*चंदौली : खेत में मिला अरविंद का शव, फैली सनसनी, जांच में जुटी*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली/ : जनपद चंदौली के सैयदराजा थाना क्षेत्र अंतर्गत कुंभापुर गांव में रविवार की सुबह खेत में एक व्यक्ति का शव मिलने से सनसनी फ़ैल गई।

ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया। हालांकि इस दौरान शव की शिनाख्त करने में पुलिस को कुछ समय लग गया। पुलिस के अनुसार शव की शिनाख्त अरविंद यादव के रूप में हुई है, घटना की जानकारी परिजनों को दे दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

जानकारी के अनुसार सुबह टहलने निकले लोगों ने सरसों की खेत में एक अज्ञात व्यक्ति का शव देख हतप्रभ रह गए। तत्काल इसकी सूचना उनके द्वारा पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मौका मुआयना करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।

काफी प्रयासों के बाद मृतक की पहचान अरविंद यादव के रूप में हुई।मामले के बाबत सीओ सदर राजेश राय ने बताया कि मृतक की पहचान अरविंद यादव के रूप में हुई है। यह घटनास्थल से चंद कदमों की दूरी पर रहकर मजदूरी का कार्य करता था। मृतक धानापुर का निवासी है। प्रथम दृष्टया ठंड लगने से मौत होना प्रतीत होता है। स्पष्ट कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मालूम होगा, अन्य विधिक कार्रवाई जारी है।

*चंदौली : कड़कड़ाती ठंड में कम्बल वितरण का दिव्यांग करते रहे इंतजार*

अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली : जनपद चंदौली के नियमताबाद ब्लाक में कम्बल वितरण का कार्यक्रम रखा गया था। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और कम्बल वितरण करने वाले भाजपा विधायक सुशील सिंह थे। काफी समय इंतजार के पश्चात भी जब भाजपा विधायक का काफिला नहीं पहुंचा तो दिव्यांग नाराज हो उठे और सड़क जाम कर विधायक के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

जानकारी होते ही अलीनगर थानाध्यक्ष शेषधर पांडेय समेत पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और नाराज दिव्यांगों को समझा – बुझाकर शांत कराया। इस दौरान अलीनगर थाना प्रभारी ने खुद अपने हाथों दिव्यांगों को कम्बल वितरित किया। 25 दिव्यांग को कम्बल वितरित करने के बाद बाकियों का नाम लिखकर कम्बल वितरण का आश्वासन दिया, तब जाकर लामबंद नाराज दिव्यांग शांत हुए।

इस दौरान दिव्यांगों ने विधायक द्वारा दिव्यांगो की मजबूरी का फायदा उठाए जाने की बात कही। कहा कि विधायक के कहने पर 160 दिव्यांग कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे और अपने पैसे से टेंट आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई थी। विधायक द्वारा मोबाइल पर कार्यक्रम में पहुंचने का आश्वासन मिलता रहा लेकिन जब वे नहीं आए तो बाध्य होकर सड़क जाम करना पड़ा।वहीं आरोप के मद्देनजर विधायक सुशील ने इसे निराधार बताते हुए कहा कि यह उनका कार्यक्रम नहीं था।

आयोजक की ओर से उन्हें बुलाया गया था। कार्यक्रम स्थल पर कम्बल उपलब्ध नहीं होने की वजह से वे वापस लौट पड़े। बताया की उन्हें बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में बुलाया गया था। कहा की आयोजक की तरफ से विडियो में यह कहा जाना कि मेरी तरफ से दिव्यांगों को कम्बल वितरण के लिए बुलाया गया था। सरासर गलत और बेबुनियाद है।