छपरा में मूर्ति विसर्जन दौरान हुए पथराव में जदयू नेता का नाम सामने आने के बाद बीजेपी हमलावर, सीएम से किया यह सवाल

पटना – दुर्गा पूजा का मूर्तिवसर्जन के दौरान छपरा में पथराव की घटना के बाद तनाव का माहौल पैदा हो गया था। वहीं जांच के दौरान यह बात सामने आई कि घटना में एक जदयू नेता का हाथ था। अब इस मामले को लेकर भाजपा जदयू पर हमलावर हो गई है। 

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर झा ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी आपके राज में क्या हो रहा है पहले बेगूसराय और औरंगाबाद अब छपरा में आपके मुस्लिम तुष्टिकरण का जलवा दिखने लगा है। अगर सनातनियों का गुस्सा भी प्रवण चढ़ा और वह भी सड़क उतर गए तो क्या होगा? 

प्रभाकर मिश्रा ने कहा है कि छपरा में शोभायात्रा पर जदयू के नेता घर से पत्थर बाजी हुई है। जो कुछ और कहानी कहती है। सनातनियों के धर्म के परीक्षा ना ले। यह स्पष्ट हो गया है बिहार जितनी भी घटना हो रही है उसके लिए आप और मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति जिम्मेवार है।

पटना से मनीष प्रसाद

मेरा देश मेरी माटी अमृत कलश यात्रा, बिहार के सभी जिलों के शहीदों की मिट्टी को लेकर भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता द्वारा दिल्ली के लिए हुए रवाना


 

मेरा देश मेरी माटी अमृत कलश यात्रा को आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा दिल्ली के लिए रवाना किया अमृत कलश यात्रा स्पेशल ट्रेन में बिहार के सभी जिलों के शहीदों की मिट्टी को लेकर भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता दिल्ली के लिए रवाना हुए इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश से शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए राजयभर से शहीदों की मिट्टी को संकलित किया गया है और इसे दिल्ली भेजा जा रहा है यह देशभर का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम है 

वही विपक्षों के द्वारा कार्यक्रम पर सवाल खड़ा करने पर कहा कि वह लोग आतंकवादियों को प्रश्रय देने वाले लोग है

ब्रेन स्ट्रोक होने पर इलाज में देरी से हो जाती है मरीज की मौत : डॉ. दीपा


पटना। ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। यदि इसके लक्षण दिखें तो साढ़े चार घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचना और इलाज शुरू हो जाना जरूरी होता है। विलंब होने पर मरीज की जान बचानी मुश्किल हो जाती है। ये बातें मीडिया से बातचीत में जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटना के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. दीपा ने कही।

उन्होंने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक आने पर “FAST” फॉर्मूला अपनाया जाता है। इसे अपनाने से जान बच सकती है। जिसमें F से फेस या चेहरा को देखा जाता है वहीं A से आर्म या दोनो हाथों को देखा जाता है। S से स्पीच या बोलने में लड़खड़ाहट आदि को देखा जाता है और T से टाइम या समय का पालन जरुरी होता है। इस फार्मूले को अपनाने से विकलांगता की संभावना कम रहती है और स्ट्रोक होने के बाद भी मरीज आत्मनिर्भर रह सकता है। साथ ही इस फार्मूले को अपनाने से जल्द से जल्द स्ट्रोक के लक्षणों को पहचाना जा सकता है।

मेदांता पटना के न्यूरो सर्जन और मेदांता इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूरोसाइंसेज के निदेशक डॉ. मुकुंद प्रसाद ने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन के अंदर अचानक होने वाला अटैक है। यह दो प्रकार से होता है – इस्कीमिक स्ट्रोक और हेमरेजिक स्ट्रोक। 80 प्रतिशत स्ट्रोक इस्कीमिक होते है। इसमें ब्रेन की नसों में ब्लॉकेज हो जाता है जिससे मस्तिष्क में खून की आपूर्ति बाधित हो जाती है। 20 प्रतिशत स्ट्रोक हेमरेजिक होते है। जिसमें मस्तिष्क की नस फट जाती है। ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों में अचानक से आवाज गायब हो जाना, हाथ - पैर और चेहरे में सुन्नता या कमजोरी महसूस होना, पैरालिसिस की स्थिति आदि शामिल है।

ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए यह करें

डॉ दीपा ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक का मुख्य कारण डायबिटीज, हाइपर टेंशन, मोटापा, हार्ट डिजीज, अल्कोहल और स्मोकिंग, खराब जीवन शैली, अनुवांशिकता और स्ट्रेस आदि। ब्रेन स्ट्रोक से बचाव के लिए नियमित व्यायाम करें, अच्छा पोषणयुक्त आहार लें और संतुलित जीवनशैली अपनाएं। कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और बीपी पर नियंत्रण रखें। अल्कोहल और स्मोकिंग से दूर रहें। अल्कोहल और स्मोकिंग इसके खतरे को बढ़ा देते हैं। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के मरीजों के ठीक होने के बाद समान्य जीवन जीना इस बात पर निर्भर करता है कि स्ट्रोक कितना था और कितना जल्दी उसे इलाज मिल पाया। स्ट्रोक के बाद साढ़े चार घंटे के अंदर इलाज होने से मस्तिष्क टिश्यू की अधिक क्षति होने से रोका जा सकता है।

मेदांता पटना में है ब्रेन स्ट्रोक का बेहतर इलाज 

डॉ. दीपा ने बताया कि मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पटना में ब्रेन स्ट्रोक से लेकर सभी प्रकार की मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों के इलाज की बेहतर व्यवस्था है। यहां सिटी स्कैन से लेकर एमआरआई जांच तक एक ही छत के नीचे मौजूद है। यहां इसका इलाज अनुभवी डॉक्टरों द्वारा आधुनिक तकनीक से किया जाता है।

मेदांता अस्पताल पटना में मेकेनिकल थ्रोमबेक्टोमी की आधुनिक सुविधा भी उपलब्ध है। जिसमें 24 घंटे तक स्ट्रोक के मरीज में तार से ब्रेन से क्लोट को निकाला जा सकता है।

मेरा माटी मेरा देश के तहत अमृत कलश यात्रा का हुआ शुभारंभ, पटना स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय में अपने-अपने जिले से कलश लेकर पहुंचेंगे कार्यकर्ता

पटना ; मेरा माटी मेरा देश के तहत अमृत कलश यात्रा की शुरुआत हो रही है। ऐसे में बिहार भर से युवा अपने-अपने जिले से माटी कलश में लेकर पटना के कार्यालय पहुंचेंगे। 

सम्राट चौधरी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन और भोजपुरी के सुपरस्टार पवन सिंह ने इसकी शुरुआत की दीप प्रचलित कर की।  

देश भक्ति गीतों के साथ इसकी शुरुआत हुई। वहीं पूरे पटना में यह कलश यात्रा घुमाया जाएगा और उसके बाद शाम के वक्त स्पेशल ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना किया जाएगा। 31 तारीख को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अमृत वाटिका बनाने का काम किया जाएगा। जिसमें इस माटी का इस्तेमाल होगा। 

पटना से मनीष प्रसाद

बीपीएससी द्वारा जारी टीचर रिजल्ट में हुई है भारी धांधली, सीएम अभी नहीं बांटे नियुक्ति पत्र : जीतन राम मांझी

बीपीएससी द्वारा शिक्षक बहाली का परिणाम जारी किये जाने के बाद से इसपर बवाल जारी है। कई अभ्यर्थियों और विपक्षी दलों द्वारा इसमें धांधली का आरोप लगाया है। वहीं अब पूर्व सीएम मांझी ने इसकी सीएम से जांच कराने की मांग करते हुए नियुक्ति पत्र नहीं बांटने की मांग की है। 

पटना : पूर्व मुख्यमंत्री व हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने बीपीएससी द्वारा शिक्षक बहाली रिजल्ट में भारी धांधली का आरोप लगाते हुए सीएम से इसकी जांच कराए जाने की मांग की है। 

मांझी ने कहा है कि बीपीएससी के शिक्षक रिजल्ट में भारी धांधली हुई है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसे हालात में अभी गांधी मैदान में शिक्षक नियुक्ति पत्र नहीं देना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि इसके कई प्रमाण हमारे पास हैं कि बीपीएससी ने शिक्षक भर्ती को लेकर जो रिजल्ट जारी किया है उसमें भारी धांधली की गई है। इसको लेकर हम बीपीएससी को भी पत्र लिख रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री से भी मांग करेंगे कि इसकी जांच होनी चाहिए।

पटना से मनीष प्रसाद

राजधानी पटना के एशियन सिटी अस्पताल में मुफ्त ओपीडी सेवा की हुई शुरुआत, पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने किया उद्घाटन

पटना के बेहतर निजी अस्पताल में शुमार एशियन सिटी अस्पताल में अब मरीजों को मुफ्त परामर्श मिलेगा। इसे लेकर अस्पताल की ओर से मुफ्त ओपीड़ी सेवा का शुभारंभ किया गया है। 

पटना : राजधानी पटनावासियों के लिए एक खुशखबरी है। अब उन्हें पटना के जाने-माने प्राइवेट अस्पताल एशियन सिटी हॉस्पिटल में मुफ्त में डॉक्टरी परामर्श मिलेगा। 

बीते शनिवार को एशियन सिटी हॉस्पिटल पटना द्वारा इसे लेकर मुफ्त ओपीडी सेवा का शुभारंभ किया गया। जिसका उद्घाटन पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा के द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने अस्पातल में अपना रेगुलर ब्लड और बीपी का जांच कराया। 

उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा कि बिहार में एशियन हॉस्पिटल एक सस्ता और अच्छा हॉस्पिटल है इसके बारे में हम बहुत सुने थे आज देखने का अवसर भी मिला। कहा कि सस्ती कीमत में मरीज यहां अपना इलाज करवा सकते है।  

वहीं उद्घाटन के अवसर पर हॉस्पिटल के बिहार हेड मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि आज से ओपीडी फ्री रहेगा और जांच भी सस्ते दाम में होगा। यहां गरीब मरीज को मुख्यमंत्री निधि से इलाज की भी सुविधा उपलब्ध है।

स्वामी विवेकानंद’ को साक्षात देख अभिभूत हुए राजधानी के दर्शक

पटना: विवेकानंद के जीवन के उतार-चढ़ावों के साथ ही अपनी कला यात्रा को भी पूरी श्रेष्ठता से प्रस्तुत किया। पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि एकल अभिनय सम्राट की कठिन अभिनय साधना है।

मंच पर प्रकाश आते ही मंच पर स्वामी विवेकानंद के दर्शन होते हैं ऐसा लगा कि विवेकानंद ही मंच पर आ गये। पद्मश्री शेखर सेन ने युगपुरुष नाट्य महोत्सव में स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर अपने एकल अभिनय और भावपूर्ण गायन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस एकल नाट्य प्रस्तुति की शुरुआत श्लोक ‘सर्वे भवन्तु सुखिन’ से हुआ। ‘अगले पचास साल तक अपने देवी देवता को उठा कर ताक पर रख दो हमारा राष्ट्र ही हमारा देवता है। पूजा करें हम अपनी मातृभूमि की, सेवा करें अपने देशवासियों की’। "उठो जागो और तब तक कर्म करो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो" । ये इस नाटक के संवाद थे जो दर्शकों को झकझोर गये । बिहार आर्ट थियेटर के अध्यक्ष आर के सिन्हा जी की ओर से आयोजित युगपुरुष नाट्योत्सव के दूसरे दिन एकल अभिनय सम्राट पद्मश्री शेखर सेनजी ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी को बड़े ही रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया। इस एकल नाट्य प्रस्तुति में संगीत प्रकाश और वेश भूषा के साथ भावप्रवण अभिनय ने राजधानी पटना के रंगकर्मियों और दर्शकों को प्रायोगिक नाटक के कई आयाम दिखाया। ‘डम डम डमरू बजावेला हमार जोगिया’ जैसे छोटे छोटे पदों के गायन और संगीत की धुन पर लोग झूमने पर मजबूर हुए।

पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि एकल अभिनय सम्राट की कठिन अभिनय साधना है कि पहले किसी भी युगपुरुष को जानना,उन पर नाटक लिखना और उसे आज के दर्शकों के हिसाब से तैयार कर प्रस्तुति देना राष्ट्र के प्रति समर्पण को दर्शाता है,पद्मश्री शेखर सेन का यह अभियान सदा चलते रहे इसकी हम सब कामना करते हैं। शेखर सेन एक ऐसी सर्वमान्य विरल विभूति हैं जिन्होंने कला की रंगभूमि पर अपनी विलक्षण प्रयोगधर्मिता और नवाचार की मिसाल क़ायम की है। लगभग चार दशकों की रंगयात्रा में शेखर ने सिद्धि और प्रसिद्धि के उन शिखरों को छुआ है जहाँ वे मनुष्यता के लिए आदर्श मूल्यों की तलाश करते हैं। और इस तरह एक सभ्य, सुसंस्कृत, अनुशासित और मर्यादित समाज का सपना देखते हैं। एक सांस्कृतिक अभियान पर निकल पड़े है।

संगीतकार, अभिनेता, लेखक तथा संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री शेखर सेन कहते हैं कि कलाकार का चुंबकत्व होता है जो दर्शकों को जोड़े रखता है। जैसे कोई माँ अपने बच्चे को कोई पाठ याद कराती है और फिर उससे पूछती है कि तो बच्चा माँ के सिखाए पाठ को ही ज्यों का त्यों दोहराता है, तब वह यह नहीं सोचता कि माँ को तो सब पता है, उसी ने तो बताया, तो मैं क्यों बताऊँ। इसी तरह कबीर, तुलसी, सूर या स्वामी विवेकानंद के बारे में सबको पता है लेकिन उसे किस रोचकता से पेश किया जा रहा है, यह अहम है। मैं जब कोई भी पात्र करता हूँ तो उसका विवेचन करता हूँ। स्वामी विवेकानंद के विचार प्रेरणादायी हैं। स्वामी जी कहते हैं कि मंदिर के ईश्वर को देखने से कोई लाभ नहीं है, राष्ट्र ही मंदिर है। अब इसे सुनना, गुनना और विश्लेषण करना होगा तभी तो आप उसके मर्म तक पहुँच पाएँगे। हमारे यहाँ शब्द को ब्रह्म कहा गया है, स्वर ब्रह्म कहा गया है और किसी अन्य संस्कृति में शब्दों को या स्वर लहरियों को ब्रह्म नहीं कहा गया है। इनकी साधना करने वाले साधक हैं। उन्हें हिमालय में जाकर तपस्या करने की जरुरत नहीं है, वे कला कर्म करते हुए ही योगी हैं।स्वामी विवेकानंद शास्त्रीय संगीत जानते थे तो उनकी जीवनी को प्रस्तुत करते हुए नाटक स्वामी विवेकानंद में ध्रुपद में स्वामीजी को चौताल में गाता हुआ दिखाता हूँ।

स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा को जिस रोचक संवाद, कुशल अभिनय, ध्वनि और प्रकाश के साथ ही संगीत की स्वरलहरियों और भजनों की गूँज से प्रस्तुत किया उससे ऐसा लगा मानों हाल में बैठे सभी दर्शक स्वामी विवेकानंद से ही संवाद कर रहे हों। दर्शकों और कलाकार के बीच ऐसा नाट्य आस्वाद दुर्लभ ही होता है। शेखर सेन की एक और खूबी यह है कि वे अपने किरदार का मेक-अप खुद ही करते हैं, किसी मेकअप कलाकार की सेवा नहीं लेते। लेखक, निर्देशक, गायक, संगीतकार और अभिनेता शेखर सेन हर बार एक नए रूप में दर्शकों के सामने आते हैं। शेखर सेन दुनिया भर में अपने एकल नाटकों की 1000 से अधिक प्रस्तुतियाँ दे चुके हैं। स्वामी विवेकानंद के विराट व्यक्तित्व के जीवन के अनगिनत जाने-अनजाने पहलुओं को दो घंटे के नाटक में रंजकता व निर्देशकीय कुशलता से प्रस्तुत करना कोई आसान काम नहीं, लेकिन शेखर सेन ने इस प्रस्तुति के माध्यम से विवेकानंद के जीवन के उतार-चढ़ावों के साथ ही अपनी कला यात्रा को भी पूरी श्रेष्ठता से प्रस्तुत किया। स्वामी विवेकानंद के प्रोफेसर, पिता विश्वनाथ दत्त, माँ भुवनेशवरी, माँ शारदादेवी, रामकृष्ण परमहंस को निभाते हुए इस शेखरजी ने अकेले ही दर्शकों को पूरे दो घंटे तक बांधे रखा।

शेखर जी ने बहुत ही खूबसूरती से दर्शकों से संवाद करते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद उस दौर में पैदा हुए थे जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था और स्वामी जी भारत को इस गुलामी से मुक्ति देना चाहते थे। स्वामी विवेकानंद द्वारा ब्राह्मो समाज में शामिल होना, विवेकानंद जब कोलकोता के स्कोटिश चर्च कॉलेज में पढ़ रहे थे तो उनके अंग्रेज प्रिंसिपल विलियम हैस्टी ने कैसे विवेकानंद की प्रतिभा को पहचान और उन्हें समाधि और ईश्वर के बारे में जानने व समझने से लिए रामकृष्ण परमहंस के पास जाने की सलाह दी। शेखर सेन ने इस घटना को अद्भुत कौशल और रंजकता के साथ प्रस्तुत किया। पिता की मृत्यु के बाद घर में घोर गरीबी का सामना करते हुए रामकृष्ण परमहंस से ये कहना कि माँ काली से कह कर मुझे गरीबी से मुक्ति दिलवाने में मदद दिलवाएँ, और फिर रामकृष्ण परमहंस द्वारा विवेकानंद को कहना कि तुम खुद ही माँ से जाकर माँग लो । विवेकानंद तीन बार माँ काली के पास जाकर बजाय गरीबी से मुक्ति के, ज्ञान, वैराग्य, ध्यान और समाधि माँग लेते हैं, इन दृश्यों को जिस जीवंतता और कल्पनाशीलता व भावुक कर देने वाले संवादों से शेखरसेन ने प्रस्तुत किया उसकी गहरी अनूभूति श्रोताओं के दिल और दिमाग में उतर रही थी। मंच सज्जा - नीतेश शुक्ला , प्रकाश संयोजन - पंकज मंग , ध्वनि संचालन - अशोक पवार , संगीत संचालन - विजय सरोज एवं निर्माण सहायक – सौरभ थे।

इस अवसर पर राजधानी के कई प्रतिष्ठित साहित्यकार और नाटक प्रेमियों ने भाव सम्प्रेषण,संवाद अदायगी और गायन का जम कर लुत्फ़ उठाया।

आर के सिन्हा ने कहा यह नई पीढ़ी के लिए बहुत ज्ञानवर्धन हैक्योंकि सभी ने विवेकानंद जी को पढ़ा है और सेन जी की प्रस्तुति में जीवंत तरीके से आप उनको अच्छे तरह से जान सकेगा।आपको लगेगा की आपके सामने साक्षात स्वामी विवेकानंद खड़े है। उन्होंने कल अंतिम दिन गोस्वामी तुलसीदास देखने के लिए लोगो को रविंद्र भवन में समय आने का आमंत्रण दिया।

 इस मौके भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी , विधायक अरुण सिन्हा,डा शंकर दयाल जी के साथ कई कॉलेजों के छात्र छात्रा ने नाटक देखा।

पटना से मनीष

एमएलसी सच्चिदानंद राय ने पटना विमेंस कॉलेज को एक एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान की

पटना: एमएलसी सच्चिदानंद राय ने आज पटना विमेंस कॉलेज को एक एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान की और एम्बुलेंस की चाभी विमेंस कॉलेज की प्राचार्य को सौपा।इस अवसर पर स्कूल की तमाम छात्राएं और शिक्षकाये मौजूद थी ।

एमएलसी सचिदानंद राय ने कहा कॉलेज मे 5 हजार छात्राए पढ़ती है लेकिन सरकार का ध्यान नही गया है इसलिए हमलोगो ने आज एक एम्बुलेंस की सुविधा दि है।

पटना से मनीष

जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल में वर्ल्ड ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के मौके पर महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए किया गया जागरूक

पटना: जयप्रभा मेदांता अस्पताल के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. रविशंकर सिंह ने वर्ल्ड ब्रेस्ट कैंसर अवेरयनेस मंथ के मौके पर कहा कि स्तन कैंसर हर जगह बढ़ रहा है। इसके लिए जीवनचर्या या लाइफ स्टाइल भी जिम्मेदार है। अभी भारत के शहरी इलाकों में प्रत्येक 22 महिला में एक को स्तन कैंसर का खतरा होता है जबकि ग्रामीण इलाका में यह अनुपात 60 और एक का है।

 स्तनपान नहीं कराने से एस्ट्रोजेन हार्मोन को एक्सपोजर मिलता है। एस्ट्रोजेन और कुछ हद तक प्रोस्ट्रोन हार्मोन स्तन और अंडाशय के कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं। जिस महिला को जितनी देर से माहवारी शुरू होगा और जल्दी खत्म होगा, उसे स्तन कैंसर का उतना कम खतरा होगा।

वहीं जयप्रभा मेदांता की ब्रेस्ट ओंको सर्जन डाॅ. निहारिका राय ने कहा कि बिहार में वर्ष 2018 के सर्वे के अनुसार प्रति लाख 23.5 केस स्तन कैंसर के होते हैं। भारत में 25.8 व्यक्ति प्रति लाख स्तन कैंसर के केस होते हैं जबकि इस वजह से 12.7 व्यक्ति प्रति लाख की मृत्यु हो जाती है। वर्ष 2020 तक के डाटा के मुताबिक 2.3 मिलियन अर्थात 23 लाख केस स्तन कैंसर के होते हैं। स्तन कैंसर ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा शहरों में ज्यादा होता है। मेट्रो सिटी में और ज्यादा केस हैं। शहर में देर से शादियां होती हैं। अमूमन 30 वर्ष के बाद ही शादी होती है और बच्चे भी देर से होते हैं। ऐसे में हॉर्मोन का ज्यादा एक्सपोजर होता है, जो स्तन और अंडाशय के कैंसर को जन्म देता है। वैसे जीवन में जल्दी माहवारी शुरू होने और ज्यादा उम्र तक माहवारी होते रहने पर भी हॉर्मोन का ज्यादा एक्सपोजर होता है। ऐसे में स्तन और अंडाशय के कैंसर का रिस्क बढ़ता है। लंबे समय तक (पांच वर्ष से अधिक) लगातार गर्भ निरोधक दवाइयां (ओरल कोन्ट्रासिप्टिक टेबलेट)से भी कैंसर के लिए जिम्मेदार हार्मोन को ज्यादा एक्सपोजर मिलता है जिससे स्तन और अंडाशय के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।

इसी क्रम में डाॅ. निहारिका राय ने बताया कि स्तन कैंसर को आम आदमी के लिहाज से मुख्यतः तीन स्टेज में बांटा गया है। शुरुआती स्तन कैंसर, लोकली एडवांस स्तन कैंसर और मेटास्थेटिक स्तन कैंसर। स्टेज एक और दो का इलाज काफी अच्छा है। तीसरे स्टेज में भी इलाज होता है, लेकिन मरीज का भविष्य उतना अच्छा नहीं होता है। उसकी उम्र कम हो जाती है। जागरूकता के अभाव में 50 प्रतिशत स्तन कैंसर के केस स्टेज -2 और स्टेज -3 (टीएनएम) तथा 15 से 20 प्रतिशत स्टेज-4(टीएनएम स्टेजिंग) में डॉक्टर के संज्ञान में आते हैं। शुरुआत में बहुत कम स्तन कैंसर का पता चल पाता है। इलाज स्टेज के अनुरुप होता है। स्तन कैंसर का इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी को मिलाकर किया जाता है।

उन्होंने कहा कि यदि जीन में परिवर्तन होता है तो मर्द और औरत दोनों में कैंसर हो सकता है। यदि किसी के परिवार में जीन के म्यूटेशन होता रहा है और कैंसरकारक जीन अगली पीढ़ी में चला जाता है यो कैंसर हो सकता है। जीन को रेडिएशन भी मिल गया तो स्तन कैंसर हो सकता है। पर्यावरण सहित कई और कारण हैं। औरत और मर्द दोनों में स्तन कैंसर के लिए तीन जीन कारक होते हैं-बीआरसीए-1, बीआरसीए-2 और पी53।

 

डाॅ. निहारिका राय ने बताया कि एस्ट्रोजेन और प्रोस्ट्रोन हार्मोन महिलाओं में माहवारी के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। यह दोनों हार्मोन अंडाशय और एड्रिनल ग्रंथि में बनता है। लेकिन जब मासिक आना बंद हो जाता है तो यह एड्रिनल ग्रंथी से निकलता रहता है। एस्ट्रोजेन हार्मोन ही प्रसव के बाद स्तन का आकार बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार होता है। स्तन दो चीजों से बना होता है-डक्ट और स्ट्रोमा टिशू। डक्ट की वजह से ही स्तन से दूध निकलता है जबकि स्ट्रोमा टिशू सहायक होता है। शरीर में निरंतर बदलाव और विकास होता रहता है जो कि हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। जब यह विकास अनियंत्रित गति से होने लगता है तो कैंसर हो सकता है। ऐसे में स्तन में गांठ बन जाएगा। बाहर घाव होता है। निप्पल में भी घाव बनता है। इससे रिसाव भी हो सकता है। ये घाव जल्दी सूखता नहीं है।

डाॅ. निहारिका राय ने आगे बताया कि यदि परिवार में स्तन या अंडाशय के कैंसर का इतिहास नहीं है तो अमूमन 40 वर्ष के बाद यह सामने आता है। उम्र बढ़ने के साथ स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता जाता है। यदि परिवार में कैंसर का इतिहास है तो 40 वर्ष के पहले भी यह उभर सकता है। 

डाॅ. निहारिका राय ने कहा कि स्तन कैंसर के रिस्क को घटा सकते हैं। जैसे- समय से शादी और मां बनना, अपने शिशु को स्तन पान कराना, रेगुलर व्यायाम करना, हार्मोन की गोलियां लंबे वक्त तक नहीं लेना, मोटापा को नियंत्रित रखना, शराब और धुम्रपान नहीं करना आदि। लेकिन कुछ ऐेसे भी कारण है जिसे हम परिवर्तित नहीं कर सकते हैं, जैसे-जल्दी माहवारी शुरू होना और अत्यधिक उम्र तक होना, अनुवांशिक कारण जैसे की पूर्व में परिवार में स्तन कैंसर के मरीज का होना आदि।

पटना से मनीष

लालू यादव के दिए बयान पर कांग्रेस ने किया बचाव

पटना: प्रेमचंद मिश्रा ने कहा सदाकत आश्रम में मंच से लालू यादव के द्वारा कही गई बात की उन्होंने जेल से सोनिया गांधी से बात की थी और अखिलेश सिंह को सांसद बनाने की बात कही थी। कांग्रेस के नेता अब लालू के बचाव में उतर आए हैं।

कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि इस तरह की बात लालू जी ने नहीं कही है, लालू यादव ने सिर्फ इतना कहा कि उन्होंने रांची से कॉल किया था, जेल वाली बात गलत है।

प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि लालू प्रसाद बिहार के बड़े नेता है, समाजिक न्याय धर्म निरपेक्षता के पुरोधा हैं।

प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि बीजेपी अपने पुरखों का सम्मान नही करती।

श्री कृष्णा सिंह के विचारों के ठीक विपरीत आचरण करते हैं सुशील मोदी।

बिहार में आज उद्योग के नाम पर जो कुछ पूंजी बची हुई है वह श्री कृष्णा सिंह के कार्यकाल का ही हैं।

प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि नीतीश कुमार के आगे पीछे कर सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री बन गए और अब अपनी राजनीतिक उपयोगिता को प्रकट करने के लिए सुशील मोदी रोज अनाप-सनाप बयान देते हैं।

हम उन्हीं को अपना मंच देते हैं जिनको हम मानते हैं कि हमारे सिद्धांतों के प्रति उनकी आस्था है।

उन्हें यहां बोलने का हक नहीं की श्री कृष्णा सिंह के कार्यक्रम में लाल यादव से उद्घाटन कराकर उनका अपमान किया।

भाजपा के लोग गोडसे वादी हैं और गांधीवादी नहीं हो सकते हैं। बीजेपी पूरी तरह से फ़्रेस्टेशन का शिकार हो चुकी है।

अशोक चौधरी को कांग्रेस की नसीहत...।

अशोक चौधरी के बयान पर कांग्रेस और राजद पहले से अलायंस में है तो उन लोगों का आपस में चलता है। इस पर बोली कांग्रेस– हमे किन्हें बुलाना हैं, किन्हें नही ये हमारा विषय है।अशोक चौधरी को जदयू की बात करनी चाहिए कांग्रेस की नही।