सरायकेला : चांडिल डैम का जलस्तर घटकर 181.50 पहुंचा, डिविजन 2 ने सात रेडियल गेट किया बंद


सरायकेला : कोल्हान के सबसे बहुचर्चित स्वर्ण रेखा बहुउद्देशीय परियोजना के चांडिल डैम का जलस्तर घटने के बाद मंगलवार को सात रेडियल गेट बंद कर दिए गए हैं।

वर्तमान में डैम का तीन रेडियल गेट को एक-एक मीटर तक खोल कर रखा गया है । मंगलवार की सुबह चांडिल डैम का जलस्तर 181.50 मीटर दर्ज किया गया । इससे चांडिल डैम के किनारे डूब क्षेत्र में रहने वाले विस्थापित परिवारों ने राहत की सांस ली है।

डैम का जलस्तर 181.85 मीटर के पार चले जाने के बाद डैम के 10 रेडियल गेटों को खोल दिया गया था । इनमें आठ गेट को 2/ 2 मीटर और दो गेट को एक-एक मीटर तक खोला गया था .इसके बाद डैम का जलस्तर तेजी से घटता गया ।

बीडीओ ने लिया जायजा

मंगलवार की सुबह चांडिल डैम का जलस्तर 181.50 मीटर पहुंचने के बाद सात रेडियल गेटों को बंद कर दिया गया । डैम के तीन रेडियल गेट एक-एक मीटर तक खुला है । 

वहीं जलस्तर बढ़ने के बाद ईचागढ़ गांव की सड़कों पर जलभराव हो गया। इससे गांव की सड़कों पर आवागमन बंद हो गया था ।इसका जायजा लेने के लिए ईचगढ़ के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) सह प्रभारी अंचल अधिकारी किकू महतो ईचागढ़ गांव पहुंचे और स्थिति का आकलन किया।वे जलमग्न सड़कों से होते हुए पूरे गांव का भ्रमण कर लोगों की वर्तमान स्थिति से अवगत हुए। 

छह अक्टूबर तक होगी बारिश

मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में छह अक्टूबर तक रोज बारिश होने की जानकारी दी है. मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि छह अक्टूबर तक रोज गरज के साथ मध्यम दर्जे की बारिश होगी।

मौसम पूर्वानुमान के बाद डैम के किनारे रहने वाले विस्थापित परिवारों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं. एक ओर डैम का जलस्तर घटने से जहां वे खुश हैं, वहीं मौसम विभाग के पूर्वानुमान को लेकर चिंतित भी हैं। आने वाले दिनों में अगर तेज बारिश हुई तो डैम का जलस्तर एक बार फिर बढ़ेगा और गांव जलमग्न होंगे।

सरायकेला :नीमडीह में एसएम स्टील प्लांट के नाम पर की जा रही भूमि अधिग्रहण में बड़ा हेरफेर।


सरायकेला : नीमडीह के आदारडीह में 10 मौजा के ग्रामीणों ने की बैठक, इस बैठक में चौंकाने वाले खुलासे हुए

झारखंड में हमेशा से जमीन की लूट होती रही हैं। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक दल भी समय समय पर रोटियां सेंकने का काम करती हैं लेकिन आजतक जमीन लूट पर रोक लगाने का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। राजनीतिक दलों के नेता झारखंड में जमीन खरीद बिक्री, लूट, सीएनटी - एसपीटी एक्ट के मुद्दे उठाकर विधायक और सांसद बन जाते हैं लेकिन जब वह सदन में पहुंचते तो यह मुद्दे गौण हो जाते हैं। 

झारखंड में कंपनी लगाने के नाम पर भी खूब जमीन अधिग्रहण हुई और अबतक यह चली आ रही हैं। इसमें कई कंपनियों ने आदिवासियों की जमीन अधिग्रहण करने के नाम पर ग्रामीणों को बेवकूफ बनाने का काम किया है। कई कंपनियों ने रोजगार देने के नाम पर जमीन अधिग्रहण की, लेकिन कंपनी नहीं लगाया है। ऐसे मामलों पर राज्य सरकार भी खामोश हो जाती हैं, जिससे जमींदाताओं को अपने पूर्वजों की जमीन से हाथ धोना पड़ता है। 

ऐसा ही एक मामला झारखंड के सरायकेला - खरसावां जिले से सामने आया है। जहां स्टील प्लांट लगाने के नाम पर बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसमें कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। पूरे मामले को जानने के बाद आप भी कहेंगे कि क्या यह झारखंड में ही हो रही हैं? जी हाँ झारखंड में ही झारखंडियों की कीमती जमीन को कौड़ियों के भाव खरीदा जा रहा है। इतना ही नहीं रजिस्ट्री डीड के कागजात में भी बड़ा हेरफेर का मामला सामने आया है। 

सरायकेला - खरसावां जिले के नीमडीह अंचल में एस एम स्टील प्लांट लगाने के नाम पर करीब 500 एकड़ भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। दो साल पहले से भूमि अधिग्रहण चल रही हैं। इस दौरान एस एम स्टील कंपनी पर सरकारी, वन भूमि, शमशान घाट, नहर इत्यादि पर अवैध कब्जा करने का आरोप है। इतना ही नहीं जमींदाताओं को प्रति एकड़ भूमि के एवज में 11 लाख रुपये भुगतान किया गया है जबकि कंपनी प्रबंधन द्वारा जब डीड रजिस्ट्री कागजात तैयार करवाया जा रहा है तो उसमें प्रति एकड़ भूमि के एवज में 41 से 44 लाख रुपये दर्शाया जा रहा है। यह बड़ा हेरफेर का मामला है। 

एसएम स्टील कंपनी के इन करतूतों से नाराज ग्रामीण गोलबंद होना शुरू हो गया है। नीमडीह प्रखंड अंतर्गत आदरडीह में 8 से 10 मौजा के ग्रामीणों द्वारा ग्रामसभा बैठक बुलाई गई। ग्रामप्रधान रूप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में करीब 500 ग्रामीण शामिल हुए और एस एम स्टील कंपनी के कारनामों का खुलासा किया है। बैठक में क्षेत्र के पंचायत जनप्रतिनिधि, ग्रामप्रधान समेत बड़ी संख्या में महिला व पुरुषों की मौजूदगी रही। 

ग्रामीणों ने बताया कि डीड में 41 से 44 लाख प्रति एकड़ का कागजात बन रहा लेकिन ग्रामीणों को 11 लाख प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं। वहीं, जमीनदाताओं को बहला फुसलाकर दलालों द्वारा गलत वंशावली बनवाकर डीड रजिस्ट्री कागजात तैयार करवाए जा रहे हैं, इसके लिए मुखिया एवं पूर्व ग्रामप्रधान के हस्ताक्षर एवं स्टैम्प का उपयोग भी किया जा रहा है। यह बड़े ही आश्चर्यजनक तथ्य सामने आए हैं कि फर्जी तरीके से कागजात तैयार कर भूमि अधिग्रहण की जा रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 50 ऐसे मामले हैं, जिनमें गलत वंशावली बनाकर भूमि अधिग्रहण किया गया है। 

बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि फिलहाल किसी भी तरह के भूमि अधिग्रहण पर तत्काल रोक लगना चाहिए और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। 

इस मौके पर पूर्व जिला परिषद अनीता पारित, मुखिया सुभाष सिंह, मुखिया सरस्वती मोदी, पूर्व उपमुखिया हाखूम कुमार, सनातन गोराई, निखिल कुमार, सीताराम कुम्हार, आदित्य कुमार, आदरडीह पंचायत समिति तारामणि सिंह, भोलानाथ कुम्हार, राज सिंह, मुकुंदा कुमार, शक्तिपद मंडल, प्रशांत कुमार, राज कुम्हार, विजय कुम्हार, तपन कुम्हार, मदन सिंह, देवाशीष कुम्हार, अर्जुन सिंह, दीपांकर कुम्हार, केशव गोराई, अमित कुम्हार, परिमल कुम्हार, आशीष कुम्हार, जाडू रजक, लालू रजक, तपन मंडल, भास्कर, छक्रधर कुम्हार, रवि मंडल आदि ग्रामीण उपस्थित थे।

जितिया पर्व को देखते हुए चांडिल बाजार में डाली झाड़ू खड़का ,हांडी कड़ाही आदि सामग्री की शुरू हुआ बिक्री


सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के साप्ताहिक चांडिल हाटीया में लगा श्रद्धालु की भीड़ जमने लगी, पूजा में उपयोग सामानों की खरीदारी जेसे हांडी , कड़ाही, खड़का ,धुपधानी ,दिया, सुपी, झाड़ू, बांस की खड़िया, जुड़ी, डाली, आदि सामग्री का बिक्री हुआ एक बारिश दूसरी ओर भक्तो की चाहत में हटिया हो  रहा है गुलजार । आस्था का पूजा में ,अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि बहुत ही खास होती है क्योंकि इस दिन जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है जिसे कई जगहों पर जितिया या जिउतिया नाम से भी जाना जाता है. 

यह व्रत विशेष तौर पर पूर्वांचल क्षेत्र में रखा जाता है और इस दिन महिलाएं संतान प्राप्ति व संतान की सुख—समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

 

 इस वर्ष जितिया व्रत की शुरुआत 5 अक्टूबर से हो रही है और 7 अक्टूबर तक चलेगा

माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और उसकी रक्षा व सफलता के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. तीन दिन तक चलने वाले इस उपवास में महिलाएं जल नहीं पीती हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि जो लोग संतान की कामना करते हैं उन्हें भी यह व्रत करने से जल्दी संतान प्राप्त होती है.

सरायकेला :ईश्वरचंद्र विद्यासागर 203वीं जयंती के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम व पुरस्कार वितरण समारोह-2023


सरायकेला : विद्यासागर कोचिंग एंड कंप्यूटर इंस्टिट्यूट की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम सह पुरस्कार वितरण समारोह, का आयोजन विद्यासागर इंस्टिट्यूट माठिया रोड, पंचायत भवन के सामने किया गया। 

जिसमें 12 स्कूल-कॉलेजो के विद्यार्थीगण उपस्थित थे। मुख्य वक्ता के तौर पर जमशेदपुर के अधिवक्ता महेश कुमार, चांडिल पंचायत के मुखिया मनोहर सिंह सरदार, सेवानिवृत कल्याण विभाग के आर एन पोद्दार सर उपस्थित थे। विगत 24 सितंबर 2023, रविवार को छात्र-छात्राओं को लेकर शैक्षणिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए चित्रांकन, निबंध, प्रश्नोत्तरी, गीत व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था। उन सभी विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र, मेडल,व मोमेंटो के साथ सम्मानित किया गया, जो प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त किए थे। 

तथा बाकी सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार दिया जाएगा।कार्यक्रम की शुरुआत विद्यासागर के तस्वीर पर माल्यार्पण व अतिथि स्वागत डांस प्रस्तुत कर हुआ। 

 विद्यासागर इंस्टिट्यूट हर साल की भांति इस साल भी प्रतियोगिताएं कराते हुए विद्यासागर के जीवन संघर्ष व उनके आदर्शों से सीख लेते हुए समाज में आज भी चल रहे कुरीतियों, जात-पात, भेदभाव से ऊपर उठकर उन्नत शिक्षा हासिल कर समाज को एक सही रास्ते में ले जाने के साथ-साथ विद्यासागर के कहे हुए तर्कशास्त्र का अध्ययन कर विज्ञान व इतिहास की नींव को विकसित करें।

नारायण प्राइवेट आईटीआई लुपुंगडीह परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई


सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के नारायण प्राइवेट आईटीआई लुपुंगडीह परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती मनाई गई। 

एवम उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। इस अवसर संस्थान के संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे जी ने कहा की भारत एवं भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे।

 वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम दिलाकर पूरे विश्व में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें संसार में साधारण जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। 

संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था। एक अन्य मत के अनुसार स्वामी श्रद्धानन्द ने 1915 मे महात्मा की उपाधि दी थी, तीसरा मत ये है कि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर ने महात्मा की उपाधि प्रदान की थी। 12 अप्रैल 1919 को अपने एक लेख मे |

 उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू अर्थात् पिता) के नाम से भी स्मरण किया जाता है

लालबहादुर शास्त्री के जीविनी के बारे में संस्थान के संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे जी कहा 

संस्कृत भाषा में स्नातक स्तर तक की शिक्षा समाप्त करने के पश्चात् वे भारत सेवक संघ से जुड़ गये और देशसेवा का व्रत लेते हुए यहीं से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की। 

शास्त्रीजी सच्चे गान्धीवादी थे जिन्होंने अपना सारा जीवन सादगी से बिताया और उसे गरीबों की सेवा में लगाया। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों व आन्दोलनों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही और उसके परिणामस्वरूप उन्हें कई बार जेलों में भी रहना पड़ा। स्वाधीनता संग्राम के जिन आन्दोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही उनमें 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी मार्च तथा 1942 का भारत छोड़ो आन्दोलन उल्लेखनीय हैं।दूसरे विश्व युद्ध में इंग्लैण्ड को बुरी तरह उलझता देख जैसे ही नेताजी ने आजाद हिन्द फौज को "दिल्ली चलो" का नारा दिया, गान्धी जी ने मौके की नजाकत को भाँपते हुए 8 अगस्त 1942 की रात में ही बम्बई से अँग्रेजों को "भारत छोड़ो" व भारतीयों को "करो या मरो" का आदेश जारी किया और सरकारी सुरक्षा में यरवदा पुणे स्थित आगा खान पैलेस में चले गये। 9 अगस्त 1942 के दिन शास्त्रीजी ने इलाहाबाद पहुँचकर इस आन्दोलन के गान्धीवादी नारे को चतुराई पूर्वक "मरो नहीं, मारो!" में बदल दिया और अप्रत्याशित रूप से क्रान्ति की दावानल को पूरे देश में प्रचण्ड रूप दे दिया। पूरे ग्यारह दिन तक भूमिगत रहते हुए यह आन्दोलन चलाने के बाद 19 अगस्त 1942 को शास्त्रीजी गिरफ्तार हो गये। 

इस अवसर मुख्य रूप से उपस्थित थे वकील निखिल कुमार,अरुण पांडे, शांति राम महतो, महादेव दास,पवन महतो, देबकृष्णा महतो,अजय मंडल , कृष्णा पद महतो,गौरव महतो, शिशु मति दास आदि मौजूद रहे।

सरायकेला : जे बी के एस एस के कर्यालय में मनाया गया महात्मा गांधी जी के 154 वी जयंती*

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सरायकेला : आज परम पूज्य बापू जी महात्मा गांधी के 154 वीं जयंती पर जे बी के एस एस द्वारा सुकसारी कार्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में उपस्थित जे बी के एस एस के सक्रिय सदस्य गोपेश महतो ने कहा सत्य , अहिंसा की राह पर चल कर जिन्होंने हमे अंग्रेजों के गुलामी से आजाद कराया , ठीक उसी प्रकार आज झारखंड के तमाम युवा साथियों को संदेश देते हैं कि उनके दिखाए गए मार्ग पर चलकर ही हम अपने अधिकार को पा सकते हैं।

गांधीजी की जन्मदिवस को पुरे विश्व में अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्यूंकि गांधीजी खुद सबसे पड़े अहिंसा के पुजारी थे। वहीँ वो शांति और सच्चाई की भी मूरत थे।साथ ही साथ आज सफाई अभियान भी चलाया गया। 

मौके पर उपस्थित रसूनिया पंचायत के मुखिया मंगल मांझी, फूलचंद महतो , आशु कालिंदी, बिमलेंदु प्रसाद , मलिंद्र गोप, कमलेंदू महतो, पूर्ण शशी , गौतम, फूलचंद , वासुदेव बृहस्पति, भूबन, राजेश , फूलचंद , सीमंत, सुभाष , सुखदेव , लालू , पर्वत , डाकू मांझी, भागीरथ सिंह सरदार आदि उपस्थित थे।

सराईकेला : ग्राम सभा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के तैलिय चित्र पर किया गया माल्यार्पण

सरायकेला : आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जयंती के अवसर पर सरायकेला खरसावां जिले के सभी प्रखंडों के लगभग 159 पंचायत ग्राम स्तर (सरायकेला- 14, खरसावां- 09, गम्हरिया- 36, कुचाई- 18, राजनगर- 08, चांडिल- 12, इचागढ़- 14, नीमडीह- 13 तथा कुकड़ू- 35) पर विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। 

ग्राम सभा में सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के तैलिय चित्र पर माल्यार्पण कर उनके द्वारा सिखाए गए आदर्श को याद किया गया। तत्पश्चात ग्राम सभा में उपस्थित सभी ग्रामीणों को वनाधिकार विषयक पर शपथ दिलाया गया। 

ग्राम सभा शपथ पत्र

आज महात्मा गांधी की जयंती के पावन अवसर पर हम सभी ग्रामवासिया यह शपथ लेते हैं, कि वन अधिकार अधिनियम, 2006 के द्वारा दिए गए अधिकारों का प्रयोग करते हुए ग्राम स्तर पर वन अधिकार समिति का गठन/ पुनर्गठन करेंगे तथा वन पर निर्भर लोगों और समुदायों को वन अधिकार पट्टा दिए जाने हेतु उनके दावा पर नियम के अनुसार अनुशंसा करेंगे।

हम सभी जल, जंगल और जमीन और इसके संसाधनों की रक्षा के लिए समर्पित और संगठित प्रयास करेंगे

ग्राम सभा में ग्राम पंचायत, जिला परिषद, डीएमएफटी मद सहित अन्य मदों द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे योजनाओं पर विचार विमर्श किया गया। ग्रामीण स्तर पर आधारभूत संरचनाएं यथा स्वास्थ्य संबंधित, शिक्षा संबंधित, आंगनबाड़ी केंद्रों से संबंधित, पेयजल संबंधित के साथ- साथ टाइड और अनटाइड फण्ड द्वारा क्रियान्वित योजनाओं पर भी ग्राम- सभा में विचार विमर्श किया गया।

चांडिल : आसनबनी में गांधी जी और लालबहादुर शास्त्री का मनाया गया जयंती

सरायकेला : आसनबनी स्थित सत्य नारायण सोशियो इकनॉमिक एंड रिसर्च सेंटर के तत्वावधान में महात्मा गांधी और भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री का जयंती मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने गांधी जी और लालबहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं, लोगों ने अपने विचारों को व्यक्त किया। 

मौके पर डॉ एस एन मुर्मू ने कहा कि महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री जैसे नेता करोड़ों में मिलते हैं जो देश की सेवा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। युवा पीढ़ी को गांधी जी एवं लालबहादुर के विचारों और सिद्धांतों को अपनाना चाहिए और उसपर अमल करने की जरूरत है।

इस मौके पर राजेंद्र उरांव, सुनील उरांव, चंद्र मोहन महतो, रामचंद्र महतो, दिनेश महतो, सुरेश कुमार, सोनू, विशाल आदि मौजूद थे।

उपायुक्त की अध्यक्षता मे सभी सम्बन्धित पदाधिकारी की उपस्थिति में वनाधिकार अधिनियम-2006 के तहत वनाधिकार समिति गठन के निमित्त बैठक किया


सरायकेला : जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी सम्बन्धित पदाधिकारी के उपस्थिति में वनाधिकार अधिनियम-2006 के तहत वनाधिकार समिति के गठन/पुनर्गठन के निमित्त बैठक का आयोजन किया गया। 

इस बैठक में ग्राम वन अधिकार समिति, अनुमंडल स्तरीय वन अधिकार समिति एवं जिला स्तरीय वन अधिकार समिति तथा प्रखंड/अनुमंडल/जिला स्तरीय एफआरसी सेल के गठन/पुनर्गठन से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया।

इस दौरान ग्राम स्तर पर वन अधिकार समिति गठन/पुनर्गठन हेतु वन विभाग के अधिकारियों व कर्मियों की सहभागिता तथा अंचलाधिकारी सहित अंचल कर्मियों की भागीदारी सुनिश्चित कर ग्राम सभा के आयोजन हेतु ग्राम वार शेड्यूल तैयार कर दावा आपत्ति प्राप्त करने के निदेश दिए गए । उपायुक्त नें कहा ऐसे अंचल जँहा ग्राम स्तर पर वन अधिकार समिति गठन ना किया गया हो या समिति निष्क्रिय स्थिति में हो वंहा पुनः समिति गठित कर प्राथमिकता के आधार पर अधिक से अधिक लोगो को सामुदायिक वन पट्टा एवं प्रवधान का अनुपालन सुनिश्चित कर योग्य लाभुकों को व्यक्तिगत वनपट्टा हेतू आवेदन प्राप्त कर लाभ प्रदान करे। उपायुक्त नें कहा वनपट्टा राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक योजना है, इसके सफल क्रियान्वयन तथा योजना के तहत अधिक से अधिक लाभुकों को लाभ प्रदान करने हेतू सभी सम्बन्धित वरीय पदाधिकारी एवं सभी अंचलधिकारी, क्षेत्रीय वन पदाधिकारी आपसी तालमेल स्थापित कर कार्य करे।

बैठक में उपायुक्त के साथ उप विकास आयुक्त, परियोजना निदेशक आई.टी.डी.ए, अपर उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी सरकयकेला, अनुमंडल पदाधिकारी चांडिल, सभी अंचलधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी उपस्थित रहें।

वृद्ध शांति निकेतन का 23 वा स्थापना दिवस और गांधी-शास्त्री की जयंती मनाई गई



सरायकेला : आदित्यपुर स्थित वृद्ध शांति निकेतन के अध्यक्ष जगदीश मंडल के नेतूत्व में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई. इसमें वृद्ध शांति निकेतन के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

 इस मौके पर आदित्यपुर 2 स्थित रोड नंबर 9 में स्थित वृद्ध शांति निकेतन में वृद्धों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर याद करते हुए उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया.गौरतलब हैं कि वृद्ध शांति निकेतन का स्थापना 2 अक्टूबर 2000 को हुआ था. निकेतन का स्थापना महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर ही स्थापित किया गया था. 

जिसका आज 23वां स्थापना दिवस मनाया गया.इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में निवर्तमान मेयर विनोद श्रीवास्तव, वरिष्ठ भाजपा नेता एके श्रीवास्तव, भाजपा नेता और सिमडेगा जिले के प्रभारी शैलेंद्र सिंह, गणेश महाली, विजय शंकर मिश्रा और कृष्ण दुबे मौजूद रहे. मंच संचालन राजेन्द्र प्रसाद ने और अध्यक्षता जगदीश मंडल ने किया. अतिथियों ने अपने सम्बोधन में दोनों महापुरुषों को आधुनिक भारत का निर्माता बताया. महात्मा गांधी को जहां सत्य और अहिंसा का प्रवर्तक बताया, वहीं लालबहादुर शास्त्री को कर्तव्य निष्ठा का पुरोधा कहा.कार्यक्रम की सफलता में संस्था के अध्यक्ष जगदीश मंडल, महासचिव निहार रंजन होर, चंद्रमों पांडेय, आरएस शाह, अरविंद सिंह, बलकान्त झा, एसपी गुप्ता, राम गोश्वामी, ए पी रस्तोगी, आरसी , रवानगी, राम नारायण सिंह सहित अन्य लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा.