*सफाई कर्मियों को ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था से मुक्त रखने की मांग*
फर्रुखाबाद। पंचायती राज विभाग के ग्रामीण सफाई कर्मियों को ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था से मुक्त रखे जाने के संबंध में कलेक्ट्रेट पहुंच कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को दिया है l
पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मियों की ऑनलाईन जियो फेंसिंग के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने हेतु आदेश पारित किये गये हैं। ग्राम पंचायत में तैनात अधिकाधिक सफाई कर्मचारी अनपढ़ अंगूठा लगाने वाले अथवा साहार है। सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत कार्मिक भी चतुर्थ श्रेणी स्तर के राज्य कर्मचारी है।
ग्राम पंचायत में पंचायत स्तर पर सफाई कर्मचारी के अतिरिक्त ग्राम अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, रोजगार सेवक, सींचपाल, गन्ना ग्राम सेवक, विद्युत विभाग के कार्मिक, पुलिस विभाग के कार्मिक, लेखपाल, कानूनगो, आंगनवाड़ी, संगिनी, आशा, एन०एन०एम० सी०एच०ओ०, सोसायटी सचिव, कम्यूनिटी हेल्थ सेन्टर के कार्मिक, प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र, आदि अनेकों कार्मिक उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन नौकरी कर रहे हैं। उक्त समस्त लोग अपनी उच्च शैक्षिक योग्यता के आधार पर नौकरी प्राप्त किये हैं और सफाई कर्मचारी अनपढ़ अंगूठा लगाने वाले / साक्षर नाले में घुसकर गन्दगी साफ करके नौकरी पाये हैं।पंचायती राज द्वारा पंचायत सहायक / डाटा इन्ट्री आपरेटर जो उच्च मेरिट और कम्प्यूटर का कोर्स के आधार पर पंचायत सहायक के पद पर लगाये गये है। पंचायत सहायक की भांति अनपढ़ / साक्षर सफाई कर्मचारियों को भी अत्यधिक पढ़ा-लिखा समझकर ऑन लाईन अटेन्डेन्स जियो फेंसिंग के माध्यम से ऑन लाईन उपस्थिति दर्ज किये जाने के आदेश निर्गत किये गये हैं।
जबकि प्राथमिक / जूनियर विद्यालय के अध्यापक और वर्णित सभी कार्मिक उच्च योग्यता रखते हैं जो कम्प्यूटर, लैपटाप, स्मार्ट मोबाइल फोन चलाने में निपुण हैं। प्रदेश सरकार द्वारा निपुण कार्मिकों की ऑन लाईन जियों फेंसिंग से उपस्थिति लगाये जाने के आदेश निर्गत किये जाने चाहिये थे, लेकिन अनपढ़ / सफाई कर्मचारियों का शोषण करने के लिये ऑन लाईन उपस्थिति की व्यवस्था लागू करने का आदेश जारी किया गया है, जो आपत्ति जनक है।
सफाई कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं का निराकरण कराये जाने की बात कही है l 1-80 प्रतिशत से अधिक सफाई कर्मचारी अनपढ़ / साक्षर होने के कारण की-पैड मोबाइल का प्रयोग करते हैं। क्यों कि सफाई कर्मचारी केवल फोन को उठाना और मिलाना जानता हैं।
इस दशा में स्मार्टफोन को चलाना और एप पर जियोफेंसिंग द्वारा फोटो अपलोड करना उचित नहीं है। महिला एवं विकलांग व अन्य सफाई कर्मी जो अनपढ़ / साक्षर हैं, उक्त महिला व विकलांग व अन्य सफाई कर्मी कोई वाहन चलाना नहीं जानता है। जनपद मुख्यालय से 15 से 90 किमी दूरी पर स्थित विकास खण्डों के अन्तर्गत दूरस्थ ग्रामों में सफाई कर्मचारी की तैनाती है। विकलांग और महिला सफाई कर्मचारी बस, टैम्पो आदि सवारी से विकास खण्ड मुख्यालय पहुंचकर अपने तैनाती ग्राम को जाते हैं तब उनको अपने तैनाती ग्राम में सफाई करने से पहले पंचायत भवन में जाकर अटेन्डन्स लगाने के लिए जाना पड़ता है। पंचायत भवन व चैनाती राजस्व ग्राम की दूरी 01-05 किलोमीटर तक है जहा महिला, विकलांग व अन्य अशका कार्मिक उपस्थिति लगाने के लिये जाने और आने मे बार जाना पड़ेगा।
जिस कारण अत्यधिक समय व्यतीत होने और पैदल जाने में अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। जिससे साफ-सफाई कार्य भी प्रभावित होगा और फिर सफाई कर्मचारी को कामचोर साबित कर कार्यवाही भी की जायेगी। ग्राम पंचायत सचिवालय को खोले जाने का समय सुबह 10:00 बजे से सायं 05 बजे है। जिसमे पंचायत सहायक द्वारा स्वयं की उपस्थिति लगाने में हीला हवाली की जा रही है और दिनांक 21 से 24 अगस्त 2023 के बीच लगातार 2631 पंचायत सहायक ने अपनी ऑन लाईन उपस्थिति नहीं लगायी है। जिसकी जानकारी जनपद से निरन्तर प्राप्त हो रही है। जब पंचायत सहायक खुद की ऑन लाईन उपस्थित लगाने में रूचि नहीं रखते हैं।
फिर
पंचायत सहायक सफाई कर्मचारी की ऑन लाईन उपस्थिति दर्ज करने और सहायता करने में कितने सक्षम होंगे। यह पंचायत सहायक की कार्यशैली से प्रमाणित हो रहा है। पंचायत सहायक अल्प मानदेय के कर्मचारी हैं, उसी ग्राम पंचायत के निवासी है लेकिन फिर भी ऑन लाईन उपस्थिति दर्ज नहीं कर पा रहे हैं। जबकि पढ़े-लिखे निपुण पंचायत सहायक हैं और सफाई कर्मचारी अनपढ़ व साक्षर हैं।
समाज में सबसे कमजोर सफाई कर्मचारी है जो सबकी गंदगी को साफ-सफाई करता है, उसकी ऑन लाईन उपस्थिति लागू की जा रही है और जहां एक तरफ प्रदेश के समस्त शिक्षक व अन्य कार्मिक जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर बहुत योग्य हैं, जिनको उच्च शिक्षा प्राप्त है वह सभी शिक्षक ऑन लाइन उपस्थिति जियो फेंसिंग से मुक्त है। क्योंकि शिक्षकों द्वारा विगत माह में ऑन लाईन उपस्थित का बहिष्कार किया गया था। जिस और अब तक का नाम से पहले है। निदेशक के आदेश से पूर्ण रूप से प्रमाणित हो रहा है कि अनपढ़ / साक्षर सफाई कर्मचारियों का शोषण पढ़े-लिखे लोग द्वारा किया जाना निश्चित है।
ग्राम पंचायत सफाई कर्मचारी की उपस्थिति को ग्राम प्रधान, प्रधानाध्यापक, पंचायत सहायक ग्राम सचिव, सहायक विकास अधिकारी (पं०) खण्ड विकास अधिकारी, पटल सहायक, जिला पंचायत राज अधिकारी प्रमाणित करते हैं। अधिकाधिक लोगों द्वारा ग्राम पंचायत में औचक निरीक्षण कर हाजिरी प्रमाणित की जाती है तब वेतन आहरित किया जाता है। पंचायत सहायक पंचायत भवन में अपने रजिस्टर पर व प्रधानाध्यापक अपने यहां रखे रजिस्टर पर और ग्राम प्रधान अपने घर पर रखे रजिस्टर पर हाजिरी लिखित रूप से लेते हैं।
उसके बावजूद भी उपस्थिति से पंचायती राज विभाग को सन्तोष प्राप्त नहीं होता है. अनपढ़ / साक्षर सफाई कर्मचारियों से ऑन लाइन उपस्थिति दर्ज करने का आदेश लागू किया जा रहा है जबकि प्रदेश में राज्य कर्मचारी की एक बार ही उपस्थिति दर्ज किये जाने का प्रावधान है। लेकिन अनपढ़ / साक्षर का मात्र शोषण करने हेतु ऑन लाईन उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था शुरू की जा रही है, जो भारतीय संविधान के विरुद्ध है।
संघ ने मांग की है कि ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मचारी की ऑन लाईन जियो फेंसिंग उपस्थिति की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुये एक कार्मिक की एक बार हाजिरी जॉब चार्ट के अनुसार लगवाने का आदेश जारी करने की कृपा करें। जिससे निर्दोष व अनपढ़ कर्मचारियों को न्याय मिल सके और वह भयमुक्त होकर अपना कार्य सुचारू रूप से कर सकें l
Sep 08 2023, 16:18