हिन्दू जनजागृति समिति ने जिलाधिकारी नितीश कुमार से की मांग
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अयोध्या ।भारतीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए संकट निर्माण करने के साथ ही केंद्र शासन की अनुमति बिना ही कुछ इस्लामी संस्थाओं द्वारा धर्म पर आधारित ‘हलाल सर्टिफिकेट’ व्यवस्था भारत में चलाई जा रही है ।
इन गैरकानूनी हलाल प्रमाणित उत्पादों पर उत्तरप्रदेश सरकार ने प्रतिबंध लगाया है । उसी प्रकार देशभर में हलाल प्रमाणित उत्पादों पर प्रतिबंध लगाएं । इसके साथ ही आनेवाली 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठापना हो रही है ।
इस पार्श्व भूमि पर अयोध्यानगरी को संपूर्णरूप से मद्य-मांस मुक्त किया जाए, ऐसी मांग वाला ज्ञापन मुख्यमंत्री जी के लिए जिलाधिकारी कार्यालय को सौंपा गया । इस अवसर पर अधिवक्ता अभय प्रताप सिंह, अधिवक्ता वैभव सिंह, अधिवक्ता अवधेश यादव, दिनेश कौशल मनीष गुप्ता, हरिभान सिंह, सुरेन्द्र कौशल, अशोक तथा हिन्दू जनजागृति समिति से प्रशांत वैती उपस्थित थे ।
पहले ‘हलाल’ व्यवस्था केवल मांसाहारी पदार्थों और मुसलमान देशों में निर्यात तक ही मर्यादित थी; परंतु धर्मनिरपेक्ष भारत में कुछ निजी कट्टरतावादी इस्लामी संस्थाओं द्वारा ‘अनाज, फल, खाद्यपदार्थ, सौंदर्यप्रसाधन, औषधियां, अस्पताल, गृहसंस्था, ‘मॉल’, डेटिंग साईट आदि सभी क्षेत्रों को हलाल सर्टिफाईड कर, हिन्दू व्यापारियों का शोषण किया जा रहा है ।
भारत सरकार के ‘अन्न सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI)’ इस अधिकृत संस्था द्वारा प्रमाणपत्र लेने के पश्चा त भी व्यापारियों को आवश्यकता न होते हुए भी प्रत्येक उत्पाद के लिए 47 सहस्र रुपये शुल्क भरकर ‘हलाल प्रमाणपत्र’ लेना पडता है । इसके साथ ही नूतनीकरण के लिए प्रतिवर्ष 20 हजार 500 रुपये देने पडते हैं । सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि यह पैसा हमारे देश में बमविस्फोट प्रकरण में बंदी बनाए गए 700 आतंकवादियों को कानूनी सहायता के लिए उपयोग में लाया जा रहा है ।
यह देश की सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत धोकादायक है । इसके साथ ही केवल 15 प्रतिशत लोगों के लिए 85 प्रतिशत लोगों पर ‘हलाल’ उत्पादन लादना, यह धार्मिक अन्याय है । आनेवाली 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठापना हो रही है । इसलिए देशभर से करोडों हिन्दू भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या में पहुंचनेवाले हैं । मंदिर हिन्दू धर्म की आधारशिला हैं ।
इन मंदिरों की पवित्रता संजोना, प्रत्येक हिन्दू का धर्मकर्तव्य है । हरिद्वार और ऋषिकेश में भी मद्य-मांस पर 100 प्रतिशत प्रतिबंध है । अत: ज्ञापन के माध्यम से अयोध्यानगरी को भी संपूर्णत: मद्य-मांस से मुक्त करने की मांग की गई ।
Dec 28 2023, 18:38