किला गांव में आयोजित श्री मद्भागवत कथा में भक्तों की रहती है काफी भीड़
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सोहावल अयोध्या।सोहावल ब्लाक के किला ग्राम में श्रीमद् भागवत कथा के षष्टम दिवस मेंआचार्य श्याम सारथी जी महाराज ने भगवान के दिव्य विवाह की कथा सुनाई । उन्होंने बताया कि भगवान ने शिशुपाल, जरासंध दंत्रवक्र आदि राजाओं के मध्य से माता रुक्मिणी को जीतकर के द्वारिका लेकर के आए माता रुक्मणी के साथ में द्वारिका आकर के बड़े धूमधाम से विवाह किया भगवान श्री कृष्ण के विवाह से ही तमाम कथाओं का जन्म होता है और रुक्मणी जी से प्रद्युम्न का जब जन्म हुआ तो समरा सुर जैसे राक्षस का भगवान ने संघार किया ।
सोलह हजार एक सौ कन्याओं को भौमा सुर नाम का राक्षस अपने कारागार में बंदी बनाकर रखा था भगवान श्रीकृष्ण भौमासुर का संघार करके सोल्ह हजार एक सौ विवाह किये और 8 पटरानियो से विवाह किये तो कुल मिलाकर सोल्ह हजार एक सौ आठ विवाह किये । कथा में महाराज जी ने इस मनुष्य शरीर को अयोध्या बताया उन्होंने कहा कि अथर्ववेद में इस मनुष्य के शरीर को भी अयोध्या कहा गया है जिसमें 8 चक्र और 9 दरवाजे हैं । इसी शरीर में हृदय में भगवान राम का दर्शन प्रत्येक जीव को हो जाए अगर वह इस मनुष्य शरीर को भी अयोध्या मानने लगे ।
उन्होंने पुरुषार्थ की चर्चा करते हुए बताया कि मनुष्य धर्म अर्थ काम अंतिम में मोक्ष को प्राप्त करता है । कथा में आचार्य हरिओम शास्त्री सुशील शास्त्री जी आदि रहे ।
Nov 23 2023, 19:02