अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव-2024 के दावेदार विवेक रामास्वामी ने खेला बड़ा दांव, कहा-"मैं सत्ता में आया तो H1B वीजा को खत्म कर दूंगा"

Image 2Image 3Image 4Image 5

डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में दावेदारी ठोक रहे भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने बड़ा दांव खेलते हुए नया ऐलान किया है। विवेक रामास्वामी ने एच-1 बी वीजा कार्यक्रम को "गिरमिटिया" कहते हुए सत्ता में आने पर इस व्यवस्था को खत्म करने का ऐलान किया है। भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने कहा कि अगर वह 2024 में व्हाइट हाउस की दौड़ जीतते हैं तो लॉटरी-आधारित एच1-बी वीजा प्रणाली को "खत्म" करके इसके स्थान पर योग्यता को वरीयता देंगे। उन्होंने एच-1बी वीजा कार्यक्रम को खत्म करने के साथ ही प्रवेश के लिए योग्यता को अहमियत देने की कसम खाई है।

भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच बहुप्रतीक्षित एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को विशेष व्यवसायों में नियुक्त करने की अनुमति देता है, जिनके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर हैं। 

रामास्वामी ने स्वयं 29 बार वीज़ा कार्यक्रम का उपयोग किया है। 2018 से 2023 तक, अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं ने एच-1बी वीजा के तहत कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए रामास्वामी की पूर्व कंपनी, रोइवंत साइंसेज के 29 आवेदनों को मंजूरी दी। पोलिटिको ने रामास्वामी के हवाले से कहा फिर भी, एच-1बी प्रणाली "इसमें शामिल सभी लोगों के लिए खराब है। उन्होंने कहा, "लॉटरी प्रणाली को वास्तविक योग्यता प्रवेश द्वारा प्रतिस्थापित करने की आवश्यकता है।

गुलामी का प्रतीक है गिरमिटिया

रामास्वामी ने कहा कि यह गिरमिटिया दासता का एक रूप है जो केवल उस कंपनी के लाभ के लिए होता है, जिसने एच -1 बी आप्रवासी को प्रायोजित किया था। मैं इसे खत्म कर दूंगा।" अमेरिका को श्रृंखला-आधारित प्रवासन को समाप्त करने की आवश्यकता है। "जो लोग परिवार के सदस्यों के रूप में आते हैं और जो इस देश में कौशल-आधारित योगदान देते हैं, वे योग्यता आधारित आप्रवासी नहीं हैं । रामास्वामी ने फरवरी 2021 में रोइवंत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में पद छोड़ दिया, लेकिन जब उन्होंने अपने राष्ट्रपति अभियान की घोषणा की तब इस साल फरवरी तक कंपनी के निदेशक मंडल के अध्यक्ष बने रहे ।

घुसपैठियों के बच्चों को बाहर करेंगे रामास्वामी

रामास्वामी के प्रेस सचिव ट्रिसिया मैकलॉघलिन ने कहा कि एक नीति निर्माता की भूमिका "वह करना है जो समग्र रूप से देश के लिए सही है। यह प्रणाली टूट गई है और इसे ठीक करने की आवश्यकता है।" उन्होंने एक बयान में कहा, "विवेक का मानना ​​है कि अमेरिकी ऊर्जा क्षेत्र की देखरेख करने वाले नियम बुरी तरह ध्वस्त हुए हैं, लेकिन वह अभी भी पानी और बिजली का उपयोग करते हैं। 

रामास्वामी, जो स्वयं आप्रवासियों की संतान हैं, ने अपने प्रतिबंधवादी आप्रवासन नीति एजेंडे के लिए सुर्खियाँ बटोरी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह सीमा को सुरक्षित करने के लिए सैन्य बल का उपयोग करेंगे और बिना दस्तावेज वाले आप्रवासियों के अमेरिका में जन्मे बच्चों को निर्वासित करेंगे। एच-1बी वीजा की अत्यधिक मांग है और इन श्रमिकों की मांग लगातार बढ़ रही है।

अमेरिका प्रतिवर्ष देता है इतने एच1-बी वीजा

अमेरिका प्रतिवर्ष 65,000 एच-1बी वीजा देता है जो सभी के लिए खुला है और 20,000 उन्नत अमेरिकी डिग्री वाले लोगों के लिए है। जुलाई में, भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने भारतीय पेशेवरों द्वारा प्रतिष्ठित एच-1बी कार्य वीजा पर उच्च कुशल विदेशी श्रमिकों की वार्षिक संख्या को दोगुना करने का प्रस्ताव करते हुए एक विधेयक पेश किया।

 एच-1बी वीजा की संख्या को 65,000 से दोगुना कर 130,000 करने का भी प्रावधान है, ताकि महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों सहित अमेरिकी नियोक्ताओं को दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करने की अनुमति मिल सके। वर्तमान में, लगभग तीन-चौथाई एच-1बी वीजा भारतीय पेशेवरों को जारी किए जाते हैं।

मोहम्मद सिराज के आगे श्रीलंका ने टेके घुटने, एक ओवर में ही चार विकेट लेकर चमका भारतीय पेसर

डेस्क: भारत के स्टार पेसर मोहम्मद सिराज ने एशिया कप 2023 के फाइनल में अपने पहले तीन ओवर में ही श्रीलंका की कमर तोड़ दी। उन्होंने इस मुकाबले में शानदार शुरुआत की और पहला ओवर मेडन फेंक दिया। उसके बाद दूसरे ओवर में उन्होंने किया बड़ा कारनामा। इस गेंदबाज ने अपने दूसरे ओवर में श्रीलंका की कमर तोड़ दी। पहले ओवर में जसप्रीत बुमराह ने सफलता दिलाई थी। उसको बाद चौथे ओवर में मोहम्मद सिराज ने एक ही ओवर में चार विकेट लेकर आधी श्रीलंकाई टीम को निपटा दिया। फिर तीसरे ओवर में उन्होंने मेजबान कप्तान दसुन शनाका को आउट कर अपना वनडे करियर का पहला फाइव विकेट हॉल पूरा किया।

Image 2Image 3Image 4Image 5

कोलंबो का आर. प्रेमदासा स्टेडियम इस खिताबी मुकाबले में खचाखच भरा हुआ था। पर सिराज ने श्रीलंकाई फैंस के मंसूबों पर पानी फेरा और जबरदस्त गेंदबाजी का नमूना दिखाया। इसी के साथ पॉवरप्ले में यह टीम इंडिया का वनडे इतिहास में बेस्ट प्रदर्शन रहा। श्रीलंकाई टीम ने सोचा भी नहीं होगा कि फाइनल मुकाबला में उनके साथ इतना बड़ा खेल हो जाएगा। अब देखना होगा कि श्रीलंका इस तरह लड़खड़ाने के बाद कितनी आगे तक अपनी पारी को ले जाती है।

वनडे क्रिकेट के एक ओवर में 4 विकेट लेने वाले गेंदबाज

मोहम्मद सामी (पाकिस्तान) बनाम न्यूजीलैंड, 2003

चामिंडा वास (श्रीलंका) बनाम बांग्लादेश, 2003

आदिल रशीद (इंग्लैंड) बनाम वेस्टइंडीज, 2019

मोहम्मद सिराज (भारत) बनाम श्रीलंका, 2023 (इसी मैच में)

पहली बार झटके 5 विकेट

मोहम्मद सिराज ने अपने 29वें वनडे मुकाबले में पहली बार फाइव विकेट हॉल लिया। उन्होंने इससे पहले कभी ऐसा नहीं किया था। पर इस मैच में उन्होंने जिस तरह गेंदबाजी की ऐसे स्पेल वनडे क्रिकेट में 10-20 साल में एक बार ही दिखते हैं। इतना ही नहीं इस मैच से पहले सिराज के नाम 47 वनडे विकेट थे। अब पांच विकेट लेकर उन्होंने अपने 50 वनडे विकेटों का आंकड़ा भी पूरा कर लिया है।

21 मिनट में नई दिल्ली से यशोभूमि द्वारका सेक्टर- 25, PM मोदी ने नए मेट्रो रूट का किया उद्घाटन

Image 2Image 3Image 4Image 5

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने 73वें जन्मदिन के मौके पर बड़ी सौगात दी है। पीएम मोदी ने द्वारका सेक्टर- 21 से नए मेट्रो स्टेशन 'यशोभूमि द्वारका सेक्टर- 25' तक दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन (मेट्रो लाइन) के एक्सटेंशन का उद्घाटन किया। इस मेट्रो स्टेशन के उद्घाटन के साथ ही नई दिल्ली से द्वारका सेक्टर- 25 की यात्रा महज 21 मिनट में पूरी होगी। इस मेट्रो को एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन से भी जोड़ दिया जाएगा।

द्वारका में शहरी संपर्क बढ़ेगा

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने कहा, "इस नए विस्तारित खंड पर यात्री परिचालन रविवार दोपहर 3:00 बजे से शुरू किया जाएगा। इस खंड पर परिचालन शुरू होने से नई दिल्ली से यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25 तक एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन की कुल लंबाई 24.9 किलोमीटर हो जाएगी।" अधिकारियों ने कहा कि नया स्टेशन द्वारका में शहरी संपर्क बढ़ाएगा और केंद्रीय दिल्ली से इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICC) तक यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा। 

द्वारका सेक्टर- 21 तक थीं सेवाएं

अभी तक एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर मेट्रो सेवाएं द्वारका सेक्टर- 21 तक उपलब्ध थीं। यहां से दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन के लिए भी मेट्रो सेवा ली जाती है। नया स्टेशन द्वारका सेक्टर- 25 के आस-पास के निवासियों और पड़ोसी गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ नए सेक्टरों में भी मेट्रो संपर्क प्रदान करेगा। इस अंडरग्राउंड स्टेशन का निर्माण पारंपरिक कट-एंड-कवर टेक्नीक का इस्तेमाल कर किया गया है।

समयसीमा घटकर हो जाएगी कम

बता दें कि नई दिल्ली से यशोभूमि सेक्टर- 25 का सफर में करीब 21 मिनट का समय लगेगा। अधिकारियों ने कहा कि पहले एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के जरिए नई दिल्ली से द्वारका सेक्टर- 21 के बीच की दूरी तय करने में करीब 22 मिनट का समय लगता था। अब ये समयसीमा घटकर सिर्फ 19 मिनट रह जाएगी।

यहां खुला भारत का पहला ट्रांसजेंडर OPD, पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर मिला खास तोहफा

Image 2Image 3Image 4Image 5

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर ट्रांसजेडर समुदाय के लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। राजधानी दिल्ली में स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रविवार से ट्रांसजेंड समुदाय के लिए ओपीडी सेवाओं की शुरुआत की गई है। साथ ही रविवार को एक ब्लड कैंप का भी आयोजन किया गया। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ। शुक्ला ने शुक्रवार को इस बाबत कहा था कि विशेष ओपीडी सेवा हर शुक्रवार की दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए उपलब्ध रहेगी। साथ ही इसके लिए एक अलग रजिस्ट्रेशन काउंटर भी रहेगा। 

ट्रांसजेंडरों के लिए पहली बार ओपीडी की सुविधा

जानकारी के मुताबिक ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए यहां हार्मोन विश्लेषण, मुफ्त हॉर्मोनल इलाज, एंड्रोक्रिनोलॉजी, मनोचिकित्सा, प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा ओपीडी में उपलब्ध रहेगी। साथ ही त्वचा विज्ञान, मूत्रविज्ञान, बाल चिकित्सा व बल्ड टेस्ट सेवाएं ओपीडी में उपलब्ध रहेंगी। बता दें कि आज पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा आज से 'सेवा पखवाड़ा' शुरू किया गया है। इसके जरिए कई कल्याणकारी पहलों के साथ समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंच बनाने का प्रयास किया जाएगा। यह पखवाड़ा 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। 

पीएम मोदी ने यशोभूमि का किया उद्घाटन

वहीं विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनकी महत्वकांक्षी योजना पीएम विश्वकर्मा योजना लॉन्च की जाएगी। इसके जरिए कारीगरों और शिल्पकारों को ट्रेनिंग दी जाएगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने आज धौला कुआं मेट्रो से सफर किया। उन्होंने यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 मेट्रो स्टेशन का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया जिसे 5400 करोड़ की लागत से बनाया गया है। बता दें कि यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर दुनिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर है। वहीं यशोभूमि मेट्रो स्टेशन को तैयार करने में 940 करोड़ रुपये का खर्च आया है।

चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएगा उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग, डिजिटल संसाधनों की भी ली जाएगी

Image 2Image 3Image 4Image 5

चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग और विश फाउंडेशन के बीच शुक्रवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। अनुबंध के अनुसार, चिकित्सा क्षेत्र में आधुनिक प्रौद्योगिकी और डिजिटल संसाधनों का इस्तेमाल कर तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी।

बताया, फाउंडेशन की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं का रोडमैप तैयार किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अगुवाई में हुए समझौते पर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह और विश फाउंडेशन के सीईओ पूर्व आईएएस डॉ. राकेश कुमार ने हस्ताक्षर किए। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लगातार प्रयास कर रही है।

डिजिटल संसाधनों से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग और विश फाउंडेशन के बीच स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत एवं गुणवत्ता प्रदान करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। अनुबंध के अनुसार, नवीन मॉडलों का उपयोग कर सुलभ प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली विकसित कर चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों और आसपास के लोगों को आधुनिक प्रौद्योगिकी एवं डिजिटल संसाधनों से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

इसके अलावा चारधाम यात्रा में तैनात डॉक्टरों, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टॉफ को आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह, विश फाउंडेशन के सीईओ पूर्व आईएएस डॉ. राकेश कुमार ने हस्ताक्षर किए हैं।

अफगानिस्तान में पुरुष भी नहीं पहन सकेंगे तंग और चुस्त कपड़े, तालिबान सरकार का नया फरमान जारी

Image 2Image 3Image 4Image 5

डेस्क: अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान महिलाओं पर अब तक कई तरह की सख्त पाबंदियां लगा चुका है। तालिबना सरकार ने अब अपने एक नए फरमान में महिला-पुरुषों के तंग कपड़े पहनने पर पाबंदी लगा दी है। सरकार ने कहा कि इस तरीके के कपड़े पहनना अफगानिस्तान संस्कृति के खिलाफ हैं। ये प्रतिबंध अफगानिस्तान के बामियान में लगाए गए हैं। तालिबान प्रशासन ने वहां के दुकानदारों को तंग और पतले कपड़े हटाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ये शरिया और अफगानी संस्कृति के विपरीत है।

तंग, पतले और छोटे कपड़े न पहनने का आदेश 

सदाचार विभाग ने इसे पश्चिमी संस्कृति की नकल बताते हुए प्रांत के नागरिकों को तंग, पतले और छोटे कपड़े न पहनने का आदेश दिया। अफगानिस्तान के सदाचार विभाग ने कहा कि हम मुस्लिम हैं और हमारी संस्कृति इस्लामी है। हमें ऐसे कपड़े आयात करने चाहिए, जो अफगान संस्कृति और परंपरा के अनुरूप हो। उन्होंने पश्चिमी शैली के कपड़ों के आयात न करने की सलाह दी है। सदाचार विभाग के प्रमुख महमूदुल हसन मंसूरी ने कहा कि इस तरह के कपड़े हमारी संस्कृति के खिलाफ हैं, इसलिए इन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। 

"फैसले से खुश, क्योंकि हम सभी मुस्लिम हैं"

विभाग के इस फैसले का कुछ सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं ने स्वागत करते हुए कहा कि बामियान में महिलाएं पहले से ही हिजाब का पालन कर रही हैं। सांस्कृतिक कार्यकर्ता ज़ैनब सदात ने कहा, "हम महिलाओं ने हमेशा हिजाब का पालन किया है और यह हमारी इस्लामी ज़िम्मेदारी है।" इस बीच, कुछ दुकानदारों ने कहा कि उन्हें अपनी दुकानों से पतले और चुस्त कपड़े हटाने का आदेश दिया गया है। एक दुकानदार अली रिज़ा ने कहा, "उन्होंने हमें छोटे, तंग और पतले कपड़े आयात न करने का निर्देश दिया है। हम इस फैसले से खुश हैं, क्योंकि हम सभी मुस्लिम हैं।"

पाबंदी में 60,000 महिलाओं ने खो दी नौकरी

बता दें कि कुछ दिनों पहले संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट ने तालिबान से अफगानिस्तान की महिलाओं पर से सख्त पाबंदी हटाने और उन्हें काम करने व बिजनेस चलाने की इजाजत देने को कहा था। 13 सितंबर को मानवाधिकार परिषद के 54वें नियमित सत्र में बोलते हुए बेनेट ने कहा कि अंतरिम अफगान सरकार की हालिया पाबंदियों की वजह से 60,000 महिलाओं ने अपनी नौकरियां खो दी हैं।

जम्मू कश्मीर में आतंकियों को 'जहन्नुम' भेजने का सिलसिला जारी, बारामुल्ला में सेना ने लश्कर के दो दहशतगर्दों को किया ढेर

Image 2Image 3Image 4Image 5

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में आज यानि शनिवार (16 सितंबर) की सुबह हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया है। उरी में नियंत्रण रेखा के पास अभी भी आतंकवाद विरोधी अभियान जारी है। कश्मीर पुलिस ज़ोन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि, "बारामूला जिले के उरी, हथलंगा के आगे के इलाके में आतंकवादियों और सेना और बारामूला पुलिस के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है।" बाद में बताया गया कि ऑपरेशन में दो आतंकवादी मारे गए।

पुलिस ने कहा, आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी। यह बारामूला जिले में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकी मॉड्यूल का खुलासा होने के एक दिन बाद आया है, जिसमें दो आतंकवादी सहयोगियों की गिरफ्तारी और उनके पास से हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी हुई है। एक पुलिस प्रवक्ता ने दोनों की पहचान मीर साहिब बारामूला के रहने वाले ज़ैद हसन मल्ला और स्टेडियम कॉलोनी बारामूला के मोहम्मद आरिफ चन्ना के रूप में की थी। प्रवक्ता ने कहा कि, "वे पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं के इशारे पर सीमा पार से हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लश्कर के आतंकवादियों को इसके वितरण में शामिल थे।" इस बीच, अनंतनाग जिले में पहाड़ी इलाके में वन क्षेत्र में मोर्चा संभाले आतंकवादियों को मार गिराने के लिए एक अभियान चल रहा है। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के स्थान का पता लगाने के लिए ड्रोन तैनात किए हैं, क्योंकि आतंकियों को बाहर निकालने का अभियान शनिवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कश्मीर) विजय कुमार ने कहा कि ऑपरेशन विशिष्ट इनपुट के आधार पर शुरू किया गया था और फंसे हुए दो से तीन आतंकवादियों को मार गिराया जाएगा। उन्होंने सेवानिवृत्त पुलिस और सेना अधिकारियों को भी मीडिया में घात की परिकल्पना को बढ़ावा देने से बचने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि, "सेवानिवृत्त पुलिस/सेना अधिकारियों को 'घात परिकल्पना' से बचना चाहिए। यह एक विशिष्ट इनपुट-आधारित ऑपरेशन है। ऑपरेशन प्रगति पर है और सभी 2-3 फंसे हुए आतंकवादियों को मार गिराया जाएगा।" शुक्रवार को एक और सैनिक शहीद हो गया था, जिससे बलिदान होने वालों की संख्या चार हो गई। सेना ने अभी तक ऑपरेशन में चौथे कर्मी की मौत की पुष्टि नहीं की है। बुधवार को 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, उसी बटालियन के मेजर आशीष धोंचक और डीएसपी हुमायूं मुजामिल भट शहीद हो गए थे।

महादेव ऐप केस में ED के रडार पर सनी, कृष्णा, टाइगर समेत बॉलीवुड की कई हस्तियां, गंभीर हैं आरोप

Image 2Image 3Image 4Image 5

डेस्क: महादेव ऐप केस कई बॉलीवुड हस्तियां प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जांच के दायरे में हैं। जिन्हें जल्दी ही समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। मनी लॉन्ड्रिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी में इस्तेमाल हुए महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की फरवरी में यूएई में शादी हुई थी। फरार आरोपी सौरभ चंद्राकर की शादी में 200 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च किए गए। शादी के कुछ विडियो जांच एजेंसी ईडी को मिले हैं। जिसमें बॉलीवुड और पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री की कई हस्तियां दिख रही हैं।

भगौड़ा है सौरभ चंद्राकर

FPJ की रिपोर्ट के मुताबिक, सौरभ चंद्राकर और उसका सहयोगी रवि उप्पल भारत में मोस्ट वांटेड आरोपी हैं। दोनों के दाऊद इब्राहिम के साथ रिश्ते होने का भी शक है। चंद्राकर पर दुबई से अपना महादेव ऑनलाइन ऐप चलाने के आरोप हैं। सौरभ चंद्राकर ने फरवरी 2023 में दुबई में छत्तीसगढ़ की एक महिला से शादी की। शादी के बाद भव्य रिसेप्शन रखा गया, जिसमें कई मशहूर हस्तियों ने भाग लिया। इन फिल्मी हस्तियों को दिया गया पैसा ईडी की जांच के दायरे में हैं।

दुबई में सौरभ की शादी में विशाल ददलानी, टाइगर श्रॉफ, नेहा कक्कड़, एली अवराम, भारती सिंह, सनी लियोन, भाग्यश्री, पुलकित सम्राट, कृति खबंदा, नुसरत भरुच, कृष्णा अभिषेक, अली असगर के शामिल होने की बात सामने आई है। पाकिस्तान से आतिफ असलम और राहत फतेह अली खान इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। ईडी को शक है कि इन लोगों को कैश में मोटी रकम दी गई। ईडी ने इन हस्तियों को किए गए भुगतान की जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि एजेंसी ईडी इन हस्तियों को जल्दी ही पूछताछ के लिए बुला सकती है।

*‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर बनी कमेटी की पहली बैठक 23 सितंबर को, जानें क्या होगा फायदा, कहां आएंगी अड़चने*

#onenationoneelectioncommitteefirstmeetingwillheldon23_september

Image 2Image 3Image 4Image 5

देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर चर्चा लगातार हो रही है।इसी बीच केंद्र सरकार ने देश में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे को लेकर बीते दिनों पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित कर दी है।ये अमेटी एक साथ चुनाव कराने के लिए रूपरेखा तय करेगी। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की संभावनाओं को लेकर बनाई गई समिति की पहली बैठक 23 सितंबर को होने जा रही है।कमेटी के चेयरमैन और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कहना है कि कमेटी की पहली बैठक 23 सितंबर को होगी। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान उन्होंने इसकी पुष्टि की।

इससे पहले तीन सितंबर को समिति के अध्यक्ष को शीर्ष अधिकारियों ने प्रारंभिक जानकारी दी थी। केंद्रीय कानून मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। कोविंद लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, स्थानीय निकायों के एक साथ चुनाव कराने की संभावना पर और इस सिलसिले में सिफारिशों के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष हैं।कमेटी में अध्यक्ष के अलावा 7 अन्य सदस्यों में अमित शाह, अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी शामिल होंगे।केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आमंत्रित अतिथि के रूप में बैठक में हिस्सा लेंगे। कानूनी मामलों के विभाग के सचिव नितेन चन्द्र उच्च स्तरीय समिति के सचिव के रूप में जिम्मेदारी निभाएंगे। हालांकि, अधीर रंजन चौधरी ने खत लिखकर समिति का हिस्सा होने से इनकार कर दिया था।

विशेष सत्र में केन्द्र सरकार ला सकती है प्रस्ताव

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ को लेकर ये अटकले लगाई जा रही हैं कि मोदी सरकार 18 सितंबर से बुलाए गए विशेष सत्र में इससे जुड़े बिल का प्रस्ताव ला सकती है।गत 11 अगस्त को संसद का मासून सत्र सम्पन्न हो जाने के बावजूद केन्द्र सरकार का अचानक 18 से 22 सितम्बर तक संसद का विशेष-सत्र बुलाना एक बड़े राजनीतिक धमाके का स्पष्ट संकेत है। 

संवैधानिक अड़चनें कम नहीं

लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने में संवैधानिक प्रावधानों की सबसे बड़ी चुनौती है। भारत के संविधान राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर एक साथ चुनाव का प्रावधान नहीं है। इस विचार को सक्षम करने के लिए संविधान में संशोधन के लिए महत्वपूर्ण राजनीतिक सहमति और एक लंबी प्रक्रिया की आवश्यकता होगी। राज्य विधान सभाओं और लोकसभा के लिए निश्चित शर्तें समकालिक नहीं हैं।इन शर्तों के समन्वय के लिए दोनों स्तरों पर संवैधानिक संशोधन और कानूनी बदलाव की आवश्यकता होगी। संविधान के जानकारों के अनुसार इसके लिए कम से कम संविधान के 5 अनुच्छेदों में संशोधन करना पड़ेगा, जिनमें अनुच्छेद 83, 85, 172, 174 और 175 शामिल हैं।

विधानसभाओं का कार्यकाल घटाना या बढ़ाना पड़ सकता है

साथ ही कुछ राज्यों की विधानसभाओं को भी भंग करना पड़ सकता है या फिर कुछ विधानसभाओं का कार्यकाल कुछ समय के लिए बढ़ाना पड़ सकता है। किसी भी सदन के भंग होने पर उसका कार्यकाल कम किया जा सकता है, जो तब हो सकता है जब सरकार इस्तीफा दे देती है। जबकि कार्यकाल को बढ़ाने के लिए संविधान में एक महत्वपूर्ण संसोधन की जरूरत होगी। इन प्रावधानों में संशोधन के लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। हालांकि इस संभावित संशोधन के लिए आधे राज्यों के समर्थन की जरूरत नहीं हो सकती है, लेकिन अगर विधानसभाओं को समय से पहले भंग करने पर विचार किया जाता है, तो सभी राज्यों की सहमति जरूरी होगी। संविधान का अनुच्छेद 356 किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रावधान करता है, जो किसी राज्य में चुनाव में देरी का एक दुर्लभ अपवाद है।हालांकि राष्ट्रपति इस शक्ति का प्रयोग राज्यपाल की सिफारिश पर तभी कर सकते हैं जब राज्य में ‘संवैधानिक मशीनरी खराब’ हो। इसमें भी संशोधन की जरूरत पड़ सकती है।

त्रिशंकु विधानसभा जैसे कई संकट

चुनाव के बाद भी कई गंभीर मुद्दे सामने आ सकते हैं। जब कोई भी पार्टी चुनाव में बहुमत हासिल करने में विफल रहती है, तो त्रिशंकु विधानसभा की संभावना हो सकती है। ऐसे में समय से पहले चुनाव होने की भी संभावना होती है। उदाहरण के लिए दिल्ली में 2015 में समय से पहले चुनाव हुए थे। तब 2014 में कांग्रेस पार्टी के अपना समर्थन वापस लेने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार अपने कार्यकाल के 49 दिन बाद ही गिर गई थी। दसवीं अनुसूची के तहत दलबदल भी तय समय के बीच चुनाव कराए जाने के प्रमुख कारणों में एक है। जब कोई निर्वाचित सदस्य अपनी पार्टी बदलता है, तो वह नए सिरे से चुनाव लड़ सकता है और फिर से सदन में प्रवेश कर सकता है।

क्या फायदा होगा?

एक राष्ट्र, एक चुनाव के समर्थन में तर्क दिया जा रहा है कि इससे चुनाव पर होने वाले खर्च में कमी आएगी। रिपोर्टों के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनावों में 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इस राशि में चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों द्वारा खर्च की गई राशि और चुनाव आयोग ऑफ इंडिया (ECI) द्वारा चुनाव कराने में खर्च की गई राशि शामिल है। वहीं, 1951-1952 में हुए लोकसभा चुनाव में 11 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। इस संबंध में लॉ कमीशन का कहना था कि अगर 2019 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाते हैं तो 4,500 करोड़ का खर्चा बढ़ेगा। ये खर्चा ईवीएम की खरीद पर होगा लेकिन 2024 में साथ चुनाव कराने पर 1,751 करोड़ का खर्चा बढ़ेगा। इस तरह धीरे-धीरे ये अतिरिक्त खर्च भी कम होता जाएगा।

*कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है निपाह वायरस, खौफ, केरल में बढ़ा संक्रमण का खतरा, कर्नाटक-तमिलनाडु में भी अलर्ट*

#fearofnipahvirusin_kerala

Image 2Image 3Image 4Image 5

देश में एक बार फिर वायरस का खतरा पैदा हो गया है।केरल में निपाह वायरस ने फिर से दस्तक दी है। ताजा प्रकोप में छह मरीजों की पहचान हुई और दो मरीजों की मौत हो गई। राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक अलर्ट पर है।यहां निपाह वायरस के बढ़ते मामलों के कारण लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा, संक्रमण का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है, सुरक्षात्मक रूप से सभी लोगों को बचाव के लिए प्रयास करते रहने की आवश्यकता है। वायरस के प्रसार का जिस तरह से अलग-अलग जिलों में भी बढ़ने का जोखिम देखा जा रहा है, इस खतरे को देखते हुए आसपास के राज्यों की भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है। 

कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है निपाह वायरस

निपाह वायरस की पहचान, मरीजों के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन करना और उन्हें आइसोलेट करना, कुछ ऐसे तरीके हैं जिससे इस वायरस को काबू किया जा सकता है। ठीक कोरोना वायरस संक्रमण की तरह। लोगों के एक-दूसरे के संपर्क में आने से वायरस फैलता है। राहत की बात यह है कि निपाह वायरस के संक्रमण की रफ्तार कोरोनावायरस की तुलना में काफी कम होती है और यह केवल तभी फैल सकता है जब आप संक्रमित मरीज के बॉडी फ्लूइड , जैसे कि खून सलाइवा या मल मूत्र के संपर्क में आ जाएं या फिर बहुत लंबे समय तक ऐसे मरीज के बेहद नजदीक रहे हों हालांकि, इसकी मृत्यु दर कोरोना के 2-3 फीसदी के मुकाबले 40-70 फीसदी है। खतरे को ध्यान में रखते हुए बीते दिन शुक्रवार को जुमे की नमाज मस्जिदों में नहीं हुई। एक-दूसरे के संपर्क में आने से वायरस के फैलने का खतरा है।

कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थान 24 सितंबर तक बंद

निपाह वायरस को देखते हुए कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थानों को अगले रविवार यानी 24 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। इसमें स्कूल, प्रोफेशनल कॉलेज और ट्यूशन सेंटर्स शामिल हैं। कोझिकोड जिला प्रशासन के मुताबिक पूरे सप्ताह सभी शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन क्लास करवाई जा सकती है। इस बाबत केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को बताया कि अबतक निपाह वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों की संख्या बढ़कर 1080 पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि इनमें से 130 नए लोगों को शुक्रवार के दिन लिस्ट में शामिल किया गया है। संक्रमितों से संपर्क में आए सभी 1080 लोगों में से 327 लोग हेल्थ वर्कर्स हैं।

पड़ोसी राज्य हुए अलर्ट

केरल में बढ़ते संक्रमण के जोखिमों को देखते हुए पड़ोसी राज्य भी अलर्ट हो गए हैं। पड़ोसी राज्य में निपाह के प्रकोप के बाद कर्नाटक सरकार ने दिशानिर्देश जारी करके केरल के प्रभावित क्षेत्रों की अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। राज्य सरकार ने सीमाई जिलों कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर के स्वास्थ्य विभाग से सर्विलांस बढ़ाने कहा है। पड़ोसी राज्य से आने वाले लोगों की जांच करने कहा गया है, ताकि राज्य में निपाह की एंट्री को रोका जा सके।

क्या होता है निपाह वायरस

निपाह वायरस चमगादड़ों और सुअर के जरिए इंसानों में फैल सकता है। जानवरों से इंसानों में होने वाली बीमारी को ज़ूनोटिक डिजीज कहा जाता है। लिहाजा निपाह वायरस zoonotic disease की कैटेगरी में आता है। निपाह वायरस बुखार की तरह आता है। कई लोगों को शुरुआत में कोई लक्षण नहीं होते, केवल सांस लेने में दिक्कत होती है। सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी भी हो सकती है। लेकिन लंबे समय तक मरीज में ये इंफेक्शन रह जाए तो एन्सेफिलाइटिस यानी दिमागी बुखार में बदल जाता है और जानलेवा हो सकता है।