स्वामी विवेकानंद’ को साक्षात देख अभिभूत हुए राजधानी के दर्शक

पटना: विवेकानंद के जीवन के उतार-चढ़ावों के साथ ही अपनी कला यात्रा को भी पूरी श्रेष्ठता से प्रस्तुत किया। पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि एकल अभिनय सम्राट की कठिन अभिनय साधना है।

मंच पर प्रकाश आते ही मंच पर स्वामी विवेकानंद के दर्शन होते हैं ऐसा लगा कि विवेकानंद ही मंच पर आ गये। पद्मश्री शेखर सेन ने युगपुरुष नाट्य महोत्सव में स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर अपने एकल अभिनय और भावपूर्ण गायन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस एकल नाट्य प्रस्तुति की शुरुआत श्लोक ‘सर्वे भवन्तु सुखिन’ से हुआ। ‘अगले पचास साल तक अपने देवी देवता को उठा कर ताक पर रख दो हमारा राष्ट्र ही हमारा देवता है। पूजा करें हम अपनी मातृभूमि की, सेवा करें अपने देशवासियों की’। "उठो जागो और तब तक कर्म करो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो" । ये इस नाटक के संवाद थे जो दर्शकों को झकझोर गये । बिहार आर्ट थियेटर के अध्यक्ष आर के सिन्हा जी की ओर से आयोजित युगपुरुष नाट्योत्सव के दूसरे दिन एकल अभिनय सम्राट पद्मश्री शेखर सेनजी ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी को बड़े ही रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया। इस एकल नाट्य प्रस्तुति में संगीत प्रकाश और वेश भूषा के साथ भावप्रवण अभिनय ने राजधानी पटना के रंगकर्मियों और दर्शकों को प्रायोगिक नाटक के कई आयाम दिखाया। ‘डम डम डमरू बजावेला हमार जोगिया’ जैसे छोटे छोटे पदों के गायन और संगीत की धुन पर लोग झूमने पर मजबूर हुए।

पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि एकल अभिनय सम्राट की कठिन अभिनय साधना है कि पहले किसी भी युगपुरुष को जानना,उन पर नाटक लिखना और उसे आज के दर्शकों के हिसाब से तैयार कर प्रस्तुति देना राष्ट्र के प्रति समर्पण को दर्शाता है,पद्मश्री शेखर सेन का यह अभियान सदा चलते रहे इसकी हम सब कामना करते हैं। शेखर सेन एक ऐसी सर्वमान्य विरल विभूति हैं जिन्होंने कला की रंगभूमि पर अपनी विलक्षण प्रयोगधर्मिता और नवाचार की मिसाल क़ायम की है। लगभग चार दशकों की रंगयात्रा में शेखर ने सिद्धि और प्रसिद्धि के उन शिखरों को छुआ है जहाँ वे मनुष्यता के लिए आदर्श मूल्यों की तलाश करते हैं। और इस तरह एक सभ्य, सुसंस्कृत, अनुशासित और मर्यादित समाज का सपना देखते हैं। एक सांस्कृतिक अभियान पर निकल पड़े है।

संगीतकार, अभिनेता, लेखक तथा संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री शेखर सेन कहते हैं कि कलाकार का चुंबकत्व होता है जो दर्शकों को जोड़े रखता है। जैसे कोई माँ अपने बच्चे को कोई पाठ याद कराती है और फिर उससे पूछती है कि तो बच्चा माँ के सिखाए पाठ को ही ज्यों का त्यों दोहराता है, तब वह यह नहीं सोचता कि माँ को तो सब पता है, उसी ने तो बताया, तो मैं क्यों बताऊँ। इसी तरह कबीर, तुलसी, सूर या स्वामी विवेकानंद के बारे में सबको पता है लेकिन उसे किस रोचकता से पेश किया जा रहा है, यह अहम है। मैं जब कोई भी पात्र करता हूँ तो उसका विवेचन करता हूँ। स्वामी विवेकानंद के विचार प्रेरणादायी हैं। स्वामी जी कहते हैं कि मंदिर के ईश्वर को देखने से कोई लाभ नहीं है, राष्ट्र ही मंदिर है। अब इसे सुनना, गुनना और विश्लेषण करना होगा तभी तो आप उसके मर्म तक पहुँच पाएँगे। हमारे यहाँ शब्द को ब्रह्म कहा गया है, स्वर ब्रह्म कहा गया है और किसी अन्य संस्कृति में शब्दों को या स्वर लहरियों को ब्रह्म नहीं कहा गया है। इनकी साधना करने वाले साधक हैं। उन्हें हिमालय में जाकर तपस्या करने की जरुरत नहीं है, वे कला कर्म करते हुए ही योगी हैं।स्वामी विवेकानंद शास्त्रीय संगीत जानते थे तो उनकी जीवनी को प्रस्तुत करते हुए नाटक स्वामी विवेकानंद में ध्रुपद में स्वामीजी को चौताल में गाता हुआ दिखाता हूँ।

स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा को जिस रोचक संवाद, कुशल अभिनय, ध्वनि और प्रकाश के साथ ही संगीत की स्वरलहरियों और भजनों की गूँज से प्रस्तुत किया उससे ऐसा लगा मानों हाल में बैठे सभी दर्शक स्वामी विवेकानंद से ही संवाद कर रहे हों। दर्शकों और कलाकार के बीच ऐसा नाट्य आस्वाद दुर्लभ ही होता है। शेखर सेन की एक और खूबी यह है कि वे अपने किरदार का मेक-अप खुद ही करते हैं, किसी मेकअप कलाकार की सेवा नहीं लेते। लेखक, निर्देशक, गायक, संगीतकार और अभिनेता शेखर सेन हर बार एक नए रूप में दर्शकों के सामने आते हैं। शेखर सेन दुनिया भर में अपने एकल नाटकों की 1000 से अधिक प्रस्तुतियाँ दे चुके हैं। स्वामी विवेकानंद के विराट व्यक्तित्व के जीवन के अनगिनत जाने-अनजाने पहलुओं को दो घंटे के नाटक में रंजकता व निर्देशकीय कुशलता से प्रस्तुत करना कोई आसान काम नहीं, लेकिन शेखर सेन ने इस प्रस्तुति के माध्यम से विवेकानंद के जीवन के उतार-चढ़ावों के साथ ही अपनी कला यात्रा को भी पूरी श्रेष्ठता से प्रस्तुत किया। स्वामी विवेकानंद के प्रोफेसर, पिता विश्वनाथ दत्त, माँ भुवनेशवरी, माँ शारदादेवी, रामकृष्ण परमहंस को निभाते हुए इस शेखरजी ने अकेले ही दर्शकों को पूरे दो घंटे तक बांधे रखा।

शेखर जी ने बहुत ही खूबसूरती से दर्शकों से संवाद करते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद उस दौर में पैदा हुए थे जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था और स्वामी जी भारत को इस गुलामी से मुक्ति देना चाहते थे। स्वामी विवेकानंद द्वारा ब्राह्मो समाज में शामिल होना, विवेकानंद जब कोलकोता के स्कोटिश चर्च कॉलेज में पढ़ रहे थे तो उनके अंग्रेज प्रिंसिपल विलियम हैस्टी ने कैसे विवेकानंद की प्रतिभा को पहचान और उन्हें समाधि और ईश्वर के बारे में जानने व समझने से लिए रामकृष्ण परमहंस के पास जाने की सलाह दी। शेखर सेन ने इस घटना को अद्भुत कौशल और रंजकता के साथ प्रस्तुत किया। पिता की मृत्यु के बाद घर में घोर गरीबी का सामना करते हुए रामकृष्ण परमहंस से ये कहना कि माँ काली से कह कर मुझे गरीबी से मुक्ति दिलवाने में मदद दिलवाएँ, और फिर रामकृष्ण परमहंस द्वारा विवेकानंद को कहना कि तुम खुद ही माँ से जाकर माँग लो । विवेकानंद तीन बार माँ काली के पास जाकर बजाय गरीबी से मुक्ति के, ज्ञान, वैराग्य, ध्यान और समाधि माँग लेते हैं, इन दृश्यों को जिस जीवंतता और कल्पनाशीलता व भावुक कर देने वाले संवादों से शेखरसेन ने प्रस्तुत किया उसकी गहरी अनूभूति श्रोताओं के दिल और दिमाग में उतर रही थी। मंच सज्जा - नीतेश शुक्ला , प्रकाश संयोजन - पंकज मंग , ध्वनि संचालन - अशोक पवार , संगीत संचालन - विजय सरोज एवं निर्माण सहायक – सौरभ थे।

इस अवसर पर राजधानी के कई प्रतिष्ठित साहित्यकार और नाटक प्रेमियों ने भाव सम्प्रेषण,संवाद अदायगी और गायन का जम कर लुत्फ़ उठाया।

आर के सिन्हा ने कहा यह नई पीढ़ी के लिए बहुत ज्ञानवर्धन हैक्योंकि सभी ने विवेकानंद जी को पढ़ा है और सेन जी की प्रस्तुति में जीवंत तरीके से आप उनको अच्छे तरह से जान सकेगा।आपको लगेगा की आपके सामने साक्षात स्वामी विवेकानंद खड़े है। उन्होंने कल अंतिम दिन गोस्वामी तुलसीदास देखने के लिए लोगो को रविंद्र भवन में समय आने का आमंत्रण दिया।

 इस मौके भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी , विधायक अरुण सिन्हा,डा शंकर दयाल जी के साथ कई कॉलेजों के छात्र छात्रा ने नाटक देखा।

पटना से मनीष

एमएलसी सच्चिदानंद राय ने पटना विमेंस कॉलेज को एक एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान की

पटना: एमएलसी सच्चिदानंद राय ने आज पटना विमेंस कॉलेज को एक एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान की और एम्बुलेंस की चाभी विमेंस कॉलेज की प्राचार्य को सौपा।इस अवसर पर स्कूल की तमाम छात्राएं और शिक्षकाये मौजूद थी ।

एमएलसी सचिदानंद राय ने कहा कॉलेज मे 5 हजार छात्राए पढ़ती है लेकिन सरकार का ध्यान नही गया है इसलिए हमलोगो ने आज एक एम्बुलेंस की सुविधा दि है।

पटना से मनीष

जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल में वर्ल्ड ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के मौके पर महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए किया गया जागरूक

पटना: जयप्रभा मेदांता अस्पताल के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. रविशंकर सिंह ने वर्ल्ड ब्रेस्ट कैंसर अवेरयनेस मंथ के मौके पर कहा कि स्तन कैंसर हर जगह बढ़ रहा है। इसके लिए जीवनचर्या या लाइफ स्टाइल भी जिम्मेदार है। अभी भारत के शहरी इलाकों में प्रत्येक 22 महिला में एक को स्तन कैंसर का खतरा होता है जबकि ग्रामीण इलाका में यह अनुपात 60 और एक का है।

 स्तनपान नहीं कराने से एस्ट्रोजेन हार्मोन को एक्सपोजर मिलता है। एस्ट्रोजेन और कुछ हद तक प्रोस्ट्रोन हार्मोन स्तन और अंडाशय के कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं। जिस महिला को जितनी देर से माहवारी शुरू होगा और जल्दी खत्म होगा, उसे स्तन कैंसर का उतना कम खतरा होगा।

वहीं जयप्रभा मेदांता की ब्रेस्ट ओंको सर्जन डाॅ. निहारिका राय ने कहा कि बिहार में वर्ष 2018 के सर्वे के अनुसार प्रति लाख 23.5 केस स्तन कैंसर के होते हैं। भारत में 25.8 व्यक्ति प्रति लाख स्तन कैंसर के केस होते हैं जबकि इस वजह से 12.7 व्यक्ति प्रति लाख की मृत्यु हो जाती है। वर्ष 2020 तक के डाटा के मुताबिक 2.3 मिलियन अर्थात 23 लाख केस स्तन कैंसर के होते हैं। स्तन कैंसर ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा शहरों में ज्यादा होता है। मेट्रो सिटी में और ज्यादा केस हैं। शहर में देर से शादियां होती हैं। अमूमन 30 वर्ष के बाद ही शादी होती है और बच्चे भी देर से होते हैं। ऐसे में हॉर्मोन का ज्यादा एक्सपोजर होता है, जो स्तन और अंडाशय के कैंसर को जन्म देता है। वैसे जीवन में जल्दी माहवारी शुरू होने और ज्यादा उम्र तक माहवारी होते रहने पर भी हॉर्मोन का ज्यादा एक्सपोजर होता है। ऐसे में स्तन और अंडाशय के कैंसर का रिस्क बढ़ता है। लंबे समय तक (पांच वर्ष से अधिक) लगातार गर्भ निरोधक दवाइयां (ओरल कोन्ट्रासिप्टिक टेबलेट)से भी कैंसर के लिए जिम्मेदार हार्मोन को ज्यादा एक्सपोजर मिलता है जिससे स्तन और अंडाशय के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।

इसी क्रम में डाॅ. निहारिका राय ने बताया कि स्तन कैंसर को आम आदमी के लिहाज से मुख्यतः तीन स्टेज में बांटा गया है। शुरुआती स्तन कैंसर, लोकली एडवांस स्तन कैंसर और मेटास्थेटिक स्तन कैंसर। स्टेज एक और दो का इलाज काफी अच्छा है। तीसरे स्टेज में भी इलाज होता है, लेकिन मरीज का भविष्य उतना अच्छा नहीं होता है। उसकी उम्र कम हो जाती है। जागरूकता के अभाव में 50 प्रतिशत स्तन कैंसर के केस स्टेज -2 और स्टेज -3 (टीएनएम) तथा 15 से 20 प्रतिशत स्टेज-4(टीएनएम स्टेजिंग) में डॉक्टर के संज्ञान में आते हैं। शुरुआत में बहुत कम स्तन कैंसर का पता चल पाता है। इलाज स्टेज के अनुरुप होता है। स्तन कैंसर का इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी को मिलाकर किया जाता है।

उन्होंने कहा कि यदि जीन में परिवर्तन होता है तो मर्द और औरत दोनों में कैंसर हो सकता है। यदि किसी के परिवार में जीन के म्यूटेशन होता रहा है और कैंसरकारक जीन अगली पीढ़ी में चला जाता है यो कैंसर हो सकता है। जीन को रेडिएशन भी मिल गया तो स्तन कैंसर हो सकता है। पर्यावरण सहित कई और कारण हैं। औरत और मर्द दोनों में स्तन कैंसर के लिए तीन जीन कारक होते हैं-बीआरसीए-1, बीआरसीए-2 और पी53।

 

डाॅ. निहारिका राय ने बताया कि एस्ट्रोजेन और प्रोस्ट्रोन हार्मोन महिलाओं में माहवारी के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। यह दोनों हार्मोन अंडाशय और एड्रिनल ग्रंथि में बनता है। लेकिन जब मासिक आना बंद हो जाता है तो यह एड्रिनल ग्रंथी से निकलता रहता है। एस्ट्रोजेन हार्मोन ही प्रसव के बाद स्तन का आकार बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार होता है। स्तन दो चीजों से बना होता है-डक्ट और स्ट्रोमा टिशू। डक्ट की वजह से ही स्तन से दूध निकलता है जबकि स्ट्रोमा टिशू सहायक होता है। शरीर में निरंतर बदलाव और विकास होता रहता है जो कि हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। जब यह विकास अनियंत्रित गति से होने लगता है तो कैंसर हो सकता है। ऐसे में स्तन में गांठ बन जाएगा। बाहर घाव होता है। निप्पल में भी घाव बनता है। इससे रिसाव भी हो सकता है। ये घाव जल्दी सूखता नहीं है।

डाॅ. निहारिका राय ने आगे बताया कि यदि परिवार में स्तन या अंडाशय के कैंसर का इतिहास नहीं है तो अमूमन 40 वर्ष के बाद यह सामने आता है। उम्र बढ़ने के साथ स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता जाता है। यदि परिवार में कैंसर का इतिहास है तो 40 वर्ष के पहले भी यह उभर सकता है। 

डाॅ. निहारिका राय ने कहा कि स्तन कैंसर के रिस्क को घटा सकते हैं। जैसे- समय से शादी और मां बनना, अपने शिशु को स्तन पान कराना, रेगुलर व्यायाम करना, हार्मोन की गोलियां लंबे वक्त तक नहीं लेना, मोटापा को नियंत्रित रखना, शराब और धुम्रपान नहीं करना आदि। लेकिन कुछ ऐेसे भी कारण है जिसे हम परिवर्तित नहीं कर सकते हैं, जैसे-जल्दी माहवारी शुरू होना और अत्यधिक उम्र तक होना, अनुवांशिक कारण जैसे की पूर्व में परिवार में स्तन कैंसर के मरीज का होना आदि।

पटना से मनीष

लालू यादव के दिए बयान पर कांग्रेस ने किया बचाव

पटना: प्रेमचंद मिश्रा ने कहा सदाकत आश्रम में मंच से लालू यादव के द्वारा कही गई बात की उन्होंने जेल से सोनिया गांधी से बात की थी और अखिलेश सिंह को सांसद बनाने की बात कही थी। कांग्रेस के नेता अब लालू के बचाव में उतर आए हैं।

कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि इस तरह की बात लालू जी ने नहीं कही है, लालू यादव ने सिर्फ इतना कहा कि उन्होंने रांची से कॉल किया था, जेल वाली बात गलत है।

प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि लालू प्रसाद बिहार के बड़े नेता है, समाजिक न्याय धर्म निरपेक्षता के पुरोधा हैं।

प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि बीजेपी अपने पुरखों का सम्मान नही करती।

श्री कृष्णा सिंह के विचारों के ठीक विपरीत आचरण करते हैं सुशील मोदी।

बिहार में आज उद्योग के नाम पर जो कुछ पूंजी बची हुई है वह श्री कृष्णा सिंह के कार्यकाल का ही हैं।

प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि नीतीश कुमार के आगे पीछे कर सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री बन गए और अब अपनी राजनीतिक उपयोगिता को प्रकट करने के लिए सुशील मोदी रोज अनाप-सनाप बयान देते हैं।

हम उन्हीं को अपना मंच देते हैं जिनको हम मानते हैं कि हमारे सिद्धांतों के प्रति उनकी आस्था है।

उन्हें यहां बोलने का हक नहीं की श्री कृष्णा सिंह के कार्यक्रम में लाल यादव से उद्घाटन कराकर उनका अपमान किया।

भाजपा के लोग गोडसे वादी हैं और गांधीवादी नहीं हो सकते हैं। बीजेपी पूरी तरह से फ़्रेस्टेशन का शिकार हो चुकी है।

अशोक चौधरी को कांग्रेस की नसीहत...।

अशोक चौधरी के बयान पर कांग्रेस और राजद पहले से अलायंस में है तो उन लोगों का आपस में चलता है। इस पर बोली कांग्रेस– हमे किन्हें बुलाना हैं, किन्हें नही ये हमारा विषय है।अशोक चौधरी को जदयू की बात करनी चाहिए कांग्रेस की नही।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने शिक्षक नियुक्ति पत्र को बताया बड़ा घोटाला, नीतीश कुमार पर जमकर बरसे

पटना: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने शिक्षक नियुक्ति पत्र को बताया बड़ा घोटाला, नीतीश कुमार पर जमकर बरसे सम्राट। शिक्षक नियुक्ति पर की उच्च स्तरीय जांच की मांग। 

सम्राट चौधरी ने कहा कि मैं इसे शिक्षक घोटाला इसलिए कह रहा हूं कि जो लोग पहले से नौकरी में हैं उन्हीं को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है और जो लोग पास भी नहीं हुए हैं उन्हें भी पास कराया जा रहा है।

पटना से मनीष

रोजगार मेला के तहत आयोजित कार्यक्रम में बिहार के 133 लाभार्थियों को मिला नियुक्ति पत्र

पटना: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा शनिवार (28-10-2023) को रोजगार मेले के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए देशभर के 37 स्थानों पर 51 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। 

पटना में पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर रेल मंडल द्वारा आयोजित रोजगार मेले का उद्घाटन केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने किया। मौके पर विवेक ठाकुर, सांसद (राज्यसभा), कुन्दन कुमार, विधायक, बेगुसराय, सम्राट चौधरी, बिहार बीजेपी अध्यक्ष, हरि मांझी, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान परिषद, जयंत कुमार चौधरी, मंडल रेल प्रबंधक, दानापुर, पूर्व मध्य रेल मौजूद थे।

मौक़े पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में चयनित 133 नव नियुक्त युवक-युवतियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि रोजगार मेले के कारण सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है।  

उन्‍होंने कहा कि रोजगार मेला ने शासन में युवाओं के विश्वास को बढाया है। श्री सिंह ने कहा कि अब तक विभिन्‍न सरकारी विभागों में मिशन मोड में छह लाख नौकरियां दी गई हैं। केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने स्‍टार्ट.अप्‍स को बढ़ावा देकर रोजगार की अवधारणा बदल दी है। उन्‍होंने कहा कि वर्तमान में देश में एक लाख से अधिक स्‍टार्ट.अप्‍स कार्य कर रहे हैं।

कार्यक्रम का संचालन अशोक कुमार, वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी, दानापुर (पूर्व मध्य रेलवे) द्वारा किया गया।

पटना से मनीष

नालंदा विधायक पर अपराधियों द्वारा किए गए रंगदारी के मामले पर भाजपा के प्रवक्ता राकेश सिंह ने जमकर साधा निशाना

पटना: नालंदा विधायक पर अपराधियों के द्वारा किए गए रंगदारी के मामले पर भाजपा के प्रवक्ता राकेश सिंह ने जमकर निशाना साधा है।

 भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में कानून का राज पूरी तरह से खत्म हो गया है और अपराधी पूरी तरह से बेलगाम हो चुके हैं हाल तो यह है कि नीतीश कुमार के जिले में अपराधी बेखौफ है और अपराधी जदयू के विधायक तक से रंगदारी करने से नहीं चुका है।

भाजपा प्रवक्ता के सिंह ने नीतीश सरकार का निशान साधाते हुए कहा कि नीतीश कुमार आप राजभर घूमते रहिए लेकिन आपके जिले की स्थिति ठीक नहीं है आपको जनता के हित में तुरंत इस्तीफा करना चाहिए।

पटना से मनीष

सीएम नीतीश से मुलाकात करने के बाद बाहर निकलने पर जेडीयू नेताओं ने की नारेबाजी, देश का पीएम कैसा हो नीतीश कुमार जैसा हो

पटना: उत्तर प्रदेश के जदयू के प्रदेश अध्यक्ष के साथ काफी संख्या में नेता और कार्यकर्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने एक अन्ने मार्ग सीएम हाउस पहुंचे थे, इस दौरान सीएम हाउस में मंत्री विजय चौधरी ,जल संसाधन मंत्री संजय झा, यूपी के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार भी मौजूद रहे। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर बाहर निकलने के बाद जदयू नेताओं ने कहा नीतीश कुमार को पीएम बनाने को लेकर नारेबाजी भी की और कहा देश का पीएम कैसा हो नीतीश कुमार जैसा हो। 

वहीं जेडीयू के नेताओं ने कहा पार्टी को विस्तार से आगे बढ़ाएंगे यूपी में बात चीत हुई है सीएम से, हमारे नेता का यूपी में कार्यक्रम लगाने के लिए बात हुआ और उनसे अनुरोध किया है की यूपी में वाराणसी , मिर्जापुर , फूलपुर तीनो सीट में से किसी भी सीट से नीतीश कुमार चुनाव लड़ें। उत्तर प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड काफी सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी, सीएम नीतीश से हमने यूपी से चुनाव लड़ने के लिए कहा है फैसला नीतीश कुमार करेंगे। 

नीतीश कुमार एकमात्र ऐसे नेता है जो देश के दूसरे गांधी और जयप्रकाश और लोहिया के रास्ते चलने वाले नेता है।जेडीयू नेताओं ने कहा नितीश कुमार उत्तर प्रदेश से चुनाव जीतकर सदन में जाए और भारत के प्रधानमंत्री बने। वही मंत्री श्रवण कुमार ने कहा यूपी के नेता है इनसे पूछिए हम तो रोज बक रहे हैं, उत्तर प्रदेश के जो पार्टी के प्रमुख नेता हैं।

लगभग 1 साल से मुख्यमंत्री से मिले नही थे तो आज मिलने का समय मिला था तो लग्हभाग 70 से 75 प्रमुख नेता मुख्यमंत्री जी से आए थे किस तरह पार्टी को वहा बढ़ाया जाए और मजबूत किया जाए इसको लेकर नीतीश कुमार ने बात किया और सदस्यता अभियान और पार्टी के कार्यक्रम को तेज चलने का निर्देश नीतीश कुमार ने दिया है।

 हम तय नहीं कर सकते है मुख्यमंत्री कहा से चुनाव लड़ेंगे ,कार्यकर्ता आए है उनसे पूछ लीजिए।

पटना से मनीष

पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा - चुनाव में कैसे लाभ मिले इस बात को ध्यान में रखकर सभी दे रहे हैं स्टेटमेंट
पटना: आनंद मोहन के बयान कि नीतीश कुमार के चलते उनकी रिहाई हो पायी है। इस मामले मे पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा चुनाव का समय जो लोगों का बयान रहा है चुनाव को ध्यान में रखकर आ रहा है और सब लोग चुनाव में कैसे लाभ मिले इस बात को ध्यान में रखकर स्टेटमेंट दे रहे है। लालू प्रसाद के सदाक्त आश्रम जाने के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा लालू जी की भी यही स्थिति है। तत्काल राजनीतिक लाभ कैसे मिल जाए विचारधारा चाहे रसातल मे जाए आम लोगों का हित कहीं चला जाए इससे कोई मतलब नहीं इसकी कोई चिंता नहीं सिर्फ अपने स्वार्थ की चिंता है। अपने तत्काल जो राजनीति है वह कैसे आगे बढ़े इसकी चिंता लोग करते हैं इसलिए इस तरह की स्थिति देखने को मिलती है। वही राजद विधायक के द्वारा देवी देवताओं पर टिप्पणी के मामले पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हम कोई धर्मशास्त्र के ज्ञाता नहीं है हम उसकी व्याख्या करने के लिए अधिकारी नहीं है जो लोग उसकी व्याख्या करने के अधिकारी हैं वही लोग व्याख्या करें तो अच्छा है हां संविधान के हिसाब से हमारा संविधान इस बात की इजाज़त देता है। हर किसी को कोई भी धर्म कोई धर्म मान सकता है और धर्म का प्रचार प्रसार भी करें पॉजिटिव तरीके से इसकी स्वतंत्रता है लेकिन इस बात का ख्याल रखते हुए पहले की किसी भी व्यक्ति की भावना को ठेस नहीं पहुंचे । इसी के स्टेटमेंट से इस बात का ख्याल रखना चाहिए और जो लोग इस तरह का ख्याल नहीं रखते हैं किसी खास ग्रुप की भावना को चोट पहुंचा जाए और तनाव पैदा करके वोट लिया जाए इस मकसद है। पटना से मनीष

पटना: आनंद मोहन के बयान कि नीतीश कुमार के चलते उनकी रिहाई हो पायी है। इस मामले मे पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा चुनाव का समय जो लोगों का बयान रहा है चुनाव को ध्यान में रखकर आ रहा है और सब लोग चुन

गेस्ट टीचर स्थाई करने की मांग को लेकर जदयू कार्यालय गुहार लगाने पहुंचे

पटना: स्थाई करने की मांग को लेकर गेस्ट टीचर आज जदयू कार्यालय अपनी गुहार को लेकर पहुंचे थे ।

काफी संख्या में जदयू कार्यालय पहुंचे। गेस्ट टीचरों का कहना था कि सरकार हम लोग से तमाम वह काम लेती है और अब जबकि बीपीएससी से शिक्षकों की बहाली कर रही है तो फिर हम लोगों की नौकरी पर खतरा बन रहा है। गेस्ट टीचरों ने सरकार से स्थाई करने की मांग की है।