25 नवंबर को होगा सोनपुर मेला का उद्धाटन : देश-विदेश से पहुंचते हैं पर्यटक, 32 दिन तक होगा आयोजन
हाजीपुर: वैशाली का विश्व प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला की तैयारी युद्धस्तर पर शुरू हो गया हैं. सभी सरकारी एवं गैर-सरकारी विभागों की प्रदर्शनियों के स्थल पर स्टॉल लगाने की तैयारियां में मजदूर दिन रात मेहनत कर उद्धाटन से पूर्व इसे पूरा कर लेने में लगे हैं. सारण जिले के सोनपुर नगर पंचायत क्षेत्र में लगने वाला यह मेला एशिया के सुप्रसिद्ध पशु मेले के नाम से ख्याति अर्जित कर चुका हैं.
          रेलवे प्लेटफार्म के लिए भी सोनपुर प्रसिद्ध है जो भारत में लंबाई में अपना विशिष्ट स्थान रखता हैं. सोनपुर मेला धार्मिक दृष्टि से भी विख्यात हैं. बाबा हरिहरनाथ मंदिर, श्री गजेन्द्रमोक्ष देवस्थानम दिव्य देश नौलखा मंदिर मेला पर्यटकों व तीर्थयात्रियों के लिए दर्शनीय स्थल हैं.       25 नवंबर को होगा मेला का उद्धाटन
     यह हर साल कार्तिक पूर्णिमा(नवंबर-दिसंबर) में लगता है. इस मेले को हरिहरक्षेत्र मेला के नाम से भी पुकारते हैं. क्योंकि सोनपुर में प्रसिद्ध एतिहासिक हरिहरनाथ जी का मन्दिर यहीं पर अवस्थित हैं. आगामी 25 नवंबर को मेला उद्धाटन की तिथि तय हैं. उद्धाटन के 2 दिन के बाद कार्तिक पुर्णिमा के दिन राज्य की तीर्थ यात्री स्नान कर पहलेजा घाट दक्षिणी वाहिनी गंगा नदी में स्नान करेंगें. मेलार्थियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यह 32 दिनों तक चलने वाला सरकारी स्तर पर मेला जो विगत तीन माह तक चलती हैं. यहां राज्य के ही नहीं बल्कि अन्य राज्य के व्यापारी पहुंचकर अपने दुकान सजाते हैं और करोड़ रूपये की सामान की खरीद-बिक्री होती हैं
      यहां विदेशी सैलानियों का आगमन होता हैं जहां उनके ठहरने खाने-पीने का एवं घूमने की पुख्ता इंतजाम किया जाता हैं. रेलवे विभाग के द्वारा रेल से संबंधित विकास कार्य और होने वाले कार्य की भी जानकारी मेलार्थियों को देने के लिए रेलवे विभाग भी युद्धस्तर पर कार्य करना शुरू कर दिया हैं.         32 दिनों तक होगा आयोजन
      मेला में लोगों और स्नार्थियों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो इसके लेकर जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन तक हर गतिविधियों पर लगी हुई हैं. इतना ही नहीं मेले में मेलार्थियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किया गया हैं. यह 32 दिनों तक चलने वाली सरकारी स्तर पर मेला जो विगत तीन माह तक चलती हैं.
    मेलार्थियों की सुविधा और सुरक्षा की ध्यान 32 दिनों तक खूब रहती हैं यहां राज्य के ही नहीं बल्कि अन्य राज्य के व्यापारी पहुंचकर अपने दुकान सजाते हैं और करोड़ रूपये की सामान की खरीद-बिक्री होती हैं.यहां विदेशी सैलानियों का आगमन होता हैं जहां उनके ठहरने खाने-पीने एवं घूमने की पुख्ता इंतजाम किया जाता हैं.       आकर्षक लुक पर बनाया जा रहा पंडाल
         मेले के मुख्य पंडाल का आकर्षक लुक बनाने युद्ध स्तर पर दिन रात मजदूर लगे हुए हैं. इस बार मेले में आकर्षण का केंद्र पुस्तक मेला व सरकारी स्तर पर प्रदर्शनी लगाई जा रही है. रेलवे विभाग के द्वारा रेल से संबंधित विकास कार्य और होने वाले कार्य की भी जानकारी मेलार्थियों को देने के लिए रेलवे विभाग भी युद्धस्तर पर कार्य करना शुरू कर दिया हैं. सोनपुर मेला के विषय में पूछे जाने पर जनप्रतिनिधियों समाजसेवियों बुद्धिजीवियों ने बताया कि मेला का प्रदर्शनी जो सरकारी स्तर पर लगाई जाती हैं , समय से उद्धाटन नहीं होती हैं
*प्राइम वीडियो ने नागा चैतन्य की स्ट्रीमिंग डेब्यू सीरीज़, धूथा के मनोरंजक ट्रेलर को रिलीज़ किया*
https://youtu.be/-ITBFd_K5_M
  https://youtu.be/-ITBFd_K5_M?si=K3xdKy9fS7U-P-UO
    
        भारत के सबसे पसंदीदा मनोरंजन डेस्टिनेशन, प्राइम वीडियो ने आज अपनी पहली लंबे फॉर्मेट वाली तेलुगु ओरिजिनल सीरीज, धूथा, एक सम्मोहक अलौकिक सस्पेंस-थ्रिलर सीरीज, के ट्रेलर का अनावरण किया। ट्रेलर दर्शकों को पत्रकार सागर (नागा चैतन्य अक्किनेनी) के जीवन में आने वाले अंधेरे और खतरनाक मोड़ों की एक झलक प्रदान करता है, जब अखबारों की कतरनें उसके आसपास के लोगों के साथ होने वाली भयानक दुर्घटनाओं की भविष्यवाणी के बारे में बताती हैं। विक्रम के. कुमार द्वारा निर्देशित और नॉर्थस्टार एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले शरथ मरार द्वारा निर्मित, धूथा नागा चैतन्य अक्किनेनी की स्ट्रीमिंग शुरुआत है। आठ-एपिसोड की सीरीज में पार्वती थिरुवोथु, प्रिया भवानी शंकर और प्राची देसाई सहित कई शानदार कलाकार महत्वपूर्ण भूमिकाओं में मौजूद हैं। धूथा का प्रीमियर 1 दिसंबर को भारत और दुनिया भर के 240 से अधिक देशों और क्षेत्रों में विशेष रूप से प्राइम वीडियो पर किया जाएगा, और यह प्राइम सदस्यता में नवीनतम जोड़ी गई है। भारत में प्राइम सदस्य केवल ₹1499/वर्ष में एकल सदस्यता के साथ बचत, सुविधा और मनोरंजन का आनंद लेते हैं।        मौत सागर के आस-पास लोगों का पीछा करना शुरू कर देती है, जब उसे समाचार पत्रों के कुछ टुकड़े मिलते हैं, जो भयानक घटनाओं की भविष्यवाणी करते हैं, जो उसके सबसे बुरे सपने से भी आगे निकल जाते हैं। जांच-पड़ताल करने वाले पत्रकार को एहसास होता है कि समय समाप्त होने से पहले उसे इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोकने का एक रास्ता खोजना होगा।
       *निदेशक विक्रम कुमार ने कहा* “धूथा जिसका अर्थ है 'द मैसेंजर', अप्रत्याशितता और अलौकिक तत्वों के अनूठे मिश्रण के साथ एक तेज़ गति वाली सस्पेंस थ्रिलर है, जो दर्शकों को अपनी सीटों से बांधे रखेगी, जबकि वे यह अनुमान लगाने की कोशिश करेंगे कि सागर के जीवन में आगे क्या होगा। भीषण दुर्घटनाओं के कारण और इस क्रम को समझने में असमर्थ, सागर के पिछले अपराध न केवल उसे बल्कि उसे जानने वाले और प्यार करने वाले सभी लोगों को परेशान करने लगते हैं, क्योंकि वह आत्मनिरीक्षण करने और अपने कार्यों के परिणामों के बारे में सोचने के लिए मजबूर हो जाता है। मानव मानस की गहराई से खोज करने वाली यह सीरीज न केवल भारत में बल्कि 240 देशों और क्षेत्रों के दर्शकों को पसंद आएगी और इसका आनंद उठाएगी, जो इसे प्राइम वीडियो पर देख सकते हैं।”
         “विक्रम और पूरी टीम के साथ काम करने के अनुभव से पूरक सीरीज की अनूठी अवधारणा एक अभिनेता के रूप में मेरे लिए बेहद ही संतुष्टि प्रदान करने वाली और समृद्ध रही है, और मैं धूथा जैसी दिलचस्प और विशिष्ट सीरीज के साथ अपनी स्ट्रीमिंग शुरुआत करने को लेकर रोमांचित हूं। ऐसी मार्मिक कहानी में सागर जैसे किरदार के साथ, मैंने सोचा कि मैं अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलूंगा और खुद को उस तरह से चुनौती दूंगा, जो मैंने पहले कभी भी नहीं किया है। हालांकि यह एक काल्पनिक कहानी है, धूथा विचारोत्तेजक है, क्योंकि यह दर्शकों को अपने जीवन से विकल्पों और निर्णयों पर पुनर्विचार करने पर मजबूर करती है। और मुझे विश्वास है कि मेरे प्रशंसकों के साथ-साथ थ्रिलर शैली के उत्साही अनुयायी प्राइम वीडियो पर इस सीरीज को देखने और आनंद लेने के लिए उत्साहित होंगे,” *नागा चैतन्य अक्किनेनी ने कहा।*
           “धूथा में एक पुलिस वाले, क्रांति की भूमिका निभाना एक चुनौती से भरा और उत्साहजनक अनुभव रहा। जैसे-जैसे मैं अपने चरित्र की जटिलताओं, कमजोरियों और शक्तियों को समझने में गहराई से उतरा, मुझे एहसास हुआ कि यह सीरीज सिर्फ एक अपराधी की तलाश से आगे निकल चुकी है, और एक कानून प्रवर्तन अधिकारी और एक पत्रकार के बीच बिल्ली और चूहे की दौड़ में बदल जाती है। मेरे पहले तेलुगु प्रोजेक्ट के लिए, मैं विक्रम, नागा चैतन्य और ऐसे प्रतिभाशाली प्रोफेशनल की टीम के साथ कैमरे के सामने और पीछे काम करके रोमांचित हूं, और मैं इस सीरीज पर दर्शकों की प्रतिक्रिया देखने के लिए और इंतजार नहीं कर सकती,” *पार्वती थिरुवोथु ने कहा।*
    *प्राची देसाई ने आगे कहा*, “तेलुगु इंडिस्ट्री में मेरे सफर की शुरुआत धूथा से करना मेरे लिए बेहद संतोषप्रद रहा। विक्रम ने सीरीज में अभिन्न भूमिकाएँ निभाते हुए ऐसे शक्तिशाली, प्रभाव पैदा करने वाले महिला पात्रों को लिखा है, जिन्हें मुख्यधारा के मनोरंजन में शायद ही कभी खोजा गया हो। मेरा किरदार अमृता न केवल एक सहकर्मी है, बल्कि सागर की विश्वासपात्र भी है, जो सागर और उसके जानने वाले सभी लोगों के साथ होने वाली अप्रत्याशित घटनाओं में उलझ जाती है। मुझे यकीन है कि दर्शक सीरीज के दौरान आने वाले बदलाव की भविष्यवाणी नहीं कर पाएंगे।
     ” प्रिया भवानी शंकर ने कहा, ''धूथा थ्रिलर शैली के सच्चे प्रशंसक के लिए एक संपूर्ण उपहार है, जिसमें अलौकिकता का एक उदार स्पर्श प्रदान किया गया है जो इसे दर्शकों के लिए एक बेहद अनोखा और मनोरम पल बनाता है। अधिकांश फिल्मों या सीरीज के विपरीत, इस सीरीज का प्रत्येक पात्र कहानी को आगे बढ़ाने और सामने आने वाली घटनाओं के बीच बिंदुओं को जोड़ने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुझे ऐसे अद्भुत प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने की खुशी है, जिसे दुनिया भर में दिखाया जाएगा, क्योंकि वैश्विक दर्शक विक्रम के बेहद विस्तृत और अच्छी तरह से तैयार किए गए लेखन और निर्देशन की प्रतिभा का आनंद लेंगे।”
श्रम विभाग के धावा दल ने होटलों में भी छापेमारी, तीन बाल श्रमिक कराए मुक्त
हाजीपुर:श्रम अधीक्षक शशि कुमार सक्सेना के नेतृत्व में धावा दल ने बुधवार को जिले के विभिन्न जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान शहर के त्रिमूर्ति चौक  स्थित लक्ष्मी स्वीट्स एवं चाट वैष्णों होटल, गांधी चौक स्थित जगदम्बा स्वीट्स एण्ड चाट एवं मडुआ रोड सुभई चौक स्थित रामायण स्वीट्स एण्ड चाट दुकान में बाल श्रमिकों को मुक्त कराया. टीम के द्वारा बाल मजदूरी के खिलाफ शहर के अलग-अलग प्रतिष्ठानों में जांच अभियान चलाया गया. इसी क्रम में टीम उक्त तीनों दुकान पर टीम के सदस्य पहुंची.
             जहां नाबालिग को काम करते हुए देखा गया. पहले तीनों का उम्र पूछा गया. इसके बाद टीम ने तीनों प्रतिष्ठानों से इन बच्चों को मुक्त करवाया. सभी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में बाल श्रम मुक्त परिसर का स्टीकर भी चस्पा किया गया. श्रम अधीक्षक ने बताया कि मुक्त करवाए गए बच्चों को सीडब्लूसी के समक्ष प्रस्तुत कर बाल गृह में रखा गया हैं. इसके साथ ही बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 के तहत नियोजक सभई चौक निवासी मुन्ना साह के पुत्र संतोष कुमार, गांधी चौक अंजानपीर निवासी अनिल कुमार तथा त्रिमूर्ति चौक दुकान मालिक अशोक राय के पुत्र रिंकु राय के विरूद्ध नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज  करने एवं अन्य अनुवर्ती कारवाई की जा रही हैं.
हादसे में घायल आर्म्स सप्लायर के पास से विदेशी पेन पिस्टल व पिस्तौल बरामद
हाजीपुर: हॉलीवुड फिल्मों में पेन पिस्टल से कीलिंग दृश्य देखने को मिलता हैं. अब एसा नहीं हैं. हथियार के सौदागरों ने दुर्लभ हथियार को भी सुलभ कर दिया हैं. अंडर वर्ल्ड के बड़े गिरोहों के पास पिस्टल से लेकर एके 47, 56 तक उपलब्ध हैं. वैशाली जिले के सराय मरण रोड पर एक्सीडेंट में जख्मी दो भाइयों के पास से बरामद विदेशी पेन पिस्टल पुलिस ने स्पेशल हथियारों के सौदागरों के पास से लोडेड पेन जैसी पिस्टल और लोडेड देशी कट्टा भी बरामद किए.
    दरअसल मंगलवार देर रात्रि 12:30 बजे सराय थाना को सूचना मिला कि एनएच-22 के मटियाला टोक के समीप सड़क दुर्घटना में बाइक से दो युवक गंभीर रूप से घायल पड़ा हैं. सूचना पाकर सराय पुलिस ने मौके पर पहुंच घायल अवस्था में डिवाइडर पर पड़े बाइक सवार दोनों घायल को उठाकर पुलिस बैन में डाला. एसपी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दिया है कि दोनों घायल हथियार तस्करों को पुलिस अभिरक्षा में रखकर इलाज कराया जा रहा हैं. जबकि इन दोनों का अपराधिक इतिहास का भी पता लगाया जा रहा हैं. इन दोनों के पास से देशी कट्टा, एक पेन पिस्टल, तीन जिन्दा कारतूस, एक मिस्फायर कारतूस, एक लैपटॉप, एक मोबाइल, आधार कार्ड, बाइक बरामद किया गया हैं.
         पुलिस बैन में डालने के दौरान घायल एक युवक के कमर में देशी पिस्तौल खुसा दिखा. पुलिस ने कमर से कट्टा बरामद कर घायल का बैग सर्च किया. बैग में हनुमान चालीसा समेत पूजा पाठ के कई समान बरामद किए गए. उसी क्रम पुलिस को बैग में एक पीला कलर का पेन दिखाई दिया. पुलिस ने कीमती पेन समझकर उलट-पलट कर देखने लगी. और पेन को आगे पीछे खोलने का प्रयास किया उसी क्रम में पेन से एक गोली सड़क पर गिरने की आवाज हुई. पुलिस ने सड़क पर गिरे गोली को गौर से देखा तो पेन पिस्टल होने का शक हुआ.
          पिस्टल का बोर जानने को फारेंसिक लैब भेजा जाएगा मामले को लेकर सराय थानाध्यक्ष मनी भूषण कुमार ने बताया कि देर रात्रि सूचना मिला था कि एक बाइक सवार दो युवक मटियारा टोक के समीप दुर्घटनाग्रस्त होकर डिवाइडर पर गिर पड़ा हैं. सूचना पाकर घटनास्थल पहुंचे और दोनों घायलों को पुलिस गाड़ी में लादने के क्रम में एक युवक के कमर में देशी कट्टा देखा गया. उसके बाद बैग व अन्य समान की जांच की गई. इस क्रम में बैग से विदेशी पेन पिस्टल व अन्य सामान बरामद किया गया हैं. थाना प्रभारी का कहना है कि एसा हथियार उन्होंने पहली बार देखा हैं. फिल्मों में देखा था लेकिन यहां देखकर चौंक गए. इस पेन पिस्टल का बोर जानने के लिए फारसेंनिक लैब भेजा जाएगा. लेकिन यह एक खतरनाक हथियार है. जिससे गोली निकलती दिखाई भी नहीं देंगी. कोइ पेन समझकर इसको पकड़ेगा भी नहीं.
*एकता आर कपूर ने रचा इतिहास! बनीं इंटरनेशनल एमी डायरेक्टोरेट अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला फिल्म निर्माता*
*एकता आर कपूर ने एक ऐतिहासिक जीत की अपने नाम, इंटरनेशनल एमी डायरेक्टोरेट अवॉर्ड जीतने वाली बनीं पहली भारतीय महिला फिल्म निर्माता*
        टीवी से लेकर फिल्मों तक अपने कमाल के कंटेंट के लिए जाने जानें वाली कंटेंट क्वीन एकता आर कपूर अपनी शानदार करियर में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए आगे बढ़ रही हैं। बता दें कि एकता ने अपन ग्लोबल अचीवमेंट में लिस्ट में एक और उपब्धि जोड़ ली है। दरअसल, न्यूयॉर्क में 51वें इंटरनेशनल एमी में, उन्हें जाने माने लेखक और नए युग के लीडर, दीपक चोपड़ा द्वारा सम्मानित 'इंटरनेशनल एमी डायरेक्टोरेट अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया है।            ये एक बेहद बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इसके साथ, एकता कपूर इंटरनेशनल एमी डायरेक्टोरेट अवॉर्ड हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला फिल्म निर्माता बन गईं हैं, जिसने उद्योग में उनके योगदान की विशिष्टता और प्रभाव को रेखांकित किया है। सबसे कुशल निर्माताओं में से एक, जो अब दशकों से उद्योग पर राज कर रही हैं, एकता की जीत सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि उनके शानदार और सोच से परे काम का सबूत है, जो लगातार ऐसे कटेंट दें रही हैं जो अलग-अलग और व्यापक दर्शकों के जीवन के साथ मेल खाती है।
           *इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बात करते हुए, सफल निर्माता अपना आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं*, “मैं प्रतिष्ठित एमी डायरेक्टोरेट अवार्ड हासिल करके बहुत खुश हूँ! इस तरह ग्लोबल स्केल पर सम्मानित होना मेरे लिए बेहद खुशी की बात है।
         मैं हमेशा कहानियां सुनाना चाहती हूं क्योंकि वे मुझे सुनने, देखने और प्रतिनिधित्व करने का मौका देती हैं। मैं दर्शकों के प्यार के लिए आभारी हूं जिन्होंने मेरे लिए दरवाजे खोले, जिससे मुझे टेलीविजन से फिल्मों और ओटीटी की दुनिया में जाने का मौका मिला। मेरे द्वारा बताई गई हर एक कहानी कई स्तरों पर दर्शकों से जुड़ने का एक सेतु बन गई हैं। इस यात्रा में आए अनेक मोड़ भारत और उसके बाहर के लोगों द्वारा बरसाए गए प्यार की शक्ति का प्रमाण हैं। मेरा दिल कृतज्ञता से भरा हुआ है, और दर्शकों के लिए अपने काम के माध्यम से सकारात्मक प्रभाव डालने का एक मजबूत संकल्प है।"
       इंटरनेशनल एमी डायरेक्टोरेट अवॉर्ड एकता की सीमारों से आगे निकलकर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कुछ नया करने की काबिलियत को दर्शाता है। उनका पद्मश्री पुरस्कार इस क्षेत्र में उनकी उत्कृष्टता का प्रमाण है और वह इस उद्योग में महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। अपने लगातार बदल रहे दर्शकों की पसंद और प्राथमिकताओं को समझने और उन्हें पूरा करने की उनकी प्रतिभा ने उन्हें एक दशक से अधिक समय से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सबसे आगे रखा है। वह 17,000 घंटे से ज्यादा के टेलीविजन कंटेंट और 135 से ज्यादा टेलीविजन शो के साथ एक अग्रणी महिला हैं। बता दें कि इस लिस्ट में उनकी 50 से अधिक फीचर फिल्में भी शामिल हैं। एकता एक ऐसी ताकत है जिसने लगभग 600 मिलियन डॉलर का उद्योग खड़ा किया है, जिसमें 80% महिलाएं इसका नेतृत्व कर रही हैं। 2 मिलियन नौकरियाँ पैदा करना जिसका सीधा प्रभाव पूरे भारत में 7.2 मिलियन से अधिक घरों पर पड़ता है।
           उनकी इन सभी उपलब्धियों को देख यह कहा जा सकता है कि एकता अपनी हर एक जीत के साथ अपने स्तर को ऊपर की ओर लेकर जा रही हैं।
आलू बोआई के लिए चल रहा उपयुक्त समय, भरपुर मात्रा में उपलब्ध हैं बीज
वैशाली: आलू रोपाई का अभी उपयुक्त समय चल रहा हैं. दूसरी ओर पिछली साल आलू की कीमत में कमी को देखते हुए इस बार आलू की खेती कम होने की उम्मीद हैं. आलू बीज की कमी अभी बाजार में नहीं है.
         किसान व व्यापारी बीज के लिए आलू कोल्ड स्टोरेज में रखते हैं. वहां से अब आलू निकालकर बेच रहे हैं. किसान बताते हैं कि वह हर साल आलू की खेती करते हैं. इस बार रकवा कम रहेगा.
      बताया कि आलू का बीज बाजार में 8 से 10 रूपये किलो बिक रहा हैं. जब आलू की फसल निकल रही थी. उस समय आलू की कीमत चार रुपये किलो थी. किसान उसको कोल्ड स्टोरेज में रखे. अब जब बोआई के समय आलू वहां से निकाल रहे तो खर्च करीब पांच रूपये तक जा रहा हैं. अब आलू की खेती करने में उतना फायदा नहीं हैं. बीज वाला आलू छह रूपये किलो बेचना पड़ रहा हैं. अगर किसान कोल्ड स्टोरेज से लाकर उसको प्रोसेसिंग करके यानी सुखाकर तैयार करने के बाद बेच रहा हैं तो उसकी कीमत 8 से 10 के बीच हैं. अधिकांश किसान बड़े पैमाने पर पर आलू की खेती नहीं करेंगें. आलू की बीज आसानी से मिल रही हैं
     रबी की फसल के लिए उपयुक्त समय चल रहा हैं. किसान गेहूं के साथ-साथ आलू की रोपाई कर रहे हैं उर्वरक व बीज की कमी नहीं रहें. इसको लेकर निगरानी की जा रही हैं.
        उपचार के बाद करें रोपाई
        ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, कृषि मौसम विभाग जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केन्द्र डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविधालय पूसा के विज्ञानी डा. गुलाब सिंह ने किसानों को सुझाव दिया कि आलू की रोपाई प्राथमिकता से करें.
      कुफरी चन्द्रमुखी, कुफरी अशोका, कुमारी बादशाह, कुफरी ज्योति, कुफरी सिंदुरी, कुफरी अरूण, राजेन्द्र आलू-1, कुफरी सिंदुरी, कुफरी अरूण, राजेन्द्र आलू-3 इस क्षेत्र के लिए अनुबंधित किस्में हैं. बीज दर 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रखें. पंक्ति से पंक्ति की दूरी 50-60 सेमी एवं बीज से बीज की दूरी 15-20 सेमी रखें.
     बताया कि आलू को काट कर लगाने पर 2 से 3 स्वस्थ आंख वाले टुकड़े को उपचारित कर 24 घंटे के अन्दर लगाएं . बीज को एगलौल या एमीसान के 0.5 प्रतिशत घोल या एथेन एम 45 के 0.2 प्रतिशत घोल या एथेन एम 45 के 0.2 प्रतिशत घोल में 10 मिनट तक उपचारित कर छाया में सुखाकर रोपनी करें. समूचा आलू लगाना श्रेयस्कर हैं. खेत की जुताई में कम्पोस्ट 200-250 क्विंटल, 75 किलोग्राम नाइट्रोजन, 90 किलोग्राम फास्फोरस एवं 10 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टर की दर से प्रयोग करें. इस विधि से आलू की खेती करने से बेहतर लाभ होगा.
      
अरता पात से दूर होती है निगेटिव एनर्जी......छपरा में बनता हैं: विदेशों में भी है डिमांड
वैशाली:  छठ महापर्व में अरता के पात का खास महत्व हैं. इसे अर्घ्य के दौरान इस्तेमाल किया जाता हैं.  ये प्राकृतिक संसाधन से बनाया जाता हैं. पूजा के बाद इसे घर के मुख्य दरवाजे पर लगाया जाता हैं. अरता को शुभ का प्रतीक माना जाता हैं. माना जाता है कि इससे नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं.
          इसे छपरा के अवतार नगर थाना क्षेत्र के झौवा ढाला के आसपास स्थित गांव में बनाया जाता हैं इस कुटीर उद्योग में ज्यादातर महिलाएं शामिल होती हैं. जिनसे संपर्क कर व्यापारी देश के कोने-कोने और विदेशों में इसे निर्यात करते हैं. अरता को बनाने में महिलाएं मई से लग जाती हैं.
        अरता को अकवन के फल से निकली रूई से बनाया जाता हैं. 5 महीने पहले ही इसे बनाने का काम शुरू हो जाता हैं. जो छठ पूजा में खत्म हो जाता हैं.   
   अकवन के बीज से निकाली जाती हैं रूई
      सुगंती देवी बताती है कि तपती गर्मी के बीच अकवन के फल को चुना जाता है. आसपास के क्षेत्रों सहित मथुरा और हरियाणा तक लोग फल चुनने के लिए जाते हैं. चुनने के बाद रूई की धुनाई की जाती हैं. धुनाई के बाद एक्सपर्ट लोग सांचे पर रूई से अरता  का निर्माण करते हैं. जिसके बाद सफेद अरता लाल हो जाता हैं. फिर उसे धूप में सूखने के लिए रखा जाता हैं
    निगेटिव एनर्जी का रिफ्लेक्टर भी कहा जाता
        पंडित केएम तिवारी बताते हैं कि छठ पूजा प्राकृतिक संसाधनों के बीच मनाया जाने वाला एक त्योहार हैं. पूजा के बाद अरता को मुख्य दरवाजे या पूजा घर में चिपकाया जाता हैं. इसे निगेटिव एनर्जी का रिफ्लेक्टर भी कहा जाता हैं. इससे नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं, सकारात्मक शक्ति को बढ़ावा मिलता हैं.
गोदी के बलकवा के दिह, छठी ममता दुलार
वैशाली: पहिले पहिले छठ हम कईनी छठ के बरतिया, रूनकी झुनकी बेटी मांगीला, पढल लिखल दामाद छठी मैया  केलवा के पात पर उगेला हो सुरजदेव जैसे छठ के पारंपरिक लोकगीतों के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के दूसरे दिन शनिवार को करना को लेकर छठव्रतियों में खासा उत्साह रहा. आस्था के महापर्व छठ का करना छठ व्रतियों ने रोटी एवं खीर का प्रसाद चढ़ाकर सम्पन्न किया. कल रविवार भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा. छठ पर्व के दूसरे दिन सुबह से ही खरना को लेकर बाजार से दूध चावल एवं गुड़ चीनी की व्यवस्था करने में लोग लगे रहे. मालूम हो कि छठ व्रती महिलाएं ने वस्त्र धारण कर चार दिवसीय पर्व के दूसरे दिन निर्जला रह कर छठ का करना करती हैं. खरना पर्व में प्रसाद के लिए गुड़ से बनी खीर एवं रोटी बनाकर पूजा अर्चना किया जाता हैं तत्पश्चात घर के सदस्य महाप्रसाद ग्रहण  करते हैं.
    वही छठ पर्व को लेकर बाजारों में फल खरीदारी को लेकर बाजार में रौनक रही.
वि०प० में महान स्‍वतंत्रता सेनानी बटुकेश्‍वर दत्त की जयंती मनाई गई।
महान स्‍वतंत्रता सेनानी और पूर्व विधान परिषद् सदस्‍य बटुकेश्‍वर दत्त की जयंती बिहार विधान परिषद् में मनाई गई। बिहार विधान परिषद् के माननीय उप सभापति प्रो . ((डॉ.) रामचन्द्र पूर्वे ने बटुकेश्‍वर दत्त की प्रतिमा पर मालर्यापण किया। उन्‍होने कहा की आजादी में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारियों में बटुकेश्‍वर दत्त का नाम श्रद्धा पूर्वक लिया जाता है। शहिद-ए-आजम भगत सिंह के साथ दिल्‍ली के केंद्रीय असेम्‍बली में बम फेंक कर अंग्रेजी हुकूमत को दहलाने का काम किया था। बटुकेश्‍वर दत्त पर सेंट्रल असेंबली पर बम फेंकने का मुकदमा चलाया गया। इस केस में उन्हें आजीवन कारावास कालापानी की सजा सुनाई गई और सेलुलर जेल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भेज दिया गया। कई सालों बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने फिर से आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया और महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। जिसके कारण उन्हें चार साल के लिए फिर से जेल जाना पड़ा।
                      उक्‍त अवसर पर विधान परिषद् के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बटुकेश्‍वर दत्त की प्रतिमा पर मार्ल्‍यापण किया।
आज से शुरु हुआ छठ का पर्व, जानें इसका महत्व
छठ पूजा का सनातन धर्म में बड़ा धार्मिक महत्व हैं. इस पर्व पर व्रती भगवान सूर्य और छठ माता से प्रार्थना करते हैं और उनके आर्शीवाद की कामना करते हैं. साथ ही लोग सूर्य के प्रति अपना सम्मान और आभार भी व्यक्त करते हैं क्योंकि वो सभी जीवित प्राणियों को प्रकाश सकारात्मकता और जीवन प्रदान करते हैं.
     छठ पूजा सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक हैं, जो बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में मनाया जाता हैं. इस शुभ दिन पर, भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ भगवान सूर्य और छठ माता की पूजा करते हैं. यह व्रत पूरी तरह से छठी मैया को समर्पित हैं. यह पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से शुरू होता हैं और पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता हैं
       इस साल यह पर्व 17 नवंबर से शुरू होगा और 20 नवंबर को समाप्त होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग इस व्रत को रखते हैं, उन्हें पवित्रता का खास ख्याल रखना चाहिए, जिससे बिना किसी बाधा के व्रत संपूर्ण हो सके. छठ पूजा का सनातन धर्म में बड़ा ही धार्मिक महत्व हैं. इस पर्व पर व्रती भगवान सूर्य और छठ माता से प्रार्थना करतें हैं और उनके आर्शीवाद की कामना करते हैं, क्योंकि वो सभी जीवित प्राणियों को प्रकाश, सकारात्मकता और जीवन प्रदान करते हैं.
   छठ पूजा को सूर्य षष्ठी, डाला छठ, प्रतिहार और छठी के नाम से भी जाना जाता हैं.यह व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा परिवार और बच्चों की सलामती के लिए रखा जाता हैं और वे सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान सूर्य और छठी मैया की प्रार्थना करती हैं.