विधिक सेवा समिति की और से PLV कार्तिक गोप ने कुकड़ू प्रखण्ड़ में चलाया विधिक जागरूकता अभियान


सरायकेला : नालसा एवं झालसा तथा ड़ालसा तथा SDLSCअनुमण्डीय विधिक सेवा समिति की और से PLV कार्तिक गोप ने कुकड़ू प्रखण्ड़ अन्तर्गत ग्राम बाकार कुड़ी उपर टोला गाँव मे महिलाओं के साथ मे हो रहे बलात्कार से संबंधित अभियान लगातार 100 दिन तक अभियान चलाया जायेगा.

एवं महिलाओं का अधिकार से संबंधित अनाथ बच्चों का पालन पोषण योजना बंदियों के अधिकार तथा मानव तस्करी बाल विवाह घरेलू हिंसा टाफिक से संबंधित नियम सरकार द्वारा चलाया जा रहा योजना के बारे मे ग्रामीणओं को जानकारी दिया गया साथ ग्रामीणों को कहा कि किसी भी समस्या होने पर PLV कार्तिक गोप से ईस नम्बर 9955802247 में संपर्क करने को कहाँ गया .

उपस्थित ग्रामीणआदि काभी संख्या में उपस्थित थे.

बुंडु: आज महा सप्तमी के अवसर पर बुंडू में नव पत्रिका प्रवेश के साथ पूजा पंडालों में दुर्गोत्सव की धूम शुरू


बुंडू: आज महा सप्तमी के अवसर पर बुंडू में नव पत्रिका प्रवेश पूजा के साथ ही पूजा पंडालों में दुर्गोत्सव धूम शुरू हो गई। 

शहर में जहां एक से बढ़कर एक भव्य पूजा पंडाल बनाए गए हैं, वहीं कई पूजा आयोजन ऐसे भी हैं जो परंपरागत ढंग से दुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं। 

माता के भक्तगण सुबह से ही माता के भक्तिमय रंगों में उत्साहित नजर आ रहे हैं। 

बुंडू के पुजारी अनुभवी पंडित ने बताया कि हमलोग नदी तालाब जाकर नवपत्रिका को लेकर आते हैं वहां पर महास्नान कराया जाता है महास्नान के बाद नवपत्रिका का महास्नान कराकर भक्तिभाव से लाया जाता है और नवपत्रिका की स्थापना की जाती है। इस तरह माता का प्रवेश कराया जाता है फिर विधि विधान के साथ पूजा आरंभ की जाती है। महासप्तमी की पूजा के साथ पुष्पांजलि की जाती है उसके बाद महाआरती आरंभ किया जाता है। सभी पूजा के लिए पंडालों की ओर रुख करते हैं और पुष्पांजलि का कार्यक्रम चलता रहता है। 

शहर में चारों तरफ आकर्षक पूजा पंडालों को रौनक देखते ही बनती है। रंग बिरंगे फूल पत्तियों और प्राकृतिक जीव जन्तुओं की आकृति में सजे आकर्षक विद्युत साज सज्जा दुर्गा पूजा में चार चांद लगा दिए हैं।

 सुबह से ही बड़े छोटे, युवा महिला पुरुष सभी नए वस्त्र परिधान में माता के भक्तिमय गीतों का आनंद ले रहे हैं।

सरायकेला : यहां हो रहे दो मंदिरों में दुर्गापूजा के सप्तमी तिथि पर मां कालरात्रि का कलश यात्रा निकला


सरायकेला : जिला के चांडिल अनुमंडल स्थित यहां दो मंदिरों में हो रहे पूजा के दौरान स्पतमी तिथि को पुजारियों द्वारा मां कालरात्री की भव्य कलश यात्रा वामनी नदी से सार्वजनिक मंदिर चांडिल और कदमडीह सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमिटी चांडिल से आज सुबह कड़ी सुरक्षा की बीच कलश यात्रा निकाला गया।

यह कलश यात्रा गाजा बाजा के साथ श्रद्धालू भक्तों एवं मंदिर के पुजारी के साथ निकला गया।इस कलश यात्रा में सैकड़ो श्रद्धालु और भक्त मंडली उपस्थि रहे।

नवरात्र के सातवें दिन शत्रुओं का नाश करती हैं मां कालरात्रि

चांडिल सार्वजनिक मंदिर के पुजारी जयदेव वनर्जी ने बताया कि महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए। इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं। मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। 

जीवन की हर समस्या को पल भर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती हैं ।

 पश्चिमसप्तम कालरात्रि यानि नागदौन - 

यह नागदौन औषधि के रूप में जानी जाती है। सभी प्रकार के रोगों की नाशक सर्वत्र विजय दिलाने वाली मन एवं मस्तिष्क के समस्त विकारों को दूर करने वाली औषधि है।

सरायकेला : दलमा जंगल की तराई में बसे चालियामा में डीआइजी अजय लिंडा ने फीता काट कर किया दुर्गा पूजा पंडाल का उदघाटन।

सरायकेला : कोल्हान के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत चालियामा गांव में श्री श्री सार्वजनीन दुर्गा पूजा समिति जाडूखल द्वारा आयोजित भव्य दुर्गा पूजा पंडाल का मुख्य अतिथि कोल्हान के डीआइजी अजय लिंडा, अति विशिष्ट अतिथि सरायकेला खरसावां के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला व विशिष्ठ अतिथि पुलिस अधीक्षक डॉ0 विमल कुमार ने फीता काट कर उदघाटन किया। । 

इस अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कोल्हान के डीआइजी अजय लिंडा ने कहा कि मैं दलमा अंचल के में विषय में अखबार में पढ़ा करते थे। आज इस क्षेत्र पहुंचकर बहुत खुशी हुई इस क्षेत्र के निवासी काफी शांति व अमन चैन प्रिय है। उन्होंने कहा कि दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति के सदस्यों व ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर इस क्षेत्र को माओवादियों से मुक्त कर इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने में अहम योगदान दिया। 

इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए पुलिस हमेशा सहयोग करेगी। माता दुर्गा से प्रार्थना है कि आप सभी बहुत खुशी के साथ त्यौहार मनाएं। हम सभी जानते हैं कि बुराई में अच्छाई की जीत है, आज हम लोग यह भी शपथ लें कि इस क्षेत्र में कभी माओवादियों को घुसने नहीं देगें। इस अवसर पर अति विशिष्ट अतिथि उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में कहा कि इस क्षेत्र के लोगों से पूर्ण आशा है कि शांति स्थापित करने में सहयोग करेंगे। इसके पूर्व अतिथियों का गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया गया। दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ज्वलन मार्डी ने डीआईजी को मां दुर्गा का प्रतीक चिन्ह, सचिव रामकृष्ण महतो ने उपायुक्त को एवं स्वपन दास ने पुलिस अधीक्षक को माता का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर पुजा समिति के अध्यक्ष राधा गोविंद सिंह, सचिव पूर्व मुखिया हरिपद सिंह, कोषाध्यक्ष तारापद रजक, मुखिया मंगली सिंह, पंसस अरुण चंद्र गोराई, पूर्व जिप उपाध्यक्ष अशोक कुमार साव, विपुल सिंह, बुलेट नाग, पद्मालोचन सिंह, जिप सदस्य अनिता पारित, पद्मालोचन सिंह, हीरालाल मल्लिक, शरत सिंह, जगदीश सिंह, श्यामपद सिंह, युधिष्ठिर सिंह, सुभाष मंडल आदि उपस्थित थे।

सरायकेला :1873 से चांडिल बाज़ार में शुरू हुए मां दुर्गा पूजा का डाकमुकूट प्रतिमा एक ही परिवार के द्वारा बनाया जाता है


आज भी उसी परिवार के सूत्रधार द्वारा 150 बर्षों से डाकमुकुट प्रतिमा का किया जाता है निर्माण  

सरायकेला : ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चांडिल में एक मात्र सार्वजनिक दुर्गा पूजा का आयोजन सन 1873 से हो रहा है।

 चांडिल बाजार में आयोजित यह पूजा उस समय मूर्तिकार सूत्रधार परिवार द्वारा इस पूजा का मूर्ति बनाया, पश्चिम बंगाल बाघमुंडी थाना क्षेत्र के निवासी यह प्रसिद्ध सूत्रधार परिवार के चंडी दा के पूर्वज स्व.सिदाम दत्त द्वारा प्रथम बार मां दुर्गा का डाकमुकुट प्रतिमा मूर्ति बनाया था। 

आज उसी के वंशज द्वारा चांडिल बाजार में डाकमुकुट मूर्ति बनाया जाता है । ब्रिटिश कार्यकाल से मां दुर्गा का पूजा अर्चना चांडिल के सार्वजनिक द्वारा किया जाता रहा है । उस समय कर्णकुठीर में मां दुर्गा का पूजा अर्चना होता था । आज के दौर में मां का मंदिर उड़ीसा राज्य के मंदिर तर्ज के बनाया गया । जो अलग ही पहचान बना है।इस मंदिर में एक ही परिवार के सूत्रधार कार्य करते आए,और एक ही परिवार के पंडित द्वारा मां का पूजा अर्चना करते देखा गया है। जो मां के असीम कृपा  से सम्भव हो पाया है। 

डॉ शिशिर कुमार बनर्जी ने कहा कि यह मंदिर का संस्थापक। स्व० कार्तिक चंद्र डां, स्व० प्रतम राय, स्व० युगल प्रसाद दारिपा , स्व० योग्गेश्वर मंडल हैं जिनके द्वारा दुर्गा पूजा का आयोजन 1873 में शुरू किया गया था ।

उस दौरान अंग्रेज का हुकूमत था, और जमींदारी पूजा अर्चना होता था । चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के भालुककोचा गांव में स्व० सरदीप आदित्य सिंहदेव जमींदार द्वारा प्राचीन काल के समय से मां दुर्गा का पूजा अर्चना एंब मां दुर्गा की प्रतिमा डाकमुकुट से बनाया जाता था। उस समय से चढ़दा के सूत्रधार द्वारा मूर्ति बनाया जाता है। आज भी उसी वशंज के सूत्रधार कार्य करते हैं ।इस मंदिर का मानता है जो भी श्रद्धालू श्रद्धा पूर्वक मां से मन्नत मांगते हैं उस का कार्य पूरा होता है और बकरा,का भी बली चढ़ाते है।

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में करीब 200 जगह पर मां दुर्गा पूजा पंडाल और मंदिर है

सरायकेला :विधायक व महंत ने फीता काटकर किया कदमडीह दुर्गापूजा पंडाल का उद्घाटन।


सरायकेला : श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमिटी कदमडीह चांडिल द्वारा आयोजित दुर्गापूजा पंडाल का उद्घाटन महाषष्टी के पावन अवसर पर मुख्य अथिति ईचागढ़ विधायक सविता महतो व चांडिल पारडीह के कालीमंदिर जूना अखाड़ा के उपाध्यक्ष महंत विद्यानंद सरस्वती ने संयुक्त रूप से फीता काटकर पंडाल का उद्घाटन किया। 

इस दौरान कमिटी द्वारा सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर और चुनरी उड़ा कर सम्मानित किया। इस दौरन विधायक ने ईचागढ एवं प्रदेशवासियों के लिए माता रानी से सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करने का प्राथना किया। 

इस अवसर पर पूर्व जिला परिषद सदस्य ओम प्रकाश लायेक, प्रखंड विकास पदाधिकारी तालेश्वर रविदास, समाजसेवी राकेश वर्मा, झामुमो केंद्रीय सदस्य पप्पू वर्मा, काबलु महतो, सपन कुमार गुप्ता, संजय चौधरी, स्नेहा महतो, शिल्पी महतो, चंदन वर्मा, राजू दत्ता आदि कमेटी के सभी सदस्य उपस्थित थे।

सरायकेला :विधायक व महंत ने फीता काटकर किया कदमडीह दुर्गापूजा पंडाल का उद्घाटन।

सरायकेला : श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमिटी कदमडीह चांडिल द्वारा आयोजित दुर्गापूजा पंडाल का उद्घाटन महाषष्टी के पावन अवसर पर मुख्य अथिति ईचागढ़ विधायक सविता महतो व चांडिल पारडीह के कालीमंदिर जूना अखाड़ा के उपाध्यक्ष महंत विद्यानंद सरस्वती ने संयुक्त रूप से फीता काटकर पंडाल का उद्घाटन किया। 

इस दौरान कमिटी द्वारा सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर और चुनरी उड़ा कर सम्मानित किया। इस दौरन विधायक ने ईचागढ एवं प्रदेशवासियों के लिए माता रानी से सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करने का प्राथना किया। 

इस अवसर पर पूर्व जिला परिषद सदस्य ओम प्रकाश लायेक, प्रखंड विकास पदाधिकारी तालेश्वर रविदास, समाजसेवी राकेश वर्मा, झामुमो केंद्रीय सदस्य पप्पू वर्मा, काबलु महतो, सपन कुमार गुप्ता, संजय चौधरी, स्नेहा महतो, शिल्पी महतो, चंदन वर्मा, राजू दत्ता आदि कमेटी के सभी सदस्य उपस्थित थे।

सरायकेला : जिले की पांच बीएलओ ने बढ़ाया जिले का मान राज्य निर्वाचन आयुक्त ने किया सम्मानित

सराईकेला: निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए दायित्वों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करने और सभी मानदंडों पर खरा उतरने वाली सरायकेला- खरसावां जिले की 5 बीएलओ को राज्य निर्वाचन आयुक्त के रवि कुमार ने शुक्रवार को सम्मानित किया.

 इस दौरान पांचो बीएलओ को प्रशस्ति पत्र एवं नगद इनाम देकर उनकी हौसला अफजाई की गई. राज्य निर्वाचन आयुक्त के रवि कुमार ने बताया कि जिले की पांचो बीएलओ ने राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन किया है. उनके इस कर्तव्य का सभी बीएलओ को अनुसरण करना चाहिए.  

वहीं उपयुक्त रविशंकर शुक्ला ने इसे एक गौरवशाली क्षण बताया और कहा कि पांचो बीएलओ ने भारत निर्वाचन आयोग के सभी मानदंडों को पूरा करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है जो अपने आप में मिसाल है. अन्य बीएलओ को उनसे सबक लेते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए. वही राज्य निर्वाचन आयुक्त के हाथों सम्मान पाकर सभी बीएलओ खुश नजर आयी.

सरायकेला : दुर्गा पूजा को लेकर सरायकेला- खरसावां पुलिस एवं प्रशासन की संयुक्त बैठक


सरायकेला : दुर्गा पूजा को लेकर सरायकेला- खरसावां पुलिस एवं प्रशासन की संयुक्त बैठक शुक्रवार को आदित्यपुर स्थित ऑटो क्लस्टर सभागार में संपन्न हुई. जिसमें तमाम पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद रहे बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने की. 

समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त एवं एसपी ने सभी स्तर के सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया एवं पूजा के दौरान पूरी मुश्तैदी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने को लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों को निर्देश दिया. उपयुक्त रविशंकर शुक्ला ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान श्रद्धालुओं एवं सैलानियों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो इसको लेकर दंडाधिकारियों एवं मजिस्ट्रेट को विशेष निर्देश दिए गए हैं. 

वही एसपी डॉक्टर विमल कुमार ने विधि व्यवस्था को लेकर पूजा ड्यूटी में तैनात सभी पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा है कि श्रद्धालुओं एवं सैलानियों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो इसका विशेष ध्यान रखें. आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने खासकर महिलाओं से छिनतई को लेकर विशेष कार्य योजना के तहत काम करने के निर्देश देने की बात उन्होंने कही है. बता दे कि आज शारदीय नवरात्र का छठा दिन है.

 आज से ही सभी पूजा पंडालों के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. आदित्यपुर एवं गम्हरिया में दुर्गा पूजा को लेकर श्रद्धालुओं का ज्यादा आवक होता है. ऐसे में जिला प्रशासन पिछले डेढ़ महीने से लगातार बैठक आयोजित कर एक्शन प्लान बनाने में जुटी हुई थी. शुक्रवार को संपन्न हुई बैठक के बाद सभी अपने ड्यूटी पर तैनात हो जाएंगे. शुक्रवार की बैठक अंतिम बैठक मानी जा रही है।

सरायकेला :1873 से चांडिल बाज़ार में शुरू हुए मां दुर्गा पूजा का डाकमुकूट प्रतिमा एक ही परिवार के द्वारा बनाया जाता है,

आज भी उसी परिवार के सूत्रधार द्वारा 150 बर्षों से डाकमुकुट प्रतिमा का किया जाता है निर्माण 

सरायकेला : ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चांडिल में एक मात्र सार्वजनिक दुर्गा पूजा का आयोजन सन 1873 से हो रहा है।

 चांडिल बाजार में आयोजित यह पूजा उस समय मूर्तिकार सूत्रधार परिवार द्वारा इस पूजा का मूर्ति बनाया, पश्चिम बंगाल बाघमुंडी थाना क्षेत्र के निवासी यह प्रसिद्ध सूत्रधार परिवार के चंडी दा के पूर्वज स्व.सिदाम दत्त द्वारा प्रथम बार मां दुर्गा का डाकमुकुट प्रतिमा मूर्ति बनाया था। 

आज उसी के वंशज द्वारा चांडिल बाजार में डाकमुकुट मूर्ति बनाया जाता है । ब्रिटिश कार्यकाल से मां दुर्गा का पूजा अर्चना चांडिल के सार्वजनिक द्वारा किया जाता रहा है । उस समय कर्णकुठीर में मां दुर्गा का पूजा अर्चना होता था । आज के दौर में मां का मंदिर उड़ीसा राज्य के मंदिर तर्ज के बनाया गया । जो अलग ही पहचान बना है।इस मंदिर में एक ही परिवार के सूत्रधार कार्य करते आए,और एक ही परिवार के पंडित द्वारा मां का पूजा अर्चना करते देखा गया है। जो मां के असीम कृपा  से सम्भव हो पाया है। 

डॉ शिशिर कुमार बनर्जी ने कहा कि यह मंदिर का संस्थापक। स्व० कार्तिक चंद्र डां, स्व० प्रतम राय, स्व० युगल प्रसाद दारिपा , स्व० योग्गेश्वर मंडल हैं जिनके द्वारा दुर्गा पूजा का आयोजन 1873 में शुरू किया गया था ।

उस दौरान अंग्रेज का हुकूमत था, और जमींदारी पूजा अर्चना होता था । चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के भालुककोचा गांव में स्व० सरदीप आदित्य सिंहदेव जमींदार द्वारा प्राचीन काल के समय से मां दुर्गा का पूजा अर्चना एंब मां दुर्गा की प्रतिमा डाकमुकुट से बनाया जाता था। उस समय से चढ़दा के सूत्रधार द्वारा मूर्ति बनाया जाता है। आज भी उसी वशंज के सूत्रधार कार्य करते हैं ।इस मंदिर का मानता है जो भी श्रद्धालू श्रद्धा पूर्वक मां से मन्नत मांगते हैं उस का कार्य पूरा होता है और बकरा,का भी बली चढ़ाते है।

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में करीब 200 जगह पर मां दुर्गा पूजा पंडाल और मंदिर है