विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति का दिया गया संदेश

बेतिया: आज दिनांक 8 दिसंबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में सार्क देशों द्वारा सार्क चार्टर को अपनाने के वर्षगांठ पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया ,जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों , बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया।

 इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक , सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से सार्क के निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विश्व शांति ,मानव अधिकारों की रक्षा, मानवता, अहिंसा ,सामाजिक सद्भावना, जलवायु परिवर्तन की रोकथाम, पर्यावरण संरक्षण, बाल मजदूरी उन्मूलन ,सीमा पार बाल व्यापार उन्मूलन ,बाल विवाह ,परस्पर आपसी सहयोग बढ़ाने एवं विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति का संदेश देते हुए कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (South Asian Association for Regional Cooperation – SAARC) चार्टर दिवस प्रतिवर्ष 8 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष क्षेत्रीय समूह की 39वीं वर्षगांठ है। ढाका, बांग्लादेश में आयोजित पहले सार्क शिखर सम्मेलन में चार्टर पर सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों या बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के शासनाध्यक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि सार्क चार्टर का इतिहास गौरवशाली रहा है।

8 दिसंबर 1985 को, समूह के पहले शिखर सम्मेलन के दौरान, ढाका में सार्क चार्टर को अपनाया गया था। चार्टर पर आठ दक्षिण एशियाई देशों- बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, मालदीव, नेपाल, भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के नेताओं द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।

जैसा कि इसके चार्टर में उल्लेख किया गया है, सार्क का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने और सामाजिक प्रगति और आर्थिक विकास के माध्यम से उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिए सामूहिक रूप से काम करना है।

भारत के" महान स्वतंत्रता सेनानी हैदर अली पुण्यतिथि" पर सर्वधर्म श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन।

बेतिया पश्चिम चंपारण : आज दिनांक 7 दिसंबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारत के" महान स्वतंत्रता सेनानी हैदर अली पुण्यतिथि दिवस" पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया, इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ अमित कुमार लोहिया ,

वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक,डॉ महबुब उर रहमान एवं डॉ शाहनवाज अली ने संयुक्त रुप से भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी हैदर अली ,अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन 7 दिसंबर 1782 को हैदर अली का निधन हुआ था, उनका सारा जीवन हिंदू मुस्लिम एकता, देश की अखंडता एवं मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित रहा,

फ्रांसीसी जोसेफ-फ्रांकोइस डुप्लेक्स की सैन्य रणनीति का अध्ययन करने के बाद, 1761 के आसपास खुद को मैसूर का शासक बना लिया। इसके बाद उन्होंने बेदनोर (अब हैदरनगर), कनारा और दक्षिणी भारत के छोटे-छोटे पोलीगारों (सामंती प्रमुखों) पर विजय प्राप्त की।

इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से कहा कि

1782 की शुरुआत में हैदर के बेटे टीपू सुल्तान के नेतृत्व में एक सेना ने 400 फ्रांसीसी सैनिकों की सहायता से कोलिदाम (कोलरून) नदी पर 100 ब्रिटिश और 1,800 सिपाहियों को हराया। उस अप्रैल में, 1,200 फ्रांसीसी सैनिक पोर्टो नोवो (अब परंगीपेट्टई) में उतरे और कुड्डालोर पर कब्जा कर लिया, जबकि अंग्रेजों ने हैदर और टीपू को मैदानी इलाकों में उनके प्रमुख शस्त्रागार अरनी के किले से खदेड़ने की कोशिश की।

जॉर्ज मेकार्टनी (बाद में प्रथम अर्ल मेकार्टनी) के मद्रास (चेन्नई) के गवर्नर के रूप में आगमन पर, ब्रिटिश बेड़े ने नागपट्टिनम पर कब्जा कर लिया । अपने मरते हुए शब्दों में, हैदर ने टीपू को अंग्रेजो से भारत भूमि को स्वतंत्र कराने एवं मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए अंतिम क्षण तक अंग्रेजों के साथ संघर्ष जारी रखने की नसीहत की।

नगर निगम क्षेत्र में तेज विकास के लिए सकारात्मक सोच के साथ सबका सहयोग जरूरी:गरिमा

बेतिया। नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने नगर के वार्ड एक में अवस्थित राजेंद्र कुमार के घर से मधुकर मिश्र का घर होते हुए जितेंद्र प्रसाद की जमीन तक कुल 4.01 लाख की लागत से आरसीसी नाला और वार्ड 30 में रमेश धांगड़ के घर से पांडेय जी के घर तक करीब 9.86 लाख की लागत से आरसीसी नाला निर्माण का समारोह पूर्वक उद्घाटन किया।

वार्ड एक के कार्यक्रम में नगर आयुक्त, उपमेयर और स्थानीय पार्षद जुबैर अहमद भी शामिल रहे। वही वार्ड 30 में स्थानीय पार्षद विजय यादव एवं नगर आयुक्त शम्भू कुमार की महत्वपूर्ण सहभागिता रही।

इस मौके पर महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि आज के दौर में सम्पूर्ण नगर निगम क्षेत्र के सुनिश्चित विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। केवल बड़ी सोच के साथ सकारात्मक एक जुटता दिखाने की दरकार है। उन्होंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में तेज विकास के लिए सकारात्मक सोच के साथ नगर निगम बोर्ड के सभी माननीय सदस्य के साथ सबका सहयोग जरूरी है।

उन्होंने कहा कि यह खेद का विषय है कि मेरा अब तक का कार्यानुभव बहुत उत्साह वर्द्धक नहीं रहा है। बोर्ड में पारित करोड़ों की योजनाओं के कार्यान्वयन की धीमी गति मुझे दिख रही है। महापौर ने नगर निगम बोर्ड के साथ सभी अधिकारी और कर्मीगण से भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति ईमानदारी बरतने की अपील की।

निगम बोर्ड से छह माह पूर्व से पारित करोड़ों की योजनाओं को लटकाना जनता के प्रति घोर अपराध:गरिमा

==अतिक्रमण और खुलल्म खुला भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक बार के विरोध के बाद चुप्पी साधने वालों को देख रही है हमको चुनकर भेजने वाली जनता।

==महापौर ने यथा स्थिति में पीसीसी रोड व नाला निर्माण कराने के कृत्य को बताया अतिक्रमणकारियों को अभयदान और नगर निगम के निर्दोष जनता की हकमारी।

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बेतिया: भारी गहमा गहमी और शोर शराबे के बीच मंगलवार को संपन्न नगर निगम बोर्ड की सामान्य बैठक की अध्यक्षता कर रहीं महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बोर्ड की सर्व सहमति से पारित होने के करीब छह माह बाद भी करोड़ों की विकास योजनाओं को लटकाने के कृत्य को नगर निगम की जनता के प्रति घोर अपराध का कृत्य करार दिया। श्रीमती सिकारिया ने कहा कि चारों तरफ बेतहाशा अतिक्रमण और नगर निगम कार्यालय में खुलल्म खुला करोड़ों के भ्रष्टाचार के विरुद्ध पूर्व में एक बार जोरदार विरोध किया गया था। उसके बाद महापौर ने उक्त मामले में चुप्पी साधने को जोरदार आवाज में आगाह किया। उन्होंने कहा कि हमको चुनकर यहां भेजने वाली जनता की नजर हमारे कृत्य पर है। उग्र होते हुए महापौर ने कहा कि योजनाओं के कार्यान्वयन से पहले सड़क और नाले की मापी का प्रस्ताव पारित होने के बावजूद यथा स्थिति में पीसीसी रोड व नाला निर्माण कराया जाना गलत है। सरकारी जमीन के अतिक्रमणकारियों को अभयदान देने के कृत्य को श्रीमती सिकारिया ने नगर निगम के लाखों निर्दोष जनता की हकमारी करार दिया। इससे पूर्व उन्होंने कहा कि माननीय 29 पार्षदगण के हस्ताक्षर से विगत 18 नवंबर को उपलब्ध कराए गए पत्र में करोड़ों का भ्रष्टाचार नगर निगम कार्यालय की मिली भगत में करने वाली पूर्ववर्ती सफाई एजेंसी "पाथेय" के बाद नयी सफाई व्यवस्था के सन्दर्भ में 48 घंटे में ही बोर्ड की बैठक बुलाने की मांग की गई थी। लेकिन 19 व 20 नवम्बर को ही छठ महापर्व होने और 18 नवंबर से ही साफ सफाई की नई व्यवस्था को प्रभावी बनाने जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निगम प्रशासन पर होने को लेकर माननीय पार्षदगण उक्त अनुरोध को तत्काल स्वीकार करना संभव नहीं हो पाया। श्रीमती सिकारिया ने यह भी कहा कि 26 पार्षदगण द्वारा सौंपे गए सामूहिक आवेदन पत्र में उल्लेखित मुद्दे पर चर्चा से पूर्व यह भी जान लेना आवश्यक है कि विभागीय अपर निदेशक के स्तर से बिहार विधान परिषद के पटल पर एक सवाल के जवाब स्वरूप सौंपे गए सरकारी पत्र में बिहार भर के नव उत्क्रमित नगर निगमों में बेतिया नगर निगम का प्रतिमाह खर्च सर्वाधिक के साथ अनेक समान विस्तार वाले नगर निगमों से दोगुना से भी अधिक होने साथ खर्च का गलत होना भी विभाग द्वारा स्वीकार किया गया है। माननीय पार्षदगण से अनुरोध के स्वर में महापौर ने कहा कि नगर आयुक्त को मेरे निर्देश पर आप सबको उपलब्ध कराई गई अपर निदेशक के उक्त पत्र की प्रति का ध्यान पूर्वक अवलोकन कर लेना चाहिए। बोर्ड की सामान्य बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न सैरातों की बंदोबस्ती फरवरी माह तक कर देने, वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक बजट तैयार करने के साथ संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था को दुरुस्त करने और विस्तार करने समेत अनेक अन्य निर्धारित एजेंडे पर विचार किया गया। संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र के लिए चयनित और जारी विकास योजनाओं के कार्यान्वयन पर विचार किया गया। नगर निगम क्षेत्र की निवासियों के लिए शमशान घाट और कब्रिस्तान के जीर्णोद्धार और उसकी बेहतर व्यवस्था पर स्वीकृति दी गई। संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड के सभी मुख्य चौक चौराहों एवं महापुरुषों की मूर्तियों के सौंदर्यीकरण और प्याऊ लगाना भी विषय में शामिल था।

शहीद हुए स्वयं सेवको , पत्रकारों,मीडिया कर्मियों, विभिन्न नागरिक संगठनों के स्वयंसेवकों को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि।


"मानवता की सेवा , विश्व शांति एवं पर्यावरण संरक्षण को आगे आएं विश्व की नई पीढ़ी। फिलिस्तीन इजराइल, सीरिया समेत पश्चिमी एशिया एवं रूस यूक्रेन युद्ध में शहीद हुए स्वयं सेवको , पत्रकारों,मीडिया कर्मियों, विभिन्न नागरिक संगठनों के स्वयंसेवकों को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि।अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने नई पीढ़ी के युवाओं से मानवता की रक्षा, विश्व शांति एवं पर्यावरण संरक्षण की अपील।

आज दिनांक 5 दिसंबर 2023 को अंतराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह किया गया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली , डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक,सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से फिलिस्तीन इजराइल युद्ध, सीरिया समेत पश्चिमी एशिया, यूक्रेन रूस युद्ध एवं दुनिया भर में मानवता की रक्षा,विश्व शांति एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करते हुए शहीद गए स्वयंसेवकों को श्रद्धांजलि अर्पित की । इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने संयुक्त रूप से विश्व की नई पीढ़ी से मानवता की सेवा विश्व शांति एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आने की अपील करते हुए कहा कि दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के रूप में मनाया जाता है।आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए 1985 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अनिवार्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षण , स्वयंसेवकों को शामिल करने वाले संगठनों एवं व्यक्तिगत स्वयंसेवकों को स्वैच्छिकता को बढ़ावा देने, सरकारों को स्वयंसेवी प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करने एवं स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की उपलब्धि के लिए स्वयंसेवी योगदान को मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है।

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी दिवस कई गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र सहित अन्य द्वारा मनाया जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र स्वयंसेवक (यूएनवी) कार्यक्रम द्वारा चिह्नित और समर्थित भी है। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि यूएनवी हर साल आईवीडी को बढ़ावा देने के लिए एक अभियान का समन्वय करता है, जो समुदायों में, राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर शांति और विकास के लिए स्वयंसेवकों के प्रभाव पर निर्माण करता है। यह अभियान स्वीक्षा बाद के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए हमारी सामूहिक मानवता की शक्ति पर प्रकाश डालना है।

यह ध्यान देने योग्य है कि वर्तमान अनुमान वैश्विक स्वयंसेवक कार्यबल को 109 मिलियन पूर्णकालिक श्रमिकों के बराबर करते हैं। संगठनों, संघों और समूहों के माध्यम से 30 प्रतिशत स्वैच्छिक सेवा औपचारिक रूप से होती है; और 70 प्रतिशत व्यक्तियों के बीच अनौपचारिक जुड़ाव के माध्यम से होता है। कुल मिलाकर, अनौपचारिक स्वयंसेवकों में 60% महिलाएं हैं।

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि UNV ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, साझेदारों, सदस्य राज्यों और दुनिया भर की सरकारों के साथ काम किया ताकि सभी लोगों और ग्रह के लिए अधिक समावेशी और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए स्वयंसेवा की भावना को पहचाना और समर्थन किया जा सके। इसलिए, अभियान का संदेश - "हमारे सामान्य भविष्य के लिए अभी स्वयंसेवक बनें।"

"स्वयंसेवक अक्सर संकट के समय सबसे पहले कार्य करते हैं, जोखिम के बावजूद लाखों लोगों को जीवित रहने में मदद करते हैं। उनका काम हमारी सामान्य मानवता को बनाए रखता है।"

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे अभाविप के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन

बेतिया: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे अभाविप के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन।

देश के सभी राज्यों से दस हजार विद्यार्थी अभाविप के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए पहुंचेंगे दिल्ली।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दिल्ली में आयोजित होने जा रहे राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन 8 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी द्वारा दिल्ली के 'बुराड़ी' स्थित 'डीडीए ग्राउंड' में किया जाएगा। विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली में 7 से 10 दिसंबर के बीच आयोजित हो रहा है, जिसमें देशभर के सभी राज्यों से दस हज़ार से अधिक विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, चार दिनों तक छात्र 'डीडीए ग्राउंड, बुराड़ी' में बसाई गई अस्थाई टेंट सिटी में रूकेंगे। इस टेंट सिटी का नाम दिल्ली के महाभारतकालीन नाम पर 'इंद्रप्रस्थ नगर' रखा गया है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना के 75वें वर्ष का यह 'अमृत महोत्सव राष्ट्रीय अधिवेशन' देशभर के युवाओं की उपस्थिति, संवाद के विषयों की विविधता सहित विभिन्न पक्षों में विशिष्ट है। 

अभाविप के दिल्ली राष्ट्रीय अधिवेशन में शिक्षा, पर्यावरण, खेल, कला, समसामयिक विषयों पर अधिवेशन में भाग ले रहे प्रतिनिधियों द्वारा व्यापक चर्चा के उपरांत व्यवहारिक धरातल पर परिवर्तन के निमित्त दिशा तय होगी। इस अधिवेशन में शिक्षा, राजनीति, व्यापार आदि विविध क्षेत्रों से प्रमुख लोग भी शामिल होंगे।

7-10 दिसंबर को आयोजित होने जा रहा विद्यार्थी परिषद 69वां राष्ट्रीय अधिवेशन कई मायनों में महत्वपूर्ण है, इस अधिवेशन में 10 हज़ार से अधिक प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे तथा विभिन्न प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत का लघु दर्शन करने का अवसर मिलेगा। 

अधिवेशन को लेकर दिल्ली में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, अधिवेशन में जीरो फ़ूड वेस्ट, ज़ीरो प्लास्टिक जैसे कई प्रयोग किए जा रहे हैं। अधिवेशन को भव्यता प्रदान करने हेतु दिल्ली के शैक्षणिक संस्थानों के छात्र दिन-रात लगे हुए हैं व सम्पूर्ण भारत से आ रहे प्रतिनिधियों का स्वागत करने को तैयार हैं। 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि "अभाविप का राष्ट्रीय अधिवेशन ऐतिहासिक अनुभवों का गवाह बनने जा रहा है। अभाविप की 75 वर्षों की ध्येय यात्रा अनेक दृष्टियों से महत्वपूर्ण है और आज इसी का परिणाम है कि आज अभाविप विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में उभरा है। 

इस अमृत महोत्सव वर्ष के राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन भारतीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा, जो काफी हर्ष का विषय है, इससे विद्यार्थियों को काफी प्रोत्साहन मिलेगा। इस अधिवेशन को विशिष्ट बनाने हेतु हम निरंतर प्रयासरत हैं और विभिन्न पक्षों की विशिष्टता आगामी अधिवेशन में देखने को मिलेगी।"

ब्रह्माकुमारी की अंतरराष्ट्रीय तनावमुक्ति विशेषज्ञ पूनम दीदी के नेतृत्व में 22 से 30 दिसंबर तक" अलविदा तनाव" शिविर:बीके अंजना

बेतिया: नगर के महाराजा स्टेडियम में 9 दिवसीय शिविर में तनाव मुक्त जीवन कैसे हो,आधारित शिविर "अलविदा तनाव" का आयोजन ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा किया गया है। जिसका नेतृत्व करने ब्रह्माकुमारी के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंटआबू की तनावमुक्ति विशेषज्ञ राजयोगिनी बीके पूनम दीदी पधार रही हैं।

इसको लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शिविर की विस्तृत जानकारी सेवा केन्द्र राजयोगिनी बीके अंजना दीदी ने दी।उन्होंने कहा कि शिविर का संचालन करने हेतु जो बेतिया वासियों के लिए सौभाग्य की बात है।उन्होंने कहा कि विगत 25 वर्षों से पूनम दीदी जी देश और विदेश मे अलविदा तनाव पर शिविर कराकर लाखो लोगो के जीवन को तनाव से मुक्ति दिला चुकी हैं।

 नौ दिवसीय कार्यक्रम के रूपरेखा और विषय पर उन्होंने बताया कि प्रथम दिन 22 दिसंबर का विषय है चिंता रहित जीवनशैली,23 को आवों करे खुशियों से मुलाकात,24 को स्वंय की पहचान,25 को गहन ईश्वरीय अनुभूति,26 का सुखी जीवन का रहस्य,27 का मेडिटेशन से सभी समस्याओं का समाधान,28 का अलौकिक जन्मोत्स्व,29 को विश्व ड्रामा का रहस्य, 30 को गुडवाय टेंशन पर विशेष वर्ग चलेगा।

सेवा केंद्र प्रभारी ने कहा कि शिविर मे भाग लेने वाले भाई बहनों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। शिविर बिल्कुल मुफ्त है।निर्धारित समय पर शिविर आरंभ होगी इसलिए समय से पूर्व प्रतिभागियों को आने से सुविधा होगी। 

शिविर के आयोजन के स्वरूप निर्धारण में बतौर मुख्य अतिथि शामिल नगर निगम महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि आज के परिवेश में तनाव आम आदमी के जीवन यापन और विकास पर प्रतिकूल डाल रहा है।समाज की संबंधित समस्याओं को ध्यान पर ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्होंने बताया की किस प्रकार तनाव आज के व्यक्ति को अपने चपेट में ले रहा है।

 अतः इस कार्यक्रम के द्वारा नगर वासी अपनी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को उन्नत बना सकते हैं। ईश्वरीय सौगात देने के वक्त बेतिया महापौर गरिमा देवी शिकारिया जी ने कहा कि यह सौगात जो आप लोग को मिलने वाला है। यह हमारे जीवन से संबंधित ईश्वरीय वरदान है जो वर्तमान समय हमारी स्थितियों को सुधारने में मदद करेगा।

स्वतंत्रता सेनानी बतख मियां अंसारी की 66 वी पुण्यतिथि पर जीवन दर्शन को विश्वविद्यालयों एवं स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की सरकार से की मांग

 

बेतिया: सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जान बचाने वाले स्वर्गीय बतख मियां अंसारी जी की 66 वीं पुण्यतिथि पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा एक सर्वधर्म श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी,बतख मियां अंसारी, अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई ‌।

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट, सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन, डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन 4 दिसंबर 1957 को महान स्वतंत्रता सेनानी बतख मियां अंसारी का निधन हुआ था ।1917 में चंपारण, ब्रिटिश नील बागान अधिकारी इर्विन के निर्देशों का पालन करने से इनकार करने के लिए रसोइया को भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। बतख मियां अंसारी को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।साथ ही अंग्रेजों ने उनके घर को ध्वस्त कर दिया एवं नीलाम कर दिया।भारत की स्वाधीनता के बाद1950 में जब भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद अविभाजित चंपारण के नरकटियागंज जंक्शन होते हुए मोतिहारी जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन पर एक विशेष ट्रेन से उतरे थे। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद अपने एक संबंधी अवधेश वर्मा की तबीयत खराब होने पर मिलने नरकटियागंज पहुंचे थे।

रेलवे प्लेटफॉर्म पर लोगों का एक समूह था जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा संबोधित करना था। अचानक, मंच के प्रवेश द्वार पर हंगामा मच गया - एक बूढ़े व्यक्ति ने जोर देकर कहा कि उसे " प्रसाद " से मिलने दिया जाना चाहिए। सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से आप मिलना चाहते हैं?, आपको पता है की वह भारत के राष्ट्रपति हैं ?।उनके मिलने के लिए प्रोटोकॉल का पालन करना होता है। बूढ़ा व्यक्ति कहता है मुझे अपने" प्रसाद "से मिलना है। अचानक कार्यक्रम स्थल के द्वार पर हंगामा ज्यादा होता है। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को बताया जाता है कि एक व्यक्ति आपसे मिलना चाहता है। जिसे सुरक्षाकर्मी रोक रहे हैं।

भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद फौरन मंच से उतरते हैं। स्वागत द्वार की ओर जाते हैं। तत्कालीन भारत के राष्ट्रपति की नजरें एक बूढ़े व्यक्ति की ओर पड़ती है, नजदीक पहुंचने पर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के मुख से आवाज आती है,,, बतख मियां अंसारी,। बतख मियां अंसारी की मुख से आवाज से आती है" प्रसाद"। बतख मियां अंसारी कहते हैं हमें आपसे मिलना था , आप से मिल लिए। भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति कहते हैं कि आपको पता है कि कभी हम एवं महात्मा गांधी आपके मेहमान थे। आज आप हमारे मेहमान हैं ।चलिए मंच पर चलिए।वह बूढ़े आदमी को मंच पर ले गए, उन्हें बगल में एक कुर्सी दी, सभा में सन्नाटा छा गया। राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने सभा के लोगों से पूछा कि आप जानते हैं कौन हैं यह व्यक्ति, सभा में सन्नाटा बना रहा। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि यह हमारे मित्र हैं ।एक समय था जब हम एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इन के मेहमान बने थे, आज यह हमारे मेहमान हैं। 

राष्ट्रपति ने 1917 की एक कहानी सुनाई, जिस वर्ष महात्मा गांधी तीनकठिया संविदात्मक प्रणाली की जांच करने के लिए चंपारण आए थे,

डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपने बगल में बैठे व्यक्ति का परिचय बत्तख मियां (अंसारी) के रूप में कराया, जो एक रसोइया थे, जिसने अपनी गरीबी के बावजूद, गांधी और उन्हें जहर देने के लिए एक ब्रिटिश योजनाकार, इरविन द्वारा पेश किए गए "सभी प्रकार के प्रलोभन" को ठुकरा दिया। 

डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा, अगर यह बतख मियां नहीं होता, तो गांधी की मृत्यु हो जाती, इस तरह की त्रासदी का स्वतंत्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ सकता था। आपको पता है।? तत्कालीन राष्ट्रपति ने बतख मियां अंसारी के त्याग एवं बलिदान को सम्मानित करते हुए 57 एकड़ जमीन बतख मियां को सरकार की ओर से देने की घोषणा की। 

स्वर्गीय बतख मियां ने 1950 से 1957 तक इस उम्मीद में अंतिम सांस लेकर विदा हो गए कि उनकी एवं उनकी परिवार की हालत सुधरेगी एवं आर्थिक तंगी दूर होगी ।बतख मियां अंसारी ने आशाओं एवं उम्मीदों के साथ 4 दिसंबर 1957 को अंतिम सांस ली। उनके मृत्यु के बाद उनके परिजनों ने राष्ट्रपति कार्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक चक्कर लगाते रहे। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के प्रयासों से उनके परिजनों को 6 एकड़ जमीन उपलब्ध हो सकी। 

आज भी उनके परिजन पश्चिम चंपारण एवं पूर्वी चंपारण जिलों में आर्थिक तंगी से जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।इस अवसर पर वक्ताओं ने स्वर्गीय बत्तख मियां अंसारी के सम्मान में विश्वविद्यालय एवं बतख मियां अंसारी के जीवन दर्शन को विश्वविद्यालयों एवं स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग सरकार से की। साथ ही बतख मियां के परिवार सहित उन सभी अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को आर्थिक तंगी से निकालने के लिए एक ठोस निर्णय लेते हुए उनकी स्थिति सुधार करने की मांग सरकार से की गई।

पश्चिमी चंपारण के ब्लॉक प्रमुख राजेंद्र बैठा, निहारिका नूतन और उनके समर्थकों ने ली जन सुराज की सदस्यता

बेतिया: जन सुराज अभियान का कारवां लगातार बढ़ता जा रहा है। जन सुराज सदस्यता अभियान के तहत पटना में रविवार को सामूहिक सदस्यता ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। 

जिसमें बिहार के विभिन्न जिलों से आए लोगों ने जन सुराज की सदस्यता ग्रहण की। पश्चिमी चंपारण जिले में 2021 से ब्लॉक प्रमुख रहे राजेंद्र बैठा (समाजसेवी), ब्लॉक प्रमुख निहारिका नूतन और उनके समर्थकों ने जन सुराज की सदस्यता ग्रहण की। 

वहीं पूर्व मुखिया, तीन बार के बीडीसी रहे अजय चौबे और अन्य सदस्यों ने भी सदस्यता ग्रहण की।

जन सुराज अभियान में जुड़ने वाले संस्थापक सदस्यों पर एक नजर 

पूर्व मुखिया, तीन बार के बीडीसी अजय चौबे, पश्चिमी चंपारण से 2021 से ब्लॉक प्रमुख (समाजसेवी) राजेंद्र बैठा, ब्लॉक प्रमुख निहारिका नूतन, बगहा से शेषनाथ चौधरी, योगापट्टी से लाल बाबू चौधरी, बगहा से बीरेंद्र राम, रामनगर से आशुतोष पासवान, रामनगर से बीरेंद्र राम, मझौलिया से लाल यादव सहित अन्य ने जन सुराज की सदस्यता हासिल की।

समुचित शिक्षा और उत्तम संस्कारों के बीजारोपण से सशक्त होगी युवा पीढ़ी के जीवन की नींव: गरिमा

बेतिया: आन्नदमार्ग प्रचारक संघ के तत्वावधान में रविवार को "क्या विषयों का ज्ञान ही सम्पूर्ण शिक्षा है?" विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया।लाल बाजार के हजारीमल धर्मशाला के सभागार में संपन्न समारोह में मुख्य अतिथि रहीं नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने आन्नदमार्ग के उक्त सिंपोजियम का दीप प्रज्वलित कर के उद्घाटन किया।इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं के जीवन की नींव समुचित शिक्षा और उत्तम संस्कारों के बीजारोपण से सशक्त होती है। 

इस अवधारण को व्यवहारिक रूप में स्वीकार करने के साथ हम सबको यह भी स्वीकार करना होगा कि आज के विद्यार्थी ही हमारे समाज के भावी निर्माता हैं। आनंद मार्ग प्रचारक संघ के इस चिंतन शिविर में विषय के रूप में उठाए गए उपरोक्त सवाल का समर्थन करने के साथ महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को समुचित शिक्षा के साथ रचनात्मक स्वरूप में उनका मानसिक विकास भी अनिवार्य है। 

क्योंकि इसके बिना उनके सकारात्मक व्यक्तित्व विकास संभव नहीं है। जबकि आज की व्यवस्था में हमारी युवा पीढ़ी को मिलने वाली विषयगत शिक्षा केवल इनके विषयगत ज्ञान का विस्तार करती है। ऐसा ज्ञान इनके आगे के व्यवहारिक जीवन की जटिलताओं से उबरने की क्षमता को विकसित नहीं कर पा रहा है.जिसके कारण कुंठा,हताशा और अवसाद अर्थात डिप्रेशन का प्रकोप हमारी युवा पीढ़ी में बढ़ रहा है। इससे पर आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से महापौर पुष्पगुच्छ,फूल माला और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस चिंतन शिविर में जिला के विभिन्न महाविद्यालयों से आमंत्रित विद्यार्थी और अनेक विद्वत जन ने भी अपने अपने विचार रखे।उनके द्वारा - क्या वर्त्तमान शिक्षा जीवन के मूल लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक है?,

जीवन में सही निर्णय लेने में क्या वर्त्तमान शिक्षा सहायक है?, व्यवहारिक जीवन और आध्यात्मिक जीवन में कोई सम्बन्ध है। जैसे विषयों पर विस्तार से विचारण किया गया।