*लंका दहन होते ही जय श्री राम के नारे से गूंज उठा मैदान*
गोरखपुर, गोलातहसील क्षेत्र के ब्लॉक गगहा अंतर्गत भूपगढ़ गांव में चल रही रामलीला के छठे दिन रविवार को रामलीला समिति के कलाकारों द्वारा लंका दहन का मंचन किया गया है। जैसे ही हनुमान ने लंका में आग लगाई पुरा पाण्डाल जय श्री राम के नारे से गुंजायमान हो उठा।
बताते चले कि प्रभु श्रीराम के आदेश पर हनुमान जी समुद्र पार कर लंका पहुचते है। और माता सीता की तलाश करते हैं। तलाश करते करते वे अशोक वाटिका पहुचते है। वहां एक बृक्ष के निचे माता सीता बैठी श्री राम से मिलने के लिए दुखी हैं। यह देख हनुमान माता सीता के पास पहुचे और प्रभु श्रीराम द्वारा दी गई मुद्रिका उनको देते हैं। और कहते है कि श्री राम जल्द ही यहां आकर आपको ले जाएंगे।
यह सब होने के बाद हनुमान ने माता सीता से कहा कि हमें बहुत भूख लगी है। क्या मै इस बाग में लगे फल खा सकता हूं? तब माता सीता ने उन्हें आज्ञा दी। हनुमानजी एक बृक्ष से दुसरे बक्ष पर कुदते कुछ फल खाते कुछ तोड़ कर गिराते हुए पेड़ों को उखाड़ कर वाटिका का तहस नहस कर रहे थे।
यह देखकर रखवाली करनेवाले उनकी तरफ भागे लेकिन हनुमान जी उन्हें भी मार डाले। यह सुन लंकेश अपने पुत्र अक्षय कुमार को भेजा । हनुमान ने अक्षय कुमार का भी बध कर दिया, पुत्र के मौत की खबर सुन कर लंकेश अपने पुत्र इंद्रजीत को हनुमानजी को जिवित पकड़ कर लाने के लिए भेजा। इंद्रजीत हनुमान को ब्रह्मफास में बाध कर लंकापति रावण के सम्मुख ले गया, रावण अपने योद्धा से हनुमान का बध करने के लिए कहा इसपर विभीषण कहते है कि यह राम का दुत है। और किसी दुत को मारना उचित नही है। तब रावण ने कहा कि बंदर को अपने पुछ पर ज्यादा अभिमान होता है। इसकी पुछ में कपड़ा लपेट कर आग लगा दो। हनुमान के पुछ में आग लगते ही एक महल से दुसरे महल पर कुदते हुए पुरी लंका को आग लगा दिया। विभीषण का महल छोड़ पुरी लंका जल कर राख हो गई। फिर उन्होंने समुद्र में जा कर अपने पुंछ की आग बुझाई।यह सब देख दर्शक दिर्धा में बैठे लोगों ने जय श्री राम का नारा लगाने लगे।
राम लीला देखने आए अतिथियों का मेला समिति के सदस्य धर्मेन्द्र सिंह, एच के राय, अ. प्रा. प्रधानाचार्य राणा प्रताप सिंह, गोरखनाथ चतुर्वेदी, विपिन सिंह, प्रभूनाथ यादव, यसवंत सिंह आदि ने आभार प्रकट किया।.
Oct 30 2023, 18:37