बिजली उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए मुआवजाः अवधेश कुमार वर्मा
लखनऊ। प्रदेश की बिजली कंपनियों के हजारों विद्युत उपभोक्ताओं की बिलिंग संबंधी शिकायतें जो ऑनलाइन पावर कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज कराई कुल 65818 उसमे से आज भी 31084 बिना निस्तारण के हैं। लंबित क्या बिजली कंपनियां स्वतः लंबित मुआवजा देंगी?
जहां प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज कराई गई ऑनलाइन हजारों शिकायतें सभी बिजली कंपनियों में है लंबित वही ऑफलाइन बिलिंग व अन्य समस्याओं से संबंधित शिकायतों का क्या हाल होगा।
या बिजली कंपनियां खुद ही समझ सकती है जो गंभीर मामला हैं।
पूरे प्रदेश में हजारों की संख्या में बिलिंग संबंधी ऐसी शिकायतें हैं जो 1 साल से भी ज्यादा समय से लंबित हैं, तो क्या उन पर बिजली कंपनियां अब स्वतः देगी। मुआवजा क्योंकि कानून के तहत 7 दिन में बिलिंग संबंधी समस्याओं का निस्तारण होना चाहिए। निस्तारण नहीं तो रुपया 50 प्रतिदिन के हिसाब से मिलना चाहिए।
प्रदेश की बिजली कंपनियों में जहां बिलिंग संबंधी शिकायतें पूरे उत्तर प्रदेश में बडे पैमाने पर आती है और उसका समाधान ससमय न किए जाने से उपभोक्ता परेशान रहते हैं। वहीं आज जो खुलासा उपभोक्ता परिषद करने जा रहा है। वह बेहद चौंकाने वाला है। प्रदेश की बिजली कंपनियों में जहां ऑफलाइन बिजली दफ्तर में बिलिंग व अन्य समस्याओं से संबंधित लाखों शिकायतें उपभोक्ताओं द्वारा की जाती है। वही प्रदेश की बिजली कंपनियों ने 1 जुलाई 2022 में पावर कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर ऑनलाइन बिल संशोधन संबंधी शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था शुरू की। तब से लेकर दिसंबर 2023 तक प्रदेश में सभी बिजली कंपनियां से कुल लगभग 65818 बिलिंग संबंधी शिकायतें उपभोक्ताओं द्वारा ऑनलाइन पावर कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर दर्ज कराई गई, जिसमें से केवल 34734 यानी कि लगभग 52 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण ही किया गया और आज भी 31084 विद्युत उपभोक्ताओं की बिलिंग संबंधी शिकायत बिजली कंपनियों के दफ्तरों में विचाराधीन है, जो सिद्ध करता है कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की शिकायतों पर बिजली कंपनियां गंभीर नहीं है, जो बहुत ही चौंकाने वाला है।
जहां विद्युत नियामक आयोग द्वारा समय से बिलिंग संबंधी शिकायत को ना दूर करने पर रुपया 50 प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा भी है लेकिन बिजली कंपनियां मुआवजा क्या देंगी। वह उपभोक्ताओं की समस्याएं ही नहीं सुन रही है जिस पर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को गंभीरता से बिजली कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना होगा।
डिस्काम टोटल बिलिंग शिकायत निस्तारण लंबित
पूर्वांचल 20652 9365 11287
मध्यांचल 22174 11897 10277
दक्षिणांचल 8091 2703 5388
पक्षिमांचल 14901 10769 4132
टोटल 65818 34734 31084
के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा सबसे बडा चौंकाने वाला मामला यह है कि इन शिकायतों में लगभग 2225 शिकायतें 1 साल से ज्यादा व्यतीत हो जाने के बाद भी उनका निस्तारण नहीं किया गया और वह लंबित है जो अपने आप में गंभीर मामला है। 3800 शिकायतें ऐसी है जो 180 से 365 दिवस से लंबित है। ऐसे में बिजली कंपनियों को सोचना होगा की एक तरफ उनकी तरफ से कहा जाता है कि विद्युत उपभोक्ताओं की सभी शिकायतें समयबद्ध तरीके से निस्तारित कर दी जाती हैं इसीलिए मुआवजा नहीं उपभोक्ताओं को मिल पाता है। अब बिजली कंपनियां स्वतः देखें कि हजारों की संख्या में उपभोक्ताओं की शिकायतें लंबित है जबकि बिलिंग संबंधी शिकायतों को 7 दिन में विद्युत वितरण संहिता के तहत दूर किया जाना चाहिए और ना दूर किए जाने पर मुआवजा मिलना चाहिए तो क्या बिजली कंपनियां ऐसे सभी विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजा देगी और नहीं देगी तो क्यों नहीं?
Jan 05 2024, 18:09