गणतंत्र दिवस पर भारत नहीं आएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जनवरी में होने वाली क्वाड की बैठक भी टली, जानें किया है वजह

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं। इसके अलावा भारत में जनवरी में होने वाली क्वाड समिट भी टाल दी गई है। ये बैठक 26 जनवरी के आस पास होने वाली थी। ये जानकारी भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने दी थी।बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें चीफ गेस्ट के तौर पर आमंत्रित किया था।भारत ने अगले वर्ष जनवरी में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के तहत गणतंत्र दिवस समारोह के लिए राष्ट्रपति बाइडन को आमंत्रित किया था।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक क्वाड की मीटिंग के लिए भारत ने जो शेड्यूल बनाया है उस पर बाकी देश सहमत नहीं हैं। भारत पहले 27 जनवरी को शिखर सम्मेलन आयोजित करने की संभावना तलाश रहा था।क्वाड के मेंबर देश ऑस्ट्रेलिया का नेशनल डे भी 26 जनवरी को होता है। इसके चलते एंथनी अल्बनीज उस वक्त क्वाड की मीटिंग अटेंड नहीं कर सकते। इसके चलते अब जापान के प्रधानमंत्री फुमिया किशिदा के भारत आने की भी ज्यादा उम्मीद नहीं है।

आखिरी बार 2015 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस के समारोह में शामिल हुए थे। अपनी 3 दिन की यात्रा में ओबामा ने PM मोदी के साथ मन की बात कार्यक्रम में भी शिरकत की थी।

2023 की क्वाड मीटिंग जापान के हिरोशिमा शहर में हुई थी। पहले ये समिट ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में होनी थी। हालांकि, उस वक्त अमेरिका में कर्ज के संकट के चलते बाइडेन के कहने पर इसे टाल दिया था। इसे बाद में G7 देशों की बैठक के साथ शेड्यूल किया गया। हिरोशिमा में पीएम मोदी ने 2024 की बैठक भारत में होने की घोषणा की थी। इसके लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को भारत आना होगा। क्वाड की अध्यक्षता हर साल सभी सदस्य देशों के बीच रोटेट होती है। 2023 में इसकी अध्यक्षता जापान के पास रही।

उमर अब्दुल्ला को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका, पत्नी से तलाक की मांग वाली याचिका खारिज

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मंगलवार को अब्दुल्ला की अलग रह रही पत्नी से तलाक की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी।अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि क्रूरता के आरोप अस्पष्ट और अस्वीकार्य हैं। पारिवारिक अदालत के इस विचार में हमें कोई खामी नहीं मिली है। अपीलकर्ता ऐसे किसी भी कार्य को साबित करने में विफल रहे हैं।

उमर अब्दुल्ला ने फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की थी।दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के सामने उन्होंने क्रूरता का हवाला देकर अपनी पत्नी से तलाक की अर्जी दायर की थी। लेकिन निचली अदालत ने भी उनकी अर्जी को खारिज कर दी थी। उसके बाद उमर ने ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, जिसने उमर अब्दुल्ला को अपनी पत्नी से तलाक देने से इनकार कर दिया था।

हाई कोर्ट फैमिली कोर्ट के आदेश से सहमत था कि उमर अब्दुल्ला द्वारा पायल अब्दुल्ला के खिलाफ क्रूरता के आरोप अस्पष्ट हैं। हाई कोर्ट ने कहा, उमर अब्दुल्ला पायल अब्दुल्ला द्वारा क्रूरता के किसी भी कृत्य को साबित करने में विफल रहे, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक। हमें अपील में कोई योग्यता नहीं मिली। इसे खारिज किया जाता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि फैमिली कोर्ट के आदेश में कोई खामी नहीं। क्रूरता के आरोप भी साफ नहीं थे कि आखिर पायल किस तरह से उन्हें परेशान करती थीं।

उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला की शादी सन 1994 में हुई थी। उमर के मुताबिक, वे साल 2009 से अलग रह रहे हैं। इसके बाद उमर अब्दुल्ला ने तलाक की याचिका दी थी, जिसे फैमिली कोर्ट ने अगस्त 2016 में खारिज कर दिया था। फैमिली कोर्ट के उसे फैसले को उमर अब्दुल्ला ने सितंबर 2016 में दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

फिर आत्मघाती हमले से दहला पाकिस्तान, विस्फोटक से भरी कार को एक इमारत से टकरा, 23 लोगों की गई जान

#pakistan_terrorist_attack_at_least_23_army_soldiers_killed

उत्‍तर पश्चिमी पाकिस्‍तान में मंगलवार को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि यह एक आत्‍मघाती हमला था। आतंकियों ने डेरा इस्माइल खान जिले के दाराबा इलाके में विस्फोटक से भरी कार को एक इमारत से टकरा दिया। वारदात में 23 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। आतंकवादी वारदात में 16 के घायल होने की भी खबर है। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।ये हमला डेरा इस्माइल खान के एक कस्बे के पुलिस स्टेशन में हुआ है। 

समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, धमाके की वजह से तीन कमरे ढह गए हैं और इमरतों के मलबे से शवों को निकालने की कोशिश की जा रही है। आशंका है कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। 

इस हमले की जिम्‍मेदारी तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) ने ली है। इस संगठन ने पाकिस्तान में कुछ बड़े हमलों का दावा किया है। ग्रुप के प्रवक्ता मुल्ला कासिम ने इसे आत्मघाती मिशन हमला करार देते हुए कहा कि इसे मावलवी हसन गंडापुर ने अंजाम दिया था। इस संगठन के बारे में ज्‍यादा कोई नहीं जानता है। लेकिन कुछ लोग इसे टीटीपी का ही हिस्‍सा कहते हैं। 

पिछले साल पाकिस्‍तान में खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है। हमलों में इस प्रांत में कम से कम 470 सुरक्षाकर्मी और नागरिकों की मौत हुई है। जियो न्यूज की मानें तो अकेले एक साल में इस प्रांत में 1050 आतंकी घटनाएं हुई हैं।1050 आतंकी घटनाओं में 419 घटनाएं बंदोबस्ती जिले में हुई है। जबकि फटा में 631, उत्तरी वजीरस्तान में 201 और पेशावर में 61 आतंकी घटनाएं हुई हैं।

धीरज साहू के बहाने पीएम मोदी ने कांग्रेस पर कसा तंज, बोले- भारत में मनी हाईस्ट जैसी काल्पनिक सीरीज की क्या जरूरत

#pm_narendra_modi_attack_on_congress_over_dheeraj_sahu

एमपी-छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सीएम के नाम के ऐलान से इतर अगर देश में इन दिनों किसी बात की चर्चा हो रही है, तो वो है कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी की। धीरज साहू के ठिकानों से अब तक 300 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश बरामद किया जा चुका है।जिसके बाद नेताओं से लेकर आम लोगों के बीच कांग्रेस के इस कैश किंग की जमकर चर्चा हो रही है।बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता और उसके सहयोगी दल कांग्रेस पर जमकर निशाना साध रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर तंज कसा है।

पीएम मोदी ने बीजेपी के आधिकारिक एक्स (ट्विटर) अकाउंट से शेयर किए गए एक वीडियो को रिट्वीट करते हुए लिखा, “भारत में, ‘मनी हाइस्ट’ स्टोरी की जरूरत किसे है, जब आपके पास कांग्रेस पार्टी है, जिसकी डकैतियां 70 वर्षों से प्रसिद्ध हैं और गिनती में आने वाली हैं!’

पीएम ने जो वीडियो पोस्ट किया है, उसे भाजपा के एक्स हैंडल से पोस्ट किया गया है।बीजेपी द्वारा शेयर किए गए वीडियो का शीर्षक है, ‘कांग्रेस प्रस्तुत करती है ‘मनी हीस्ट!’ वीडियो में आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस सासंद के परिसरों से जब्त रुपये का वीडियो पोस्ट किया है। वीडियो में मनी हाईस्ट का बैकग्राउंड म्यूजिक भी इस्तेमाल किया गया है।इसके साथ ही वीडियो में धीरज साहू के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तस्वीरें भी नजर आ रही हैं, साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की फोटो भी दिखाई दे रहे है। वीडियो में मशहूर बेव सीरीज मनी की एक क्लिप भी दिखाई गई है।

बता दें कि धीरज साहू के खिलाफ 6 दिसंबर से इनकम टैक्स की कार्रवाई चल रही थी, जो 12 दिसंबर को खत्म हो गई। 6 दिन पहले झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में धीरज साहू के 9 ठिकानों पर छापा मारा गया था और तलाशी ली गई थी। छापेमारी में कुल 351 करोड़ रुपये मिले हैं। यह कार्रवाई एक रिकॉर्ड बन गई है। किसी भी एजेंसी द्वारा एक ही ऑपरेशन में अबतक की सबसे ज्यादा नकदी बरामद की गई है। आयकर विभाग ने छापेमारी की जानकारी प्रवर्तन निदेशालय को दे दी है। अब इस पर ईडी की जांच होने की संभावना है।

फिर आत्मघाती हमले से दहला पाकिस्तान, विस्फोटक से भरी कार को एक इमारत से टकरा, 23 लोगों की गई जान

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उत्‍तर पश्चिमी पाकिस्‍तान में मंगलवार को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि यह एक आत्‍मघाती हमला था। आतंकियों ने डेरा इस्माइल खान जिले के दाराबा इलाके में विस्फोटक से भरी कार को एक इमारत से टकरा दिया। वारदात में 23 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। आतंकवादी वारदात में 16 के घायल होने की भी खबर है। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।ये हमला डेरा इस्माइल खान के एक कस्बे के पुलिस स्टेशन में हुआ है। 

समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, धमाके की वजह से तीन कमरे ढह गए हैं और इमरतों के मलबे से शवों को निकालने की कोशिश की जा रही है। आशंका है कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। 

इस हमले की जिम्‍मेदारी तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) ने ली है। इस संगठन ने पाकिस्तान में कुछ बड़े हमलों का दावा किया है। ग्रुप के प्रवक्ता मुल्ला कासिम ने इसे आत्मघाती मिशन हमला करार देते हुए कहा कि इसे मावलवी हसन गंडापुर ने अंजाम दिया था। इस संगठन के बारे में ज्‍यादा कोई नहीं जानता है। लेकिन कुछ लोग इसे टीटीपी का ही हिस्‍सा कहते हैं। 

पिछले साल पाकिस्‍तान में खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है। हमलों में इस प्रांत में कम से कम 470 सुरक्षाकर्मी और नागरिकों की मौत हुई है। जियो न्यूज की मानें तो अकेले एक साल में इस प्रांत में 1050 आतंकी घटनाएं हुई हैं।1050 आतंकी घटनाओं में 419 घटनाएं बंदोबस्ती जिले में हुई है। जबकि फटा में 631, उत्तरी वजीरस्तान में 201 और पेशावर में 61 आतंकी घटनाएं हुई हैं।

राजस्थान में भी बीजेपी ने दिया सरप्राइज, भजन लाल शर्मा होंगे नए सीएम

#bhajanlalsharmaisnewrajasthanchief_minister

छ्त्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में बीजेपी ने सीएम फेस का ऐलान कर दिया है। अब राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा होंगे। जयपुर में विधायक दल की बैठक में इसे लेकर फैसला लिया गया है। भजनलाल शर्मा विधायक दल के नेता चुने गए हैं। पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया।

राजस्थान में सीएम के नाम के एलान के साथ ही दो डिप्टी सीएम के नाम का एलान भी हो गया है। दीया कुमारी और प्रेम चंद्र बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा, जबकि वासुदेव देवनानी विधानसभा के स्पीकर होंगे।दिग्गज नेता वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत और अश्विनी वैष्णव का नाम सीएम की रेस में था, लेकिन बाजी भजन लाल के हाथ लगी।

पहली बार विधायक बन राजस्थान के सीएम बने

आरएसएस बैकग्राउंड वाले भजन लाल शर्मा पहली बार के विधायक हैं और वह गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। भजन लाल शर्मा की संगठन में मजबूत पकड़ है। वे चार बार राजस्थान में प्रदेश महामंत्री चुने जा चुके हैं। वर्तमान में भी वह संगठन में सक्रिय है। 2023 के चुनाव में भाजपा ने पहली बार उन्हें जयपुर की सांगानेर जैसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया। पहली बार ही वह एमएलए बने ओर अब विधायक दल की बैठक में उन्हें सीएम बना दिया गया। 

बाहरी होने के आरोप के बावजूद सांगानेर से बड़े अंतर से जीते

भजन लाल शर्मा भरतपुर के रहने वाले हैं। बाहरी होने के आरोप के बावजूद सांगानेर से बड़े अंतर से जीत दर्ज की। शर्मा ने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48081 वोटों से हराया। खास बात ये है कि इस सीट पर भजन लाल शर्मा को चुनाव लड़ाने के लिए भाजपा ने निवर्तमान विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटा था।

नेहरू को लेकर अमित शाह के बयान पर भड़के राहुल गांधी, बोले- उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में आरक्षण और पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर जमकर हमला बोला था। शाह ने कहा कि गलत समय पर युद्धविराम का आदेश देकर और मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जा कर भारी गलती हुई। गृहमंत्री ने कहा कि अगर सीज़फायर नहीं होता, तो आज पीओके नहीं होता। इसको लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पलटवार किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने जवाहरलाल नेहरू की तारीफ करते हुए कहा कि वह इतिहास से अनजान हैं। पंडित नेहरू ने भारत के लिए अपनी पूरी जिंदगी दी है।

राहुल गांधी ने अमित शाह को जवाब देते हुए कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत के लिए अपनी जिंदगी दे दी, सालों जेल में रहें। गृह मंत्री अमित शाह को शायद इतिहास नहीं मालूम। वो इसे रि-राइट करने की कोशिश कर रहे हैं और ये बात केवल भ्रमित करने के लिए की गई है।उन्होंने आगे कहा मूल मुद्दा जातीय जनगणना, भागीदारी और देश का धन किसके हाथों में जा रहा है, ये है। इस मुद्दें पर ये लोग चर्चा नहीं करना चाहते हैं, इससे डरते हैं, भागते हैं। हम इस मुद्दे को आगे लेकर जाएंगे और गरीब लोगों को उनका हक हम दिलाएंगे। जाति जनगणना और देश का धन किन हाथों में जा रहा है। ये इश्यू है और ये इससे भागते हैं।

दरअसल, सोमवार को संसद में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पेश किए जाने के बाद इस पर चर्चा हुई। इस दौरान अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की समस्या के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जिम्मेवार ठहराया। शाह ने कहा कि गलत समय पर युद्धविराम का आदेश देकर और मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जा कर भारी गलती हुई। अमित शाह ने कहा कि नेहरू की कई गलतियों के कारण कश्‍मीर के लोगों को 70 साल तक इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्‍होंने कहा कि भारतीय सेना पीओके से पाकिस्‍तानी सेना को भगाने में काफी मजबूत स्थिति में थी। दो दिन ओर मिल जाते तो आज कश्‍मीर भारत का हिस्‍सा होता।नेहरू जी के कारण ऐसा नहीं हो सका।

“कुछ मांगने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा” विदाई भाषण में क्या संदेश दे गए शिवराज सिंह चौहान

#shivraj_singh_chauhan_it_would_be_better_to_die_but_i_will_not_go_delhi

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि उन्हें किसी भी पद की लालसा नहीं है। करीब दो दशक तक मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान का दौर अब समाप्त हो गया है। 18 साल तक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद अब शिवराज सिंह चौहान की जगह प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान हुआ। मोहन यादव को प्रदेश की कमान सौंप दी गई है। जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को अपने निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। बतौर सीएम आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस काफी भावुक करने वाला था। इस दौरान पत्रकारों ने शिवराज से पूछा कि पार्टी में अपनी अगली जिम्मेदारी क्या होगी और क्या वह इस बारे में बात करने के लिए दिल्ली जाएंगे।जवाब में शिवराज ने कहा कि अपने लिए कुछ मांगने से पहले मरना बेहतर है।

मध्य प्रदेश-राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों के नाम के एलान के बीच तीनों राज्यों के दिग्गज मंत्री आलाकमान से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे हुए थे। इस पर शिवराज सिंह चौहान से भी सवाल किया गया था कि क्या वो भी दिल्ली जाएंगे? इस पर पूर्व सीएम शिवराज ने जवाब दिया,। एक बात मैं विनम्रता के साथ कह देना चाहता हूं कि अपने लिए कुछ मांगने से पहले मैं मरना पसंद करूंगा।इसलिए मैंने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा।

दरअसल, एक पत्रकार ने कुछ दिन पहले के बयान का जिक्र किया था जिसमें शिवराज ने कहा था कि मामा दिल्ली नहीं जाएंगे। शिवराज ने संदर्भ भी बताया कि उस समय पूछा गया था कि बाकी दिल्ली में हैं, आप दिल्ली जाएंगे क्या? इस पर आज शिवराज का दर्द छलक पड़ा। बोले कि यह मेरा काम नहीं है।

एक पत्रकार ने पूछा कि शिवराज जी यह सवाल सबके मन में है कि अब आपकी भूमिका क्या होगी? शिवराज ने कहा, एक कार्यकर्ता की भूमिका है मेरी। देखिए जब आत्म केंद्रित होता है व्यक्ति तो उसको लगता है कि मैं कहां हूं लेकिन भाजपा में एक मिशन है। उसमें हर कार्यकर्ता के लिए काम है और जो भी पार्टी काम देगी वो काम मैं करूंगा।

इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को यहां हुई एक बैठक में मोहन यादव को राज्य विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद राज्यपाल मंगूभाई पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक समाप्त होने के तुरंत बाद चौहान राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा दिया।

बता दें कि शिवराज सिंह चौहान चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं। यानी सबसे लंबे कार्यकाल वाले। पहली बार शिवराज 2005 में मुख्यमंत्री बने थे। वे 2018 तक पद पर बने रहे 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला। लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से प्रदेश में फिर बीजेपी सरकार बनी और शिवराज चौथी बार मुख्यमंत्री बने।देखा जाए तो बतौर मुख्यमंत्री शिवराज का कार्यकाल लगभग 17 साल का रहा है।

दंड नहीं 'न्याय' देने पर जोर ! बदलेंगे भारत के आपराधिक कानून, आज 3 विधेयकों को फिर से संसद में पेश करेंगे अमित शाह, रद्द की कई धाराएं

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज मंगलवार (12 दिसंबर) को तीन प्रस्तावित आपराधिक कानून बिल - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता को एक संसदीय पैनल द्वारा की गई विभिन्न सिफारिशों के बाद संशोधित संस्करणों के साथ को फिर से संसद में पेश करेंगे। इससे पहले 11 दिसंबर को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा सदस्यों को सूचित किया कि तीन आपराधिक कानून बिल वापस ले लिए जाएंगे और उनकी जगह तीन नए बिल लाए जाएंगे, जिनमें संसदीय समिति द्वारा प्रस्तावित सुधारों को शामिल किया जाएगा। 

गृह मंत्री के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि, "विधेयक (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) को 18 अगस्त को गृह मामलों पर विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति को विचार के लिए भेजा गया था। समिति ने कई दौर की बैठक की। HME मामलों के मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय के अधिकारियों, डोमेन विशेषज्ञ और विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा की और 10 नवंबर को सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपी। समिति की सिफारिशों के आधार पर विधेयक (भारतीय न्याय संहिता) में संशोधन प्रस्तावित हैं, भारतीय साक्ष्य विधेयक और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) विधेयक के स्थान पर एक नया विधेयक लाने का प्रस्ताव है।

बता दें कि, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को 11 अगस्त को संसद के निचले सदन में पेश किया गया था। ये विधेयक क्रमशः भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को प्रतिस्थापित करना चाहते हैं। बिल पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इन तीन नए कानूनों की आत्मा नागरिकों को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना होगा। उन्होंने कहा कि, "ब्रिटिश काल के कानून उनके शासन को मजबूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे और उनका उद्देश्य न्याय देना नहीं, बल्कि दंड देना था।"

अमित शाह ने कहा था कि, "हम (सरकार) इन दोनों मूलभूत पहलुओं में बदलाव लाने जा रहे हैं। इन तीन नए कानूनों की आत्मा भारतीय नागरिकों को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना होगा। उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं होगा न्याय देने के लिए और इस प्रक्रिया में, अपराध की रोकथाम की भावना पैदा करने के लिए जहां आवश्यक होगा वहां सजा दी जाएगी।'' गृह मंत्री ने कहा कि CrPC की जगह लेने वाले भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक में 533 धाराएं प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि, "कुल 160 धाराएं बदली गई हैं, 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 9 धाराएं निरस्त की गई हैं।"

उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता विधेयक, जो IPC की जगह लेगा, में पहले की 511 धाराओं के बजाय 356 धाराएं रखने का प्रस्ताव है, इसमें 175 धाराएं संशोधित हैं, 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 22 धाराएं निरस्त की गई हैं। भारतीय साक्ष्य विधेयक, जो साक्ष्य अधिनियम की जगह लेगा, में पहले के 167 के बजाय 170 खंड होने का प्रस्ताव है। शाह ने कहा कि 23 खंड बदले गए हैं, 1 नया खंड जोड़ा गया है और 5 निरस्त किए गए हैं।

'हमने आपको वोट दिया था भैया...', मोहन यादव के CM बनते ही शिवराज सिंह से मिलकर फूट-फूट कर रोने लगी लाडली बहनें

 मध्यप्रदेश में नए मुख्यमंत्री की घोषणा हो गई। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार मध्य प्रदेश की कमान शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव को दी है। 18 वर्षों से मुख्यमंत्री शिवराज ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। शिवराज के इस्तीफे के पश्चात् कुछ महिलाएं उनसे मुलाकात करने पहुंचीं। इस के चलते वे फफक-फफक कर रोने लगीं। शिवराज ने उन्हें गले लगा लिया, इस दौरान शिवराज सिंह चौहान भी भावुक दिखाई दिए। 

सोशल मीडिया पर शिवराज सिंह का ये वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि शिवराज सिंह चौहान से मिलने कुछ महिलाएं उनके आवास पर पहुंचीं। ये महिलाएं शिवराज सिंह चौहान के शिवराज न बनने पर दुखी हो गईं तथा तेज तेज रोने लगीं। शिवराज सिंह ने महिलाओं को गले लगाकर उन्हें संभालने का प्रयास किया। भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की है। भारतीय जनता पार्टी ने 230 सीटों में से 163 पर जीत हासिल की है। 

भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा नहीं की थी। ऐसे में सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा की गई। शिवराज सिंह चौहान ने मोहन यादव का नाम आगे किया। इस पर सभी विधायकों ने अपनी सहमति दी। तत्पश्चात, भारतीय जनता पार्टी ने आधिकारिक तौर पर मोहन यादव के नाम का मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर घोषणा की। शिवराज ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल को इस्तीफा सौंप दिया। तत्पश्चात, मोहन यादव ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।