*हजरत मुस्तफा शाह की दरगाह पर जलसा ईद मिलादुन्नबी और नातिया मुशायरे का आयोजन*
कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। अजीम सूफी संत खानकाह हजरत मुस्तफा शाह की दरगाह पर जलसा ईद मिलादुन्नबी और नातिया मुशायरे का आयोजन रविवार को किया गया जिसमें खानकाह के सज्जादानशीन डाक्टर अफजल लहरपुरी ने महफिल की सदारत की।निजा़मत जुबेर वारिस ने की। महफिल का आगाज हाफिज आफताब आलम खुशतर लहरपुरी ने कु़रान पाक की तिलावत से किया।
अनवर बिसवानी ने हम्द पेश किया।मास्टर मोहम्मद यामीन ने नातिया मुशायरे की जरूरत ,अहमियत और बरकत पर रौशनी डाली। खानकाह के सज्जादानशीन डाक्टर अफजल लहरपुरी ने शायरों और मेहमानो का स्वागत करते हुए कहा कि खानकाहों और दरगाहों पर हाजरी से सभी को रूहानी फैज मिलता है जिससे दुनिया और आखिरत दोनों में कामयाबी हासिल होती है। नातिया मुशायरे में एक दर्जन शायरों ने अपने कलाम के जरिए नजराने अकीदत पेश किया। इस मौके पर शायर अनवर बिसवानी ने कहा,, एक उम्र कट गई है इसी इन्तिजार में, पहुंचेगे एक रोज नबी के दयार में। जुबेर वारिस ने कहा,, तजकिरा आप का कोई कितना करे, जिÞक्र होगा मगर ना तमाम आप का।
गौहर लहरपुरी ने अपना नातिया कलाम पेश करते हुए कहा,,आगये सोई हुई किस्मत जगाने के लिए,सरवर ए कौनेन की महफिल सजाने के लिए।। खुशतर लहरपुरी ने पढ़ा,काश ऐसा जीना हो काश ऐसा मरना हो, हर घड़ी निगाहों के सामने मदीना हो।। सज्जाद आजम लखीमपुरी ने नजराने अकीदत पेश करते हुए कहा,,नात लिखता रहा शाहे अबरार की, याद आती रही मुझको सरकार की।। बाबू निसार लहर पुरी ने कहा जो इंसान नबी का दिवाना नहीं है, उसे दोजहां में ठिकाना नहीं है।। मुशायरे में शमश वारसी,मुबीन लहरपुरी , डाक्टर अफजल लहरपुरी ने भी अपने कलाम पेश किए। इस मौके पर मोहम्मद आरिफ सलीमी, वकील खां, इम्तियाज आलम, समीउल्ला, जेड आर रहमानी सहित भारी संख्या में शायर और अकीदत मंद मौजूद थे।
Sep 24 2023, 17:29