लोकसभा में IPC, CRPC व IA एक्ट में संशोधन वाले 3 बिल पेश, अमित शाह ने कहा- राजद्रोह कानून पूरी तरह निरस्त कर देंगे
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन-तीन विधेयक पेश किए हैं। इनमें भारतीय सुरक्षा संहिता बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं।गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय सुरक्षा संहिता बिल (CrPC) पर लोकसभा में बताया कि अंग्रेजों के बनाए 3 कानून में संसोधन किया गया है। आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 किया गया है।अमित शाह ने बताया, नए सीआरपीसी में 356 धारा होंगी जबकि 511 थीं। उन्होंने कहा, गुलामी की निशानियों को समाप्त कर नया कानून लाने का तय किया है।
गुलामी का निशानियां खत्म की जा रहीं-शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा, ‘आज मैं जो 3 विधेयक एक साथ लेकर आया हूं, वो तीनों विधेयक पीएम मोदी ने जो 5 प्रण लिए हैं, उनमें से एक प्रण का अनुपालन करने वाले हैं। दंड विधान प्रक्रिया के लिए मूलभूत कानून इन तीन विधेयकों में शामिल हैं। एक है Indian Penal Code (आईपीसी)जो 1860 में बनाया गया। दूसरा है Criminal Procedure Code (सीआरपीसी)जो 1898 में बनाया गया और तीसरा है Indian Evidence Act (एआई) जो 1872 में बनाया गया। उन्होंने कहा, '1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही। तीन कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा। शाह ने कहा कि इन तीनों कानूनों को रिप्लेस कर के इनकी जगह तीन नए कानून जो बनेंगे, उनकी भावना होगी भारतीयों को अधिकार देने की। इन कानूनों का उद्देश्य किसी को दंड देना नहीं होगा। इसका उद्देश्य होगा लोगों को न्याय देना।
अलगाववाद और देश के खिलाफ अपराध एक अलग रूप में परिभाषित होंगे-शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए बताया कि मॉब लिंचिंग के मामलों में सजा-ए-मौत दी जा सकेगी। अलगाववाद और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे अपराधों को एक अलग अपराध के रूप में परिभाषित किया गया है। दाऊद इब्राहिम जैसे फरार अपराधियों पर उसकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाने का प्रावधान लाया गया। उसके अनुपस्थित रहने पर भी उसके मामले में सुनवाई होगी और उसे सजा होगी। उसे सजा से बचना हो तो भारत आए और केस लड़े।अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य रखा है कि सजा का अनुपात 90% से ऊपर ले जाना है। इसीलिए, हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान लाए हैं कि जो धाराएं 7 साल या अधिक जेल की सजा का प्रावधान करती हैं , उन सभी मामलों के तहत फोरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा।
राजद्रोह कानून पूरी तरह निरस्त कर देंगे- शाह
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि आईपीसी पर नया बिल देशद्रोह के अपराध को पूरी तरह से निरस्त कर देगा। 'भारतीय न्याय संहिता' (नई आईपीसी) में अलगाव, सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियों, अलगाववादी गतिविधियों या भारत की संप्रभुता या एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों पर एक नया अपराध भी जोड़ा गया है।
चार साल में 158 बैठकों के बाद लिया गया फैसला-शाह
अमित शाह ने कहा कि 18 राज्यों, छह यूटी, भारत की सुप्रीम कोर्ट, 22 हाईकोर्ट, न्यायिक संस्थाओं, 142 सासंद और 270 विधायकों के अलावा जनता ने भी इन विधेयकों को लेकर सुझाव दिए हैं। चार साल तक इस पर काफी चर्चा हुई है। हमने इस पर 158 बैठकें की हैं।
Aug 11 2023, 18:42