मध्यप्रदेश के शहडोल अस्पताल की दीवार पर बनवाई भगवान शिव की पेंटिंग, पढ़िए, इसमें चौंकाने वाली ये है वजह

मध्य प्रदेश के शहडोल में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कुशाभाऊ ठाकरे चिकित्सालय प्रबंधन ने चिकित्सालय परिसर के एक हिस्से को गंदगी से बचाने के लिए दीवार पर भगवान महादेव की पेंटिंग बना दी। तत्पश्चात, इस पेंटिंग पर हंगामा मच गया। लोगों ने स्वच्छता के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं के इस प्रकार इस्तेमाल पर नाराजगी जताई। मामले में स्थानीय लोगों ने कई बार जिला चिकित्सालय प्रबंधन को भगवान शिव की पेंटिंग हटाने के लिए कहा। किन्तु, चिकित्सालय प्रबंधन इस पर किसी बात का जवाब नहीं दिया तथा बात को टालता रहा।

वही लोगों की निरंतर आपत्ति के पश्चात् भी जब चिकित्सालय प्रबंधन ने भगवान शिव की पेंटिंग को नहीं हटाया, तो स्थानीय युवाओं ने स्वयं ही उसपर सफेद पेंट से पुताई कर दी। वहीं, आसपास के लोगों ने कहा कि देश भर में कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां संस्थानों ने अपने परिसर को गंदगी से बचाने के लिए हिंदू देवी-देवताओं का उपयोग करते हैं।

लोगों का ये भी कहना था कि देखा जाता है कि कहीं दीवारों पर देवी देवताओं की टाइल्स लगाते, तो कहीं पेंटिंग बनाने के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे स्थानों को गंदगी से बचाने हिंदू देवी-देवताओं के इस्तेमाल पर कई बार बवाल भी मचता रहा है। वहीं, मामले में चिकित्सालय प्रबंधन से बात करनी चाही, तो अफसर जवाब देने से बचते रहे।

मध्यप्रदेश के शहडोल अस्पताल की दीवार पर बनवाई भगवान शिव की पेंटिंग, पढ़िए, इसमें चौंकाने वाली ये है वजह

मध्य प्रदेश के शहडोल में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कुशाभाऊ ठाकरे चिकित्सालय प्रबंधन ने चिकित्सालय परिसर के एक हिस्से को गंदगी से बचाने के लिए दीवार पर भगवान महादेव की पेंटिंग बना दी। तत्पश्चात, इस पेंटिंग पर हंगामा मच गया। लोगों ने स्वच्छता के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं के इस प्रकार इस्तेमाल पर नाराजगी जताई। मामले में स्थानीय लोगों ने कई बार जिला चिकित्सालय प्रबंधन को भगवान शिव की पेंटिंग हटाने के लिए कहा। किन्तु, चिकित्सालय प्रबंधन इस पर किसी बात का जवाब नहीं दिया तथा बात को टालता रहा।

वही लोगों की निरंतर आपत्ति के पश्चात् भी जब चिकित्सालय प्रबंधन ने भगवान शिव की पेंटिंग को नहीं हटाया, तो स्थानीय युवाओं ने स्वयं ही उसपर सफेद पेंट से पुताई कर दी। वहीं, आसपास के लोगों ने कहा कि देश भर में कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां संस्थानों ने अपने परिसर को गंदगी से बचाने के लिए हिंदू देवी-देवताओं का उपयोग करते हैं।

लोगों का ये भी कहना था कि देखा जाता है कि कहीं दीवारों पर देवी देवताओं की टाइल्स लगाते, तो कहीं पेंटिंग बनाने के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे स्थानों को गंदगी से बचाने हिंदू देवी-देवताओं के इस्तेमाल पर कई बार बवाल भी मचता रहा है। वहीं, मामले में चिकित्सालय प्रबंधन से बात करनी चाही, तो अफसर जवाब देने से बचते रहे।

मध्य मोरक्को में भीषण भूकंप से 296 लोगों की मौत, कई इमारतें जमींदोज़, भारत के पीएम मोदी ने जताई संवेदना, बढ़ाया मदद का हाथ

मध्य मोरक्को में शुक्रवार देर रात 6.8 तीव्रता का बहुत तेज़ भूकंप आया। इस आपदा में 296 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। भूकंप से मुख्यतः ग्रामीण इलाकों में नुकसान हुआ, शहरों में नहीं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप को लेकर दुख जताया है. उन्होंने मोरक्को के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और मदद की पेशकश की। उन्होंने कहा कि उन्हें लोगों की जान जाने का गहरा दुख है और उम्मीद है कि घायल जल्द ही ठीक हो जाएंगे।

रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समयानुसार भूकंप रात 11:11 बजे आया और कई सेकंड तक चला। यह एक शक्तिशाली भूकंप था। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि यह 6.8 तीव्रता का भूकंप था, जबकि मोरक्को की निगरानी एजेंसी ने रिक्टर पैमाने पर इसे 7 तीव्रता पर मापा। लगभग 19 मिनट बाद एक छोटा झटका भी आया। बता दें कि, उत्तरी अफ़्रीका में भूकंप आम नहीं हैं, लेकिन मोरक्को में 1960 में एक बड़ा भूकंप आया था, जिससे बहुत सारी मौतें हुईं। इस बार, भूकंप एटलस पर्वत में था, जो माराकेच और ओकाइमेडेन नामक प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट से ज्यादा दूर नहीं था।

USGS के अनुसार भूकंप का केंद्र, लगभग 18 किलोमीटर (11 मील) और मोरक्को की एजेंसी के अनुसार 8 किलोमीटर (5 मील) जमीन के नीचे था। भूकंप के झटके पुर्तगाल और अल्जीरिया में भी महसूस किए गए, जो मोरक्को से काफी दूर हैं। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो में इमारतें ढहती हुई और लोग इमारतों से बाहर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह कई लोगों के लिए डरावना अनुभव था। मोरक्को के एक शहर मराकेश में कुछ इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और लोग डर गए। वे बाहर रुके रहे क्योंकि उन्हें और अधिक भूकंपों की चिंता थी। अभी तक, क्षति की पूरी सीमा और हताहतों की संख्या के बारे में अधिक जानकारी नहीं है क्योंकि मोरक्को सरकार ने अभी तक सभी विवरण साझा नहीं किए हैं।

कोणार्क चक्र के सामने पीएम मोदी ने किया वर्ल्ड लीडर्स का स्वागत, बाइडन को बताया इसका महत्व

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-20 के लिए भारत मंडपम में विदेशी मेहमानों का स्वागत किया। पीएम यहां स्वागत स्थल पर अलग-अलग राष्ट्राध्यक्षों से गर्मजोशी से मिले। पीएम मोदी जिस जगह मेहमानों का स्वागत कर रहे थे, वहां बैकग्राउंड में कोणार्क मंदिर का सूर्य चक्र बना हुआ था। इससे आयोजन स्थल की खूबसूरती में तो इजाफा हो ही रहा है, साथ ही दुनिया को भारत की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक विरासतों के बारे में भी जानने का मौका मिल रहा है।

बाइडन को बताया सूर्य चक्र का महत्व बताया

प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मेहमानों का भारत मंडपम में स्वागत किया। लेकिन जब जो बाइडन ने एंट्री ली जो नजारा कुछ और ही था। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया, गले मिले। दोनों के बीच बातचीत हो ही रही थी कि बाइडन का ध्यान बैकग्राउंड में लगी पेंटिंग पर गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीछे मुड़कर बाइडन को पेंटिंग में बने ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर और सूर्य चक्र के बारे में बताया। बाइडन भी पीएम मोदी की बात सुनते रहे और सूर्य चक्र के बारे में समझते रहे।

13वीं शताब्दी में कोणार्क चक्र का निर्माण

इस कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल के दौरान किया गया था। ओडिशा के कोणार्क में बने सूर्य मंदिर में ये चक्र बना हुआ है। ये चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, सभ्यता और वास्तुशिल्प की श्रेष्ठता का प्रतीक है। कोणार्क चक्र का घूमना समय, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है। यह लोकतंत्र के पहिए के शक्तिशाली प्रतीक के रूप में भी काम करता है। ये लोकतांत्रिक आदर्श और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

क्या है महत्व?

पहिए में 8 चौड़ी तीलियां और 8 पतली तीलियां हैं। मंदिर में 24 (12 जोड़े) पहिए हैं। ये सूर्य रथ के पहियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। 8 तीलियां दिन के 8 प्रहर के बारे में बताती हैं। माना जाता है कि इसका उपयोग कर सूर्य की स्थिति के आधार पर समय की गणना की जाती है। पहिए का आकार 9 फीट 9 इंच का है। ये भी माना जाता है कि 12 जोड़ी पहिए साल के 12 महीनों को दर्शाते हैं और 24 पहिए दिन के 24 घंटों को दर्शाते हैं।

अफ्रीकन यूनियन बना जी20 का स्थायी सदस्य, पीएम मोदी की पहल पर सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से किया स्वागत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन का आगाज भारत मंडपम में हो चुका है।समिट का उद्घाटन करते हुए पीएम ने इसके बाद अफ्रीकी यूनियन को जी20 ग्रुप में शामिल किए जाने का ऐलान किया। यूनियन के अध्यक्ष को गले लगाकर उन्हें बधाई भी दी। प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से अफ्रीकी संघ का जी20 में स्वागत किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि आप सभी की सहमति के साथ आज से अफ्रीकी यूनियन जी20 का स्थायी सदस्य बनने जा रहा है। उनके इस ऐलान के साथ ही तमाम नेताओं ने तालिया बजाई। विदेश मंत्री एस जयशंकर अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष अजाली असौमनी को साथ लेकर आए और पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाकर इसके लिए बधाई दी।

अफ्रीकी यूनियन में 55 देश शामिल हैं। पीएम मोदी ने 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाए जाने को लेकर शिखर सम्मेलन से 3 महीने पहले चिट्ठी लिखी थी। अब अफ्रीकी यूनियन सथायी तौर पर जी20 में शामिल हो गया है। यह एक तरह से वैश्विक मंच पर भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।

जी-20 समिटःभारत मंडपम में जुटे दुनियाभर के नेता, उद्घाटन भाषण में पीएम मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास मंत्र को बताया दुनिया का पथ प्र

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देश की राजधानी दिल्ली में जी-20 समिट का आगाज हो गया है। पीएम मोदी ने इस समिट का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने समिट का उद्घाटन करते हुए संबोधन दिया।इस दौरान उन्होंने जी 20 के के मंच से सबको साथ लेकर चलने की बात की। पीएम मोदी ने इस समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि मैं पूरी दुनिया की तरफ से मोरक्को में आए भूकंप से हुई जनहानि के लिए दुखी हूं और मेरी संवेदनाएं वहां के लोगों के साथ हैं। भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में पूरा विश्व मोरक्को के साथ है। पीएम मोदी ने कहा, भारत इस समिट में मौजूद दुनिया के सभी राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत करता है। 

दुनिया को दिया सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास का मंत्र

कोविड 19 के बाद विश्व में बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने ट्रस्ट डेफिसिट को और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो आपसी अविश्वास के तौर पर आए संकट को भी हरा सकते हैं। हम सब मिलकर ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को एक विश्वास और एक भरोसे में बदलें। ये सबको साथ मिलकर चलने का समय है। सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास का मंत्र हम सब के लिए पथ प्रदर्शक बन सकता है। 

सालों पुरानी चुनौतियां हमसे नये समाधान मांग रही-पीएम मोदी

समिट को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, यहां से कुछ किलोमीटर की दूरी पर लगभग ढ़ाई हजार साल पुराना एक स्तंभ लगा हुआ है जिस पर प्राकृत भाषा में लिखा हुआ है कि हेवं लोकश:हित मुखेति, अथ: इयं नातेशु हेवं अर्थात मानवता का हित और उसका कल्याण सुनिश्चित हो। ढाई हजार साल पहले भारत की इसी भूमि से यह संदेश पूरी दुनिया को दिया था। 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला समय हैष यह वह समय है जब सालों पुरानी चुनौतियां हमसे नये समाधान मांग रही हैं।

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू गिरफ्तार, मुख्यमंत्री रहते भ्रष्टाचार के आरोप में सीआईडी की कार्रवाई

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तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार किया गया है। टीडीपी ने इस बारे में जानकारी दी है। भ्रष्टाचार के मामले में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने शनिवार (9 सितम्बर) सुबह नायडू के खिलाफ कार्रवाई की। पूर्व सीएम पर स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन घोटाले का केस चल रहा है। नायडू के खिलाफ 2021 में मामला दर्ज किया गया था।

सीआईडी) ने टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वारंट जारी होने के कुछ ही देर बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जिस समय उन्हें पकड़ा गया उस समय चंद्रबाबू नंदयाला में बस में ठहरे थे। बस से उतरने के बाद पुलिस ने उनसे बातचीत की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। नंद्याल रेंज के डीआइजी रघुरामी रेड्डी और सीआईड के नेतृत्व में पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी। तड़के करीब 3 बजे शहर के आरके फंक्शन हॉल के पास उन्हें हिरासत में लिया गया।

नायडू के बेटे नारा लोकेश हिरासत में

समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया है कि चंद्रबाबू नायडू के बेटे और टीडीपी नेता नारा लोकेश को पूर्वी गोदावरी जिले में पुलिस ने हिरासत में लिया है। टीडीपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लोकेश का वीडियो भी जारी करते हुए बताया है कि पुलिस ने उन्हें (लोकेश) चंद्रबाबू नायडू से मिलने जाने से रोक दिया।

क्या है मामला?

चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलपमेंट स्कैम (एपीएसएसडीएस) मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है। इस घोटाले में सैकड़ों करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। 2016 में टीडीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान बेरोजगार युवाओं को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके सशक्त बनाने के उद्देश्य से एपीएसएसडीसी की स्थापना की गई थी। आंध्र प्रदेश सीईडी की तरफ से दर्ज एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत कथित घोटाले की जांच कर रहा है। आरोप है कि मेसर्स डीटीएसपीएल, इसके निदेश और अन्य ने शेल कंपनी की मदद से बहुस्तरीय लेनदेन कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया। फर्जीवाड़े के जरिए 370 करोड़ रुपये की धनराशि निकाल ली गई।

मोदी-बाइडन की मुलाकातः45 मिनट चली बातचीत में, डिफेंस डील, सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता समेत कई अहम मुद्दों पर हुई वार्ता

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत पहुंचे हैं। शुक्रवार को एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद वह सीधे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकारी आवास पर उनसे मिलने पहुंचे।यूएस से आए दोस्त बाइडेन की पीएम मोदी ने अगवानी की और गर्मजोशी से स्वागत किया।इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई।

नरेंद्र मोदी और जो बाइडन, दुनिया के दो बड़े नेताओं ने बात वहीं से शुरू की, जहां पिछली बार खत्म हुई थी।मोदी इसी साल अमेरिका के राजकीय दौरे पर गए थे, उसी बातचीत को नई दिल्‍ली में आगे बढ़ाया गया। मोदी और बाइडन ने द्विपक्षीय संबंधों की गति और तेज करने पर सहमति जताई। अमेरिका ने खुलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्‍थायी सदस्‍यता की वकालत की। दोहराया। दोनों नेताओं के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता को लेकर संयुक्त बयान भी जारी किया है। दोनों देशों के साझा बयान में बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की परमानेंट मेंबरशिप को समर्थन। संयुक्त बयान में दोनों नेताओं ने अमेरिकी नौसेना संपत्तियों के रखरखाव और मरम्मत के केंद्र के रूप में भारत के उभरने और भारतीय शिपयार्ड के साथ मास्टर शिप मरम्मत समझौतों का भी स्वागत किया।

डब्ल्यूटीओ में पोल्ट्री उत्पादों से संबंधित विवाद सुलझा

भारत और अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अपने बीच मौजूद आखिरी विवाद को भी निपटा लिया है। यह विवाद पोल्ट्री उत्पादों से संबंधित है। दोनों देशों ने राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद साझा बयान में इसकी घोषणा की। इसके साथ ही दोनों देशों ने डब्ल्यूटीओ में अपने सभी सात विवाद आपसी सहमति से निपटा लिए हैं। जून, 2023 में छह विवाद निपटारे के बाद अब इसे निपटाया गया है। पीएम मोदी की जून की अमेरिका यात्रा में छह विवादों को खत्म करने की घोषणा की गई थी। तब भारत ने अमेरिका के कुछ कृषि उत्पादों पर से टैक्स खत्म करने की घोषणा की थी। अब सातवें विवाद के समाधान के बाद भारत ने अमेरिका से फ्रोजन टर्की, फ्रोजन बत्तख, ताजा, फ्रोजन और सूखे ब्लूबेरी और क्रेनबेरी के आयात पर टैक्स खत्म करने को मंजूरी दी है। पोल्ट्री उत्पादों से संबंधित विवाद पर अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई और भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बीच पिछले महीने चर्चा हुई थी। अमेरिका ने इस समझौते के बाद जारी एक बयान में कहा है कि इस विवाद के निपटने के बाद अमेरिकी कृषि और पोल्ट्री उत्पादों को भारत में बड़ा उपभोक्ता बाजार मिलेगा।

अमेरिका भारत को 31 एमक्यू-9 बी ड्रोन देना

पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बीच मुलाकात में तकरीबन ये तय हो गया है कि अमेरिका भारत को 31 एमक्यू-9 बी ड्रोन देगा। इसके लिए भारत सरकार की ओर से शुक्रवार को अमेरिकी सरकार को एक अनुरोध पत्र जारी किया गया था। व्हाइट हाउस की ओर से जारी किए गए संयुक्त बयान में इस डील का जिक्र करते हुए अनुरोध पत्र का स्वागत किया गया है। इस डील के पूरे हो जाने के बाद भारत रक्षा क्षेत्र में और मजबूत होगा। यह एक सशस्त्र टोही मानव रहित विमान होगा जो वक्त आने पर हमला भी कर सकेगा।

अंतरिक्ष में बढ़ाएंगे सहयोग

दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि भारत और अमेरिका क्रिटिकल और इमर्जिंग तकनीक के मोर्चे पर मध्यावधि समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही 2024 में दोनों देशों के एनएसए की अगुवाई में इसकी वार्षिक समीक्षा करेंगे। दोनों नेताओं ने नासा और इसरो के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने यह भी तय किया गया कि भारत और अमेरिका 2023 के अंत तक मानव स्पेस मिशन में सहयोग का खाका तय करेंगे। साथ ही दोनों देश 2024 तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में भी अपनी परियोजनाओं का आगे बढ़ाएंगे। इतना ही नहीं धरती को खतरों से बचाने के लिए भी भारत और अमेरिका मिलकर काम करेंगे। इसमें क्षुद्र ग्रहों से धरती के बचाव के साथ-साथ सैटेलाइट की रक्षा प्रणाली शामिल है।

शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार पर सहमति

दोनों नेताओं ने विभिन्न संस्थाओं के बीच सहयोगात्मक शिक्षा साझेदारियों की बढ़ती संख्या का भी स्वागत किया। इसमें न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी-टंडन और आईआईटी कानपुर एडवांस्ड रिसर्च सेंटर और बफेलो में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के जॉइंट रिसर्च रिसर्च सेंटर और आईआईटी दिल्ली, कानपुर, जोधपुर और बीएचयू के बीच महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में साझेदारी पर सहमति जताई गई है।

जी20 समिट का आगाज, भारत मंडपम पहुंचे पीएम मोदी, 'वन अर्थ' पर होगा पहला सत्र

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जी20 सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी भारत मंडपम पहुंच चुके हैं। उनके साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद हैं। प्रगति मैदान के भारत मंडपम् में जी20 समिट की औपचारिक शुरुआत आज होगी। समिट में दुनियाभर के कई दिग्गज नेता जुटेंगे। सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वागत भाषण देंगे इसके बाद बैठक शुरू होगी। जी20 के पहला सत्र वन अर्थ होगा, जिसमें जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। यह सत्र दोपहर डेढ़ बजे तक चलेगा और उसके बाद लंच का कार्यक्रमहोगा। दूसरी सेशन ‘वन फैमिली’ 3 बजे से शुरू होगा

जी20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत कई बड़े नेता शिरकत करेंगे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जी20 सम्मेलन के लिए भारत नहीं आए हैं। भारत ने कई अन्य देशों को भी सम्मेलन में आमंत्रित किया है।

वैश्विक नेताओं के आने का सिलसिला जारी

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा और WHO के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस 2 दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार सुबह नई दिल्ली पहुंचे। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत कई नेता शुक्रवार को ही समिट के लिए नई दिल्ली आ गए थे। सभी नेताओं का एयरपोर्ट पर परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया और वे आज शिखर सम्मेलन परिसर ‘भारत मंडपम’ में एकत्रित होंगे। 

दिल्ली के कई इलाकों का भ्रमण भी करेंगे विदेशी मेहमान

जी20 के लिए दुनियाभर के दिग्गज पधारे हैं। जो प्रमुख कई मुद्दों पर चर्चा करते हुए नजर आएंगे, वहीं दिल्ली के कई इलाकों का भ्रमण भी करेंगे। इनमें से एक महात्मा गांधी की समाधि स्थल, राजघाट है। प्रगति मैदान के बाद महात्मा गांधी की समाधि स्थल, राजघाट ऐसा इलाका है जिसे लोक निर्माण विभाग ने अच्छी तरह से सजाया और संवारा हैं। 

दिल्ली में सुरक्षा चाक-चौबंद

जी20 शिखर सम्मेलन दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में हो रहा है। ऐसे में राजधानी की सुरक्षा कड़ी की गई है। आज दिल्ली में ट्रैफिक प्रभावित होगा। दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है। जी20 सम्मेलन में आए वैश्विक नेताओं की सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया है। प्रगति मैदान और आसपास के इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती होगी। दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली में ट्रैफिक प्रभावित रहेगी।

सुनक ने जी20 की मेजबानी के लिए भारत को बताया सही देश,जाने खालिस्तान के मुद्दे पर क्या बोले ब्रिटिश पीएम

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जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे ब्रिटेन के प्रथानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि जी-20 भारत के लिए एक बड़ी सफलता रही है। मैं चाहता हूं कि यह सम्मेलन कामयाब हो। भारत इसकी मेजबानी के लिए सही समय पर सही देश है। 

जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत पहुंचे ब्रिटिश पीएम पीएम सुनक ने समाचार एजेंसी को साक्षत्कार दिया। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि वो एक प्राउड हिंदू हैं और भारत में रहने के दौरान वो यहां के मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगे।सुनक ने कहा मैं एक गौरवान्वित हिंदू हूं और इसी तरह मेरा पालन-पोषण हुआ है, मैं ऐसा ही हूं। मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों तक मेरे यहां रहने के दौरान मैं किसी मंदिर के दर्शन कर सकूंगा। अभी रक्षा बंधन था जिसमें मेरी बहनों ने मुझे राखी बांधी, मेरे पास दूसरे दिन ठीक से जन्माष्टमी मनाने का समय नहीं था लेकिन उम्मीद है जैसा कि मैंने कहा कि हम अगर किसी मंदिर जाएं तो मैं इसकी भरपाई कर सकूंगा। मेरा मानना है कि आस्था एक ऐसी चीज है जो हर उस व्यक्ति की मदद करती है जो अपने जीवन में आस्था रखता है।

खालिस्तान के मुद्दे पर क्या बोले यूके के पीएम ऋषि सुनक?

इस दौरान खालिस्तान मुद्दे पर ऋषि सुनक ने कहा, यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण प्रश्न है और मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि यूके में किसी भी प्रकार का उग्रवाद या हिंसा स्वीकार्य नहीं है। इसीलिए हम विशेष रूप से 'PKE' खालिस्तान समर्थक उग्रवाद से निपटने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि यह सही है। हमारे सुरक्षा मंत्री हाल ही में भारत में अपने समकक्षों से बात कर रहे थे। हमारे पास खुफिया जानकारी और जानकारी साझा करने के लिए एक साथ कार्य करने वाले समूह हैं जिससे हम इस तरह के हिंसक उग्रवाद को जड़ से खत्म कर सकें। यह सही नहीं है और मैं इसे यूके में बर्दाश्त नहीं करूंगा।

मुक्त व्यापार समझौता पर कही ये बात

भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता(FTA) पर चल रही चर्चा पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी जी और मैं दोनों हमारे दोनों देशों के बीच एक व्यापक और महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते को संपन्न होते देखने के इच्छुक हैं। हम दोनों का यह मानना है कि एक अच्छा समझौता होना बाकी है लेकिन व्यापार समझौतों में हमेशा समय लगता है, हमें दोनों देशों के लिए काम करना होगा। हालांकि, हमने काफी प्रगति की है लेकिन अभी भी कड़ी मेहनत बाकी है।

यूक्रेन-रूस पर कही ये बात

यूक्रेन-रूस के सवाल पर प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा, जब यूक्रेन और रूस की बात आती है - एक चीज जो मैं करूंगा वह उस भयानक प्रभाव को उजागर करना है जो रूस के अवैध आक्रमण से दुनिया भर के लाखों लोगों पर पड़ रहा है, खासकर खाद्य कीमतों पर। रूस हाल ही में अनाज सौदे से पीछे हट गया है। हम यूक्रेन से दुनिया भर के कई गरीब देशों में अनाज भेज रहे हैं और अब आपने देखा है कि खाद्य कीमतें बढ़ गई हैं। जिससे लाखों लोगों को परेशानी हो रही है। यह सही नहीं है। जो काम मैं करूंगा उनमें से एक है लोगों को रूस के अवैध युद्ध के प्रभाव के बारे में जागरूक करना।

रूस और यूक्रेन पर भारत की स्थिति पर कही यह बात

रूस और यूक्रेन पर भारत की स्थिति पर सुनक ने कहा कि यह मेरा काम नहीं है कि मैं भारत को बताऊं कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर क्या रुख अपनाना चाहिए, लेकिन मैं जानता हूं कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के शासन, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान की सही परवाह करता है। मुझे लगता है कि ये ऐसी चीजें हैं जो सार्वभौमिक मूल्य हैं जिन्हें हम सभी साझा करते हैं। वे चीजें हैं जिन पर मैं विश्वास करता हूं, और मैं जानता हूं कि भारत भी उन चीजों में विश्वास करता।

पीएम मोदी और भारत के साथ अपने रिश्तों पर बोले सुनक

पीएम मोदी के साथ अपने रिश्तों पर बोलते हुए भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे मन में मोदी जी के प्रति बहुत सम्मान है और वह व्यक्तिगत रूप से मेरे प्रति बहुत स्नेही रहे हैं। हम भारत और यूके के बीच एक महत्वाकांक्षी और व्यापक व्यापार समझौते को पूरा करने की अपनी साझा महत्वाकांक्षा पर बहुत कड़ी मेहनत कर रहे हैं, क्योंकि हम दोनों सोचते हैं कि यह एक अच्छी बात होगी और हम दोनों को इसे सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इस तरह के मंचों पर, मैं यह सुनिश्चित करने में प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करने के लिए बहुत उत्सुक हूं कि यह G 20 भारत के लिए एक बड़ी सफलता है।

जी20 की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' पर क्या बोले सुनक

जी20 भारत की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि मुझे लगता है कि यह एक बेहतरीन विषय है। जब आप 'एक परिवार' कहते हैं, तो मैं उस अविश्वसनीय जीवंत पुल का उदाहरण हूं, जिसका वर्णन प्रधानमंत्री मोदी ने यूके और भारत के बीच किया है। यूके में मेरे जैसे लगभग 2 मिलियन भारतीय मूल के हैं। इसलिए ब्रिटिश प्रधान मंत्री के रूप में उस देश में रहना मेरे लिए बहुत खास है, जहां से मेरा परिवार है।