मिजोरम को लेकर बीजेपी नेता के दावे का सचिन पायलट ने दिया करारा जवाब, कहा- मेरे पिता ने बम जरूर गिराए थे, लेकिन...

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मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं। विपक्ष द्वारा हाल ही में मणिपुर के मसले पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस बीच मिजोरम को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग छिड़ गई है।इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उनके पिता राजेश पायलट को लेकर किए किए गए भारतीय जनता पार्टी के दावे का करारा जवाब दिया है। अमित मालवीय ने ये दावा करते हुए ट्वीट किया था कि राजेश पायलट ने मार्च 1966 में बतौर भारतीय वायुसेना पायलट मिजोरम में बम गिराए थे। इस पर सचिन पायलट ने कहा कि आपके तथ्य और दिनांक दोनों ही गलत हैं।

सचिन पायलट ने अमित मालवीय के ही ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने लिखा, 'स्व. राजेश पायलट दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे। यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी करी थी- काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है। हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ, जय हिन्द।'

इसके साथ ही सचिन पायलट ने पिता राजेश पायलट के वायुसेना में कमीशन होने का सर्टिफिकेट भी अटैच किया है।

दरअसल, अमित मालवीय ने 13 अगस्त को एक ट्वीट किया था। मालवीय ने ट्वीट में लिखा था, "राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए। बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। साफ है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया।"

बता दें कि मिजोरम का यह मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दिए भाषण के बाद उठा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि मिजोरम में कांग्रेस ने अपने ही नागरिकों पर वायुसेना से हमला करवाया था, क्या मिजोरम के लोग हमारे देश के नागरिक नहीं थे। आज भी 5 मार्च को मिजोरम में शोक दिवस मनाया जाता है. मणिपुर पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने यह हमला किया था, जिसके बाद से ही बीजेपी-कांग्रेस के बीच तकरार चल रही है।

सरायकेला : स्वतंत्रता दिवस के अवसर सामने आया आशु किस्कू एंड रवि किस्कू टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (बीएड कॉलेज) के प्रबंधन का विवाद

सीएम हेमंत सोरेन के मामा को झंडोत्तोलन करने से कथित सचिव की पत्नी ने रोका, क्या है पूरा मामला पढिये पूरी खबर...!

सरायकेला : जिले के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत लुपुंगडीह पंचायत के जाहिरा मोड़ स्थित आशु किस्कू एंड रवि किस्कू टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (बीएड कॉलेज) में झंडोत्तोलन के दौरान दो पक्ष में विवाद हो गया। 

77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सीएम हेमंत सोरेन के मामा गुरुचरण किस्कू बीएड कॉलेज में झंडोत्तोलन कर रहे थे कि इसी दौरान अचानक से एक महिला ने झंडे की डोर को पकड़ लिया और खींचने का प्रयास किया। इस बीच बीएड कॉलेज प्रबंधन के उपाध्यक्ष संजय मुखर्जी ने महिला को रोकने का प्रयास किया। अंततः सीएम के मामा गुरुचरण किस्कू तथा उक्त महिला ने संयुक्त रूप से झंडोत्तोलन किया।

 झंडोत्तोलन के बाद राष्ट्रगान हुआ। सीएम के मामा गुरुचरण किस्कू को झंडोत्तोलन करने से रोकने का प्रयास करने वाली महिला का नाम नमिता महतो बताया जा रहा है। 

प्रतिवर्ष के भातिं इस बर्ष भी अध्यक्ष गुरु चरण किस्कू झंडोत्तोलन करने लगे जिसे देखते हुए और साजिश के तहत यह महिला आ पहुंची।

सीएम हेमंत सोरेन के मामा गुरुचरण किस्कू आशु किस्कू एंड रवि किस्कू टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के बोर्ड के अध्यक्ष हैं। हर साल की भांति इस साल भी बोर्ड अध्यक्ष होने के नाते गुरुचरण किस्कू झंडोत्तोलन करने पहुंचे थे। तिरंगा फहराने की सारी व्यवस्था हो चुकी थी। सभी की उपस्थिति में गुरुचरण किस्कू ने झंडोत्तोलन करना शुरू किया था कि इसी दौरान वहां सामने खड़ी एक महिला अचानक बेदी पर चढ़ गई। महिला जबरन झंडोत्तोलन करने का प्रयास करने लगी । उक्त महिला ने गुरुचरण किस्कू के हाथ से तिरंगे की डोर को जबरन खींचकर अपने हाथों में लेने का प्रयास किया। इस बीच दोनों ही डोर को पकड़कर खींचने लगे, जिससे कभी भी डोर टूट सकती थी और झंडोत्तोलन से पहले ही तिरंगा जमीन पर गिर जाता। लेकिन डोर टूटने की आशंका जताते हुए वहां पर मौजूद कॉलेज के बोर्ड उपाध्यक्ष संजय मुखर्जी बेदी तक आते हैं और महिला को वहां से हटाने का प्रयास करते हैं। इस दौरान संजय मुखर्जी महिला से कहते हैं "आप छोड़िए न दादा कर रहे हैं तो, दादा कर रहे हैं न"। 

इतने में वहां खड़े किसी व्यक्ति ने कहा " अच्छा ठीक है दोनों ही डोर को पकड़ें न " जिसके बाद झंडोत्तोलन किया गया। वहीं, तिरंगे को सलामी दी गई और राष्ट्रगान गाया गया। यह सबकुछ कॉलेज के प्राचार्य, शिक्षकों, कर्मचारियों तथा छात्रों के सामने हुई। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसके कारण मामला चर्चा में है। फिलहाल इस मामले को लेकर कॉलेज प्रबंधन ने कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया है।  

दअरसल, नीमडीह के लुपुंगडीह स्थित आशु किस्कू एंड रवि किस्कू टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर (बीएड कॉलेज) शुरू से विवादों में रहा है। इन दिनों कॉलेज के बोर्ड कमेटी में दो पक्षों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही हैं। एक पक्ष में जयराम हैं तो दूसरे पक्ष में जगदीश महतो हैं। कॉलेज स्थापना के समय से ही दोनों स्वयं को बोर्ड के सचिव होने का दावा करते हैं लेकिन आजतक निर्णय नहीं हो पाया है कि कॉलेज के वास्तविक सचिव कौन हैं। इसके चलते आज भी विवाद खड़ा है। 

बताया जाता है कि झंडोत्तोलन में अड़चन डालने का प्रयास करने वाली महिला नमिता महतो - जगदीश महतो की धर्मपत्नी हैं। कॉलेज प्रबंधन के जगदीश महतो के खिलाफ नीमडीह, चांडिल समेत अन्य थानों में कई मामले दर्ज हैं। वह जेल भी जा चुका है। वहीं, एक समय पर उक्त कॉलेज द्वारा छात्रों को फर्जी सर्टिफिकेट दिए जाने का भी आरोप लग चुका है। प्रबंधन के विवाद के कारण अधिकांश समय कॉलेज में पढ़ाई नहीं हो पाती हैं।

 कोरोनाकाल की समाप्ति के बाद कॉलेज में काम करने वाले शिक्षकों को वेतन देने में भी घपला करने का मामले सामने आया था। उस समय शिक्षकों ने प्रशासन की मदद ली थी, तब जाकर उन्हें वेतन मिला था। इस कॉलेज में प्रबंधन के आपसी झगड़े पूरे चांडिल और नीमडीह में हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। कथित तौर पर एक बार कॉलेज परिसर में प्रबंधन के एक पक्ष द्वारा गुंडे बुलाकर दूसरे पक्ष के ऊपर मारपीट करवाने की चर्चा थी।  

नीमडीह और चांडिल के लोगों का कहना है कि बीएड कॉलेज प्रबंधन के आपस की लड़ाई के कारण छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ता है। उन छात्रों के भविष्य का क्या होगा जो मोटी रकम खर्च करने के बाद कॉलेज में दाखिल हुए हैं। मामला गंभीर है, क्योंकि अब प्रबंधन की लड़ाई झंडोत्तोलन तक पहुंच चुकी हैं। प्रबंधन के दोनों पक्षों को वर्चस्व कायम रखने का इतना धुन सवार है कि तिरंगे को भी अपमानित करने का दुस्साहस किया गया। यदि थोड़ी सी चूक हो जाती तो बड़ा अनर्थ हो जाता, तिरंगा का अपमान हो जाता। लेकिन प्रबंधन के लोगों को इस बात का जरा सा भी ध्यान नहीं है। भला हो बीएड कॉलेज के बोर्ड उपाध्यक्ष संजय मुखर्जी का, जिन्होंने तिरंगा का अपमान होने से बचा लिया। यदि संजय मुखर्जी महिला को नहीं रोकते तो शायद वह डोर टूट जाती, जिससे तिरंगा जमीन पर गिर जाता।

सरायकेला:मेरी मिट्टी मेरा देश कार्यक्रम के तहत मोहितपुर पंचायत के सरिंडा गांव में अवस्थित अमृत सरोवर का भ्रमण उपायुक्त द्वारा किया गया


सरायकेला : मेरी मिट्टी मेरा देश कार्यक्रम के तहत मोहितपुर पंचायत के सरिंडा गांव में अवस्थित अमृत सरोवर का भ्रमण उपयुक्त श्री रविशंकर शुक्ल द्वारा किया गया उक्त अवसर पर शीला फल कम के समीप पांच प्राण प्रतिज्ञा भी उपयुक्त एवं उपस्थित अन्य पदाधिकारी गण के द्वारा तथा ग्रामीणों के द्वारा लिया गया।

उक्त अवसर पर उपयुक्त के साथ अनुमंडल पदाधिकारी श्री रामकृष्ण कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी सरायकेला, कार्यपालक दंडाधिकारी डॉ सुधा वर्मा, संबंधित पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव, ग्राम प्रधान एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।

तीन दिन पहले जन्मे बेटे का मुंह भी नहीं देख पाए सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी, नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद

पलामू : 2012 बैच के सब इंस्पेक्टर अमित कुमार तिवारी चाईबासा में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए. अमित कुमार तिवारी पलामू के रेहला थाना क्षेत्र के तोलरा के रहने वाले थे. अमित तिवारी के शहीद होने की खबर मिलने के साथी पूरे गांव में मातम छा गया है. क्षेत्र में सन्नाटा प्रसर गया है।

तीन दिन पहले बेटे ने लिया जन्म: मिली जानकारी के अनुसार लगभग तीन दिन पहले अमित कुमार तिवारी के बेटे ने जन्म लिया है. शहीद होने की खबर मिलने के बाद पलामू से परिजन चाईबासा के लिए रवाना हो गए है. अमित कुमार तिवारी के पिता देवेंद्र कुमार तिवारी पेशे से किसान हैं. 

चाचा निरंजन कुमार तिवारी भी पुलिस इंस्पेक्टर हैं. झारखंड में ही तैनात है। अमित कुमार तिवारी के परिवार में कई सदस्य पुलिस सेवा में हैं.नक्सल विरोधी अभियान में थे तैनात:अमित कुमार तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा पलामू से हुई और वें जीएलए कॉलेज के छात्र रहे है. 

पुलिस सेवा में भर्ती होने के बाद अमित कुमार खूंटी के तोरपा, कर्रा, पाकुड़ के मुफस्सिल में थाना प्रभारी रहे. कुछ महीने पहले उनकी जगुआर में प्रतिनियुक्ति हुई थी। जगुआर में प्रतिनिधि के बाद में चाईबासा में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात थे.

सोमवार को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. जिसमें एसआई अमित तिवारी और हलवदार गौतम कुमार शहीद हो गए। नक्सली हमले में शहीद हुए इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार का पोस्टमार्टम चाईबासा में ही होगा.

 पोस्टमार्टम के बाद दोनों के पार्थिव शरीर को झारखंड जगुआर के मुख्यालय लाया जाएगा, जहां मुख्यमंत्री सहित तमाम पुलिस अधिकारी दोनों शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पण करेंगे. वही देर शाम उन्हें पलामू लाया जाएगा जहा पुलिस लाइन में उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद उनके पैतृक गांव जिले के तोलरा भेज दिया जाएगा.वही उनका अंतिम दाह संस्कार उनके पैतृक गांव तोलरा में कल होने की सूचना मिली है.

सरायकेला : जिला के विभिन्न जगहों पर स्वतंत्रता दिवस की 77 वीं वर्षगांठ मनाई गई,


सरायकेला : जिला के विभिन्न जगहों पर स्वतंत्रता दिवस की 77 वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस अवसर पर चांडिल अनुमंडल परिसर ,काटिया स्टेडियम में चांडिल थाना ,चांडिल प्रखंड आदि जगह में शांति पर राष्ट्रीय झंडोत्तोलन किया गया ।

 सुबह एसडीएम रंचित लोहरा द्वारा झंडोत्तोलन किया गया और राष्ट्रध्वज को सलामी दी गयी।

 एस डीएम ने संबोधित करते हुए कहा कि देश के स्वाधीनता सेनानी की बलिदानी की वजह से आज हम आजादी का उत्सव मना रहे हैं । उन्होंने देश के महान शहीदों की शहादत को नमन किया ।

उन्होंने कहा भारत देश बहुभाषी देश है। ओर अलग अलग धर्म को मानने वाला देश है। देश को एक सूत्र में जोड़ने के लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान का निर्माण किया । जिस वजह से आज देश एक सूत्र में बंधा है। और यही लोकतंत्र की खुबसूरती है।

एक समय हम लोग कैसे गुलामी में जकड़े थे।आज हम खुले वातावरण में जी रहे हैं ।इस अवसर पर डीएसपी संजय कुमार सिंह चांडिल थाना प्रभारी ,चांडिल विडिओ,चांडिल सीओ और गणमान्य लोग उपस्थित थे ।

चाईबासा न्यूज अपडेट :- प्रतिबंधित नक्सली संगठनभा०क०पा० (माओवादी)के कई नक्सली कोल्हान में सक्रिय,इसी के कारण दो पुलिस कर्मी हुए शहीद


सराईकेला: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भा०क०पा० (माओवादी) के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, रमेश उर्फ अनल, अजय महतो, अनमोल, मोछु, चमन, कांडे, सागेन अंगरिया, अश्विन अपने दस्ता सदस्यों के साथ कोल्हान क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधि के लिए भ्रमणशील है।

 उक्त सूचना के आलोक में इनके विरूद्ध कारगर कार्रवाई हेतु चाईबासा पुलिस, कोबरा 209 BN, 203 BN. झारखण्ड जगुआर एवं सी०आर०पी०एफ० 60 BN, 197 BN. 157 BN 174 BN, 134BN, 193 BN 07 BN, 26 BN की टीमों का एक संयुक्त अभियान दल गठित कर लगातार अभियान संचालित किया जा रहा है।

इसी क्रम में दिनांक 14.08.2023 से एक विशेष संयुक्त अभियान टोन्टो थानान्तर्गत तुम्बाहाका और सरजोमबुक के बीच पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र में भ्रमण की सूचना के आलोक में संचालित किया जा रहा था। 

अभियान के क्रम में दिनांक 14.08.2023 को समय लगभग 07.00 बजे रात्रि में टोन्टो थानान्तर्गत तुम्बाहाका और सरजोमबुरु के बीच में पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भा०क०पा० (माओवादी) के उग्रवादियों एवं सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुआ जिसमें झारखण्ड जगुआर के पु०अ०नि० अमित कुमार तिवारी एवं आ0 / 2787 गौतम कुमार शहीद हो गये है।

झारखण्ड पुलिस एवं अभियान में शामिल सभी संयुक्त बल पु०अ०नि० अमित कुमार तिवारी (2012 बैच एवं आ० / 2787 गौतम कुमार, झारखण्ड जगुआर को उनकी शहादत के लिए अपनी अद्धा सुमन अर्पित करते हैं।

संचालित नक्सल विरोधी अभियान जारी है।

अभियान दल:-

1. चाईबासा पुलिस

2. झारखण्ड जगुआर 3. कोबरा 209 BN, 203 BN.

4. सी०आर० पी०एफ० 197 BN. 193 BN, 174 BN, 157. BN, 134 BN. 60 BN, 26 BN

07 BN. 5. बम निरोधक दस्ता कोबरा 203 BN / 209 BN. / झारखण्ड जगुआर

हेल्थ टिप्स:अगर आप डिप्रेशन या उदासी को दूर भगाना चाहते है तो ट्राई करें ये स्पेशल फूड आइए जानते अवसाद को दूर करने वाले आहार के बारे में ...


डिप्रेशन एक ऐसी अवस्था जब व्यक्ति का मन और दिमाग नैगेटिविटी,चिंता , तनाव और उदासी से घिर जाता है। 

कभी-कभी हमारी लाइफ में कुछ चीजें ऐसी हो जाती है जिन्हें हैंडिल करना मुश्किल हो जाता है जिसकी वजह से इंसान डिप्रेशन का शिकार हो जाता है या फिर उस पर टेंशन हावी होने लगती है। ऐसे में इंसान अकेले रहना ही पसंद करता है या यूं कहे कि लोगों के बीच होकर भी खुद में खोया रहता है।

तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे food items के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें खाकर आप अपने डिप्रेशन या फिर टेंशन से छुटकारा पा सकते हैं।

डार्क चॉकलेट

चॉकलेट खाना किसे पसंद नहीं होता लेकिन अगर आप किसी से लड़ाई करने के बाद खाए तो ये आपकी टेंशन को दूर भगा देती है। इसमें cocoa और कम चीनी के साथ serotonin नाम का पदार्थ पाया जाता है। ये anti-oxidants आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं जिस वजह से आपका गुस्सा और स्ट्रेस modulate हो जाता है।  

 

दही

क्या आपको पता है कि दही में पाए जाने वाले बैक्टीरिया भी आपके मूड को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। दही में प्रोटीन और कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं जो कि आपके डिप्रेशन और गुस्से को कम करने में मदद करते हैं।

अखरोट

टेंशन और डिप्रेशन को छूमंतर करने के लिए अखरोट को सबसे अच्छा और प्राकृतिक तरीका माना गया है। अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। ये एसिड आपके दिमाग में मूड को रिफ्रेश करने वाले रयायन पैदा करता है। यही रसायन मूड को ठीक करने में सहायता करते हैं।

 

केला

डिप्रेशन न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन की मात्रा कम होने पर होता है और केले में सेरोटोनिन की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है। इसे खाने से आपका गुस्सा और डिप्रेशन दोनों ही दूर हो जाते हैं।

सरायकेला :बिरसा मुंडा स्टेडियम में मंत्री चम्पई सोरेन ने किया झंडोत्तोलन।



राज्य के लोगों को किया संबोधित, कहा युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य तरक्की के पथ पर अग्रसर, 8000 पंचायतों में खुलेंगे मॉडल स्कूल।

सरायकेला :– झारखंड सरकार के आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने आजादी के 77वीं वर्षगांठ पर सरायकेला के भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम के प्राचीर से झंडोत्तोलन किया और तिरंगे की सलामी ली। इससे पूर्व मंत्री का उपायुक्त रविशंकर शुक्ला एवं एसपी डॉ विमल कुमार ने स्वागत किया। उसके बाद मंत्री ने परेड का निरीक्षण किया। 

अपने संबोधन में मंत्री चम्पई सोरेन ने राज्य के लोगों को आजादी के 77 वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा देश के महान स्वाधीनता सेनानियों की वजह से आज हम आजादी का उत्सव माना रहे हैं। मंत्री ने देश के महान शहीदों की शहादत को नमन किया। 

उन्होंने कहा भारत देश बहुभाषी और अलग- अलग धर्म को मानने वाला देश है। देश को एक सूत्र में जोड़ने के लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान का निर्माण किया, जिस वजह से आज देश एक सूत्र में बंधा है और यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। आगे मंत्री ने कहा आज अतीत से अपने गौरवशाली इतिहास को जानने हमारे देश के अमर शहीदों के विषय में जानने की आवश्यकता है। 

मंत्री ने का झारखंड खनिज संपदाओं से भरा हुआ प्रदेश है झारखंड सोने की चिड़िया है यहां के कोयले से पूरे देश की बिजली जलती है यहां के यूरेनियम से देश और दुनिया की सामरिक शक्ति मजबूत होती है यहां के आयरन और पत्थर से पूरे देश और दुनिया को आर्थिक संबल प्रदान किया जाता है। 

 बावजूद इसके झारखंड के लोग आज भी पिछड़े हैं। आज भी ग्रामीण क्षेत्र काफी पिछड़ा है। युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गांव को शहर से जोड़ने का राज्यव्यापी अभियान चल रहा है। 8000 पंचायत में मॉडल स्कूल बनाने की योजना है, ताकि गांव- गांव शिक्षा का अलख जगाया जा सके।

 ग्रामीण युवाओं को गुणवत्ता युक्त शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मंत्री चंपई सोरेन ने सरकार द्वारा चलाए गए "आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार" कार्यक्रम की सराहना की और कहा इस योजना के तहत राज्य भर के जिला अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक गांव- गांव, जंगल- जंगल घूम- घूम कर लोगों की समस्याओं का निदान करने का काम किया। उन्होंने अभियान को धरातल पर उतरने के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों की भी पुरजोर सराहना की। 

स्वाधीनता दिवस के मौके पर नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने की दिशा में पहल करते हुए मंत्री चंपई सोरेन ने एंटी नारकोटिक्स कैलेंडर का विमोचन किया। नशा मुक्ति को लेकर चलाये जा रहे स्लोगन प्रतियोगिता में अव्वल स्लोगन बनाने वाले सेंट्रल पब्लिक स्कूल आदित्यपुर के 11 वीं के छात्र केशव कुमार एवं परेड में बेहतर बैंड की प्रस्तुति देने के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय राजनगर एवं गम्हरिया की छात्राओं को सम्मानित किया। साथ ही मंत्री चंपई सोरेन ने नशा मुक्ति अभियान को लेकर प्रचार रथ को रवाना किया।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने किया सूर्य मंदिर प्रांगण में झंडोत्तोलन

जमशेदपुर ब्रेकिंग : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास सूर्य मंदिर प्रांगण में झंडोत्तोलन किया और राष्ट्रध्वज को सलामी दी ।

जहां भारी संख्या में भाजपा के पार्टी नेता एवं मंदिर कमेटी के लोग और स्कूली बच्चे उपस्थित थे। रघुवर दास ने लोगों को क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी।

चाईबासा ब्रेकिंग : कोल्हान के टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका जंगल में फिर झारखंड जगुआर के दो जवान हुए शहीद


पश्चिमी सिंहभूम जिले के घोर 

नक्सल प्रभावित टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका जंगल में नक्सलियों की टोह में चलाए जा रहे सर्च अॉपरेशन के दौरान सीआरपीएफ के तीन और जगूआर के दो जवानों की मिशिंग होने की खबर थी।जिसमें पश्चिमी सिंहभूम में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के दो जवानो के शहीद हो गये,जबकी सीआरपीएफ के तीन जवान सकुशल सुरक्षित कैंप वापस लौट गए है।

 बताया जा रहा है कि बीते शंध्या 5 जवान लापता हो गए थे।जिसमे दो शहीद हो गए तथा देर रात तीन और जवान भी पहुंचे कैंप।इस सबंध में जगन्नाथपुर एसडीपीओ ईकुड़ डुंगडुंग से पुछे जाने पर बताया गया कि घटना सही है झारखंड जगुआर के दो जवान शहीद हो गए है,बाकी सीआरपीएफ के तीन जवान सुरक्षित कैंप वापस लौट गए है।इस पर पुलिस कार्रवाई कर रही है।

वहीं पुलिस कप्तान आशुतोष शेखर से मामले की जानकारी के लिए संपर्क साधा गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाई।वैसै सूचना मिल रही है कि 2012 बैच के एसआई अमित तिवारी व हवलदार गौतम कुमार शहीद हुए है।मालूम हो दो दिन पूर्व ही पुलिस व नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में सीआरपीएफ 60 बटालियन के जवान प्रशांत कुमार कुंटिया नक्सलियों के गोली से शहीद हो गए थे,जो ओड़िशा के रहने वाले थे।

यह भी जाने

इधर जिले में 77 वां स्वतंत्रता दिवस को लेकर जिला मुख्यालय में कार्यक्रम चल रहा था वहीं स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पश्चिमी सिंहभूम जिले के कोल्हान जंगल में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया। इस दौरान हुई मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के दो जवान शहीद हो गए हैं। यह मुठभेड़ सोमवार की देर शाम करीब 7:00 बजे टोंटो थाना अंतर्गत तुमबाहाका और सरजमबुरू के रास्ते में होने की बात कही जा रही है।

मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के दो जवान शहीद

मुठभेड़ के बाद पांच जवानों के लापता होने की बात भी सामने आ रही थी, मगर मुठभेड़ खत्म होने के बाद रात में करीब 12:00 बजे तीन जवान सुरक्षित बरामद कर लिए गए। जबकि झारखंड जगुआर के दो जवान मृत पाए गए।इनमें से एक झारखंड जगुआर के एसआई हैं और दूसरे सिपाही हैं। शहीद जवान का नाम अमित तिवारी, सब इंस्पेक्टर (2012 बैच) और गौतम कुमार, हवलदार है।एसआई को मुठभेड़ में सात-आठ गोली लगी है, जबकि सिपाही को दो से तीन गोलियां लगी हैं। दोनों बलिदानी जवानों के शव चॉपर के माध्यम से रांची ले जाने की तैयारी चल रही है।

 सूत्रों के अनुसार, टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका से लेकर सरजमबुरु तक रास्ता क्लियर करने के लिए सीआरपीएफ और झारखंड जगुवार की टीमों की तैनाती इलाके में की गई है।

करीब एक घंटे तक चली मुठभेड़

सोमवार को यह टीम में रास्ता क्लियर करने का काम कर रही थी। इसी क्रम में रात करीब 7 बजे पहले से घात लगाकर बैठे एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ते ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई।

जवान अपने आप को बचाने के लिए जंगलों की आड़ में छुप गए। कुछ जवानों ने भी अपनी पोजीशन लेते हुए जवाबी फायरिंग की। करीब एक घंटे चली मुठभेड़ के बाद नक्सली मौके से भाग निकले। इस बीच 5 जवान नहीं मिल रहे थे। मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वजह से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था।

11 अगस्‍त को मिसिर बेसरा के दस्‍ते के साथ हुई थी मुठभेड़

देर रात सीआरपीएफ के अन्य कैंप से अतिरिक्त फोर्स मुठभेड़ स्थल भेजी गई। इसके बाद रात में ही पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। ऑपरेशन के दौरान झारखंड जगुआर के दो जवानों का शव जंगल में बरामद हुआ। तीन जवान सुरक्षित मिल गए।

मालूम हो कि 11 अगस्त को इसी इलाके में एक करोड़ की इनामी नक्सली मिसिर बेसरा दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी। इसमें एक जवान सुशांत कुमार बलिदान हो गए थे। इसके साथ ही पुलिस ने इस इलाके में नक्सलियों के 11 बंकर ध्वस्त कर दिए थे।