आज देर से खुलेगी हटिया-पुरी तपस्विनी एक्सप्रेस ट्रेन
राँची: ट्रेन संख्या 18451 हटिया-पुरी तपस्विनी एक्सप्रेस ट्रेन आज देर से खुलेगी. यह ट्रेन अपने निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटे देर रहेगी. यानी कि हटिया से 15:40 बजे खुलने वाली हटिया-पुरी तपस्विनी एक्सप्रेस आज 17:10 बजे रवाना होगी.
सीसीएल के प्रबंधक एम कोटेश्वर राव का चयन इंडीविजुअल एक्सीलेंस अवार्ड के लिए हुआ
(झा.डेस्क)
राँची: सीसीएल बीएंडके महाप्रबंधक एम कोटेश्वर राव को उनकी कार्यदक्षता को देखते हुए कोल इंडिया ने इंडीविजुअल एक्सीलेंस अवार्ड के लिए चयनित किया है.
यह पुरस्कार कोटेश्वर राव को आगामी 1 नवंबर को कोल इंडिया के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर कोल इंडिया मुख्यालय में पुरस्कृत किया जायेगा. जानकारी के अनुसार सीसीएल से कुल चार अधिकारी को कोल इंडिया के स्थापना दिवस समारोह में पुरस्कृत किया जायेगा.
जिसमें एमके राव के अलावा सीसीएल के जीएम (माकेर्टिंग एंड सेल्स) निलय प्रकाश को भी इंडीविजुअल एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा. इसके अलावा जीएम (एसडी एवं सीएसआर) लाडी बालकृष्णा को बेस्ट एचओडी तथा अरगड्डा के जीएम एसके पांडेय को बेस्ट एरिया जीएम के लिए नामित किया गया.
इसके अलावा कोल इंडिया की अनुषांगिक इकाई सीसीएल को भी दो पुरस्कार के लिए नामित किया गया है.जिसमें कॉरपोरेट अवार्ड फॉर सेफ्टी तथा दूसरा कॉरपोरेट अवार्ड फॉर इनभारयमेंट मैनमेंट शामिल है.
वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियनशिप 2023 का झारखंड में आज से महासंग्राम की होगी शुरुआत
रांची:- 27 अक्टूबर से रांची में शुरू होने वाला वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियनशिप 2023 का बिगुल आज बजेगा। इस चैंपियनशिप का आयोजन रांची के मरांग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में होगा। इसमें भारत सहित कुल छह देशों जापान, साउथ कोरिया, चीन, मलेशिया और थाईलैंड की टीमें भाग ले रही हैं।
गौरतलब है कि रांची पहुंचने के बाद सभी टीमों ने बुधवार और गुरुवार को प्रैक्टिस सेशन में जमकर पसीना बहाया। इस प्रतियोगिता में कुल 20 मैच खेले जाएंगे।टूर्नामेंट के शेड्यूल के अनुसार, प्रत्येक टीम को राउंड-रॉबिन स्टेज में पांच मैचों में शामिल होना होगा, फिर सेमी-फाइनल में पहुंचने के लिए चार सबसे ऊपर की टीमें आगे बढ़ेंगी।
27अक्टूबर से 5 नवम्बर तक चलने वाले इस वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियनशिप में दर्शकों के प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं रखा गया है। बता दे कि आज पहला मुकाबला जापान और मलेशिया के बीच शाम चार बजे से शुरू होगा। हालांकि टूर्नामेंट का आधिकारिक उद्घाटन दो मैच के बाद रात 8:30 बजे होगा। जिसके बाद भारत और थाईलैंड के बीच मुकाबला होगा। फिर टीम इंडिया का मुकाबला मलेशिया के साथ 28 अक्टूबर को होगा।
हालाकि इस मुकाबले में चीन और जापान की टीम के साथ साथ भारतीय महिला हॉकी टीम भी इस खिताब के लिए प्रमुख दावेदार मानी जा रही हैं। टीम के सभी खिलाड़ियों के हौसले बुलंद है। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता पुनिया ने गुरुवार को कहा था कि टीम इंडिया हर हाल में यहां अच्छा प्रदर्शन करना चाहेगी, ताकि वर्ष 2024 में पेरिस में होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सके।
झारखंड की आयरन लेडी दयामनी बारला जिन्होंने संघर्ष और लोगों के हक के लिए उठाती रही आवाज,दुनियां के कई देशों ने किया उन्हें सम्मानित
रांची : दयामनी बारला जिन्होंने अपने 4 दशक के संघर्ष के दौरान कई ऐसे लोगों का सामना किया जो न सिर्फ दयामनी बारला के रास्ते में बल्कि हजारों लाखों ग्रामीणों के जिंदा रहने के रास्ते में पहाड़ बनकर खड़े थे। उनके जल, जंगल और जमीन को निगल जाने के लिए खड़े थे।
गांव में साहूकारों ने उनकी जमीन हड़प ली। घर के मवेशी तक नहीं बचे। 2 वक्त की रोटी का कोई ठिकाना नहीं था। एक परिवार विस्थापित होकर गांव से 70-80 किलोमीटर दूर रांची आ जाता है। फिर शुरू होती है संघर्ष की ऐसी कहानी जो सिर्फ इस परिवार की न होकर झारखंड के हजारों लाखों परिवारों की कहानी बन जाती है।
उनके अस्तित्व को बचाने की लड़ाई बन जाती है। इस लड़ाई से जन्म होता है एक ऐसी महिला से, जिसे आज दुनिया झारखंड की आयरन लेडी के नाम से जानती है। महिला, जिनको नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया फेलोशिप और काउंटर मीडिया अवार्ड, अमेरिका के 2 सम्मान लुत्ज इनडेजिनियस अवार्ड और लोवेल ग्रीली पीस स्कॉलर सम्मान से नवाजा जाता है।
गोहाल में सोईं और कई बार जूठन तक खाया
सच कहें तो, दयामनी बारला की कहानी किसी समतल जमीन से न शुरू होकर पथरीली पगडंडी और उन खतरनाक रास्तों की दास्तां है जिसमें एक तरफ मौत की धमकियां हैं तो दूसरी तरफ जेल जाने का खौफ। लेकिन दयामनी कभी झुकी नहीं। अपने लक्ष्य से हिली नहीं। वो जेल गयीं। परिवार से अलग रहीं। बीमार पड़ीं लेकिन जल, जंगल और जमीन को बचाने की उनकी लड़ाई लगातार चलती रही। दयामनी बताती हैं कि खूंटी जिला स्थित अपने गांव अरहारा से विस्थापित होने के बाद उनका परिवार रांची आ गया। तब उनको पढ़ाई जारी रखने के लिए अपनी मां के साथ घरों में नौकरानी का काम करना पड़ा, उन्होंने बरतन धोये, गोहाल में सोईं और कई बार जूठन तक खाया। लेकिन विस्थापन के जिस दंश को उनका परिवार झेल रहा था, वही दंश बाद में उनकी ताकत बना।
एक घंटे टाइपिंग के लिए एक रुपया मिलता था
दयामनी बताती हैं कि उन्होंने रांची में एमकॉम की पढाई कंप्लीट कर ली। तब तक वे अंग्रेजी और हिंदी में टाइपिंग भी सीख चुकी थीं। उन दिनों उनको एक घंटे टाइपिंग के लिए एक रुपया मिलता था। उन्हीं दिनों 1995 में कोयल कारो परियाजना की शुरुआत हुई थी। इससे 40-50 गांव विस्थापित होने वाले थे। दयामनी ने आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच बनाकर इसका विरोध शुरू किया। शुरुआती चरण में परियोजना के खिलाफ मुंडा जनजाति को गोलबंद किया और परियोजना से होने वाले पर्यावरण और विस्थापन संकट से लोगों को परिचित कराया। अंतत: सरकार को झुकना पड़ा और 2003 में कोयल कारो परियोजना को बंद कर देना पड़ा।
‘जन हक’ पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया
इसके बाद दयामनी बारला ने पर्यावरण, पेसा कानून के अधिकार, पत्थलगड़ी आंदोलन, स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल और टिनेंसी एक्ट को कमजोर करने की साजिश के खिलाफ राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर संघर्ष किया। इसी बीच ग्रामीण रिपोर्टिंग फेलोशिप और बैंक से 25,000 का कर्ज लेकर उन्होंने ‘जन हक’ पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया। इस पैसे से 2 साल तक वो पत्रिका निकालती रहीं। हालांकि जल्द ही उनको समझ में आ गया कि हाशिये पर खड़े लोगों के लिए पत्रिका निकालना कितना मुश्किल काम है। पत्रिका का प्रकाशन बंद कर देना पड़ा लेकिन तब तक उन्होंने ‘प्रभात खबर’ में पत्रकारिता की शुरुआत की। इससे जल, जंगल और जमीन के लिए उठने वाले विरोध को बराबर आवाज मिलती रही। इसी के साथ दयामनी बारला को ये भी समझ में आ चुका था कि जनता की लड़ाई लड़ने के लिए खुद का एक आर्थिक आधार होना जरूरी है।
खर्च चलाने के लिए चाय की दुकान खोली।।
दयामनी ने खर्च चलाने के लिए चाय की दुकान खोली। आपको ये जानकर सुखद एहसास होगा कि रांची के सर्कुलर रोड स्थित उनकी चाय की दुकान में पत्रकार पी साईंनाथ और प्रभाष जोशी जैसी शख्सियतें आ चुकी हैं। दयामनी से आप कहीं भी मिलिये, कभी मिलिये उनकी विनम्रता और सादगी आपको अलग से मोहित करती है। इसीलिए जब उनको अमेरिका की मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी में 2023 का लोवेल ग्रीली पीस स्कॉलर सम्मान दिया गया तब उन्होंने वहां के पत्रकारों से कहा था, यह सम्मान अकेले मेरा नहीं है, बल्कि ये उन सभी लोगों का है, जो बेजुबान हैं, जो हमारे बैकग्राउंट से आते हैं, जिनकी आवाज सत्ता के लंबे गलियारों में गुम हो जाती है। यह सम्मान हाशिये पर जी रहे लोगों का है। बहरहाल, दयमामनी बारला के अदम्य साहस को सलाम।
एशियन वीमेंस हॉकी चैंपियनशिप को लेकर राँची में उत्साह, भारतीय टीम कड़ी संघर्ष के लिए तैयार,टीम की कप्तान और कोच ने दी जानकारी
राँची: झारखंड एशियन वीमेंस हॉकी चैंपियनशिप को लेकर रांची में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इसी उत्साह के बीच भारतीय महिला हॉकी टीम के कप्तान सविता पूनिया और कोच जेनेक शॉपमैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टीम इंडिया की तैयारियों को लेकर जानकारी साझा की।
महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता पूनिया ने कहा कि भारतीय महिला हॉकी टीम की तैयारी पूरी है। उन्होंने कहा कि हम अपनी पिछली गलतियों से ओलंपिक और एशियन गेम्स में भारतीय महिला हॉकी टीम फाइनल तक नहीं पहुंचने में असफल रही। उन गलतियों को देखते हुए इस बार एशियन चैंपियनशिप को लेकर भारतीय टीम की तैयारी पूरी तरह से है।
इस पर कप्तान ने कहा कि भारतीय टीम हर दूसरी टीम को बेहतर मानकर चल रही है। ऐसे में भारतीय टीम कोई कसर नहीं छोड़ेगी। हम पूरी कोशिश करेंगे कि ट्रॉफी जीते।
झारखंड की खिलाड़ियों को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने निक्की प्रधान, सलीमा टेट़े और संगीता कुमारी की जमकर तारीफ की। कप्तान ने बताया कि पेनल्टी कार्नर को लेकर टीम ने काफी मेहनत की है। वही कोच ने बताया कि हमारी कोशिश संतुलित टीम को उतारने की होगी जो टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन कर सके।
झारखंड में ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन के लिए राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने जारी की नयी गाइडलाइन
रांची : झारखंड में ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन (निबंधन) कराने के लिए नयी गाइडलाइन जारी की गई है. राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है. इसके मुताबिक किसी भी ट्रस्ट में उन नामों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, जिससे यह प्रतीत हो कि वह संस्था सरकारी या अर्ध सरकारी है.
इसके साथ ही जिस ट्रस्ट में ब्यूरो, कमीशन, मिनिस्ट्री, सेंटर, अखिल भारत और नेशनल जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा, उन्हें ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन से पहले केंद्र सरकार से क्लियरेंस लेना होगा.
वहीं विभाग ने एम्ब्लेमस एन्ड नेम्स प्रिवेंशन ऑफ इम्प्रॉपर यूज (प्रतीक एवं नाम का अनुचित इस्तेमाल की रोकथाम) के लिए बने एक्ट का पालन करने का निर्देश भी निबंधकों को दिया है, ताकि राष्ट्रीय प्रतीक और देश के महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल कर ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन न हो.
…ताकि लोगों में किसी तरह की भ्रम की स्थिति न रहे।
दरअसल ऐसा देखा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय ध्वज, मिनिस्ट्री, नेशनल और आल इंडिया जैसे नाम का इस्तेमाल कर कई संस्था बनाई गई और उसका रजिस्ट्रेशन भी करवाया गया. ट्रस्ट या किसी अन्य संस्थान के निबंधन में लोग ऐसे नाम का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि वह संस्था केंद्र या राज्य सरकार की संस्था है.
इससे लोगों के बीच भ्रम की स्थिति रहती है. लोगों में किसी तरह की भ्रम की स्थिति न रहे, इसलिए झारखंड सरकार ने यह गाइडलाइन जारी की है. राज्य सरकार की इस गाइडलाइन की कॉपी राज्य के सभी जिला निबंधकों और अवर जिला निबंधकों को दे दी गई है.
महिला एशियाई प्रतियोगिता के Just आयोजन को लेकर उच्च स्तरीय आयोजन समिति की बैठक
एसीएस ने संबंधित अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
राँची: मोरहाबादी स्थित मरंङ गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में 27 अक्टूबर से 05 नवम्बर 2023 तक आयोजित होने वाले वूमेन एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी 2023 की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय आयोजन समिति की बैठक आयोजित की गयी।
बैठक के दौरान अरुण कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड ने आयोजन से संबंधित विभिन्न बिंदुओं की विस्तार से समीक्षा करते हुए संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। खिलाड़ियों के आगमन, उनके ठहरने की व्यवस्था, सुरक्षा, पार्किंग, ट्रैफिक, वेंडिंग ज़ोन आदि को लेकर पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करते हुए उन्होंने आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिए।
अरुण कुमार सिंह ने बताया कि प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। कोई कमी ना रहे इसे लेकर समीक्षा करते हुए बचे हुए कार्य को ससमय पूरा करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि मोरहाबादी मैदान में वेंडिंग ज़ोन भी बनाया जा रहा है, जहां वेंडर्स को नगर निगम द्वारा ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
अरुण कुमार सिंह ने कहा कि स्टेडियम में प्रवेश नि:शुल्क है उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी मैच देखने आएं और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाएं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, गृह, कला एवं आपदा प्रबंधन विभाग, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग, सचिव, भवन निर्माण विभाग, सचिव, पर्यटन, कला–संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, झारखण्ड, पुलिस महानिदेशक झारखण्ड, उपायुक्त, राँची, वरीय पुलिस अधीक्षक, राँची, नगर आयुक्त, राँची नगर निगम, राँची, निदेशक, खेलकूद एवं युवा कार्य निदेशालय, उप विकास आयुक्त, रांची, प्रबंधक निदेशक, झारक्राफ्ट, निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशालय, झारखण्ड, महासचिव, हॉकी इंडिया, संयुक्त निदेशक, हॉकी इंडिया, निदेशक, बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट, राँची, निदेशक, संस्कृति, सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, पुलिस अधीक्षक (यातायात) राँची एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
हेमन्त सरकार में खेल को मिल रही स्ट्रेंथ और स्पीड, खेल और खिलाड़ियों का सुनहरा कल सुनिश्चित कर रही सरकार
रांची: खनिजों से अधिक मूल्यवान खिलाड़ियों को मानने वाले विजनरी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयास से खेल और खिलाड़ियों का इस्तेकबाल उनका सुनहरा आज कर रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए कई प्रयास विगत साढ़े तीन वर्ष में हुए हैं, जिसका प्रतिफल है कि आज खेल के क्षेत्र से जुड़ा झारखण्ड का हर वर्ग अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
एशिया महाद्वीप में पहली बार महिला एशियन हॉकी चैंपियन ट्रॉफी की मेजबानी झारखण्ड में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में हो रहा है। इस चैंपियंस ट्रॉफी के लिए लगभग सभी टीम रांची पहुंच चुकी है। राज्य में आयोजित हो रहे महिला हॉकी एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी में एशिया की छह प्रमुख टीमें भाग ले रही हैं, जिसका आयोजन 27 अक्टूबर से 05 नवंबर तक रांची में होगा। इससे पूर्व सिमडेगा में नेशनल जूनियर हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जहां पूरे भारत से आये खिलाड़ियों ने भाग लिया था।
राज्य के हुनरमंद स्कूली बच्चों की प्रतिभा को तराशने के लिए स्कूल स्तर पर खेलों झारखण्ड का आयोजन किया गया। ज़मीनी स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए सरकार इसकी शुरुवात की, जिसके तहत राज्य के सभी स्कूलों के बच्चों ने भाग लेकर अपने हुनर को दिखाने का काम किया। वहीं दूसरी ओर सहाय स्कीम की शुरुवात की है, जिसका मक़सद खेल के माध्यम से नक्सल क्षेत्र में रह रहे युवाओं के बीच सकारात्मकता का संचार कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़े रखना का प्रयास किया गया। इस पहल के जरिए पहले वर्ष में कुल 75000 खिलाड़ियों ने भाग लेकर सरकार के प्रयास को सार्थक किया।
राज्य के खिलाड़ियों की शारीरिक दक्षता को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनको दी जाने वाली भोजन की राशि में दोगुना से अधिक वृद्धि की गई। पूर्व में प्रति खिलाड़ी 175 रुपए भोजन की राशि के तौर पर दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 350 रुपए तक कर दिया गया। साथ ही, खिलाड़ियों के बेहतर आवासन हेतु खेल केंद्रों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, ताकि खिलाड़ियों को रहने में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन में किसी तरह की बाधा न उत्पन्न हो। इसलिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को उच्च कोटि के खेल किट भी सरकार उपलब्ध करा रही है।
सम्मान राशि में हुई वृद्धि
मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही राष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय एवं ओलम्पिक खेलों में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले एवं प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त करनेवाले खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को दी जाने वाली सम्मान राशि में वृद्धि की गई। राज्य के होनहार खिलाड़ियों के लिए सरकार ने नकद पुरस्कार नियमावली में संशोधन किया है। पहले जहां एक खिलाड़ी को 7 हजार रूपए मिलते थे अब उस खिलाड़ी को 50 हजार रूपए देने का प्रावधान खेल नीति - 2022 के तहत किया गया। ओलंपिक में अगर खिलाड़ी स्वर्ण पदक जीतता है, तो पहले उन्हें 2 करोड़ रुपए देने का प्रावधान था, पर वर्तमान सरकार खेल नीति के तहत उसे बढ़ा कर 5 करोड रूपए कर दिया है। हाल ही में, मुख्यमंत्री द्वारा 19 खेलों के लिए 222 खिलाड़ियों एवं 52 प्रशिक्षकों के बीच करीब 05 करोड़ रुपए की सम्मान राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया गया।
झारखंड का गौरव बढ़ाने वाले पूर्व खिलाड़ियों के लिए भी वर्तमान सरकार संवेदनशील रही है मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूर्व खिलाड़ियों को 10 हजार रूपए प्रति माह बतौर पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त अगर किसी पेंशनभोगी पूर्व खिलाड़ी की मौत हो जाती है तो उनके परिजनों को 05 हजार रूपए देने का प्रावधान किया गया है।
देवघर स्थानीय विधायक रणधीर सिंह ने पालाजोरी में निकाला राम रथ
देवघर के पालाजोरी मेन बाजार में स्थानीय विधायक रणधीर सिंह ने राम रथ निकाला. राम के रूप में स्थानीय विधायक रणधीर सिंह स्वयं थे. विधायक के दो सहयोगी प्रबल समर्थक लक्ष्मण व हनुमान की भूमिका में थे. अपने विधानसभा क्षेत्र के पालोजोरी प्रखंड में पहली बार रामरथ निकाला गया.
Oct 27 2023, 15:03