दिल्ली के नारायना इलाके के एक एमसीडी स्कूल में गैस रिसाव से हुआ बड़ा हादसा, 24 बच्चे पहुंचे अस्पताल, सबकी हालत अभी ठीक बताई जा रही

नई दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। स्कूल के पास संदिग्ध गैस रिसाव के बाद दिल्ली के 24 छात्र अस्पताल पहुंचे हैं। दिल्ली के एक एमसीडी स्कूल में संदिग्ध गैस रिसाव के कारण 24 छात्र बीमार पड़ गये। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के नारायणा इलाके में एक नगर निगम स्कूल के चौबीस छात्र आज कथित तौर पर गैस रिसाव की घटना के कारण बीमार पड़ गए।

दिल्ली नगर निगम (MCD) के एक वरिष्ठ अस्पताल ने मीडिया को बताया कि उन्नीस छात्रों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जबकि नौ अन्य को आचार्य श्री भिक्षु अस्पताल भेजा गया। उन्होंने कहा, स्कूल के पास कुछ गैस रिसाव की घटना के कारण छात्र बीमार पड़ गए। सभी छात्र ठीक हैं, दो अस्पतालों में डॉक्टर उनकी देखभाल कर रहे हैं।

अधिकारी ने बताया कि नागरिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दोनों अस्पतालों और स्कूल गए और एमसीडी का शिक्षा विभाग भी काम पर लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि हम अपने स्तर से भी जांच करेंगे कि यह घटना किस कारण से हुई।

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में पौधारोपण कर रही महिलाओं पर गुलदार ने किया हमला, भगदड़, एक महिला को किया लहूलुहान


 अगस्त्यमुनि (रुद्रप्रयाग) के बसुकेदार उप तहसील के डांगी-सिनघाटा गांव में पौधारोपण कर रही महिलाओं पर गुलदार ने हमला कर दिया। इस घटना में 40 वर्षीय महिला संपदा देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिन्हें परिजनों द्वारा सीएचसी अगस्त्यमुनि में भर्ती किया गया है। गुलदार के हमले के बाद से क्षेत्रीय जनता में दशहत का माहौल बना हुआ है। उन्होंने वन विभाग से गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की है।

शुक्रवार को संपदा देवी पत्नी ताजबर सिंह गांव की अन्य महिलाओं के साथ प्राथमिक विद्यालय डांगी के समीप खेतों में पौध लगा रहीं थी। तभी, झाड़ियों में छुपे गुलदार ने महिलाओं के समूह पर हमला कर दिया। इस दौरान अन्य महिलाएं तो चिल्लाते हुए इधर-उधर भाग गईं। लेकिन संपदा देवी को गुलदार ने पंजों से कई हमले कर लहुलूहान कर दिया।

सिर पर लगे टांके, हाथ, पैरों पर भी जख्म

महिलाओं की सूचना पर घायल के परिजन व अन्य लोग मौके पर पहुंचे और उन्हें तत्काल सीएचसी अगस्त्यमुनि पहुंचाया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति में सुधार है। डॉक्टर ने बताया कि महिला के सिर पर टांके आए हैं। साथ ही हाथ, पैरों पर भी जख्म हैं।

दूसरी तरफ रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के रेंजर यशवंत सिंह चौहान ने अस्पताल पहुंचकर महिला की कुशलक्षेम पूछी। वहीं, ग्राम प्रधान सतेंद्र राणा ने वन विभाग से पिंजरा लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि स्कूल के समीप हुई इस घटना के बाद से ग्रामीणों में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भय पैदा हो गया है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाता मलिक को मिली जमानत, 17 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे

#nawab_malik_gets_bail_from_supreme_court 

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक को जमानत मिल गई है। नवाब मलिक फरवरी 2022 से जेल में हैं। नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद हैं।

अदालत ने नवाब मलिक की 2 महीने के लिए बेल मंजूर की है। बताया जा रहा है कि राज्य के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मेडिकल आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने की जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने मेडिकल आधार पर जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं जताई है।

नवाब मलिक का पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। ऐसे में मुझे समझ नहीं आता कि मलिक को अंदर रखने की आवश्यकता क्यों है? सिब्बल ने आगे कहा कि मलिक का पिछले 16 महीने से किडनी एलाइनमेंट के चलते इलाज चल रहा है। 

मलिक ने ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मामले में मेडिकल आधार पर जमानत देने से इनकार करने के बंबई हाईकोर्ट के 13 जुलाई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि मलिक किडनी की बीमारी और अन्य बीमारियों के कारण अस्पताल में हैं। हम मेडिकल शर्तों पर सख्ती से आदेश पारित कर रहे हैं। 

ईडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमें चिकित्सा आधार पर नवाब मलिक को जमानत देने से कोई परेशानी नहीं है। उन्हें दो महीन के लिए बेल दे दीजिए।

पीएम मोदी के भाषण पर राहुल गांधी का पलटवार, कहा-प्रधानमंत्री संसद में हंस रहे थे, 2 घंटे 13 मिनट के भाषण में बस 2 मिनट मणिपुर का जिक्र

#rahul_gandhi_press_conference

 

अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन दिए गए भाषण पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि कल प्रधानमंत्री जी ने संसद में 2 घंटे 13 मिनट भाषण दिया, जिसमें अंत में महज 2 मिनट ही उन्होंने मणिपुर को लेकर बात की। अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी हंस रहे थे।

पीएम को असंवेदनशीलता नहीं दिखानी चाहिए थी- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर में लोग मारे जा रहे हैं, महिलाओं का बलात्कार हो रहा है और प्रधानमंत्री संसद में हंस रहे थे, मजाक कर रहे थे। यह उनको शोभा नहीं देता है। ऐसे गंभीर मसले पर प्रधानमंत्री को ऐसी असंवेदनशीलता नहीं दिखानी चाहिए थी। विषय कांग्रेस नहीं थी, मैं नहीं था, विषय था मणिपुर में हिंसा। प्रधानमंत्री हम पर ही हमले करते रहे।

राहुल ने बताया- भारत माता की हत्या वाले बयान की वजह

कांग्रेस नेता ने कहा कि जो मैंने मणिपुर में देखा, वो अब तक नहीं देखा था। मणिपुर को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। सरकार ने मणिपुर में भारत को खत्म कर दिया है।राहुल गांधी ने कहा कि मैंने संसद में जब कहा कि भारत माता की हत्या कर दी गई है तो वह खोखले शब्द नहीं थे। मैं जब मणिपुर के मैतेई एरिया में गए तो मुझे मैतेइयों ने कहा कि यहां किसी कुकी को मत लाइएगा, उसे मार दिया जाएगा। कुकी इलाकों में गए तो उन्होंने मुझसे कहा कि किसी मैतेई को मत लाइएगा वरना उसे मार दिया जाएगा। हमें दोनों जगहों पर मैतेयी और कुकी को अलग करना पड़ा। इसलिए मैंने कहा कि हिंदुस्तान में भारत माता की हत्या कर दी गई है।

प्रधानमंत्री मणिपुर की हिंसा को खत्म नहीं करना चाहते-राहुल गांधी

पीएम मोदी पर वार करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मणिपुर की हिंसा को खत्म नहीं करना चाहते हैं। वह मणिपुर को जलाना चाहते हैं। सेना का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता राहुल ने कहा कि सेना की क्षमता को पूरा देश जानता है। अगर सेना को आदेश दिया जाए तो पूरा मामला महज 2 दिन में ही खत्म कराया जा सकता है, सेना 2 दिन में ही हालात को काबू कर सकती है।लेकिन ऐसा किया नहीं जा रहा है।

अब सांसद राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित, पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर मामले में हुई कार्रवाई, संजय सिंह का भी सस्पेंशन बढ़ा

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दिल्ली सेवा बिल को रोकने में नाकाम रहने के बाद अब आम आदमी पार्टी को एक और झटका लगा है। पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को सस्पेंड कर दिया गया है।दिल्ली सेवा विधेयक को लेकर पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर के मामले में आप सांसद पर यह कार्रवाई हुई है। विशेषाधिकारी समिति की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित रहेंगे। यही नहीं, कुछ दिन पहले राज्यसभा से इस सत्र के लिए सस्पेंड किए गए सांसद संजय सिंह को अगले सत्र के लिए भी निलंबित करने का फैसला किया गया है। 

राघव चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने सांसदों की मंजूरी के बिना उनकी सदस्यता वाली समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था, जो कि नियमों का उल्लंघन है। अब विशेषाधिकार समिति इस मामले की जांच करेगी। विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित रहेंगे। बता दें कि राघव चड्ढा ने दिल्ली सेवा संशोधन बिल 2023 पर विचार के लिए एक समिति का गठन करने की मांग की थी। इस समिति के लिए ही उक्त सांसदों के नाम दिए गए थे। 

राज्यसभा की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि सभापति को सांसदों सस्मित पात्रा, एस फेंगोन कोन्याक, एम थंबीदुरई, सुधांशु त्रिवेदी और नरहरि अमीन ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि बिना उनकी मंजूरी के उनके नाम शामिल किए गए, यह राज्यसभा की कार्यवाही प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन है।

पहले भी वह प्रेस में गलत बयान देते रहे- पीयूष गोयल

आज उच्च सदन में नेता सदन पीयूष गोयल ने राघव चड्ढा के नियमों का उल्लंघन कर बिना सहमति सदन की समिति में कई सदस्यों का नाम शामिल करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कई सदस्यों की शिकायत से साफ है कि यह नियमों का उल्लंघन है। उस दिन विप जारी हुआ था। यह प्रिविलेज का उल्लंघन है। कल को अगर सस्मित पात्रा का नाम दूसरी पार्टी के साथ जोड़ा जाता है तो उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कुल 6 मेंबर परेशान हुए हैं और वे सभापति से अपने अधिकारों का संरक्षण चाहते हैं। वह बाहर जाकर भी गलत बयानबाजी देते रहे। पहले भी वह प्रेस में गलत बयान देते रहे हैं कि उनके साथी संजय सिंह को सवाल पूछने के कारण सस्पेंड किया गया।

रिपोर्ट आने तक संजय सिंह भी निलंबित

पीयूष गोयल ने ये भी कहा, संजय सिंह ने भी जिस तरह से आचरण किया वो भी बेहद निंदनीय है। वो निलंबन के बाद भी सदन में बैठे रहे। इसकी वजह से सदन की कार्रवाई भी स्थगित करनी पड़ी। ये चेयर का अपमान है। संजय सिंह अब तक 56 बार वेल में आ चुके हैं, जो दिखाता है की वो सदन की कार्रवाई बाधित करना चाहते हैं। संजय सिंह राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित रहेंगे।

चुनाव आयोग में नियुक्तियों को लेकर राज्यसभा में पेश बिल पर विवाद शुरू, विपक्ष ने तीन सदस्यीय पैनल में सीजेआई के ना होने पर जताई आपत्ति

#election_commissioner_appointment_bill

राज्यसभा में गुरुवार को सरकार ने चुनाव आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य दूसरे निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यकाल के रेगुलेशन के लिए एक बिल पेश किया।हालांकि इस बिल को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। विपक्ष ने तीन सदस्यीय पैनल को लेकर आपत्ति जताई है।

दरअसल, बिल में चुनाव आयोग में शीर्ष पदों के लिए चयन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति की ओर से करने का प्रावधान है। जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक नोमिनेटेड कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे।नए विधेयक में सीजेआई को शामिल नहीं किया गया है।प्रस्तावित बिल तब आया है, जब पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग में शीर्ष नियुक्ति के लिए बनी कमिटी में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस शामिल होंगे। अब बिल पास होने के बाद पता चला है कि इसमें चीफ जस्टिस शामिल नहीं होंगे। विपक्ष ने अचानक पेश हुए इस बिल को संविधान विरोधी बताया है। कांग्रेस ने कहा कि इस बिल के माध्यम से पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह निर्वाचन आयोग को नियंत्रित करना चाहते हैं

आडवाणी के 2012 में लिखे पत्र को कांग्रेस ने साझा किया

इस बीच, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को तत्कालीन भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे गए 2012 के एक पत्र को साझा किया, जिसमें ऐसी नियुक्तियों के लिए व्यापक आधार वाले कॉलेजियम का सुझाव दिया गया था।पत्र में आडवाणी ने मांग की थी कि सीईसी और अन्य सदस्यों की नियुक्ति पांच सदस्यीय पैनल या कॉलेजियम द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता और कानून मंत्री शामिल हों। आडवाणी ने ये पत्र दो जून, 2012 को पत्र में लिखा था। 

मौजूदा प्रणाली को लेकर क्या थी आडवाणी की राय

आडवाणी के पत्र के मुताबिक मौजूदा प्रणाली, जिसमें चुनाव आयोग के सदस्यों को केवल प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, लोगों में विश्वास पैदा नहीं करता है। इस पर उस समय सरकार सभी राजनीतिक दलों की राय लेने के लिए तैयार थी। मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह चुनाव सुधारों के तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में बदलाव के लिए तैयार हैं।

बीजेपी पर जयराम रमेश का आरोप

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाया गया विधेयक न केवल आडवाणी द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव के खिलाफ है, बल्कि इस साल दो मार्च को पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के फैसले के विपरीत है। उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में मोदी सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम इस बात की पुष्टि करता है कि मोदी चुनाव आयोग पर नियंत्रण सुनिश्चित करना चाहते हैं। 

हमलावर हुआ विपक्ष

वहीं, सरकार द्वारा पेश विधेयक पर आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारतीय लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं और नियुक्त होने वाले चुनाव आयुक्त बीजेपी के प्रति वफादार होंगे। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह 2024 के चुनाव में धांधली की दिशा में एक स्पष्ट कदम है। कांग्रेस नेताओं ने सभी लोकतांत्रिक ताकतों से प्रस्तावित कानून का विरोध करने की अपील करते हुए सवाल किया कि क्या बीजू जनता दल (बीजेडी) और वाईएसआर कांग्रेस भी विधेयक का विरोध करने के लिए हाथ मिलाएंगे।

चांद पर निभाई जाएगी धरती की दोस्ती, इसरो ने रूस के लूना-25 लॉन्च पर दी बधाई, कहा- अंतरिक्ष यात्रा में एक और मुलाकात

#luna_25_launch_successful_isro_wishes 

भारत के बाद अब रूस ने भी लूनर मिशन लूना-25 लॉन्च कर दिया है। धरती के दोनों दोस्त अब अंतरिक्ष में भी अपनी दोस्ती निभाएंगे। दरअसल, शुक्रवार सुबह रूस ने भी मून मिशन लॉन्च किया है।इस मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रूसी अंतरिक्ष एजेंसी को बधाई दी। 

रशियन स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने शुक्रवार सुबह लूना-25 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा। पिछले 50 सालों में रूस का यह पहला चंद्रमा मिशन है। इसरो ने कहा कि लूना-25 के सफल लॉन्च पर रोस्कोस्मोस को हमारी तरफ से बधाई। हमारी अंतरिक्ष यात्रा में एक और मुलाकात होना अद्भुत है। उसने कहा कि चंद्रयान-3 और लूना-25 मिशनों को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए शुभकामनाएं। 

दरअसल, भारत द्वारा लॉन्च किए गए मून मिशन चंद्रयान 3 के करीब एक महीने बाद यानी आज शुक्रवार को रूस ने अपना मून मिशन लूना-25 को लॉन्च किया है। बताया जा रहा है कि भारत का चंद्रयान-3 और रूस का लूना-25 दोनों ही चांद के दक्षिणी ध्रुव पर करीब-करीब एक ही समय में या फिर थोड़ा बहुत आगे-पीछे लैंड करेंगे। हालांकि, कौन पहले चांद पर कदम रखेगा, इस बारे में स्पष्टता नहीं आई है।

रूसी मीडिया के अनुसार, शुक्रवार 11 अगस्त को सुबह 4.40 बजे रूस के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना- 25 लैंडर की लॉन्चिंग की। लूना- 25 को सोयुज 2.1 बी रॉकेट में चांद पर भेजा गया है। इसे लूना-ग्लोब मिशन का नाम दिया गया है। रॉकेट की लंबाई करीब 46.3 मीटर है, वहीं इसका व्यास 10.3 मीटर है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है कि लूना-25 चांद की ओर निकल चुका है। पांच दिनों तक यह चांद की तरफ बढ़ेगा। इसके बाद 313 टन वजनी रॉकेट 7-10 दिनों तक चांद का चक्कर लगाएगा। उम्मीद है कि 21 या 22 अगस्त को यह चांद की सतह पर पहुंच जाएगा।रूस की योजना है कि लैंडर को चांद के दक्षिणी पोल पर उतरेगा। जानकारों का कहना है कि चांद के इसी पोल पर पानी मिलने की संभावना है।

बता दें कि रूस ने आखिरी बार 1976 में चंद्रमा पर कोई स्पेसक्राफ्ट भेजा था। लूना-25 की लॉन्चिंग यूरोपियन स्पेस एजेंसी की मदद के बिना किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लूना-25 के 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचने की संभावना है। उसी दिन शाम को चंद्रयान-3 के भी चंद्रमा की सतह पर कदम रखने की उम्मीद है। भारत ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। लूना-25 और चंद्रयान-3, दोनों ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेंगे। अब तक यहां पर कोई स्पेसक्राफ्ट लैंड नहीं कर सका है। चंद्रमा पर भी केवल तीन देश- अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही स्पेसक्राफ्ट भेज पाए हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के साथ भारत इस एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा।

चांद पर निभाई जाएगी धरती की दोस्ती, इसरो ने रूस के लूना-25 लॉन्च पर दी बधाई, कहा- अंतरिक्ष यात्रा में एक और मुलाकात

#luna_25_launch_successful_isro_wishes 

भारत के बाद अब रूस ने भी लूनर मिशन लूना-25 लॉन्च कर दिया है। धरती के दोनों दोस्त अब अंतरिक्ष में भी अपनी दोस्ती निभाएंगे। दरअसल, शुक्रवार सुबह रूस ने भी मून मिशन लॉन्च किया है।इस मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रूसी अंतरिक्ष एजेंसी को बधाई दी। 

रशियन स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने शुक्रवार सुबह लूना-25 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा। पिछले 50 सालों में रूस का यह पहला चंद्रमा मिशन है। इसरो ने कहा कि लूना-25 के सफल लॉन्च पर रोस्कोस्मोस को हमारी तरफ से बधाई। हमारी अंतरिक्ष यात्रा में एक और मुलाकात होना अद्भुत है। उसने कहा कि चंद्रयान-3 और लूना-25 मिशनों को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए शुभकामनाएं। 

दरअसल, भारत द्वारा लॉन्च किए गए मून मिशन चंद्रयान 3 के करीब एक महीने बाद यानी आज शुक्रवार को रूस ने अपना मून मिशन लूना-25 को लॉन्च किया है। बताया जा रहा है कि भारत का चंद्रयान-3 और रूस का लूना-25 दोनों ही चांद के दक्षिणी ध्रुव पर करीब-करीब एक ही समय में या फिर थोड़ा बहुत आगे-पीछे लैंड करेंगे। हालांकि, कौन पहले चांद पर कदम रखेगा, इस बारे में स्पष्टता नहीं आई है।

रूसी मीडिया के अनुसार, शुक्रवार 11 अगस्त को सुबह 4.40 बजे रूस के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना- 25 लैंडर की लॉन्चिंग की। लूना- 25 को सोयुज 2.1 बी रॉकेट में चांद पर भेजा गया है। इसे लूना-ग्लोब मिशन का नाम दिया गया है। रॉकेट की लंबाई करीब 46.3 मीटर है, वहीं इसका व्यास 10.3 मीटर है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है कि लूना-25 चांद की ओर निकल चुका है। पांच दिनों तक यह चांद की तरफ बढ़ेगा। इसके बाद 313 टन वजनी रॉकेट 7-10 दिनों तक चांद का चक्कर लगाएगा। उम्मीद है कि 21 या 22 अगस्त को यह चांद की सतह पर पहुंच जाएगा।रूस की योजना है कि लैंडर को चांद के दक्षिणी पोल पर उतरेगा। जानकारों का कहना है कि चांद के इसी पोल पर पानी मिलने की संभावना है।

बता दें कि रूस ने आखिरी बार 1976 में चंद्रमा पर कोई स्पेसक्राफ्ट भेजा था। लूना-25 की लॉन्चिंग यूरोपियन स्पेस एजेंसी की मदद के बिना किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लूना-25 के 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचने की संभावना है। उसी दिन शाम को चंद्रयान-3 के भी चंद्रमा की सतह पर कदम रखने की उम्मीद है। भारत ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। लूना-25 और चंद्रयान-3, दोनों ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेंगे। अब तक यहां पर कोई स्पेसक्राफ्ट लैंड नहीं कर सका है। चंद्रमा पर भी केवल तीन देश- अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही स्पेसक्राफ्ट भेज पाए हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के साथ भारत इस एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा।

लोकसभा में IPC, CRPC व IA एक्ट में संशोधन वाले 3 बिल पेश, अमित शाह ने कहा- राजद्रोह कानून पूरी तरह निरस्‍त कर देंगे

#monsoonsession2023loksabha

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन-तीन विधेयक पेश किए हैं। इनमें भारतीय सुरक्षा संहिता बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्‍य अधिनियम शामिल हैं।गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय सुरक्षा संहिता बिल (CrPC) पर लोकसभा में बताया कि अंग्रेजों के बनाए 3 कानून में संसोधन किया गया है। आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 किया गया है।अमित शाह ने बताया, नए सीआरपीसी में 356 धारा होंगी जबकि 511 थीं। उन्होंने कहा, गुलामी की निशानियों को समाप्त कर नया कानून लाने का तय किया है।

गुलामी का निशानियां खत्म की जा रहीं-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा, ‘आज मैं जो 3 विधेयक एक साथ लेकर आया हूं, वो तीनों विधेयक पीएम मोदी ने जो 5 प्रण लिए हैं, उनमें से एक प्रण का अनुपालन करने वाले हैं। दंड विधान प्रक्रिया के लिए मूलभूत कानून इन तीन विधेयकों में शामिल हैं। एक है Indian Penal Code (आईपीसी)जो 1860 में बनाया गया। दूसरा है Criminal Procedure Code (सीआरपीसी)जो 1898 में बनाया गया और तीसरा है Indian Evidence Act (एआई) जो 1872 में बनाया गया। उन्होंने कहा, '1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही। तीन कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा। शाह ने कहा कि इन तीनों कानूनों को रिप्लेस कर के इनकी जगह तीन नए कानून जो बनेंगे, उनकी भावना होगी भारतीयों को अधिकार देने की। इन कानूनों का उद्देश्य किसी को दंड देना नहीं होगा। इसका उद्देश्य होगा लोगों को न्याय देना। 

अलगाववाद और देश के खिलाफ अपराध एक अलग रूप में परिभाषित होंगे-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए बताया कि मॉब लिंचिंग के मामलों में सजा-ए-मौत दी जा सकेगी। अलगाववाद और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे अपराधों को एक अलग अपराध के रूप में परिभाषित किया गया है। दाऊद इब्राहिम जैसे फरार अपराधियों पर उसकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाने का प्रावधान लाया गया। उसके अनुपस्थित रहने पर भी उसके मामले में सुनवाई होगी और उसे सजा होगी। उसे सजा से बचना हो तो भारत आए और केस लड़े।अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य रखा है कि सजा का अनुपात 90% से ऊपर ले जाना है। इसीलिए, हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान लाए हैं कि जो धाराएं 7 साल या अधिक जेल की सजा का प्रावधान करती हैं , उन सभी मामलों के तहत फोरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा।

राजद्रोह कानून पूरी तरह निरस्‍त कर देंगे- शाह

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि आईपीसी पर नया बिल देशद्रोह के अपराध को पूरी तरह से निरस्त कर देगा। 'भारतीय न्याय संहिता' (नई आईपीसी) में अलगाव, सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियों, अलगाववादी गतिविधियों या भारत की संप्रभुता या एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों पर एक नया अपराध भी जोड़ा गया है।

चार साल में 158 बैठकों के बाद लिया गया फैसला-शाह

अमित शाह ने कहा कि 18 राज्यों, छह यूटी, भारत की सुप्रीम कोर्ट, 22 हाईकोर्ट, न्यायिक संस्थाओं, 142 सासंद और 270 विधायकों के अलावा जनता ने भी इन विधेयकों को लेकर सुझाव दिए हैं। चार साल तक इस पर काफी चर्चा हुई है। हमने इस पर 158 बैठकें की हैं।

नए एरिस वैरिएंट पर WHO की पड़ताल शुरू, भारत में आ चुका है एक मामला

कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से निकले एरिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पड़ताल शुरू कर दी है। फिलहाल डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में शामिल किया है। जानकारी मिली है कि बीते अप्रैल से अब तक भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए एरिस वैरिएंट की पहचान हुई है जिसे ईजी.5 नाम से जाना जाता है।

जेनेवा में हुई बैठक

बीते मंगलवार को जेनेवा में हुई बैठक में डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने कहा है कि अभी तक एरिस स्ट्रेन के बहुत अधिक साक्ष्य सामने नहीं आए हैं। इसलिए फिलहाल इसे गंभीर स्ट्रेन नहीं माना जा सकता है। समय के अनुसार जैसे जैसे साक्ष्य हमारे सामने आएंगें, इसके बारे में सदस्य देशों को जानकारी देते रहेंगे।

साल 2019 में आया कोरोना

दरअसल, 2019 में कोरोना महामारी की शुरुआत के समय डब्ल्यूएचओ ने तीन श्रेणी के तहत कोरोना वायरस के वैरिएंट को रखा। इनमें वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट, वैरिएंट ऑफ कंसर्न और वैरिएंट ऑफ हाइकान्सिक्वेंस शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ईजी.5 और इसके उप-वंश को लेकर अभी तक काफी कम मामले दुनिया में सामने आए हैं। हालांकि, यूके और अमेरिका में इनकी संख्या काफी है जबकि भारत में बीते मई माह के दौरान एक मामला मिला जो दो दिन में स्वस्थ भी हो गया। 

सतर्क रहने की जरूरत

एरिस वैरिएंट को शोधकर्ताओं ने EG 5.1 नाम दिया है, सबसे पहले जुलाई में इसकी पहचान की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यूके सहित सभी देशों को सतर्क रहने और कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करने की सलाह दी है। अध्ययनकर्ताों का कहना है कि वायरस में जारी म्यूटेशनों के कारण गंभीर या संक्रामक वैरिएंट का जोखिम लगातार बना हुआ है, हमें इस दिशा में बेहद सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार, ईजी.5 ओमिक्रॉन सबवेरिएंट एक्सबीबी.1.9.2 का वंशज है। इस स्ट्रेन वाले वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक अतिरिक्त उत्परिवर्तन है जो मानव कोशिकाओं में प्रवेश कर जल्द ही संक्रमित करने की क्षमता रखता है। अभी तक ईजी.5 और ईजी.5.1 के मामले सामने आए हैं। बीते सात अगस्त 51 देशों में ईजी.5 के 7354 जीनोम सीक्वेंस सामने आए हैं।

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव