*कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं, कुष्ठ रोगियों से न करें भेदभाव: सीएमओ*
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले को कुष्ठ रोग मुक्त बनाने के उद्देश्य से एक सितंबर से पूरे माह सघन कुष्ठ रोगी खोज एवं नियमित निगरानी अभियान शुरू हुआ। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर संभावित कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित करेंगे।
उनकी पहचान कर तत्काल प्रभाव से उपचार पर रखा जाएगा। साथ ही कुष्ठ रोग के बारे में समुदाय को जागरूक भी करेंगी।
सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने बताया कि कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं है। कुष्ठ रोगियों से भेदभाव न करें। यह आम रोगों की तरह ही है, जो मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) से ठीक हो जाता है। लेकिन समय पर इलाज न किया जाए तो यह बीमारी बड़ा रूप भी ले सकती है।
इसी उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों को खोजने का काम करेंगी। क्षेत्रवासी स्वास्थ्य विभाग की टीम का सहयोग करें। इस अभियान को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी (डीएलओ) डॉ. कमलेश चंद्रा ने बताया कि यह एक संक्रामक रोग है। कुष्ठ रोग हवा में मौजूद माइकोबैक्टीरियम लेप्रे बैक्टीरिया के जरिए फैलता है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति का सही तरीके से उपचार न होने से कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति ही एकमात्र जीवाणु को फैलाने के लिए जिम्मेदार होता है।
रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणु श्वसन तंत्र जैसे छींकने, खांसने (ड्रॉपलेट संक्रमण) से शरीर में प्रवेश करता है और शरीर में प्रवेश करने के बाद बैक्टीरिया तंत्रिकाओं एवं त्वचा की ओर
पलायन कर जाता है। यदि शुरुआती चरण में इसका निदान एवं उपचार नहीं किया गया तो स्थायी दिव्यांगता हो सकती है।
यह छुआछूत की बीमारी बिल्कुल नहीं है। अगर आप इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति से हाथ मिलाएंगे या उसे छू लेंगे, तो आपको यह बीमारी नहीं होगी।
जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ. अनुभव पांडेय ने बताया कि यह अभियान जिले के सभी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में संचालित किया जा रहा है। इसको लेकर कुल 1322 टीमें बनाई गई हैं। प्रत्येक टीम में आशा कार्यकर्ता और उनका एक सहयोगी पुरुष कार्यकर्ता को शामिल किया गया है।
सभी टीमों को सीएचसी स्तर पर प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। यह टीमें घर-घर जाकर सर्वे करेंगी व कुष्ठ रोग के लक्षण वाले लोगों की सूची तैयार करेंगी।
Sep 01 2023, 18:52