जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा..', निलंबित होने पर बोले कांग्रेस सांसद अधीर रंजन, धृतराष्ट्र और भगोड़े नीरव मोदी से की थी PM की तुलना
'अनियंत्रित व्यवहार' को लेकर लोकसभा से निलंबित किए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि उनकी टिप्पणी का मकसद, ''किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।'' कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह सदन में अपनी दलीलें स्पष्ट रूप से पेश करने की कोशिश कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर वह ''सुप्रीम कोर्ट'' का रुख कर सकते हैं। चौधरी ने कहा, ''किसी को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि खुद को अभिव्यक्त करने के लिए इसका इस्तेमाल किया।''
दरअसल, मणिपुर हिंसा पर अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगोड़े अरबपति नीरव मोदी और धृतराष्ट्र से की थी। भारी आक्रोश के बाद इन टिप्पणियों को सदन के रिकॉर्ड से हटा दिया गया था। अब निलंबित होने के बाद अधीर रंजन ने एक प्रेस वार्ता में कहा है कि, 'मेरा इरादा अपने तर्कों को स्पष्ट रूप से रखना और जो कुछ भी मेरे मन में आया उसे व्यक्त करना था। क्या यह गलत था?'' उन्होंने आगे कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो मैं सुप्रीम कोर्ट जा सकता हूं।'
अधीर रंजन ने कहा कि, 'यह एक नई घटना है जिसे हमने संसद में अपने करियर में पहले कभी अनुभव नहीं किया है,यह विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सत्तारूढ़ दल द्वारा एक जानबूझकर की गई योजना है, यह संसदीय लोकतंत्र की भावना को कमजोर करेगा।' बता दें कि, भाजपा नेता प्रल्हाद जोशी द्वारा लाए गए एक प्रस्ताव को लोकसभा द्वारा पारित किए जाने के बाद चौधरी को निलंबित कर दिया गया था। वह तब तक निलंबित रहेंगे जब तक विशेषाधिकार समिति इस मामले पर अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप देती। इस बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चौधरी का निलंबन ''कमजोर आधार'' पर है। उनका बचाव करते हुए, खड़गे ने दावा किया कि चौधरी ने केवल "नीरव मोदी" कहा था और नीरव का अर्थ "शांत" है।
Aug 12 2023, 18:21