पाप, ताप और संताप का हरण करती है भागवती गंगा : भाई श्री
नैमिषारण्य (सीतापुर)। भागवत कथा रूपी गंगा में स्नान करने मनुष्य के पाप, ताप और संताप का हरण करती है, संसार में ताप बढ़ रहा है इसलिए हर जगह कथा हो रही है, ये प्रवचन विश्व विख्यात भागवताचार्य रमेश भाई ओझा ने कालीपीठ मंदिर के विशाल कथा पाण्डाल में कालीपीठाधीश गोपाल शास्त्री के सानिध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन मंगलाचरण के दौरान किये।
कथा व्यास कहते हैं कि जब गंगा प्रवाहित होती है जहां जहां जाती है वहां के क्षेत्र का सिंचन करते हुये प्राणीमात्र की प्यास बुझाती है, गंगा मानव के पापों को नष्ट करने वाली नैनों शांति देने वाली और सबको मुक्ति और भक्ति प्रदान करने वाली है ।
उसी भांति ये कथा गंगा भगवान श्री नारायण के मुख से निकलकर ब्रह्मा, नारद, वेदव्यास शुकदेव, श्री सूत से होते हुये हम तक पहुंच रही है ये कथा की महिमा है जो ये स्वयं हमारे पास आ रही है जिस प्रकार भगवान कृपा करके प्रकट होते हैं उसी भांति यहां कथा करूणा के उमड़ने से प्रकट होते हैं ।
कथा से पूर्व आयोजन की मुख्य यजमान गोपाल शास्त्री की माता श्रीमती सरस्वती देवी ने दीप, कालीपीठाधीश गोपाल शास्त्री, भाष्कर शास्त्री, शुभेन्दु शर्मा एवं समस्त परिवार जनों ने व्यास पीठ का पूजन किया एवं दीप प्रज्जवतिल किया।
कथा प्रारम्भ के समय गोपाल शास्त्री ने देश विदेश से नैमिषारण्य पधारे कथा श्रोताओं का स्वागत किया एवं नैमिषारण्य तीर्थ वो तीर्थ है जिसकी महिमा का गुणगान वेदों में किया गया है सभी युगों में इस तीर्थ का वर्णन मिलता है अपने विचार प्रकट करते हुये गोपाल शास्त्री ने अपने पिता ब्रह्मलीन जगदंबा प्रसाद का स्मरण किया और कहा आज मुझ पर पूज्य पिता जी का ही आशीर्वाद है उनकी कृपा बिना इतना विशाल आयोजन संभव नहीं है।
कथा प्रारम्भ से पूर्व कालीपीठ के ट्रस्टी अवधेश सिंह सेंगर, रामावतार कंसल, यतीन्द्र अवस्थी, शिवबहादुर सिंह, कमलाकान्त, विन्दा प्रसाद त्रिपाठी, राधामोहन कैलाश अग्रवाल आदि ने व्यासजी का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
Oct 02 2023, 15:22