*बीएमएस ने 17 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन डीएम को सौंपा*
कानपुर।भारतीय मजदूर संघ पारस्परिक सहयोग के आधार पर कार्य करता है। आज जबकि मजदूर और कर्मचारी महंगाई, बेरोजगारी और सरकारी उपेक्षाओं के कारण अत्यंत परेशान है। आंगनबाड़ी बहनों के लिए सरकार के द्वारा तय किए गए मानदेय को भी नहीं लागू किया जा रहा है। आशा / आशा संगिनी बहनों के साथ भी पूर्ण रूप से अन्याय हो रहा है। संविदा कर्मियों को आउटसोर्सिंग के नाम पर न तो उनको समय पर वेतन दिया जाता है तथा नौकरी से निकाले जाने का भय सदैव रहता है। उनके लिए कोई नियमावली भी नहीं बनाई गई है।
सफाई कर्मचारी को बिना सुरक्षा उपकरण के ही कार्य कराया जाता है, उचित वेतन भी नहीं दिया जाता है। एनएचएम में कार्य कर रहे संविदा कर्मियों को बीमा का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार से बजट मिला लेकिन उसे भी अभी तक लागू नहीं कराया गया। स्थानांतरण का भय दिखाकर उनका शोषण किया जाता है। वेतन विसंगतियां पहले से ही विद्यमान है। 108,102 एंबुलेंस के बर्खास्त कर्मियों को वार्ता के बाद भी अभी तक वापस नहीं लिया गया। वो भुखमरी में जी रहे हैं। पटरी रेहड़ी दुकानदारों को प्रतिदिन उत्पीड़न और जलालत झेलनी पड़ती है।
असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे दिहाड़ी मजदूर, ग्रामीण मजदूर, नाई, धोबी, दर्जी अन्य सभी को कोई सामाजिक सुरक्षा य प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था भी नहीं है। सरकारी कर्मचारियों की बहुत समय से चली आ रही पुरानी पेंशन की मांग को सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है। ऐसी तमाम विसंगतियों को लेकर भारतीय मजदूर संघ ने 27 सितंबर को लखनऊ में एक विशाल रैली का आवाहन किया है। उसी के क्रम में मंगलवार को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित 17 सूत्रीय ज्ञापन इस अपेक्षा के साथ प्रेषित है कि इन ज्वलंत समस्याओं पर विचार कर समाधान करने का कष्ट करें।
Sep 08 2023, 19:08