविष्य में स्थिति को कम करने के लिए' एयरलाइनों को मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा है कि कोहरे की वजह से हुई परेशानियों को देखते हुए और यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए सभी एयरलाइन को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है।

क्या है एसओपी में?

-सभी 6 मेट्रो हवाई अड्डों के लिए प्रतिदिन तीन बार घटना की रिपोर्टिंग मांगी है।

-एसओपी और सीएआर की निगरानी और नियमित रूप से रिपोर्ट की जाएगी।

-हवाईअड्डों पर 'वॉर रूम' स्थापित किए जाएंगे।

-6 मेट्रो हवाई अड्डों पर एयरलाइन ऑपरेटरों को यात्री असुविधा के संबंध में किसी भी मुद्दे का तुरंत समाधान करने के लिए कहा गया है।

-24 घंटे CISF की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

-री-कार्पेटिंग के बाद दिल्ली हवाई अड्डे पर CAT III के रूप में RWY 10/28 का परिचालन भी किया जाएगा।

बता दें कि कोहरे की वजह से देरी को लेकर यात्रियों में भारी गुस्सा और तनाव है। यात्रियों को घंटों तक रनवे पर कतार में खड़े होकर विमान के अंदर बैठना पड़ा। रविवार रात को ये तब और भड़क गया, जब एक इंडिगो यात्री ने दिल्ली-गोवा उड़ान के कैप्टन पर हमला कर दिया, ये विमान 10 घंटे से अधिक की देरी से चल रही थी। देश के उत्तर और पूर्वोत्तर क्षेत्र में बीते 15 दिनों में सुबह के दौरान कोहरे ने सड़क और रेल के साथ हवाई यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। दिल्ली हवाई अड्डे पर सोमवार को पांच उड़ानों का मार्ग बदला गया, जबकि 100 से अधिक उड़ानों में देरी हुई।

प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन क्या कर रही हैं ममता बनर्जी? जानें 22 जनवरी का प्लान

#mamatabanerjeeannouncestmcharmonyrallyonjanuary22

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर है। पूरा देश राममय हो गया है। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है। इसी बीच प्राण प्रतिष्ठा समारोह से खुद को अलग कर चुकीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 22 जनवरी के लिए खुछ खास प्लान किया है।उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 22 जनवरी को 'सद्भाव रैली' करेगी। ये सभी धर्म को मानने वालों लोगों के लिए आयोजित की जा रही है।

Image 2Image 3Image 4Image 5

ममता का मंदिर वाला प्लान

ममता बनर्जी ने कहा, मैं 22 जनवरी को एक रैली करूंगी।इसकी शुरुआत कालीघाट के काली मंदिर से होगी, जहां मैं मां काली की पूजा करूंगी। इसके बाद हम हाजरा से पार्क सर्कस मैदान तक एक अंतरधार्मिक रैली करेंगे। यहां एक बैठक करेंगे। रैली में शामिल होने के लिए सभी का स्वागत है। रैली में सभी धर्मों के लोग मौजूद रहेंगे।

सभी धार्मिक स्थलों से निकलेगा जुलूस

मुख्यमंत्री ने कहा कि टीएमसी द्वारा आयोजित जुलूस सभी मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और चर्चों से होकर गुजरेगा। उन्होंने कहा कि इसका समापन सर्कस मैदान में होगा और इसमें सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे। रैली में आम लोगों को शामिल होने का आह्वान किया गया है।ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं को शाम तीन बजे हर जिले और वार्ड में सद्भावना रैली करने का आदेश दिया है।

प्राण प्रतिष्ठा पुजारियों का काम, न कि राजनेताओं का-ममता

वहीं, राज्य सचिवालय ने कहा कि इस कार्यक्रम का किसी अन्य कार्यक्रमों से कोई लेना-देना नहीं हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से राज्य के सभी जिलों में रैली आयोजित करने को कहा है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह पुजारियों का काम है, न कि राजनेताओं का। हमारा काम राज्य को आधारभूत सुविधाओं से सुदृढ़ करना है।

*हाल ही आईं वाईएस शर्मिला को कांग्रेस ने सौंपी पार्टी अध्यक्ष की कमान, क्या पार्टी के लिए साबित होंगी तुरुप का इक्का?*

#congress_appoints_ys_sharmila_party_chief_in_ap

Image 2Image 3Image 4Image 5

आंध्र प्रदेश की कमान कांग्रेस ने वाईएस शर्मिला के हाथों में सौंप दी है। वाईएस शर्मिला आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। पहले से ही ये माना जा रहा था कि कांग्रेस शर्मिला को आंध्र प्रदेश की कमान सौंप सकती है। बता दें, शर्मिला सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है।आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी को सत्ता से सिंहासन तक पहुंचाने में वाईएस शर्मिला का अहम रोल रहा है, लेकिन सियासत आज ये भाई-बहन एक दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं।

आंध्र प्रदेश में तीन महीने के बाद लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस दस सालों से राज्य में सत्ता का बाहर है, लेकिन कर्नाटक और तेलंगाना की सत्ता पर काबिज होने के बाद आंध्र प्रदेश में भी उसे अपनी वापसी की उम्मीदें दिखने लगी है।कांग्रेस आंध्र प्रदेश में अपनी वापसी के लिए शर्मिला पर दांव लगाने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि इसी मद्देनजर जी रुद्र राजू का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा हुआ है ताकि शर्मिला की ताजपोशी चुनाव से पहले कर सियासी संदेश दिया जा सके। आंध्र प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष रूद्र राजू ने 15 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दिया था। ये इस्तीफा आलाकमान के इशारे पर हुआ था, क्योंकि पार्टी ने पहले ही शर्मिला की ताजपोशी की स्क्रिप्ट लिख दी थी।

वाई.एस. शर्मिला ने पिछले साल नवंबर में तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आखिरी वक्त पर कांग्रेस को अपना सपोर्ट दिया था। उन्होंने अपनी पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को चुनाव में उतारने से इंकार कर दिया था। शर्मिला ने तब कहा था कि तमाम सर्वे और जमीनी हकीकत से पता चलता है कि राज्य में कांग्रेस चुनाव जीत रही है। ऐसी स्थिति में अगर उनकी पार्टी मैदान में उतरती है तो कांग्रेस के वोट कटेंगे और इसका फायदा बीआरएस को मिलेगा। इसलिए उन्होंने अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया था। इसके बाद से ही चर्चा थी कि वाई.एस. शर्मिला को कांग्रेस इसके बदले में कुछ बड़ा इनाम दे सकती है। 

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वाईएसआर रेड्डी की बेटी वाईएस शर्मिला हैं, जिन्हें हाल ही में अपनी पार्टी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया है। वाईएसआर रेड्डी के 2009 में निधन के बाद जगन रेड्डी के कांग्रेस के साथ मतभेद हो गए थे, जिसके चलते उन्होंने 2011 में वाईएसआर कांग्रेस का गठन किया। जगन रेड्डी ने वाईएसआर कांग्रेस की कमान संभाली जबकि अपनी बहन शर्मिला को राष्ट्रीय संयोजक नामित किया था।आय से अधिक संपत्ति के मामले में जगन रेड्डी जब जेल में थे तो शर्मिला ही मां के साथ मिलकर पार्टी की कमान संभाल रही थी। चंद्रबाबू नायडू सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का काम शर्मिला ने ही किया। भाई जगन मोहन रेड्डी को सत्ता तक पहुंचाने के लिए बहन शर्मिला ने काफी मेहनत और मशक्कत की थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में शर्मिला ने जमकर भाई के लिए प्रचार किया था, लेकिन जगन रेड्डी के सत्ता में आते ही रिश्तों में खटास आ गई। शर्मिला ने 2021 में वाईएसआर कांग्रेस छोड़ दी और अपनी अलग पार्टी बना ली

*राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर बोले राहुल- ये बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम, इसमें जाना कठिन है*

#rahulgandhionrammandiritispmmodiandrss_event

Image 2Image 3Image 4Image 5

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज तीसरा दिन है। मंगलवार की सुबह यात्रा नगालैंड की राजधानी कोहिमा के विसवेमा इलाके से शुरू हुई। राहुल गांधी सोमवार की शाम नगालैंड पहुंचे थे। सुबह राहुल गांधी ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और मुलाकात के बाद कोहिमा से अपनी यात्रा आगे बढ़ाई। 

22 जनवरी को चुनावी फ्लेवर दिया है-राहुल गांधी

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर बड़ा बयान दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक कार्यक्रम है। ये प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और आरएसएस का कार्यक्रम है।इसमें जाना कठिन है। राहुल ने कहा कि आरएसएस और भाजपा ने इस कार्यक्रम को पूरी तरह नरेंद्र मोदी फंक्शन बना दिया है। यह कार्यक्रम पूरी तरह से राजनैतिक है।आरएसएस और बीजेपी ने 22 जनवरी को चुनावी फ्लेवर दिया है इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष वहां नहीं जा रहे हैं। हम सब धर्मों के साथ हैं, जो भी वहां जाना चाहता है जा सकता है।

मैं धर्म का फायदा नहीं उठाता-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आगे कहा कि हिंदू संस्कृति के बड़े पुरोधाचार्य लोगों ने भी वहां जाने से मना कर दिया है, ऐसे में हमारे लिए वहां जाना बड़ा मुश्किल है। मैं लोगों के साथ ठीक से बर्ताव करता हूं। मैं धर्म का फायदा नहीं उठाता हूं। मैं हिंदू धर्म का पालन करता हूं लेकिन उसे शर्ट पर नहीं पहनता हूं। मैं जीवन में ही हिन्दू धर्म को अपनाता हूं जो सही है। मैं दिखाता नहीं, जो धर्म का सम्मान नहीं करते मानते नहीं वो दिखाते हैं।

भाजपा का मॉडल नफरती है- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आगेकहा कि भाजपा का मॉडल नफरती मॉडल है। हिन्दुस्तान की सरकार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), दलित और आदिवासी नहीं चलाते हैं। अन्याय की वजह से नफरत बढ़ रही है। मीडिया इन चीजों को ओवरप्ले करता है। आप एक मुद्दे को उठा कर उसे मुद्दा बना देते हैं। हमें आत्मविश्वास है जो छोटी-छोटी परेशानियां हैं वो सुलझ जाएंगी और हम भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।

'रनवे' पर बैठकर खाना खाते नजर आए यात्री, इंडिगो और मुंबई एयरपोर्ट को नोटिस*

#aviationministryissuesshowcausenoticetoindigoandmumbaiairport

मुंबई एयरपोर्ट के रनवे पर बैठकर खाना खाते हुए कुछ यात्रियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि ये सभी यात्री गोवा से दिल्ली जा रहे थे। फ्लाइट इंडिगो की थी। 12 घंटे की देरी के बाद इस फ्लाइट को मुंबई की ओर डायवर्ट कर दिया गया था। इसके बाद कुछ यात्री रनवे पर ही आराम करने लगे तो कुछ यात्री वहीं बैठकर खाना खाने लगे।इस मामले में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो और मुंबई एयरपोर्ट को नोटिस जारी किया है और इस पूरे मामले पर जवाब मांगा है।

Image 2Image 3Image 4Image 5

कारण नोटिस जारी

इस मामले में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद संज्ञान लिया है। उन्होंने इंडिगो और मुंबई हवाई अड्डे को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कल आधी रात में सभी मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद, MoCA के नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने इंडिगो और मुंबई हवाई अड्डे को कारण बताओ नोटिस जारी किए। इन नोटिसों का जवाब आज ही देना है। अगर दिए गए समय में जवाब नहीं दिया जाएगा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

इंडिगो ने मांगी थी माफी

इससे पहले इस घटना के लिए इंडिगो की ओर से पैसेंजर्स से माफी भी मांगी गई है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इंडिगो ने कहा है कि वह 14 जनवरी को गोवा से दिल्ली जाने वाली इंडिगो की उड़ान 6E2195 से जुड़ी घटना से अवगत है। दिल्ली में विजिबिलिटी (दृश्यता) कम होने के कारण फ्लाइट को मुंबई डायवर्ट किया गया था। इसके लिए इंडिगो अपने ग्राहकों से माफी मांगती है और फिलहाल कंपनी इस घटना की जांच रही है। इसी बीच विमानन नियामक एजेंसी डीजीसीए ने सभी एयरलाइंस से उड़ान में देरी के संबंध में सटीक वास्तविक समय की जानकारी साझा करने को कहा है। न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार डीजीसीए ने कोहरे के कारण होने वाली देरी के बारे में पैसेंजर्स को सटीक जानकारी देने को कहा है। साथ ही डीजीसीए ने कहा है कि हवाई अड्डों पर इंतजार करने वाले पैसेंजर्स को एयरलाइंस कंपनियां उड़ान में देरी के संबंध में अपडेट करती रहें।

यात्री ने को पायलट पर किया था हमला

इससे पहले, इंडिगो की नई दिल्ली-गोवा उड़ान में एक यात्री ने रविवार को सह-पायलट पर हमला कर दिया था। यात्री उड़ान में देरी से भड़क गया था। एक दिन बाद एयरलाइन ने इस घटना को लेकर अपना बयान जारी किया है। इंडिगो ने एक बयान में कहा कि रविवार को एक यात्री ने उड़ान संख्या 6E 2175 में देरी की घोषणा के दौरान हमारे 'फर्स्ट ऑफिसर' पर हमला किया। प्रोटोकॉल के मुताबिक ग्राहक को अनियंत्रित घोषित किया गया और स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंप दिया गया। इस घटना में उचित कार्रवाई करने और यात्री को 'नो फ्लाई लिस्ट' में शामिल करने के लिए मामले को एक स्वतंत्र आंतरिक समिति के पास भेजा जा रहा है।

मथुरा शाही ईदगाह के सर्वे को लेकर हिन्दू पक्ष को लगा झटका, SC ने आदेश पर रोक लगाते हुए कही ये बात

Image 2Image 3Image 4Image 5

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में हिंदू पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका लग गया है। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस निर्णय पर रोक लगाई है, जिसमें शाही ईदगाह का सर्वे करने के लिए कोर्ट कमिश्नर के नियुक्त करने का आदेश भी जारी कर दिया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष 14 दिसंबर को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर के सर्वे को मंजूरी दी थी, जिसके विरुद्ध मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख भी कर लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए बोला है, इस केस में हाई कोर्ट में सुनवाई जारी रहने वाली है, लेकिन सर्वे करने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर अंतरिम रोक रहने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष पर प्रश्न उठाते हुए बोला है कि आपकी अर्जी स्पष्ट नहीं है। आपको स्पष्ट रूप से बताना होगा कि आप क्या चाह रहे हैं। इसके साथ साथ ट्रांसफर का केस भी न्यायालय में लंबित है। हमें उस पर भी निर्णय लेना है। 

शाही ईदगाह में सर्वे की मांग के लिए भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और 7 अन्य लोगों ने वकील हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन के माध्यम से इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दर्ज कर ASI सर्वे की मांग की थी। याचिका में दावा किया गया था कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीच ही है वहां कई संकेत हैं जो स्थापित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने इस बारें में कहा था कि याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष यह प्रस्तुत किया गया था कि वहां एक कमल के आकार का स्तंभ मौजूद है जो हिंदू मंदिरों की विशेषता थी।

इसके साथ साथ वहां 'शेषनाग' की एक छवि भी मौजूद है, जो हिंदू देवताओं में से एक कहे जाते हैं। उन्होंने जन्म वाली रात भगवान कृष्ण की रक्षा की थी। अदालत में यह भी प्रस्तुत किया गया कि मस्जिद के स्तंभों के निचले हिस्से पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी है। आवेदक ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि कुछ निर्धारित वक़्त अवधि के भीतर शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वेक्षण करने के उपरांत अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशिष्ट निर्देशों के साथ कमीशन की नियुक्ति की जाने वाली है। वहीं अब ख़बरें है कि मथुरा कृष्णा जन्मभूमि पर 23 जनवरी को अलगी सुनवाई की जाएगी।

आज से दक्षिण भारत के 2 दिन के दौरे पर होंगे पीएम मोदी, देंगे कस्टम एंड नारकोटिक्स नेशनल एकेडमी की सौगात, कई कार्यक्रम में होंगे शामिल

Image 2Image 3Image 4Image 5

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो दिन के साउथ के दौरे पर जाने वाले है। प्रधानमंत्री मोदी आज 16 जनवरी को आंध्र प्रदेश और 17 जनवरी को केरल में तमाम कार्यक्रमों में शिरकत कर सकते है। इस दौरान प्रधामंत्री मोदी तमाम परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करने वाले है। लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी का साउथ का दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अपनी आंध्र प्रदेश विजिट के बीच प्रधानमंत्री मोदी देश को नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम, इनडायरेक्ट टैक्स एंड नारकोटिक्स (NACIN) की सौगात देने वाले है। यह आंध्र प्रदेश के श्री सत्यसाईं जिले में बनाया गया है।

नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम का होगा उद्घाटन

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बीच IRS के 74वें और 75वें बैच के ट्रेनी अफसरों से भी संवाद जकरने वाले है। इस कार्यक्रम में रॉयल सिविल सर्विस ऑफ भूटान के ट्रेनी अफसर भी मौजूद होने वाले है। खबरों का कहना है कि आज दोपहर साढ़े 3 बजे प्रधनमंत्री मोदी आंध्र प्रदेश के श्री सत्यसाईं जिले में पहुंच जाएंगे और वहां NACIN का उद्घाटन करने वाले है। यह एकेडमी 500 एकड़ में बनाई जा चुकी है।

केरल के मंदिर में पूजा करेंगे पीएम मोदी

17 जनवरी को प्रधनमंत्री मोदी केरल पहुंचेंगे और गुरुवायूर मंदिर में पूजा और दर्शन करने वाले है. इसके अलावा पीएम त्रिप्रयार के श्री रामास्वामी मंदिर में सुबह साढ़े 10 बजे पहुंचेंगे। इसके उपरांत दोपहर को पीएम मोदी पोर्ट्स, शिपिंग और वाटरवेज से जुड़े तमाम प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन भी करने वाले है।

केरल को मिलेगी 4000 करोड़ की सौगात

 अपनी केरल विजिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोच्चि में 4000 करोड़ के तीन बड़े प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करने वाले है. इसमें न्यू ड्राई डॉक, ISRF और LPG इम्पोर्ट टर्मिल ऑफ इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड का उद्घाटन कर सकते हैं। इतना ही नहीं पीएम मोदी इन दिनों राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 दिन का व्रत भी कर रहे है। पीएम मोदी जब साउथ के इन दो राज्यों में जाएंगे तो वहां रैली के बीच राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र करने वाले है। जिससे साउथ में भी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हर्षोल्लास बढ़ सकता है।

पहली बार उत्तराखंड के टनकपुर से भी होगी आदि कैलास यात्रा, ये होंगी पैकेज की दरें, पीएम के बीते साल दौरे के बाद पर्यटकों के लिए बना पहली पसंद

Image 2Image 3Image 4Image 5

कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएवीएन) ने आदि कैलास व ओम पर्वत यात्रा का कार्यक्रम जारी कर दिया है। निगम प्रबंधन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए पहली बार टनकपुर से वाया काठगोदाम तथा टनकपुर से वापस टनकपुर तक यात्रा रूट निर्धारित किया है।

इस बार काठगोदाम, टनकपुर से यात्रा एक्सप्रेस (त्वरित) माडल पर भी आधारित होगी। 13 मई से जून अंत तक होने वाली यात्रा में 60 दल भेजे जाएंगे। इसके बाद नवंबर तक के लिए अलग से दल तय होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अक्टूबर 2023 में आदि कैलास के दौरे के बाद से यह क्षेत्र राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर आने के साथ ही पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है।

इस बार और अधिक यात्रियों के आदि कैलास व ओम पर्वत के भ्रमण पर आने की उम्मीद की जा रही है। केएमवीएन ने दल वार कार्यक्रम, व्यवस्था, सुविधाएं, आवेदन प्रपत्र एवं दरों का निर्धारण कर लिया है। जिसे निगम की वेबसाइट (www.kmvn.in) पर अपलोड भी किया गया है। निगम के जनसंपर्क कार्यालयों या केंद्रीय आरक्षण केंद्र नैनीताल के माध्यम से भी श्रद्धालु बुकिंग करा सकते हैं।

जीएम (प्रशासन) एपी बाजपेयी ने बताया कि काठगोदाम से काठगोदाम तक सात रात एवं आठ दिन, काठगोदाम से काठगोदाम त्वरित चार रात एवं पांच दिन, टनकपुर से काठगोदाम सात रात व आठ दिन, टनकपुर से टनकपुर से त्वरित टनकपुर पांच रात्रि व छह दिन तथा धारचूला से धारचूला चार रात एवं पांच दिन की तिथि निर्धारित की गई है।

यह होंगी पैकेज की दरें

जीएम एपी बाजपेयी के अनुसार निगम संचालित यात्रा 2024 के लिए दरें काठगोदाम से काठगोदाम तक 40 हजार रुपये और त्वरित पैकेज में यह 33 हजार रुपये होगी। टनकपुर से काठगोदाम 40 हजार रुपये, टनकपुर से टनकपुर 35 हजार रुपये, धारचूला से धारचूला 30 हजार रुपये प्रति यात्री दर निर्धारित की गई हैं। इस पैकेज में निगम की ओर से आवास, भोजन, परिवहन, गाइड आदि सुविधाएं शामिल हैं।

जुलाई से नवंबर के लिए तय होंगे दल

मई एवं जून में 60 दलों के माध्यम से यात्रा संचालित की जाएगी। जबकि जुलाई से नवंबर के लिए अलग से दलों का निर्धारण किया जाएगा। एक दल में अधिकतम 35 यात्री होंगे। यात्रा के पड़ाव काठगोदाम, टनकपुर के बाद पिथौरागढ़, धारचूला गुंजी-बूंदी-चौकोड़ी, पाताल भुवनेश्वर, गंगोलीहाट, लोहाघाट, एबटमाउंट व भीमताल में रात्रि विश्राम होगा।

काठगोदाम से यात्रा वाया भीमताल, कैंची, अल्मोड़ा, चितई, जागेश्वर, पिथौरागढ़, जौलजीबी, धारचूला, बूंदी, छियालेख, गर्बियांग, नपलच्यू, कालापानी, नाभीढांग (ओम पर्वत) होते हुए वापस गुंजी, नाबी, कुट्टी, ज्योलिंगकांग (आदि कैलाश एवं पार्वती सरोवर) जाएगी। वापसी में गुजी, बूंदी, धारचूला डीडीहाट, चौकोड़ी, पाताल भुवनेश्वर, शेराघाट, अल्मोड़ा, भीमताल होते हुए काठगोदाम में यात्रा समाप्त होगी।

डिटेल में जानिए, भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आने का कारण, आखिर क्यों लगातार बिगड़ रहे हालात

Image 2Image 3Image 4Image 5

मालदीव और भारत के बीच रिश्ते फिलहाल एकदम ठीक नजर नहीं आ रहे हैं। हालात भी ऐसे समय पर बन रहे हैं, जब मालदीव में बीते कुछ सालों से भारत विरोधी माहौल पनपता नजर आ रहा है। चीन के समर्थक माने जाने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 15 मार्च तक भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग उठा चुके हैं। अब सवाल है कि आखिर मुइज्जू भारत को क्यों तेवर दिखा रहे हैं? यहां डिटेल में पढ़िए ...

क्या मालदीव की राजनीति है वजह

राष्ट्रपति बनने से पहले मुइज्जू ने चुनाव ही 'इंडिया आउट' के मुद्दे पर लड़ा था। पीपुल्स नेशनल कांग्रेस और द प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स चीन समर्थित नीति का पालन कर रही है और हर उस चीज को हटाने पर उतारू है, जिसे वे भारतीय प्रभाव समझते हैं। सितंबर के अंत में मुइज्जू की पार्टी के समर्थकों ने माहौल बनाना शुरू कर दिया था कि इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की पार्टी पर भारत का प्रभाव है।

अब यहां भारत की तरफ से भेजे गए दो हेलीकॉप्टरों को सैन्य मौजदूगी की तरह दिखाने की कोशिश की गई। दरअसल, फरवरी 2021 में एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे, जिसके तहत भारत को मालदीव की राजधानी माले के पास हार्बर और डॉकयार्ड तैयार करना और उसका रखरखाव करना था। अब इसे लेकर भी कई तरह की अटकलें लगाई गईं। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्थानीय मीडिया का एक वर्ग यह दावा करता रहा कि यह प्रोजेक्ट बाद में भारतीय नेवल बेस बन जाएगा।

मुइज्जू की चीन यात्रा

खास बात है कि मालदीव के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद मुइज्जू भारत से पहले चीन पहुंच गए। इससे पहले लंबे समय तक मालदीव के राष्ट्रपति पहले भारत का दौरा करते थे। अब मुइज्जू की चीन से वापसी होते ही भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग और तेज हो गई।

कहा जाता है कि हिंद महासागर में मालदीव की मौजूदगी को देखते हुए चीन यहां अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। साथ ही मालदीव सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक पर भी है, जहां से चीन का करीब 80 फीसदी तेल आयात गुजरता है। इधर, ताजा दौरे पर मुइज्जू ने चीन के साथ 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। चीन ने मालदीव को 130 मिलियन डॉलर की मदद देने का ऐलान किया है।

विवेक रामास्वामी ने छोड़ी अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदारी, डोनाल्ड ट्रंप का किया समर्थन

#vivek_ramaswamy_quits_us_presidential_race

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को बड़ी सफलता मिली है।भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी विवेक रामास्वामी ने आयोवा रिपब्लिकन कॉकस में खराब प्रदर्शन के बाद आज 2024 में होने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने की घोषणा की है।बता दें कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए आयोवा के रिपब्लिकन कॉकस में हुई वोटिंग में डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली और रामास्वामी का प्रदर्शन इस दौरान काफी खराब रहा। जिसके बाद उन्होंने खुद को चुनाव से बाहर कर लिया।

Image 2Image 3Image 4Image 5

 रामास्वामी ने कहा कि फिलहाल मैं इस राष्ट्रपति अभियान को रोक रहा हूं। मैंने डोनाल्ड ट्रंप को ये बताने के लिए फोन किया कि अब आगे चलकर राष्ट्रपति पद के लिए उन्हें मेरा पूरा समर्थन मिलेगा।विवेक रामास्वामी अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य में अंजान चेहरा थे, लेकिन फरवरी 2023 में अपनी उम्मीदवारी के एलान के बाद विवेक रामास्वामी ने रिपब्लिकन मतदाताओं का ध्यान अपनी तरफ खींचा। रामास्वामी इमीग्रेशन पर अपने कड़े विचारों और अमेरिका फर्स्ट की अपनी नीति के चलते मतदाताओं के बीच थोड़े ही समय में काफी लोकप्रिय हो गए थे। हालांकि अब रामास्वामी राष्ट्रपति पद की रेस में बुरी तरह से पिछड़ रहे थे।

ट्रंप की जीत के बाद जाहिर है कि डेमोक्रेट्स को बड़ा झटका लगा होगा। लोवा में ट्रंप के जीतने के बाद उनके समर्थकों ने जबरदस्त जश्न मनाया। मतदान से पहले ये कहा जा रहा था कि लोवा में ट्रंप को बाइडेन के चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा पर ऐसा हुआ नहीं। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को 51 फीसदी वोट मिले।

वहीं, 22,781 वोट के साथ दूसरे स्थान पर फ्लोरिडा के गवर्नर रोन देसांतिस रहे। रोन को 21.2 फीसदी वोट मिले. दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली तीसरे स्थान पर रहीं। निक्की को 19.1 फीसदी वोट मिले। वहीं, लोवा चुनाव में भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी को करारी शिकस्त मिली। वह चौथे स्थान पर रहे। रामास्वामी को महज 7.7 प्रतिशत वोट मिले। लोवा में मिली इस हार के बाद उन्होंने प्रेसिडेंट रेस से खुद को बाहर कर लिया।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी की दौड़ में अपने प्रतिद्वंद्वी विवेक रामास्वामी की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी। इस साल के अंत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने के लिए ट्रंप को रामास्वामी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारतीय अमेरिकी उद्यमी नामांकन हासिल करने के लिए ‘‘कपटपूर्ण अभियान के हथकंडे'' अपना रहे हैं। ट्रंप की यह टिप्पणी सोमवार को आयोवा कॉकस (पार्टी की होने वाली बैठक में उम्मीदवार को लेकर सदस्यों के विचार करने) होने से पहले आई थी। यह राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार चुनने के लिए रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी में चलने वाली लंबी प्रक्रिया की शुरुआत है।