*सिद्ध शक्ति पीठ सत्यतीर्थ आश्रम में भव्य, अलौकिक जन्माष्टमी समारोह का हुआ आयोजन*
लखनऊ । सिद्ध शक्ति पीठ सत्य मंदिर द्वारा 5.6 एवं 7 सितंबर को श्री कृष्ण जन्मोत्सव अत्यंत ही भव्य एवं अलौकिक रूप में मनाया गया। सिद्ध शक्ति पीठ सत्य मंदिर की पावन भूमि से आज तक कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा है। सब की ही मनोकामनाएं पूर्ण हुई है।
विश्व का यह एकमात्र अनोखा मंदिर है जहां आज के युग में अवतरित होने वाला भगवान का लिपि रूप दर्शन प्रतिष्ठापित है। 31 मार्च सन 72 से भगवान ने "श्री कृष्ण चेतनावतार देवी मां के माध्यम से "लिपि रूप में भगवान ने अपना संदेश देना आरंभ किया। जो अनवरत "आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मा पूनम जी" एवं "दिव्य शक्ति योगीराज श्री अभिनव महाराज जी" के कर कमल से प्रवाहित हो रहा है इसके लगभग 400 से भी अधिक वाणी खंड प्रकाशित किये जा चुके हैं जिनके अध्ययन-मनन चिंतन मात्र से देश-विदेश में रहने वाले हजारों श्रद्धालु मणों को अपने जीवन कष्ट और संघर्षों से मुक्ति प्राप्त हो रही है। 5 सितंबर को सिद्ध शक्तिपीठ सत्य मंदिर की पवित्र - पावन भूमि के ऊपरी भाग पर स्थित विश्वात्मा मंदिर के समक्ष आत्म उत्थान केंद्र में श्री हरि विष्णु भगवान जी की भव्य विशालकाय प्रतिमा का अनावरण "आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां जी" के कर कमल द्वारा किया गया। प्रतिमा पर लाइट एंड साउंड के साथ 3ऊ डिजिटल शो के माध्यम से सभी भक्तों ने भगवान के सजीव दर्शन किये। प्रोजेक्टर के माध्यम से अवतार तथा दशावतार दिखाए गये।
इसके अतिरिक्त सिद्ध शक्तिपीठ सत्य मंदिर एवं विश्वात्मा मंदिर में भव्य झांकी सजाई गई जिसमे भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं को प्रदर्शित किया गया। 6 सितंबर को भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया गया जो लखनऊ से अयोध्या मार्ग पर बाबू बनारसी दास कॉलेज से प्रारंभ होकर सिद्ध शक्तिपीठ सत्य तीर्थ आश्रम तक निकाली गई जिसमें भगवान के विविध रूपों को अपने शीश पर धारण किये हुये लोग चल रहे थे। सुसज्जित रथ पर सुदर्शन चक्रधारी भगवान श्री कृष्ण का विराट दर्शन सब का मन मोह रहा था, वाणी समिति एवं ऌऋक के सदस्यों के हाथों में नीले झंडे थे और अनेक लोगों ने श्री हरि के भजन गाकर, संपूर्ण वातावरण को ही आध्यात्मिकता की सुगंध से भर दिया। 7 सितंबर को सिद्ध शक्तिपीठ सत्य तीर्थ आश्रम की पावन भूमि पर श्री कृष्णा जन्माष्टमी का समारोह अत्यंत ही भव्य एवं अलौकिक रूप में मनाया गया, जहां उपस्थित सैकड़ो लोगों को ऐसा आभास हुआ जैसे कि वह द्वापर युग में पहुंच गए हो ।
आश्रम में आधुनिक तकनीक से डिजिटल मीडिया का उपयोग करते हुए ट्रैपीजियम तथा होलोग्राम के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण का अत्यंत ही मनमोहक एवं गरिमामय रूप तथा महाभारत का सजीव चित्रण वीडियो द्वारा दिखाया गया जिसको देखकर लोग अचंभित रह गये । युवाओं द्वारा भी अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गये द्रोपदी का वस्त्र हरण तथा भगवान का वस्त्र अवतार प्रदर्शित किया गया जिसको देखकर उपस्थित भक्तों ने श्री कृष्ण भगवान की जय जयकार करी । सिद्ध शक्तिपीठ सत्य तीर्थ आश्रम में प्रस्तुत, गोकुल का दृश्य सजीव होता सा लगा। चारों तरफ पेड़ पौधों के बीच ग्वाल बाल वापर
युग की सजा सज्जा में भगवान श्री कृष्ण के साथ अटखेलियाँ करते हुए, खेल-खेलते हुए दिखे। यह दृश्य लोगों को बहुत ही हर्ष और अहलादित करने वाला प्रतीत हुआ। इस तरीके से अनेक प्रकार श्री हरि की अनेक झांकियां को संजोए हुये ये अभी तक पूरे विश्व में आलौकिकता से पूर्ण पहली झांकी है, जिसका आयोजन सिद्ध शक्तिपीठ सत्य मंदिर एवं सिद्ध शक्तिपीठ सत्य तीर्थ आश्रम की पावन भूमि पर आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां पूनम जी एवं दिव्य शक्ति योगीराज श्री अभिनव महाराज जी की दिव्य प्रेरणा से किया गया । झांकी का आनंद उठाते हुए रअअफउ ऊी५ीह्णङ्मस्रेील्ल३ ऋ४ल्ल ि(अंतरराष्ट्रीय संस्था) के उएड डॉ सुनील मोतीवाल जी ने कहा कि इस जन्माष्टमी की विशेषता है कि यहां भगवान के उपदेशों पर आधारित कर्म करने की प्रेरणा दी जा रही है। श्रीमति श्रुति स्वैन फीॅ्रङ्मल्लंह्ण उङ्मङ्म१्िरल्लं३ङ्म१ ढ.हउ (अंतरराष्ट्रीय संस्था) ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भूरी-भूरी प्रशंसा की ।कार्यक्रम का समापन कृष्ण चेतना अवतार देवी मां द्वारा लिखित दिव्य भजनों एवं आरती व प्रसाद से हुआ ।
Sep 09 2023, 11:25