औरंगाबाद -16 लाख से लगाए गए हीरा बोरिंग से खेतों को सिंचाई के लिए नहीं मिल पा रहा पानी
खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। कुछ ऐसा हाल है ओबरा प्रखंड के नारायणपुर गांव की है। इस गांव में वर्ष 2003-04 में किसानों की सुविधा के लिए हीरा बोरिंग का निर्माण कराया गया था। इस निर्माण कार्य में लगभग 16 लाख रुपए खर्च कर 400 बिगहा जमीन को सिंचित करने के लिए बनाया गया था। यह हीरा बोरिंग उक्त गांव के समीप पुनपुन नदी के किनारे बनाया गया ताकि पुनपुन नदी से पानी लेकर किसानों के खेतों तक पहुंचाया जा सके।
इसके लिए हीरा बोरिंग से लेकर किसान के खेतों तक पाइप लाइन बिछाई गई। शुरुआती दौर में ये लगभग 2 साल सही तरीके से चला। किसान भी काफी खुश थे क्योंकि उनके खेतों तक पानी पहुंच रही थी। लेकिन सही तरीके से पाइप लाइन नहीं बिछाने के कारण वह कहीं कहीं जाम हो गया तो कहीं टूटकर ध्वस्त हो गया। जिसके कारण किसानों के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंच सका। विभागीय उदासीनता के कारण उसके बाद यह पूरी तरह से बंद पड़ा रह गया। लगभग 14 सालों से यह योजना बंद पड़ा हुआ है।
किसानों ने कहा- सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण बंद पड़ा है यह योजना : स्थानीय किसान अंबुज शर्मा, अरुण शर्मा, कपिल देव नारायण सिंह, पिंटू शर्मा, सच्चिदानंद सिंह, विक्रम शर्मा, अखिलेश शर्मा, महेश शर्मा सहित अन्य ने बताया कि हीरा बोरिंग का निर्माण होने से हम सभी किसानों में एक उम्मीद की किरण जगी थी कि अगर बरसात कम हो तो भी इसके माध्यम से हम सभी किसान अच्छे फसल का पैदावार कर सकते हैं। लेकिन कुछ ही दिन में यह बंद हो गया।
फिर एक माह से बंद पड़ा है हीरा बोरिंग किसानों ने बताया कि लगभग एक माह से हीरा बोरिंग फिर से बंद पड़ा है। जब चालू था तो आसपास के कुछ किसान डिलीवरी पाइप से अपने खेतों तक पानी ले जा रहे थे। लेकिन जिस उद्देश्य के साथ इसका निर्माण किया गया था। वह उद्देश्य सफल नहीं हो सका।
Sep 21 2023, 16:34