*पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओ ने किया कहै तीज का व्रत, 24 घंटा का कर रही निर्जला
औरंगाबाद : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। महिलाएं आज अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत रखी हैं।
मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करने से सुखद वैवाहिक जीवन और संतान की प्राप्ति होती है।
हरतालिका तीज व्रत कुंवारी और सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं। इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था।
सुहागिनों और कुंवारी कन्याओं के सबसे बड़े पर्व में से हरतालिका तीज भी है।ये पर्व भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा है। इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करते हैं।
महिलाएं तीज में निर्जला व्रत रखती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
तीज के दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पूरे परिवार की मिट्टी की मूर्तियां बनाकर घर में मंदिर में स्थापित करते हैं। माता का श्रृंगार किया जाता है। महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, हाथों पर मेहंदी रचाती हैं और रात में माता गौरी की पूजा करती हैं। सुहागिनों के साथ ही कुंवारी लड़कियां भी इस दिन उपवास करती हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार अगर किसी लड़की की शादी में देरी हो रही है तो उसे तीज का व्रत जरूर करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि तीज का व्रत करने से जल्द विवाह के योग बनते हैं।तीज के दिन ही देवों के देव महादेव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्मों तक तप किया था।भगवान भोलेनाथ माता पार्वती के कठिन तप से प्रसन्न हुए। उन्होंने 108 वें जन्म में पार्वती जी से विवाह रचाया।
तीज के दिन महिलाए 16 श्रृंगार करती है। प्रसाद के रूप में पेडकिया, केला, सेव, अनरसा भगवान शिव को चढ़ती है।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र





Sep 18 2023, 15:20
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