अभिशाप बना झारखंड में डायन कुप्रथा, पद्मश्री छुटनी महतो के गृह जिले में डायन के नाम पर भाई ने ली भाई की जान
आखिर कब थमेगा 21 वीं सदी के झारखंड में डायन के नाम पर हिंसा !
सरायकेला :- कोल्हान में 21वीं सदी के झारखंड में आज भी डायन कुप्रथा का बोलबाला है। जिस छुटनी महतो को डायन कुप्रथा से लड़ने के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया, उसी छुटनी महतो के गृह जिला सरायकेला में बीती रात डायन के संदेह में एक भाई ने भाई की जान ले ली। जो कहीं न कहीं शासन- प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
डायन कुप्रथा के उन्मूलन को लेकर चलाए जा रहे अभियान पर भी सवाल उठ रहे हैं। सवाल तब और गहरा जाता है जब छुटनी जैसी ब्रांड एंबेसडर के रहते उसी के जिले में डायन के नाम पर हत्या हो।
मामला सरायकेला थाना क्षेत्र के हड़ुआ गांव की है। जहां एक भाई ने लकड़ी के कुन्दे से अपने बड़े भाई की हत्या कर डाली। हालांकि हत्यारे भाई ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
मृतक की पहचान 70 वर्षीय साधु पूर्ति के रूप में हुई है। हत्यारे भाई का नाम विशु पूर्ति उर्फ पहलवान बताया जा रहा है। मृतक की बेटी के अनुसार उसका चाचा उसकी मां को डायन कहता था। इसको लेकर कई बार घर में विवाद हो चुका था।
बीती रात भी उसके चाचा उसकी मां को डायन बताकर मारने आया था। बीच बचाव करने गए उसके पिता के सर पर लकड़ी के कुन्दे से हमला कर दिया जिसमे वे बुरी तरह से घायल हो गए और मौके पर ही दम तोड़ दिया।
इधर गांव के मुखिया ने बताया कि दोनों भाइयों के बीच संपत्ति विवाद थी। मगर जब यहां पहुंचा तो मामला डायन प्रताड़ना का निकला। इधर घटना के बाद गांव में सनसनी फैल गई है।
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी अर्जुन उरांव दल बल के साथ हड़ुआ गांव पहुंचे और मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गए हैं।
आपको बता दें कि डायन कुप्रथा के उन्मूलन और डायनों के नाम पर प्रताड़ित महिलाओं के हितों की रक्षा करने को लेकर साल 2021 का पद्मश्री सम्मान सरायकेला के छुटनी महतो को मिला था। अपने आप में यह गौरव की बात है। हैरानी तब होती है जब छुटनी महतो के जिले से डायन प्रताड़ना और हत्या जैसे मामले सामने आते हैं। इतना ही नहीं स्थानीय पुलिस- प्रशासन भी ऐसे मामलों में संवेदनशीलता नहीं दिखाती है और पीड़ित के शिकायतों पर गंभीरता नहीं दिखाती है।
पद्मश्री छुटनी महतो लगातार जागरूकता कार्यक्रमों में हिस्सा लेती है। मगर प्रशासन उन्हें तरजीह नहीं देती यदा- कदा ही किसी कार्यक्रमों में उन्हें बुलावा भेजकर खानापूर्ति कर लेती है।
Oct 17 2023, 12:48