पूर्णिया पूर्व प्रखंड के हरदा एवं कबैया पंचायत में कैम्प लगाकर विकसित भारत संकल्प यात्रा की हुई शुरुआत

पूर्णिया : भारत को 2027 तक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा "विकसित भारत संकल्प यात्रा" की शुरुआत की गई है। इसके तहत भारत के सभी राज्य के सभी जिला के सभी पंचायत में एकदिवसीय स्वास्थ्य कैम्प का आयोजन किया जाएगा । जहां स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य जांच करते हुए उन्हें विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी। गुरुवार से पूर्णिया जिले में विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत पूर्णिया पूर्व प्रखंड के हरदा पंचायत से की गई। इस दौरान स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य जांच करते हुए उन्हें विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी दी गई। 

संकल्प यात्रा क्रियान्वयन के लिए बनाई गई है निगरानी टीम 

विकसित भारत संकल्प यात्रा के सफल क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारी द्वारा जिले में निगरानी टीम बनाई गई है। इसके लिए उप विकास आयुक्त, पूर्णिया को जिला नोडल पदाधिकारी एवं अन्य प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है। गठित जिलास्तरीय निगरानी समिति द्वारा पंचायत स्तर संकल्प यात्रा के क्रियान्वयन का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करते हुए विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम को सफल बनाने में आवश्यक सहयोग प्रदान करना है। कार्यक्रम के प्रचार प्रसार हेतु उपलब्ध कराए गए प्रचार वाहन द्वारा प्रतिदिन दो पंचायत में (प्रथम पाली व द्वितीय पाली में) लोगों को कार्यक्रम की जानकारी उपलब्ध कराना है। साथ ही सम्बंधित पंचायत में स्वास्थ्य कैम्प आयोजित कर लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य जांच करते हुए संबंधित जानकारी राज्य एवं जिला से सम्बंधित एप पर अपलोड किया जाना है। स्वास्थ्य जांच के लिए चयनित स्थल व निर्धारित तिथि का दो दिन पूर्व से संबंधित पंचायत के घर घर में प्रचार प्रसार किया जाना है। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध होकर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले सकें। 

जिले में 26 जनवरी तक चलेगी संकल्प यात्रा 

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि विकसित भारत संकल्प यात्रा जिले के सभी प्रखंड के सभी पंचायत में चलायी जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोस्टर तैयार किया गया है। इसके तहत सभी दिन के प्रथम पाली में एक पंचायत तथा दूसरी पाली में दूसरे पंचायत में स्वास्थ्य कैम्प आयोजित किया जाएगा। आयोजित कैम्प में लोगों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी देते हुए आवश्यक लोगों को संबंधित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। सभी पंचायतों में भी कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए निगरानी समिति बनाई गई है। जिसके द्वारा कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए आवश्यक सहयोग करते हुए लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उपलब्ध कराने में सहयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विकसित भारत संकल्प यात्रा 26 जनवरी तक जिले में संचालित की जाएगी। इस दौरान प्रतिदिन दो पंचायतों में कैम्प आयोजित कर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा। 

कैम्प में लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य जांच एवं जानकारी 

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि संकल्प यात्रा के तहत सभी पंचायतों में आयोजित स्वास्थ्य कैम्प में लोगों को विभिन्न प्रकार के चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें उपलब्ध डॉक्टरों द्वारा उपस्थित लोगों की रक्तचाप, मधुमेह, टीबी, एनीमिया आदि विभिन्न बीमारियों की जांच करते हुए आवश्यक दवा का वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य कैम्प में लोगों का आयुष्मान कार्ड भी बनाया जाएगा । जिससे कि लोग देश में कहीं भी गंभीर बीमारियों के मुफ्त उपचार का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि विकसित भारत संकल्प यात्रा का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत को विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है। जिसके लिए देश के सभी राज्यों के सभी पंचायतों में स्वास्थ्य कैम्प आयोजित किया जा रहा है। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों तक लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ा जा सके।

पूर्णिया से जेपी मिश्रा

शिक्षा विभाग के अपर सचिव पर जमकर बरसे पप्पू यादव, कहा- प्रैक्टिकल आदमी नहीं के.के पाठक

पूर्णिया – शिक्षा विभाग के अपर सचिव के के पाठक अपने आदेशों को लेकर इनदिनों सुर्खियों में बने हुए है। विपक्ष के साथ-साथ कई राजनीतिक पार्टी के नेता उनपर जमकर निशाना साधा रहे है। इसी कड़ी में जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने आज पूर्णिया में के के पाठक पर जमकर भड़ास निकाला। 

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केके पाठक जिस विभाग में गए हैं कहीं सक्सेस नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रैक्टिकल आदमी नहीं है। के के पाठक सुबह में कुछ तो शाम में कुछ आदेश निकलते हैं। क्या वह संविधान से ऊपर हैं।स्कूलों में छात्रों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और वह फरमान निकालते रहते हैं। वह शिक्षक को टॉर्चर करते रहते हैं। कभी मंत्री से भिड जाते हैं तो कभी कुछ से कुछ आदेश निकालते हैं। क्या ऐसे में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। 

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार उनके बारे में क्या सोचते हैं यह उन्हें नहीं पता लेकिन के के पाठक को प्रैक्टिकल होना होगा।

पूर्णिया से जेपी मिश्रा

नवजात शिशु मृत्यु को नियंत्रित करने को स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कार्यशाला का हुआ आयोजित

पूर्णिया, 29 नवंबर। नवजात शिशु मृत्यु को नियंत्रित करने के लिए बुधवार को जिलास्तर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन स्थानीय होटल में किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में यूनिसेफ कार्यक्रम प्रबंधक शिवेंद्र पंड्या, अपर समाहर्ता गौरव कुमार, सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, राज्य स्वास्थ्य समिति के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक डॉ विजय प्रकाश राम, यूनिसेफ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ शंकर रेड्डी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस दौरान जिले के सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक, अस्पताल प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं प्रसव कक्ष परिचारिका (इंचार्ज) उपस्थित रहीं। 

नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने को स्वास्थ्य अधिकारियों को दी गई जानकारी- : 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा नवजात शिशु कार्य योजना का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2023 तक 0 से 28 दिनों तक के बच्चों के मृत्यु दर में कमी लाना है। वर्तमान में एसआरएस डाटा के अनुसार बिहार राज्य का नवजात शिशु मृत्यु दर 21 एवं स्टिल बर्थ रेट 19 है। इसमें पूर्णिया जिला का स्टिल बर्थ रेट 13 है। नवजात शिशु कार्य योजना का मुख्य उद्देश्य इसमें कमी लाते हुए इसे 10 करना है।

इस हेतु स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, दिल्ली से ईनक्लीन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली, एम्स पटना, मेडिकल कॉलेज पूर्णिया एवं यूनिसेफ के सहयोग से पूर्णिया जिले को भारत में नवजात शिशु मृत्यु दर को सिंगल डिजिट में लाने के लिए शोध करने हेतु चिह्नित किया गया है। कार्यक्रम में जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा बताया गया कि भारत में केवल दो जिले को नवजात शिशु मृत्यु दर के कारणों का पता लगाने और इसे कम करने के लिए शोध करने हेतु चिह्नित किया गया है। इसमें एक छत्तीसगढ़ राज्य का बीजापुर और दूसरा बिहार राज्य का पूर्णिया जिला है। यह हमारे लिए एक अवसर है कि हम साथ मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं को सामुदायिक स्तर पर सुदृढ करने हेतु कार्य करें। ताकि सभी किशोरी, गर्भवती महिला एवं बच्चों को लाभ मिल सके तथा नवजात शिशु मृत्यु दर में आवश्यक कमी लाई जा सके। 

उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला को चिह्नित कर संस्थागत प्रसव करें सुनिश्चित : 

जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि जिले में स्टिल बर्थ ऑडिट की गतिविधि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्व से की जा रही है। हमलोग प्रयास कर रहे हैं कि सभी उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर संस्थागत प्रसव सुनिश्चित की जाए। अभी जिले में कुल 504 उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को चिह्नित किया गया है। उन सभी को नियमित प्रसव पूर्व जांच करते हुए उनके संस्थागत प्रसव कराने पर जोर दिया जा रहा है। जिससे कि महिलाऐं और बच्चे बिल्कुल स्वस्थ रह सकें। 

गर्भावस्था में कमजोर पोषण स्टिल बर्थ का मुख्य कारण : 

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि नवजात शिशुओं के स्टिल बर्थ का मुख्य कारण गर्भवती महिलाओं की कमजोर पोषण, एनीमिया, गर्भावस्था के दौरान एएनसी जांच कम होना है। इस पर लोगों को ध्यान देने की आवश्यकता है। यूनिसेफ कार्यक्रम प्रबंधक शिवेंद्र पंड्या ने बताया कि कोविड के पूर्व 2016 में स्टिल बर्थ रेट 6 था जबकि कोविड के बाद इसमें अत्यधिक वृद्धि हो गई है। अब ये बढ़कर 19 हो गया है।

प्रसव के के समय स्टिल बर्थ सबसे ज्यादा होता है। यह 68.5% हो गया है। इसे कम करने की जरूरत है। जिसके लिए लोगों के साथ स्वास्थ्यकर्मियों को भी सुचारू रूप से कार्य करने की जरूरत है।

यूनिसेफ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ शंकर रेड्डी ने बताया कि आईएनएपी/एसडीजी के अनुसार नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करना हमलोगों का मुख्य लक्ष्य है।

इसके लिए हम सभी आईसीएमआर, एम्स, इनक्लीन, राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे। कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में इनक्लीन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली से डॉ मनोज दास, एम्स पटना से डॉ सौरभ कुमार, शिशु रोग विभाग विभागाध्यक्ष डॉ प्रेम प्रकाश, मेडिकल कॉलेज पूर्णिया की प्रसूति रोग विभाग विभागाध्यक्ष डॉ ऋचा तथा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली से डॉ अमलीन शुक्ला द्वारा उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।

अधिवक्ता स्व०बिन्देश्वरी प्रसाद चौपाल को दी गई भाव-भीनी श्रद्धांजलि


पूर्णिया : जिले अधिवक्ता स्व० बिन्देश्वरी प्रसाद चौपाल को भाव-भीनी श्रद्धांजलि दीगई। उनका आकाश्मिक निधन विगत 26 नवम्बर 2023 हो गया था।

परंपरा के अनुसार 28 नवम्बर 2023 को उनके प्रति शोक-संवेदना व्यक्त करते हुए जिला अधिवक्ता संघ पूर्णिया के तमाम अधिवक्ताओं ने अपने-आप को न्यायिक कार्यों से अलग रखा।

संघ के अध्यक्ष अवधेश कुमार तिवारी की अध्यक्षता में दिन के 01.30 बजे संघ के प्रशाल में एक शोक-सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर संघ के प्रभारी महासचिव सुमन जी प्रकाश एवं अन्य अधिवक्ता गण उपस्थित थे।

स्व० बिन्देश्वरी प्रसाद चौपाल के बारे में जानकारी देते हुए संघ के अध्यक्ष अवधेश कुमार तिवारी ने कहा कि उनका निधन संघ के लिए अपूरणीय क्षति है। वह काफी शांत स्वभाव के एवं विवादों से परे रहने वाले व्यक्ति थे।

उन्होंने आगे कहा कि स्व० बिन्देश्वरी प्रसाद चौपाल ने अपना पंजीयन तो 1999 में ही कराया था परंतु वे वर्ष 2002 में अपने संघ के सदस्य बने थे। लगभग 64 वर्ष की अवस्था में उनका आकाश्मिक निधन हो गया।

वे अपने पीछे विधवा पत्नी उषा देवी के अलावे 3 पुत्री व 2 पुत्र छोड़ गए हैं। संध्या 04.00 बजे जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायिक कक्ष में भी एक संयुक्त शोक-सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में न्यायिक पदाधिकारी और अधिवक्ता गण शामिल हुए तथा 2 मिनट का मौन रखकर स्व० बिन्देश्वरी प्रसाद चौपाल के आत्मा की शांति हेतु श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

पूर्णिया के अमौर प्रखंड में जनसंवाद कार्यक्रम का किया गया आयोजन, लोगों को दी गई सरकारी योजनाओं की जानकारी

पूर्णिया : जिले में जिला प्रशासन पूर्णिया द्वारा अमौर प्रखंड के नितेंद्रर पंचायत में जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां जन संवाद कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों ने ग्रामीणों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से संबंधित जानकारी दी। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों को योजनाओं से रूबरू कराया गया। 

इस आयोजित जनसंवाद में भारी संख्या में आसपास के लोगों ने हिस्सा लिया। खास तौर पर में जीविका की दीदीयां मौजूद रही बताते चले की सरकार की दिशा निर्देश पर विभिन्न पंचायत में बारी-बारी से जन संवाद आयोजित हो रही है। जहां प्रखंड सह अंचल के अधिकारियों के द्वारा लोगों के बीच जनसंवाद के माध्यम से योजनाओं की जानकारी दी जा रही है जिसका लाभ लोग ले रहे हैं। 

नितेंद्र पंचायत में आयोजित जन संवाद में सिविल सर्जन अभय प्रकाश ने स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रकाश डालते हुए लोगों को कई अहम जानकारी दी। दूसरी ओर अनुमंडल पदाधिकारी कुमारी तौसी ने भी लोगों को संबोधित किया। 

एडीएम केडी उज्ज्वल प्रज्वल ने अपने संबोधन में कहा कि लगभग सभी पंचायत में विकास की किरणें फैल चुकी है। सड़क यातायात शिक्षा स्वास्थ्य बिजली की कोई कमी नहीं है। शायद ही कहीं ऐसा गांव है। जहां बिजली उपलब्ध न हो अब के समय में लोग खेती किसानी से अच्छी जीविकोपार्जन कर रहे हैं। किसान मखाना मशरूम की खेती कर रहे हैं। बच्चे साथ निश्चय योजना से संचालित कंप्यूटर प्रशिक्षण का लाभ ले रहे हैं स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो रही है।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

पुलिस ने अवैध रुप तस्करी किये जा रहे तीन ऊंट को किया जप्त

पूर्णिया : जिले के बायसी थाना क्षेत्र के गांघर पंचायत के बासडोल गांव में अवैध रूप से ऊंट का तस्करी कर रहे तीन ऊंट को बायसी पुलिस की मदद से छापेमारी के दौरान जप्त किया गया है। 

जानकारी साझा करते हुए बायसी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आदित्य कुमार ने बताया कि गुप्त सुचना के आलोक में बायसी पुलिस को पता चला कि तीन ऊंट को अवैध रूप से बिहार बंगाल सीमा पर तस्करी किया जा रहा था जिसे बायसी पुलिस ने अपने गिरफ्त में ले लिया है।  

वही ऊंट तस्करी कर रहे तस्कर फरार चल रहा है। फिलहाल पशु चिकित्सक को सूचना देकर उनका जांच किया जा रहा है। वहीं घटनास्थल पर पहुंचकर बात करने पर स्थानीय ग्रामीण कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं। छानबीन जारी है।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

हृदय एवं फेफड़ा की बीमारी से ग्रसित दो बच्चों को विशेष जांच के लिए भेजा गया पटना।

पूर्णिया।

- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एम्स और आईजीआईएमएस में बच्चों का होगा मुफ्त इलाज:-

- आरबीएसके के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है इलाज:-

- कुपोषण और नियमित टीकाकरण की कमी से गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं बच्चें :-----

बच्चों को गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) चलाया जाता है। इसके तहत जिले में गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। सोमवार को पूर्णिया जिले के दो गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए आरबीएसके टीम द्वारा बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया। इसमें डगरुआ प्रखंड से एक बच्चा रोशन कुमार जिसकी उम्र सिर्फ 06 साल है। वह फेफड़े की समस्या से ग्रसित है। वहीं दूसरी बच्ची धमदाहा प्रखंड की हबीबा 05 साल की है । उसके हृदय में छेद पाई गई है। दोनों बच्चों को परिजनों के साथ सोमवार की शाम एम्बुलेंस से पटना रेफर किया गया है। पटना में फेफड़े की समस्या से ग्रसित रोशन कुमार को आईजीआईएमएस में तथा हृदय में छेद की समस्या से ग्रसित हबीबा को एम्स में दिखाया जाएगा। मेडिकल कालेज में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांच के बाद बच्चों को आवश्यक दवाई देते हुए एम्बुलेंस के माध्यम से ही वापस पूर्णिया पहुँचाया जाएगा। जांच रिपोर्ट के बाद ऑपरेशन होने की स्थिति में चिकित्सकों द्वारा तिथि निर्धारित करते हुए बच्चों को फिर से पटना बुलाया जाएगा। इस दौरान आरबीएसके की टीम द्वारा बच्चों को घर में ही निगरानी में रखा जाएगा और किसी तरह की आवश्यकता होने पर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

आरबीएसके के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है इलाज :

आरबीएसके जिला समन्यवक डॉ आर पी सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें विशेष इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए जिले के प्रत्येक प्रखण्ड में आरबीएसके की टीम कार्यरत है। प्रत्येक प्रखंड में स्क्रीनिंग के दौरान गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चे की पहचान कि जाती है। उसके बाद  आरबीएसके की टीम के द्वारा बच्चों को प्रारंभिक जांच के लिए प्रखण्ड अस्पताल में लाया जाता है। यहां बीमारी की पहचान होने पर चिकित्सा के पश्चात डीईआईसी पूर्णिया भेजा जाता है। वहां से चिकित्सा के लिए बच्चों को मेडिकल कॉलेजों में 102 एम्बुलेंस से भेजा जाता है। बच्चे की जांच के बाद चिकित्सक द्वारा संबंधित बीमारी का विश्लेषण किया जाता है। इसके बाद ऑपरेशन की स्थिति में बच्चे को परिजनों के साथ फिर से संबंधित मेडिकल कालेज भेजा जाता है। जहां उन्हें  सभी इलाज व्यवस्था मुहैया कराई जाती है।

कुपोषण और नियमित टीकाकरण की कमी से गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं बच्चे :

आरबीएसके जिला समन्यवक डॉ सिंह ने बताया कि गर्भावस्था में महिलाओं द्वारा सही पोषण नहीं लेने और गर्भकाल से बच्चों के जन्म के बाद उन्हें सही टीका नहीं लगाने से बच्चे गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। बच्चों को इससे सुरक्षित रखने के लिए परिजनों को जन्म के पहले से ही बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गर्भावस्था में महिला की नियमित जांच करवाते हुए उन्हें आवश्यक टीका लगाना चाहिए। जन्म के बाद बच्चों को ये छः माह तक केवल माँ का दूध और उसके बाद पर्याप्त पोषण वाले आहार का सेवन कराना चाहिए। इससे बच्चे तंदुरुस्त रहते  और उन्हें किसी भी गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने की समस्या नहीं होती है।

जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में साप्ताहिक बैठक का हुआ आयोजन, दिए कई आवश्यक दिशा निर्देश।


18 एवं 19 वर्ष आयु के छुटे हुए योग्य युवाओं का नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने का दिया गया निर्देश।

खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को करें जागरूक।

श्री कुन्दन कुमार (भा ०प्र ० से ०) जिला पदाधिकारी पूर्णिया की अध्यक्षता में साप्ताहिक समीक्षात्मक बैठक का आयोजन समाहरणालय सभा कक्ष में आहूत की गई।

पूर्व बैठक में दिए गए निर्देशकों के अनुपालन की विभागवार विस्तृत समीक्षा की गई।

सर्वप्रथम जिलाधिकारी महोदय द्वारा जन संवाद कार्यक्रम की प्रगति एवं उपलब्धि की प्रखंडवार गहन समीक्षा की गई। 

प्रभारी पदाधिकारी सामान्य शाखा सामान्य सह वरीय उप समाहर्ता डैजी रानी द्वारा बताया गया कि अभी तक कुल 215 पंचायतों में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन कराया जा चुका है। 

जिलाधिकारी द्वारा सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जनसंवाद कार्यक्रम के शेष बचे हुए पंचायत में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा कराना सुनिश्चित करें।

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2024 अंतर्गत 18 एवं 19 आयु वर्ग के छूटे हुए योग्य युवा मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

 इसकी समीक्षा के दौरान पाया गया कि प्रखंड कसबा, बनमनखी पूर्णिया पूर्व प्रखंड की कार्य उपलब्धि निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप प्रगति संतोषजनक नहीं है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा संबंधित निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को निर्धारित समय सीमा के अंदर लक्ष्य को हर हालत में पूरा करने का निर्देश दिया गया।

जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि कोचिंग संस्थानों से भी 18से 19 वर्ष आयु के छात्र छात्राओं का डाटा प्राप्त कर मतदाता सूची में शामिल करना सुनिश्चित करे।

जिला पदाधिकारी द्वारा प्रबंधक, डीआरसीएस पुर्णिया को निर्देश दिया गया कि सभी केवाईपी केंद्रों पर युवाओं से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने हेतु आवेदन पत्र जमा कराने का निर्देश दिया गया।

पंचायत सरकार भवन निर्माण की प्रगति एवं उपलब्धि की समीक्षा के क्रम में जिला पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि 92 पंचायत सरकार भवन निर्माण कराया जाना है । पंचायत सरकार भवन निर्माण का प्रस्ताव जिन अंचल अधिकारी के द्वारा प्रेषित नहीं किया गया है उन्हें अविलंब प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया।

इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी महोदय द्वारा संबंधित अंचलाधिकारी एवं भूमि सुधार उपसमाहर्ता तथा वरीय पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि तय समय में पंचायत सरकार भवन के निर्माण हेतु जमीन का प्रस्ताव हर हालत में भेजना सुनिश्चित करें।

जिला पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देशित किया गया की पंचायतों में लगने वाले सोलर स्ट्रीट लाइट के निर्धारित लक्षण के अधिष्ठापन में तेजी लाना सुनिश्चित करें। संबंधित एजेंसी के साथ बैठक कर निर्धारित लक्ष्य को सत प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया गया

समीक्षा के दौरान जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि किसान पैक्सों में धान विक्रय कर रहे हैं।

 226 धान विक्रय केदो में पाॅस मशीन लगाया जाना है। जिसमें 158 केंद्रों पर लगाया गया है।

जिलाधिकारी महोदय द्वारा जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि सभी पैक्स एवं व्यापार मंडल तथा धन विक्रय केदो में धान बेचने के क्रम में किसानों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस तथा धान ले जाने वाले वाहनों में जीपीएस लगाना अनिवार्य है। इसे सुनिश्चित करने का निर्देश जिला सहकारिता पदाधिकारी को दिया गया।इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए ।

 जहां पाॅस मशीन लगा नहीं है वहां शीघ्र लगाने का निर्देश जिला सहकारिता पदाधिकारी को दिया।

कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया गया की फसल अवशेष प्रबंधन के तहत कोई भी किसान पराली को नहीं जलाए इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

 जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि किसानो को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रोत्साहित करे तथा उन्हें बताया जाय की फसल अवशेष जलाने पर सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाएं बंद कर दी जाएगी । 

जिला पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति को एग्रीफीडर लगाने के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। 

जिला पदाधिकारी द्वारा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहने वाले लोक प्राधिकारों को हिदायत दी गई की सुनवाई में अनुपस्थित पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 लोक शिकायत निवारण की सुनवाई में अनुपस्थित लोक प्राधिकारी का वेतन बंद करने तथा स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी महोदय द्वारा संबंधित पदाधिकारी को माननीय न्यायालय के वाद, सीएम डैशबोर्ड ,जनता दरबार एवं लोक शिकायत के प्राप्त पत्रों का त्वरित निष्पादन करने का निर्देश दिया गया। प्रभारी पदाधिकारी विधि शाखा को निर्देशित किया गया कि माननीय न्यायालय वाद के मामलों का ससमय अनुपालन कराना सुनिश्चित।

माननीय न्यायालय में चल रहे वादों में ससमय प्रति शपथ पत्र समर्पित करने के लिए संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया गया।

कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को निर्देश दिया गया कि जिले में संचालित नल जल का सर्वे करें कितना नाल चालू हालत में है और कितना बन्द है की सूची स समय समर्पित करना सुनिश्चित करें। बन्द पड़े नल जल को चालू करवाने के लिए अग्रेतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया

जिलाधिकारी महोदय द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क पथ योजना, हर खेत सिंचाई योजना, सात निश्चय योजना, कृषि विभाग, जल जीवन हरियाली, लोक सेवा के अधिकार अधिनियम,पी एच ई डी, स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, नीलाम पत्र, जिला लोक शिकायत निवारण, समाधान यात्रा में प्राप्त आवेदन, सीपीग्राम जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के प्राप्त आवेदनों ,माननीय उच्च न्यायालय में चल रहे मामलों ,सूचना के अधिकार अधिनियम, मानवाधिकार, विद्युत, अतिक्रमण आदि से संबंधित मामलों की विस्तृत समीक्षा की गई तथा प्रगति संतोषजनक पाया गया।

बैठक में उप विकास आयुक्त श्रीमती साहिला, सहायक समाहर्ता, निदेशक डीआरडीए, सिविल सर्जन, जिला परिवहन पदाधिकारी , वरीय कोषागार पदाधिकारी,प्रभारी पदाधिकारी सामान्य शाखा, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी,अनुमंडल पदाधिकारी सदर पूर्णिया, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी,जिला जनसंपर्क पदाधिकारी एवं संबंधित पदाधिकारी तथा संबंधित कार्यपालक अभियंता और अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की हुई मासिक समीक्षात्मक बैठक, डीएम ने दिए कई दिशा-निर्देश

पूर्णिया - कुन्दन कुमार (भा०प्र०से०) जिला पदाधिकारी पूर्णिया की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला सड़क सुरक्षा समिति की मासिक समीक्षात्मक बैठक आयोजित किया गया।

बैठक में सड़क दुर्घटनाओं में घायलों और मृतकों के आंकड़ों का विश्लेषण,निर्धारित दिवस को हेलमेट एवं सीट बेल्ट विशेष जांच अभियान, हाईवे पेट्रोलिंग, ब्लैक स्पॉट और उसके परिमार्जन की स्थिति, प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता कार्यक्रम, सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु एवं उससे संबंधित मुआवजा की स्थिति की गहन समीक्षा की गई।

जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सड़क वाहन दुर्घटना हिट एण्ड रन से संबंधित कुल 45 आवेदन प्राप्त हुए हैं। 40 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान कर जीआईसी से भुगतान हेतु प्रेषित किया गया है। जीआईसी द्वारा अभी तक छ: पीड़ित लाभुकों को भुगतान किया जा चुका है। पांच दावेदारों द्वारा आवश्यक कागजात नहीं देने के फल स्वरुप लंबित है।

आगे उन्होंने बताया कि उच्च पथ के कुल 27 दुर्घटना स्थलों को चिन्हित किया गया है जहां पर दो और दो से अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं।

बैठक को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में कमी एवं नियंत्रण को लेकर संबंधित पदाधिकारी को कई जरूरी कारगर कार्रवाई करने का दिया-निर्देश दिया गया। उच्च पथ पर स्पीड ब्रेकर एवं साईनेज अधिक से अधिक अधिष्ठापन करने का निर्देश संबंधित कार्यपालक अभियंता एवं संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को दिया गया‌।

ब्लैक स्पॉट एवं उसके परिमार्जन की स्थिति की समीक्षा के क्रम में संबंधित पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि वाहनों के परिचालन में किसी प्रकार का व्यवधान न हो और सड़क की खराब स्थिति के कारण कोई दुर्घटना नहीं हो इसके लिए आवश्यकता अनुसार अपने-अपने क्षेत्राधिकार में पढ़ने वाले सड़कों की मरम्मती का कार्य समय-समय पर नियमित रूप से कराने एवं सड़कों को मोटरेबुल रखने तथा वाहनों की जांच नियमित रूप से करें।

शहर के अंदर स्थापित मुख्य सरकारी एवं निजी विद्यालयों के आस-पास एवं हरदा बाजार स्थित जेब्रा काॅसिंग एवं सुदीन चौंक से गुण्डा चौक के पास स्पीड ब्रेकर के निर्माण तथा बरसौनी एवं पेट्रोल पम्प तथा कसबा के पास साईनेज की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

समीक्षा के दौरान कार्यपालक अभियंता एन एच आई अनुपस्थित पाए जाने के कारण उनके विरुद्ध स्पष्टीकरण की मांग करने का निर्देश दिया गया।

हरदा में काफी जाम की समस्या बनी रहती है। ट्राफिक नियमों के तहत अग्रेतर कार्रवाई निर्धारित समय-सीमा में कराने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी महोदय द्वारा संबंधित पदाधिकारी को नियमित रूप से हेलमेट एवं सीट बेल्ट विशेष जांच अभियान, स्कूलों में संचालित बसों का नियमित जांच,एनएच पर अधिक दुर्घटना होने वाले कटिंग को बंद करने, ड्राइवर जागरूकता कार्यक्रम एवं विभिन्न माध्यमों से सड़क सुरक्षा के संबंध में लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। 

सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को उचित इलाज के लिए समय पर अस्पताल पहुंचने वाले को गुड सेमेरिटन बनने हेतु प्रोत्साहन करने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार कराने का निर्देश जिला परिवहन पदाधिकारी एवं संबंधित पदाधिकारी को दी गई है।

सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति में घायलों की मदद करें। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में जख्मी व्यक्ति को निकटवर्ती सरकारी एवं निजी अस्पताल में ले कर जाने वाले कोई भी व्यक्ति गुड सेमेरिटन हो सकता है। उनसे किसी भी प्रकार के रजिस्ट्रेशन या अन्य इलाज से संबंधित पैसे की मांग नहीं की जाएगी। 

गुड़ सेमेरिटन (अच्छे मददगार) को उनके कार्यों के लिए अब सरकार द्वारा दस हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का प्रावधान किया गया।

जिलाधिकारी महोदय द्वारा कहा गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि जख्मी व्यक्ति का इलाज करना अस्पताल की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए कि इलाज समय पर हो जाने से जख्मी व्यक्ति की बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सकता है। 

संबंधित कार्यपालक अभियंता को पोल सेफ्टी के तहत सड़कों से पोलों को यथाशीघ्र नियमानुसार हटाने का निर्देश दिया गया। ताकि पोल से होने वाली सड़क दुर्घटना को नियंत्रित किया जा सके।

बैठक में सहायक समाहर्ता,उप विकास आयुक्त,जिला परिवहन पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी स्थापना निदेशक डीआरडीए, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी,कार्यपालक अभियंता आरसीडी,आरडब्लूडी एवं विद्युत तथा अनुमंडल पदाधिकारी यातायात,पुलिस पदाधिकारी एवं संबंधित पदाधिकारिगण उपस्थिति थे।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

मिशन इंद्रधनुष 5.0 के तीसरे चरण की हुई शुरुआत, पहले दिन 89 टीकाकरण केन्द्र में लगाया गया टीका

पूर्णिया - जिले में मिशन इंद्रधनुष 5.0 के तीसरे चरण की शुरुआत हो गई है। 27 नवंबर से 02 दिसंबर तक चलाए जाने वाले विशेष अभियान में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए टीका लगाया जा रहा है। 06 दिन के टीकाकरण अभियान में जिले के सभी प्रखंडों में अलग अलग जगह टीकाकरण केंद्र लगाया जा रहा है। जिससे कि कोई भी बच्चा या गर्भवती महिला टीकाकरण से वंचित नहीं रह सके। स्वास्थ्य केन्द्र से दूर वाले इलाकों के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका सुनिश्चित हो सके इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। इसके अनुसार सभी प्रखंडों में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां नियमित टीकाकरण की पहुँच सीमित है वहां मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान के तहत विशेष पहल की जाए। इसमें मुख्य रूप से कम आच्छादन वाले क्षेत्र, दुर्गम इलाके व ईंट भट्ठे आदि में कार्यरत मजदूर, प्रवासी या खानाबदोश परिवार के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को चिह्नित कर उनका टीकाकरण केंद्र आयोजित कर उन्हें टीका लगाया जाना चाहिए। 

पहले दिन 89 टीकाकरण केन्द्र में लगाया गया टीका 

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनय मोहन ने बताया कि छः दिवसीय विशेष टीकाकरण अभियान में जिले के सभी प्रखंडों में कुल 853 टीकाकरण केंद्र आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें 27 नवंबर को पहले दिन 89 टीकाकरण केंद्रों पर बच्चों और महिलाओं को टीका लगाया गया। अभियान में 28 नवंबर को 66 केंद्रों में, 29 नवंबर को 117 केंद्रों में, 30 नवंबर को 37 केंद्रों में, 01 दिसंबर को 500 केंद्रों में और 02 दिसंबर को 44 केंद्रों में टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 01 दिसंबर को साप्ताहिक नियमित टीकाकरण दिवस पर सभी सामान्य टीकाकरण केंद्रों के साथ अतिरिक्त टीकाकरण केंद्रों में भी टीकाकरण कार्य संचालित किए जाएंगे। जिससे सभी बच्चे व गर्भवती महिलाओं को सभी टीका लगाया जा सके। 

पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों व गर्भवती महिलाओं को लगाया जा रहा टीका 

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीका लगाया जाता है। नियमित टीकाकरण से वंचित लोगों को आसानी से टीका लगाया जा सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान चलाया जा रहा है। इसमें नियमित टीकाकरण के लिए सभी प्रखंडों के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष कैम्प आयोजित किए जाते हैं। जिससे कि बच्चे और गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से वंचित नहीं रह सके। मिशन इंद्रधनुष 5.0 के तीसरे चरण में जिले के 01 हजार 687 गर्भवती महिलाओं के साथ 0 से 02 वर्ष के 06 हजार 979 बच्चों को और 02 वर्ष से 05 वर्ष तक के 01 हजार 184 बच्चों को टीका लगाया जा रहा है। इसके लिए सभी दिन दिन अलग अलग जगहों पर टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। जिससे कि सभी लोग आसानी से उपलब्ध हो सके और टीका लगाकर अपने बच्चों का जीवन सुरक्षित कर सकें। इसके लिए सभी प्रखंड के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ यूनिसेफ, डब्लूएचओ के अधिकारियों द्वारा भी टीकाकरण केंद्रों का निरक्षण किया जा रहा है।

छूटे हुए बच्चों को टीका लगाना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 

सिविल सर्जन डॉ चौधरी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों में हर सप्ताह के बुधवार और शुक्रवार को टीका लगाया जाता है  लेकिन बहुत से लोग इसका लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे महिलाओं और बच्चों को नियमित टीकाकरण में शामिल करते हुए विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिशन इंद्रधनुष 5.0 कार्यक्रम चलाया जाता है। कार्यक्रम के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में विशेष टीकाकरण केंद्र बनाए जाते हैं। जिससे कि छूटे हुए बच्चे और गर्भवती महिला इसका लाभ उठा सके। इससे महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे स्वस्थ रह सकेंगे।

पूर्णिया से जेपी