हृदय एवं फेफड़ा की बीमारी से ग्रसित दो बच्चों को विशेष जांच के लिए भेजा गया पटना।
पूर्णिया।
- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एम्स और आईजीआईएमएस में बच्चों का होगा मुफ्त इलाज:-
- आरबीएसके के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है इलाज:-
- कुपोषण और नियमित टीकाकरण की कमी से गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं बच्चें :-----
बच्चों को गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) चलाया जाता है। इसके तहत जिले में गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। सोमवार को पूर्णिया जिले के दो गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए आरबीएसके टीम द्वारा बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया। इसमें डगरुआ प्रखंड से एक बच्चा रोशन कुमार जिसकी उम्र सिर्फ 06 साल है। वह फेफड़े की समस्या से ग्रसित है। वहीं दूसरी बच्ची धमदाहा प्रखंड की हबीबा 05 साल की है । उसके हृदय में छेद पाई गई है। दोनों बच्चों को परिजनों के साथ सोमवार की शाम एम्बुलेंस से पटना रेफर किया गया है। पटना में फेफड़े की समस्या से ग्रसित रोशन कुमार को आईजीआईएमएस में तथा हृदय में छेद की समस्या से ग्रसित हबीबा को एम्स में दिखाया जाएगा। मेडिकल कालेज में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांच के बाद बच्चों को आवश्यक दवाई देते हुए एम्बुलेंस के माध्यम से ही वापस पूर्णिया पहुँचाया जाएगा। जांच रिपोर्ट के बाद ऑपरेशन होने की स्थिति में चिकित्सकों द्वारा तिथि निर्धारित करते हुए बच्चों को फिर से पटना बुलाया जाएगा। इस दौरान आरबीएसके की टीम द्वारा बच्चों को घर में ही निगरानी में रखा जाएगा और किसी तरह की आवश्यकता होने पर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
आरबीएसके के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है इलाज :
आरबीएसके जिला समन्यवक डॉ आर पी सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें विशेष इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए जिले के प्रत्येक प्रखण्ड में आरबीएसके की टीम कार्यरत है। प्रत्येक प्रखंड में स्क्रीनिंग के दौरान गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चे की पहचान कि जाती है। उसके बाद आरबीएसके की टीम के द्वारा बच्चों को प्रारंभिक जांच के लिए प्रखण्ड अस्पताल में लाया जाता है। यहां बीमारी की पहचान होने पर चिकित्सा के पश्चात डीईआईसी पूर्णिया भेजा जाता है। वहां से चिकित्सा के लिए बच्चों को मेडिकल कॉलेजों में 102 एम्बुलेंस से भेजा जाता है। बच्चे की जांच के बाद चिकित्सक द्वारा संबंधित बीमारी का विश्लेषण किया जाता है। इसके बाद ऑपरेशन की स्थिति में बच्चे को परिजनों के साथ फिर से संबंधित मेडिकल कालेज भेजा जाता है। जहां उन्हें सभी इलाज व्यवस्था मुहैया कराई जाती है।
कुपोषण और नियमित टीकाकरण की कमी से गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं बच्चे :
आरबीएसके जिला समन्यवक डॉ सिंह ने बताया कि गर्भावस्था में महिलाओं द्वारा सही पोषण नहीं लेने और गर्भकाल से बच्चों के जन्म के बाद उन्हें सही टीका नहीं लगाने से बच्चे गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। बच्चों को इससे सुरक्षित रखने के लिए परिजनों को जन्म के पहले से ही बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गर्भावस्था में महिला की नियमित जांच करवाते हुए उन्हें आवश्यक टीका लगाना चाहिए। जन्म के बाद बच्चों को ये छः माह तक केवल माँ का दूध और उसके बाद पर्याप्त पोषण वाले आहार का सेवन कराना चाहिए। इससे बच्चे तंदुरुस्त रहते और उन्हें किसी भी गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने की समस्या नहीं होती है।
Nov 28 2023, 19:47