आजमगढ़: जागरुकता ही एड्स से बचाव का मुख्य इलाज
आजमगढ़- फूलपुर तहसील के अंबारी स्थित गया प्रसाद स्मारक राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 'विश्व एड्स दिवस' के अवसर पर जागरूकता एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्राओं को एड्स कैसे फैलता है,उसके लक्षण क्या है, उससे कैसे बचा जाए आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अरविंद कुमार ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि एड्स को पूरी तरह से ठीक या ख़त्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसकी रोकथाम और जागरूकता ही इसका बचाव है। और कहा कि ऐसी घातक बीमारियों की चपेट में आने से बचने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाजशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अनिल कुमार सिंह यादव ने कहा कि एड्स एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) संक्रमण के बाद होती है। एचआईवी संक्रमण के पश्चात मानवीय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। एड्स का पूर्ण रूप से उपचार अभी तक संभव नहीं हो सका है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में एड्स की पहचान संभावित लक्षणों के दिखने के पश्चात ही हो पाती है। महाविद्यालय की छात्राओं के द्वारा एड्स जागरूकता से संबंधित एक नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर मे पूजा मौर्या,अशोक गुप्ता, अरविंद कुमार, सुशील त्रिपाठी,प्रगति दूबे, रानी राय एवं प्रवीण कुमार उपस्थित रहे । महाविद्यालय की छात्राओ में रीना,रुचि , शालू, करीना,श्रद्धा, सोनी, अर्चिता, प्रीती,मनीषा उजाला आदि ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत के जागरूक किया ।कार्यक्रम का संचालन विजय कुमार शुक्ल एवं धन्यवाद ज्ञापन अरूण प्रताप यादव ने किया।
Dec 01 2023, 19:11