शिक्षा विभाग के द्वारा जारी छुट्टी के कैलेंडर को लेकर ओवैसी की पार्टी के विधायक ने के.के पाठक का किया समर्थन, कही यह बात
पटना - बिहार में शिक्षा विभाग के द्वारा जारी छुट्टी के कैलेंडर को लेकर बवाल मचा है। विपक्ष इसे लेकर सरकार पर पूरी तरह हमलावर है। इसी बीच ओवैसी के पार्टी के विधायक ने शिक्षा विभाग के अपर सचिव के.के पाठक का समर्थन किया है।
एआइएमआइएम के विधायक अख्तरुल ईमाम दिल्ली से पटना पहुंचते ही शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की छुट्टी को लेकर जारी किए गए दो कैलेंडर पर अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा है कि छुट्टियों का ताल्लुक देखा जाए तो पर्व त्योहार से है मुस्लिम और हिंदुओं की छुट्टी पर अगर देखा जाए तो इसका डिफरेंस हमेशा से रहा है।
इसमें दूसरा मामला है बिहार में जाति आधारित गणना हुई है उसमें माइनॉरिटी की आबादी 18 परसेंट हो गई है जिसमें इसकी आबादी 360000 होती है जिससे माइनॉरिटी के लिए आवाज उठ रही है जिसके लिए मुख्यमंत्री ने एक चुटकुला छोड़ दिया।
उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि लोग हिंदू कार्ड बनाकर खेल रहे हैं लेकिन दोनों माइनॉरिटी के जनसंख्या को देखते हुए हिंदू कार्ड खेल रहे हैं। कहा कि छुट्टी कोई मुद्दा नहीं है। यह न मीडिया का मुद्दा है ना सरकार को कुछ करना चाहिए ना अवाम को हल्ला मचाना चाहिए ,शबे बरात की भी छुट्टी काट दी गई है।
लेकिन जदयू और भाजपा दोनों माइनॉरिटी को लेकर खेल खेल रहे हैं। माइनॉरिटी के 3.60 लाख नौकरियों में सिर्फ डेढ़ लाख नौकरियां मिली है इसे छुपाने के लिए यह खेल खेला जा रहा है। इसी को छुपाने के लिए यह सब खेल खेला जा रहा है।
वहीं विपक्ष के लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि सरकार में अफसर शाही हावी है के सवाल पर कहा कि उन्होंने कहा कि 2012 में हमने सदन में कहा था कि जिस तरह शिक्षा पर अपने बमबारी की है। 200 साल तक आने वाली पीढ़ी मानसिक विकलांगता से नहीं उबर पाएगी। जिस राज्य में बेरोजगारी हो वहां 120.000 बच्चे क्वालीफाई कर रहे हैं शिक्षा जगत को कहीं ना कहीं चौपट कर दिया गया है। कॉलेज में एडमिशन का सिस्टम ऐसा कर दिया है आज के दिन में लॉ ऑर्डर का जो हिसाब किताब है कोई भी बच्ची कॉलेज नहीं जा पा रही है 10 से 15 किलोमीटर में एक कॉलेज मिल रहा है।
उन्होंने के के पाठक की तारीफ करते हुए कहा कि एजुकेशन सिस्टम को सुधारने के लिए के के पाठक जी ने जो कार्य किया है वह सराहनीय कदम है। लेकिन बिहार में नौकरशाही इतना हावी है कि बिहार के एजुकेशन मिनिस्टर गायब हो चुके हैं इस तरह की पॉलिसी में मंत्री को शामिल होना चाहिए लेकिन नीतीश के शासनकाल में नौकरशाहों की चल रही है।
पटना से मनीष प्रसाद
Nov 29 2023, 14:09