*समाजवादी पार्टी के ओबीसी सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य पर फेंका जूता, कार्यकर्ताओं ने पकड़कर जमकर की धुनाई, पुलिस को सौंपा*
लखनऊ । समाजवादी पार्टी के एमएलसी और विवादित बयानों के लिए मशहूर स्वामी प्रसाद मौर्य पर सपा पार्टी के ओबीसी सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका गया। कार से उतरकर वह अंदर जा रहे थे, तभी वकील की ड्रेस में आए युवक ने जूते से उन पर हमला कर दिया। जूता स्वामी प्रसाद को छूता हुआ दूर गिरा।जूता फेंकने वाले को कार्यकर्ताओं ने उसे पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। पुलिस किसी तरह से कार्यकर्ताओं के चुंगल से उठा उठाकर विभूति खंड थाना ले गई।
हमलावर युवक ने अपना नाम आकाश सैनी बताया है। उसने कहा कि-हम पूजा-पाठ करने वाले हैं। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को एक सरकारी जीप तक नहीं मिली। वह ऑटो करके हमलावर युवक को पकड़कर थाने ले गई है। ये पूरा वाकया लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुई। यहां पर सोमवार को पिछड़ा वर्ग के महापुरुषों पर चर्चा के लिए आज ओबीसी महासम्मेलन रखा गया है। यहां अखिलेश यादव पहुंचने वाले थे। करीब 11.30 बजे स्वामी प्रसाद मौर्य महासम्मेलन में पहुंचे। यहां ओबीसी समाज के महापुरुषों के राजनीतिक परिवेश पर चर्चा शुरू होने वाली थी।
सपा ने अपने सम्मेलन में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी और बिंद समाज के पूर्व मंत्रियों, विधायक, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और पूर्व राज्यसभा सांसदों को बुलाया था। इसी दौरान भीड़ में मौजूद एक युवक ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका। इससे नाराज होकर कार्यकर्ताओं ने उसको पकड़ लिया। सुरक्षा में तैनात गार्ड और कार्यकर्ताओं ने युवक की पिटाई कर दी। उसको इतना पीटा कि वह बेसुध हो गया।
स्वामी प्रसाद मौर्य का यूपी की राजनीति में बड़ा नाम है। कभी बसपाई कहे जाने वाले मौर्य ने बीजेपी का दामन थामा फिर बीजेपी को टाटा, बाय-बाय बोलकर अखिलेश की साइकिल पर सवार हो गए। स्वामी प्रसाद मौर्य का करीब चार दशक का लंबा राजनीतिक करियर है और वो यूपी की राजनीति में धमक रखने वाले राजनेता माने जाते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने 1996 में बीएसपी के टिकट पर रायबरेली की डलमऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधानसभा का चुनाव जीते। उनका करियर कुछ यूं रहा कि वो 4 बार कैबिनेट मंत्री बने। तीन बार वो यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी बने. साल 2009 में पडरौना से उपचुनाव में केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की मां को हराने के बाद उनकी गिनती मायावती के करीबी नेताओं में होने लगी। साल 2008 में स्वामी प्रसाद मौर्य को बसपा ने प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दे दी. साल 2012 में हार के बाद उनसे मायावती ने जिम्मेदारी वापस ले ली. साल 2016 में स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी से बगावत कर बैठे।
Aug 22 2023, 09:32
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
11.5k