श्री कृष्ण को दिया शीश का दान- तो कहलाए शीश के दानी श्याम
गोरखपुर- श्री श्याम गुणगान समिति द्वारा आयोजित चार दिवसीय श्री श्याम शरद महोत्सव के तृतीय दिवस में श्री श्याम कथा के यजमान द्वारा व्यास पीठ व कथा व्यास का पूजन किया। पूजन पश्चात श्याम रतन खाटू धाम राजस्थान निवासी श्री पप्पू जी शर्मा ने श्री श्याम कथा का वर्णन करते हुए कहा कि बर्बरीक को देवी देवताओं से शक्ति प्राप्त के उपरांत महाभारत युद्ध की घोषणा होती है और बर्बरीक युद्ध में हिस्सा लेने की अभिलाषा रखते हुए अपनी मां से महाभारत युद्ध में जाने की अनुमति लेते हैं।
माँ इस वचन के साथ अनुमति प्रदान करती हैं कि जो पक्ष हार रहा होगा अथवा हारेगा तुम उसकी तरफ से युद्ध करोगे। बर्बरीक कुरुक्षेत्र में पहुंचते हैं और भगवान श्री कृष्णा उन्हें देखकर कहते हैं कि तुम अभी बालक हो युद्ध करने क्यों आए हो, बर्बरीक अपने तीन वाणो को प्रदर्शित कर भगवान श्री कृष्ण से कहते हैं कि इस तीनों वाणों के माध्यम से मैं महाभारत के सारे योद्धाओं को एक क्षण में मार सकता हूँ। भगवान कृष्ण ससंकित होते हैं की कहीं बर्बरीक कौरव के पक्ष से युद्ध न कर ले। भगवान श्री कृष्ण बर्बरीक से कहते हैं कि तुम वीर हो, मगर दानी नहीं हो। यह बात सुनकर बर्बरीक भगवान श्री कृष्ण से कहते हैं कि आप ऐसा ना कहें, आप बताएँ मैं आपको क्या दान दे सकता हूँ भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि तुम मुझे शीश का दान दे दो। वीर बर्बरीक भगवान श्री कृष्ण को अपनी कटार से अपने शीश को काटकर शीश का दान देते हैं।
भगवान श्री कृष्ण शीश के दान से अति प्रसन्न होकर शक्तियों को आदेशित करते हैं कि बर्बरीक के शीश को अमृत से संचित किया जाए और यह शीश सदैव अजर-अमर रहेगा। वही शीश राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू ग्राम में प्रकट हुआ जो लाखों करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र है और भक्तों की सभी मनोकामना उनकी चोखट पर पूर्ण होती है। जो श्री खाटू श्याम जी के नाम से जाना जाता है और उन्हें शीश का दानी भी कहा जाता है। श्री श्याम कथा के पूर्ण होने पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने श्री श्याम प्रभु की सामूहिक आरती की और भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। श्री शंकर लाल खाटू वाला, डॉ आर0 ए0 अग्रवाल, रश्मि अग्रवाल, विकास केजरीवाल, पवन सिंघानिया, चंद्र प्रकाश अग्रवाल, अतुल सराफ, संजय जी लक्ष्मीगंज श्री श्याम गुणगान समिति के समस्त सदस्य शहर व सुदूर क्षेत्र से आए श्री श्याम प्रेमियों ने कथा का श्रवण किया।
Oct 28 2023, 19:56