अफगानिस्तान में भूकंप से अब तक 4000 लोगों की मौत, लगभग 2000 घर जमींदोज, राहत बचाव कार्य जारी, जानिए, अब तक का पूरा अपडेट


पश्चिमी अफगानिस्तान में शनिवार (7 अक्टूबर) को आए हालिया भूकंप के विनाशकारी परिणाम हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं और व्यापक विनाश हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, इन भूकंपों के परिणामस्वरूप 4,000 से अधिक लोग या तो मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं। अफगानिस्तान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ANDMA) ने बताया कि 6.2 तीव्रता के दो शक्तिशाली भूकंपों से लगभग 2,000 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।

ANDMA के प्रवक्ता मुल्ला सैक ने काबुल में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान ये गंभीर आंकड़े बताए। उन्होंने कहा है कि, "अब तक, हमें हताहतों के संबंध में जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं, दुर्भाग्य से 4,000 से अधिक लोग हैं। हमारे आंकड़ों के अनुसार, लगभग 20 गांवों में, लगभग 1,980 से 2,000 घर पूरी तरह से ढह गए हैं।' ये भूकंप हेरात प्रांत और आस-पास के इलाकों में शनिवार दोपहर को आए, शुरुआती झटके स्थानीय समयानुसार 11:10 बजे के आसपास आए। इस विनाशकारी स्थिति के जवाब में, बड़े पैमाने पर राहत प्रयास शुरू किए गए हैं, जिसमें विभिन्न संस्थानों की 35 टीमों में 1,000 से अधिक बचावकर्मी प्रभावित क्षेत्रों में अथक प्रयास कर रहे हैं। अफगानिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री मोहम्मद हसन अखुंद ने सोमवार को हेरात प्रांत में प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के लिए अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व किया।

सहायता की तत्काल आवश्यकता को समझते हुए, चीन आगे आया है। रविवार को, चीन ने आपातकालीन मानवीय सहायता के रूप में अफगान रेड क्रिसेंट को 200,000 डॉलर नकद की पेशकश करके मदद का हाथ बढ़ाया। इस योगदान का उद्देश्य प्रभावित क्षेत्रों में वर्तमान में चल रहे महत्वपूर्ण बचाव और आपदा राहत प्रयासों में सहायता करना है। पश्चिमी अफगानिस्तान में भूकंप ने निस्संदेह महत्वपूर्ण पीड़ा और विनाश का कारण बना है, जिससे प्रभावित समुदायों पर तत्काल और दीर्घकालिक प्रभावों को कम करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों संस्थाओं से एक समन्वित और त्वरित प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।

क्या तेलंगाना में सीएम केसीआर इस बार हैट्रिक लगाकर बनाएंगे रिकॉर्ड या लगने वाला है जोर का झटका?

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तेलंगाना विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। 30 नवंबर को तेलंगाना में वोटिंग होगी।तेलंगाना में चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सवाल उठने लगा है कि क्या मुख्यमंत्री कल्वाकुन्तला चन्द्रशेखर राव (केसीआर) हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर राज्य की एक बार फिर बागड़ोर संभालेंगे या फिर राज्य में किसी नए पार्टी की सरकार बनेगी। अगर केसीआर तेलंगाना की सत्ता पर वापसी करते हैं तो वह इतिहास रच देंगे। क्योंकि, दक्षिण भारत के किसी भी मुख्यमंत्री ने कभी जीत की हैट्रिक नहीं लगाई है।

सोमवार को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद पहला सर्वे आया है। ये सर्वे किया है, C-वोटर ने। सर्वे में बताया गया है कि क्या केसीआर एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे।सर्वे में ये भी बताया गया है कि क्या कांग्रेस राज्य में धमाके दार एंट्री करेगी। सर्वे में ये भी बताया गया है कि क्या भाजपा तेलंगाना में पीएम मोदी की अगुवाई में कोई कमाल दिखा पाएगी।C-वोटर के सर्वे के मुताबिक, राज्य में कांग्रेस पार्टी को जोरदार बढ़त मिलती दिख रही है। सर्वे के मुताबिक, 119 विधानसभा सीटों वाले तेलंगाना में 48 से 60 सीटें मिलती दिख रही है। पिछली बार कांग्रेस का प्रदर्शन राज्य में बेहद साधारण रहा था और पार्टी के 19 प्रत्याशियों को जीत मिली थी।सर्वे में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को लेकर बताया गया है कि पार्टी को जोरदार झटका लगने वाला है। पिछली बार के चुनाव में 88 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीआरएस इस बार 43 से 55 सीटों पर सिमट सकती है। अगर सर्वे के मुताबिक, नतीजे आते हैं तो फिर ये केसीआर के लिए झटके जैसा होगा।

बता दें कि आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना बनने के बाद यह तीसरा चुनाव हो रहा है। इसलिए हर चौक-चौराहे पर यही चर्चा है कि जीत कौन रहा है? क्या बीआरएस पहले से कमजोर हुई है या कांग्रेस ने खुद को मजबूत किया है.....या फिर बीजेपी बाजी पलटने को तैयार हो चुकी है?जहां तक कांग्रेस की उम्मीदों की बात है तो फिलहाल ऐसा नहीं लग रहा है कि वह जादुई आंकड़े के आसपास भी खड़ी होने की स्थिति में है। विश्लेषकों का मानना है कि केसीआर की जादुई छवि के आगे कांग्रेस का रास्ता बहुत ही कठिन है। कांग्रेस की सत्ता की उम्मीद सिर्फ उसकी चुनावी गारंटियों के भरोसे पर टिकी हुई है। उसकी तुलना में के चंद्रशेखर राव का विश्वास कहीं ज्यादा मजबूत नजर आ रहा है।एक्सपर्ट्स के मुताबिक बीआरएस को लीड दिख रही है।

दरअसल लगभग सभी उम्मीदवारों की घोषणा करके और समय से पहले प्रचार अभियान शुरू करके और विभिन्न वर्गों के लिए घोषणाओं की एक श्रृंखला के साथ, बीआरएस ने अपने दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों -कांग्रेस और बीजेपी को फिलहाल तो पछाड़ दिया है।अब देखना ये होगा की इसका फायदा आगे भी मिलता है या नहीं?

वहीं, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि राज्य के गठन के बाद से पार्टी सत्ता में है, इसलिए सत्ता विरोधी लहर चल रही है। केसीआर ने तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई का नेतृत्व किया और लक्ष्य हासिल भी किया।साल 2014 और 2018 के चुनावों में तेलंगाना की लहर हावी रही। क्योंकि, टीआरएस ने पहले चुनाव में तेलंगाना के पुनर्निर्माण के नाम पर जनादेश मांगा और साल 2018 में राज्य को बंगारू या स्वर्ण तेलंगाना में बदलने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए एक नया जनादेश मांगा था।लेकिन अब जब, तेलंगाना लहर भी धीमी पड़ गई है, ऐसे में उनके सामने बड़ी चुनौती होगी।

हालांकि, केसीआर को भरोसा है कि बीआरएस 119 सदस्यीय विधानसभा में 100 से अधिक सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखेगी। बीआरएस ने 2014 के चुनाव में 63 सीटें हासिल की थीं और साल 2018 के चुनाव में 88 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के एक दर्जन सहित कई विधायकों के दलबदल के साथ, बीआरएस ने अपनी सीटों की संख्या 100 से अधिक कर ली थी।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों पर FIR, इजराइल पर हमला करने वाले फिलिस्तीनियों के पक्ष में निकाली थी रैली !

इजराइल-हमास संघर्ष के दौरान फिलिस्तीन के प्रति समर्थन व्यक्त करने वाले एक विरोध मार्च के सिलसिले में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के चार छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त, मामले में कई अज्ञात व्यक्तियों को भी नामित किया गया है। मार्च का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें AMU के छात्रों को इजराइल पर हमला करने वाले फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दर्शाते हुए और अल्लाहु अकबर के नारे लगाते हुए सुना गया था। FIR में चारों छात्रों की पहचान खालिद, कामरान, नावेद चौधरी और आतिफ के रूप में की गई है।

FIR में बताया गया है कि मार्च बिना पूर्व अनुमति के आयोजित किया गया था। अलीगढ़ के पुलिस अधीक्षक (सिटी) मृगांक पाठक ने कहा कि उन्हें AMU परिसर में बिना आवश्यक अनुमति के विरोध प्रदर्शन होने की जानकारी मिली है। FIR में आरोपों में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 155ए, 188 और 505 शामिल हैं, जो विभिन्न समुदायों के बीच नफरत और कलह को भड़काने से संबंधित हैं। AMU प्रशासन ने छात्रों और मार्च के आयोजन में शामिल लोगों दोनों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का इरादा जताया है।

इज़राइल-हमास संघर्ष में इज़राइल पर हमास आतंकवादी समूह द्वारा एक आश्चर्यजनक हमला देखा गया है, जिसमें इज़राइली शहरों में अभूतपूर्व घुसपैठ और नागरिक जीवन की हानि से जुड़ी दुखद घटनाएं शामिल हैं। सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले कई वीडियो इन घटनाओं को दर्शाते हैं, जिसमें हमास आतंकवादियों द्वारा उनके घरों के भीतर व्यक्तियों को निशाना बनाना भी शामिल है। हमास ने कई महिलाओं के साथ भी बर्बर कृत्य किए हैं, उन्हें नग्न घुमाया है, उनके मृत शरीरों पर थूका है। ऐसे में AMU के छात्रों का समर्थन, उन आतंकी कृत्यों का समर्थन भी माना जा रहा है। बता दें कि, भारत पर सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली पार्टी कांग्रेस ने भी फिलिस्तीन का समर्थन किया है। हमास ने विदेशी नागरिकों सहित कई लोगों को भी बंधक बना लिया है। जवाब में, इज़राइल ने 'ऑपरेशन आयरन स्वोर्ड्स' शुरू किया है। चल रहे संघर्ष के परिणामस्वरूप जीवन की महत्वपूर्ण क्षति हुई है, इज़राइल और फिलिस्तीन दोनों पक्षों में 1,100 से अधिक लोग हताहत हुए हैं।

इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष, एक दीर्घकालिक और स्थायी मुद्दा, हाल ही में बढ़ गया है, संभावित रूप से एक लंबा संघर्ष बन गया है। इतिहास और क्षेत्रीय विवादों में निहित, यह अक्सर ईरान और अमेरिका के बीच छद्म युद्ध के रूप में कार्य करता है। शांति के प्रयासों के बावजूद, अनसुलझे मुद्दे बने हुए हैं, जिससे बार-बार युद्ध हो रहे हैं, जिसमें हमास और इज़राइल से जुड़ा मौजूदा संकट भी शामिल है।

'फिलिस्तीन में मुसलमान, इसलिए हम उसके साथ, उखाड़ लो..', उत्तरप्रदेश के सपा नेता यासर शाह के यहां पढ़िए बिगड़े बोल


इजरायल और आतंकी संगठन हमास में जारी जंग के बीच अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता यासर शाह का विवादित बयान सामने आया है। सपा नेता ने फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए विवादित बयान दिया है। यासर शाह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए दावा किया है कि, ''पिछले 10 साल में 350,000 लोग मारे हैं इज़राइल ने जिसमें 35,000 बच्चे थे। इसके बाद भी भक्त अगर फ़िलिस्तीन के ख़िलाफ़ सिर्फ़ इसलिए खड़े हैं क्यों की वहाँ मुसलमान हैं। तो हम भी फ़िलिस्तीन के साथ सिर्फ़ इसलिए खड़े हैं क्योंकि वहाँ मुसलमान हैं। उखाड़ लो।''

माना जा रहा है कि, सपा नेता के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में बवाल मच सकता है, क्योंकि भारत सरकार ने इजराइल पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और यहूदी देश के प्रति अपना समर्थन जताया है। वहीं, इजराइल ने भी भारत के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि, भारत का आतंकवाद से लड़ने का पुराना इतिहास रहा है, भारत आतंकवाद को अच्छी तरह समझता है और हम उसके समर्थन के लिए धन्यवाद् देते हैं। इजरायल में आतंकी संगठन हमास के हमले के बाद कई मुस्लिम देशों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी हैं।

सऊदी अरब ने दोनों पक्षों से आग्रह करते हुए कहा है कि वे इस मामले में संयम बरते। सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि हम इजराइल को लगातार कब्जे, फिलिस्तीनियों के उनके 'वैध' अधिकारों से वंचित करने को देखते हुए हालिया स्थिति को लेकर चेतावनी देते रहे हैं। वहीं जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने इजरायल पर हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की है और हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना भी प्रकट की है।उधर, इजरायल और हमास लड़ाकों के बीच जारी युद्ध और भीषण हो चला है। इजरायल पर हमास लड़ाकों की तरफ से हुए हमले में अब तक 700 से अधिक इजराइल के लोग मारे गए हैं और घायलों की संख्या 1590 है। वहीं इजरायल की ओर से हुई जवाबी कार्रवाई में हमास के कब्जे वाले गाजा पट्टी इलाके में 232 लोगों की जान गई है और 1790 लोग जख्मी हैं।

बता दें कि, वहां हमास के आतंकी महिलाओं को नग्न घुमा रहे हैं, उनके मृत शरीरों पर थूक रहे हैं, लेकिन भारत में सपा नेता, AIMIM द्वारा खुलेआम फिलिस्तीनियों का समर्थन किया जा रहा है, कांग्रेस ने तो अपनी वर्किंग कमिटी की बैठक में फिलीस्तीन के समर्थन में प्रस्ताव भी पारित कर दिया है, उस प्रस्ताव में कांग्रेस ने कहीं भी इजराइल पर हुए आतंकी हमले का जिक्र तक नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि, भारत में जिस तरह आतंकी 'फ्री कश्मीर' का नारा लगाते हैं और घाटी में बेकसूर लोगों का खून बहाते हैं, वैसे ही हमास के आतंकी फ्री फिलिस्तीन का नारा लगाते हुए इजराइली नागरिकों पर हमला करते हैं और फिर जब इजराइल जवाबी कार्रवाई करता है, तो यही आतंकी महिलाओं और बच्चों को आगे करके विक्टिम कार्ड खेलते हैं। मौजूदा मामले में भी पहले हमास के आतंकियों ने इजराइल पर 5000 रॉकेट दागे थे, जिसमे कई लोग मारे गए और घायल भी हुए। अब इजराइल आतंकियों पर पलटवार कर रहा है, तो कांग्रेस फिलिस्तीन के समर्थन में उतर आई है, जबकि भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली समेत 84 देशों ने आतंकी हमले की निंदा करते हुए इजराइल का समर्थन किया है।

ऐसे में ये सवाल पुरजोर तरीके से उठ रहा है कि, क्या वोट बैंक के लिए कांग्रेस देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर रही है ? क्योंकि, जो इजराइल में हो रहा है, वो भारत में भी हो सकता है और कई बार पहले हो भी चुका है। 1990 का कश्मीरी हिन्दू नरसंहार कौन भूल सकता है, तो क्या उन आतंकियों पर प्रहार नहीं होना चाहिए ?

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव, आयोग के निर्देश पर लागू हुई आचार संहिता, यहां जानिए, नामांकन से लेकर हर जरुरी सवाल के जवाब


मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए दिनांक का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिनांकों का ऐलान किया है। आयोग की ओर से चुनाव को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। पूरे मध्य प्रदेश में 5 करोड़ 61 लाख 36, 239 वोटर हैं। वोट ईवीएम से डाले जाएंगे। इसके साथ ही संवेदनशीलों स्थानों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी। मध्यप्रदेश में विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को समाप्त हो रहा है। राज्य में कुल 230 विधानसभा की सीटें हैं।

चुनाव आयोग ने कहा कि एक चरण में चुनाव होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि मध्यप्रदेश में 148 सामान्य, 35 एससी और 47 सीटें एसटी के लिए हैं। इसके साथ ही राज्य में 5.6 करोड़ मतदाता हैं। वहीं, मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय के सहरिया, बैगा जनजाति के मतदाता बढ़े हैं। साथ ही प्रदेश में 60 लाख नए मतदाता इस बार सम्मिलित हो रहे हैं। ये सभी 18 प्लस के हैं। पांचों प्रदेशों में 2900 यंग कर्मचारी चुनाव को मैनेज करेंगे। मध्यप्रदेश में जेंडर रेसियो बढ़ा है। हम नए मतदाताओं को पोलिंग स्टेशन तक लाने के सारे प्रयास कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश में 84, 523 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। शहरी श्रेत्र में 16763 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 47760 हैं। इसके साथ ही 15000 मॉडल बूथ बनाए गए हैं। 35000 पोलिंग स्टेशन पर वेब कास्टिंग की सुविधा है। वहीं, मध्यप्रदेश में 5000 पोलिंग बूथों को महिलाएं मैनेज करेंगी। बुजुर्ग मतदाता अपने घर से वोट दे सकते हैं। उन्हें इसके लिए 12 डी फॉर्म भरना होगा। इसके साथ ही इस बार बफर जोन में भी पोलिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में पिपरिया और मंडला में ऐसे केंद्र बनाए गए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यदि हमने इतनी मेहनत की है तो आप भी वोट देने अवश्य आएं। इसके साथ ही चुनाव से संबधित कोई शिकायत है तो सी विजिल के जरिए आप अपनी बात रख सकते हैं। 100 मिनट में आपको सहायता मिलेगी। इसके साथ ही आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों को तीन बार अपने क्षेत्र में पेपर के जरिए अपने अपराधों की जानकारी देनी होगी।

राजनीतिक दलों को भी बताना होगा कि उन्हें इनके सिवा कोई उम्मीदवार नहीं मिला है। इसके साथ ही राजनीतिक दलों को अपने चंदे के बारे में जानकारी देने के लिए एक वक़्त तय की गई है। मध्य प्रदेश में 5 प्रदेशों के बॉर्डर पर कुल 315 चेक पोस्ट बनाए गए हैं। ये सभी चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक काम करेंगे। साथ ही सभी एजेंसियां समन्वय के साथ काम करेंगी। इसके साथ ही कार्गो मूवमेंट की भी चेकिंग होगी। रेलवे एवं पोस्टल डिपार्टमेंट के माध्यम से भी जांच होगी। ऑबजर्वर प्राइवेट गाड़ियों में नहीं बैठेंगे। मध्य प्रदेश में एक चरण में चुनाव होंगे। चुनाव की अधिसूचना 21 अक्टूबर को जारी होगी। 30 अक्टूबर नामांकन की अंतिम दिनांक है। 31 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 2 नवंबर तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकते हैं। 17 नवंबर को मतदान होंगे। 2 दिसंबर को रिजल्ट आएंगे। चुनाव आयोग ने कहा कि 5 दिसंबर तक चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।

चुनाव में कब क्या तारीख

चुनाव की अधिसूचना 21 अक्टूबर को

230 सीटों पर

नामांकन की आखिरी तारीख

30 अक्टूबर

नामों की जांच 31 अक्टूबर

नामांकन वापस लेने की तारीख दो नवंबर

वोटिंग की तारीख 17 नवंबर

रिजल्ट 3 दिसंबर

चुनाव की प्रक्रिया समाप्त 5 दिसंबर

उत्तराखंड के सभी जिलों में मदरसों का होगा भौतिक सत्यापन, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिए कार्यवाही के निर्देश

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल के वीरभट्टी क्षेत्र में एक अवैध मदरसे में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार का संज्ञान लिया है। उन्होंने प्रदेश में संचालित सभी मदरसों का भौतिक सत्यापन करने और कहीं भी अनैतिक कार्य पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों को आदेश जारी कर दिए हैं।

बिना अनुमति के निजी मदरसे भी संचालित हो रहे

प्रदेश में उत्तराखंड मदरसा बोर्ड और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अंतर्गत 532 मदरसे संचालित हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में बिना अनुमति के निजी मदरसे भी संचालित हो रहे हैं। इन्हें अवैध माना गया है। नैनीताल में भी इसी तरह अवैध रूप से संचालित एक मदरसे के खिलाफ मिली शिकायत पर स्थानीय प्रशासन ने उसका निरीक्षण किया था।

इस दौरान टीम ने यहां कई अनियमितताएं पाईं। यहां 24 बच्चों को छोटे-छोटे गंदगी से भरे कमरों में रखा गया था। इनमें अधिकांश बच्चे बीमारी से ग्रस्त मिले। यहां पढऩे वाले बच्चों ने मदरसा संचालक व उनके पुत्र पर शारीरिक शोषण के आरोप भी लगाए। प्रशासन ने मदरसे को सील करने के साथ ही संचालक पर प्राथमिकी भी दर्ज की है।

मदरसों की जांच कराने के निर्देश 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों के साथ हो रहे इस तरह के अमानवीय व्यवहार का संज्ञान लेते हुए सभी मदरसों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सभी मदरसों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

कहीं अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई का भी निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव ने सत्यापन व कार्यवाही के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने को कहा है।

उत्तराखंड के सभी जिलों में मदरसों का होगा भौतिक सत्यापन, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिए कार्यवाही के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल के वीरभट्टी क्षेत्र में एक अवैध मदरसे में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार का संज्ञान लिया है। उन्होंने प्रदेश में संचालित सभी मदरसों का भौतिक सत्यापन करने और कहीं भी अनैतिक कार्य पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों को आदेश जारी कर दिए हैं।

बिना अनुमति के निजी मदरसे भी संचालित हो रहे

प्रदेश में उत्तराखंड मदरसा बोर्ड और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अंतर्गत 532 मदरसे संचालित हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में बिना अनुमति के निजी मदरसे भी संचालित हो रहे हैं। इन्हें अवैध माना गया है। नैनीताल में भी इसी तरह अवैध रूप से संचालित एक मदरसे के खिलाफ मिली शिकायत पर स्थानीय प्रशासन ने उसका निरीक्षण किया था।

इस दौरान टीम ने यहां कई अनियमितताएं पाईं। यहां 24 बच्चों को छोटे-छोटे गंदगी से भरे कमरों में रखा गया था। इनमें अधिकांश बच्चे बीमारी से ग्रस्त मिले। यहां पढऩे वाले बच्चों ने मदरसा संचालक व उनके पुत्र पर शारीरिक शोषण के आरोप भी लगाए। प्रशासन ने मदरसे को सील करने के साथ ही संचालक पर प्राथमिकी भी दर्ज की है।

मदरसों की जांच कराने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों के साथ हो रहे इस तरह के अमानवीय व्यवहार का संज्ञान लेते हुए सभी मदरसों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सभी मदरसों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

कहीं अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई का भी निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव ने सत्यापन व कार्यवाही के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने को कहा है।

MP विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने जारी की चौथी सूची, CM शिवराज बुधनी से तो नरोत्तम मिश्रा दतिया से लड़ेंगे चुनाव, 57 को मिला टिकट


मध्य प्रदेश में भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी कर दी है। जिसमें कुल 57 लोगों को टिकट दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी से चुनाव लड़ेंगे। वही गृहमंत्री डाक्‍टर नरोत्‍तम मिश्रा को दतिया से टिकट दिया गया है। इंदौर 2 सीट से रमेश मेंदोला और इंदौर 4 सीट से मालिनी गौड़ को टिकट दिया गया है। वही पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को रहली सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। चारों सूचियों में भारतीय जनता पार्टी ने अब तक 136 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है।

मध्य प्रदेश भाजपा के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट कर नामों का ऐलान किया गया है, ट्वीट कर BJP ने लिखा- भारतीय जनता पार्टी केन्द्रीय चुनाव समिति ने मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए निम्नलिखित नामों पर अपनी स्वीकृति दी है।

बता दें फिलहाल भाजपा अपने उम्मीदवारों की नाम को लेकर 4 लिस्ट जारी कर चुकी है। जबकि कांग्रेस ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। कांग्रेस की तरफ से मध्य प्रदेश- छत्तीसगढ़ में एक भी लिस्ट जारी नहीं की गई है। हालांकि सोमवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक आज दिल्ली में हुई। वही आज चुनाव तारीखों की घोषणा हो गई है। इसी के साथ सभी चुनाव वाले प्रदेशों में आचार संहिता लागू हो गई है। इसी के साथ अब विभिन्न पार्टियों द्वारा किसी भी तरह की न तो योजनाओं का ऐलान किया जाएगा तथा न ही किसी भी प्रकार का कोई विज्ञापन कर पाएंगे।

'BJP मुस्लिमों की नहीं, कट्टरवादी मानसिकता के खिलाफ है', मध्यप्रदेश में बोले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी


बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल के दौरे पर रहे। बुरहानपुर में पार्टी के प्रबुद्धजन सम्मेलन में उन्होंने कहा कि कुछ लोग बोलते हैं कि हम मुस्लिमों के खिलाफ बोलते हैं। मैं कहना चाहूंगा कि बीजेपी मुस्लिमों के नहीं,कट्टरवादी मानसिकता के खिलाफ है। राष्ट्र भक्त मुस्लिमों का बीजेपी हमेशा सम्मान करती है।

वही अगर ऐसा नहीं होता तो डॅा. एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति नहीं बनाती। उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि इस प्रकार के आरोप लगाने वाले अफजल गुरु, छोटा शकील जैसे लोगों को पसंद करते हैं। खरगोन में उन्होंने कहा कि 19वीं सदी अंग्रेजों की, 20वीं सदी कांग्रेस की थी तथा 21वीं बीजेपी की है। बशर्तें आप मतदान के लिए अपनी अंगुली का सही इस्तेमाल करें। हम विश्व गुरु बनने की तरफ अग्रसर हैं।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सुधांशु ने कहा कि पहले शांति के कबूतर उड़ाए जाते थे। चीन से पहले हमारे पास लड़ाकू विमान थे, मगर 1962 के युद्ध में कांग्रेस ने इसका उपयोग नहीं किया। अंग्रेज स्वतंत्रता के एक-दो वर्ष तक भारत में रहे। ऐसा क्यों हुआ कि दो वर्षों तक भारत का सेनापति अंग्रेज रहा। इन सवालों के जवाब नहीं दिए जाते हैं। सुधांशु त्रिवेदी ने आइएनडीआइए पर भी तंज कसते हए कहा कि कुछ लोगों के काम बुरे होते हैं तो वह नाम बदल लेते हैं। साल 2004 में UPA बना था। अब नाम आइएनडीआइए कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके गठबंधन के लोगों को ही इसका पूरा नाम नहीं पता है

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव, चौथी सूची आते ही भाजपा को झटका! इस महिला नेत्री ने कई कार्यकर्ताओं के साथ दिया इस्तीफा

मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की चार सूची जारी कर दी है। भाजपा की दूसरी सूची में केंद्रीय मंत्रियों और कई बड़े नेताओं को मैदान में उतारा गया था और इसी तरह चौथी सूची में भी भाजपा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई बड़े नेताओं को टिकट दिया है।

पिछले कई दिनों से भाजपा में बगावत देखने को मिल रही थी। इसी बीच भाजपा की चौथी सूची सामने आने के बाद बड़े नेता पार्टी का दामन छोड़ते हुए नजर आ रहे हैं। कटनी जिले की भाजपा महापौर प्रत्याशी ज्योति विनय दीक्षित ने देर शाम मुड़वारा विधानसभा में विधायक संदीप जायसवाल को दोबारा टिकट दिए जाने के कारण अपने समर्थकों सहित पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

बताया जा रहा है कि ज्योति विनय दीक्षित ने अकेले पार्टी नहीं छोड़ी है। उनके साथ कई कार्यकर्ता भाजपा से बगावत कर गए हैं। बताया जा रहा है कि, विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की आस कर रहीं थी लेकिन, चौथी लिस्ट में उनका नाम नहीं आया। कटनी में कभी पार्टी की ओर से मेयर कैंडिडेट रह चुकी ज्योति विनय दीक्षित ने मुड़वारा विधानसभा से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

उन्होंने पार्टी के सभी पदों से अपना त्यागपत्र पार्टी पधाधिकारी को सौप दिया है। बता दें बीजेपी ने कटनी से संदीप जयसवाल को टिकट दिया है। ज्योति दीक्षित वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा में जिला महामंत्री और भाजपा में कार्यकारिणी सदस्य के पद पर काम कर रहीं थी। महापौर चुनाव में उनको पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था, जिसमें वे निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति संजीव सूरी से हार गई थीं।