मदरसों के विकास के लिए पूरा सहयोग करेगा राजभवन, वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर देश एवं दुनिया के समक्ष पेश करें उदाहरण : राज्यपाल
डेस्क : खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी, पटना में आयोजित ‘मदरसा सिस्टम-संपत्ति ना कि दायित्व’ विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उद्घाटन किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर निदेशक डॉ. शायेस्ता बेदार द्वारा संकलित पुस्तक ‘मदन एसासिनेटेड’ के भाग- क एवं भाग- क का विमोचन किया। साथ ही उन्होंने खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी, पटना में परिश्रम और लगन से काम करने वाले कर्मियों एवं दाराशिकोह पुरस्कार के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि मदरसा व्यवस्था पारंपरिक शिक्षा पद्धति है। बिहार के मदरसों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर देश एवं दुनिया के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। मदरसों में आईटी, कंप्यूटर आदि की भी पढ़ाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार के मदरसों को देश के सामने उदाहरण बनना चाहिए तथा वहां दी जानेवाली अच्छी शिक्षा एवं समाज और देश के हित में की जानेवाली गतिविधियों से सबको अवगत कराया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि मदरसों के विकास के लिए राजभवन पूरा सहयोग देगा। इस सेमिनार की रिपोर्ट मुझे भी दीजिएगा। पटना की खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी बिहार की शान और देश की संपत्ति है। यहां की किताबें हमारी संस्कृति को प्रतिबिम्बित करती हैं। इस पुस्तकालय ने विश्व को भारत की विशेषताओं से अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि हमारा देश अनेक वर्षों से पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करता रहा है। यहां के लोग दूसरे देशों में अपने विचारों और विशेषताओं को लेकर गए हैं। उनके आचरण एवं संस्कार से ही पता चलता है कि वे भारतीय हैं।
कार्यक्रम में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू, लाइब्रेरी की निदेशक डॉ. शायेस्ता बेदार, डॉ. ए हई, हसन वारिश अनिल विभाकर आदि उपस्थित थे।
Sep 12 2023, 10:32