*कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार का बड़ा फैसला, हिजाब पर बैन हटा, बीजेपी ने जताई कड़ी आपत्ति*
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कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में लड़कियों के हिजाब पहनने पर लगे बैन को हटाने का फै़सला किया है। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा कि हम हिजाब बैन के फैसले को वापस लेंगे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि मैंने हिजाब प्रतिबंध को वापस लेने का निर्देश दिया है। बता दें कि पिछली बीजेपी सरकार ने हिजाब प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था, जिसके बाद ये मामला क़ानूनी लड़ाई का विषय बन गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर किसी को अपने मनमुताबिक कपड़े पहनने का अधिकार है। अपने हिसाब से खाना खाना और कपड़े पहनना हमारा अधिकार है। इस पर मुझे क्यों आपत्ति होनी चाहिए। जिसको जो मर्जी है वो खाए, जो मर्जी करे वो पहने, मुझे इसकी परवाह क्यों होगी? हमें वोट पाने के लिए इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए। इससे पहले अक्टूबर में सिद्धारमैया सरकार ने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के दौरान छात्रों को हिजाब पहनने को मंजूरी दी थी।
कांग्रेस ने चुनाव से पहले ये संकेत दिया था कि सत्ता में आने पर वो हिजाब बैन को ख़त्म कर देगी लेकिन ये पहली बार है, जब मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि वो इसे हटाने जा रहे हैं। इस साल अक्टूबर में कर्नाटक सरकार ने प्रतियोगी और भर्ती परीक्षाओं में हिजाब पहन कर आने की अनुमति दे दी थी। उस वक्त भी इसे लेकर विवाद हुआ था. लेकिन इससे संकेत मिलने लगे थे कि राज्य सरकार अगले कुछ महीनों में शिक्षा संस्थानों में हिजाब पहनकर आने पर लगे बैन को ख़त्म कर सकती है।
कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि सरकार युवाओं को धार्मिक आधार पर बांट रही है। उन्होंने आगे कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध वापस लेने का मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का फैसला हमारे शैक्षणिक स्थलों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को लेकर चिंता पैदा करता है।
बीजेपी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में शिक्षण संस्थाओं में हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया था। पिछले साल प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब पर बैन लगाया गया था। इस मामले ने एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया था। बीजेपी सरकार के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
लेकिन अदालत ने सरकार के बैन के आदेश का समर्थन किया था। अदालत ने कहा था कि शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं को पहले से निर्धारित यूनिफॉर्म ही पहनना होगा। अदालत ने कहा था, शिक्षण संस्थान में ऐसे कपड़े पहने जाने चाहिए जो बराबरी और एकता का संदेश दे। इसकी वजह से समाज में अशांति न हो। अदालत का कहना था कि हिजाब पहनना धार्मिक रीति-रिवाज का हिस्सा नहीं है. हालांकि बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा लेकिन इस मामले पर अदालत का फै़सला बंटा हुआ था।
Dec 23 2023, 10:49